Wednesday, April 7, 2010

तिवारी जी तो लगता है, फंस गए!


(sansadji.com)

पितृत्व विवाद में फंसे वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता पूर्व सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने उनसे जवाब मांगा है कि उनका जैविक पुत्र होने का दावा करने वाले रोहित शेखर के आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए क्यों नहीं उनका डीएनए परीक्षण करवाया जाए। न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने 83 वर्षीय तिवारी को उस हर तस्वीर के बारे में अलग से जवाब देने का निर्देश दिया जिसमें वे रोहित और उसकी मां के साथ दिख रहे हैं ।जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का वक्त देते हुए अदालत ने कहा कि अगर निश्चित समयसीमा के अंदर तिवारी लिखित जवाब नहीं दे पाते तो उन्हे व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर होना होगा अदालत ने एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री के नाती रोहित शेखर की याचिका पर यह आदेश पारित किया है। रोहित ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसका जन्म नारायण दत्त तिवारी के उसकी मां उज्जवला शर्मा से अंतरंग संबंधों के परिणामस्वरुप हुआ था। तिवारी अब तक इस आरोप को नकारते रहे हैं।

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