Wednesday, April 7, 2010
सांसद शिवानंद के मनाने के बावजूद नहीं माने सांसद ललन सिंह
(sansadji.com)
बिहार की सियासत में इन दिनों दो सुर्खियां सबकी जुबान पर हैं। जनता दल युनाइटेड में सांसद शिवानंद तिवारी की कोशिशों के बावजूद सांसद ललन सिंह का राज्य कमेटी की बैठक में न जाना और पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधू यादव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी किया गया कारण बताओ नोटिस। अब तो कहा जाने लगा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में सांसद ललन के बागी तेवर नीतीश सरकार को कड़ी चोट दे सकते हैं। इसी तरह साधू यादव के तेवर कांग्रेस की सियासत डांवाडोल कर रहे हैं।
पटना में जनता दल यूनाइटेड की बिहार राज्य कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सांसद शिवानंद तिवारी, सांसद मोनाजिर हसन, सांसद एनके सिंह आदि ने भाग लिया, लेकिन पार्टी में चल रही खींचतान के कारण सांसद राजीव रंजन सिंह, पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व कई अन्य पदाधिकारी अनुपस्थित थे। बैठक में तय किया गया कि सांसद शिवानंद तिवारी विशेष राज्य के लिए चलने वाले अभियान की मानिटरिंग करेंगे। उनकी अध्यक्षता में एक समिति बनेगी। सांसद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस सदैव अल्पसंख्यक विरोधी रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पूरे मनोयोग से पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की। सांसद एनके सिंह ने कहा कि बिहार आज दूसरे राज्यों के लिए मॉडल है। उन्होंने पंचायतों में महिला आरक्षण के अलावा कई अन्य उदाहरण देते हुए कहा कि इस परिवर्तन का लाभ पार्टी को मिलेगा। सांसद मोनाजिर हसन ने बताया कि दुबई तक बिहार की गूंज है। वे अभी दुबई से लौटे हैं और वहां लोग बिहार के बदलाव के बारे में उनसे पूछ रहे थे। बैठक में पार्टी पदाधिकारी मो. अबदुल्ला ने सांसदों को कमीशनखोरी से दूर रहने की सलाह दी। जदयू के अलावा प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी रही प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधू यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना। उन पर गोपालगंज में परिवर्तन रथ यात्रा में व्यवधान डालने और पार्टी विरोधी गतिविधियों के संचालन का आरोप लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा से साधू यादव की ठनी हुई है। अनिल का कहना है कि साधू के कारण परिवर्तन रथ यात्रा पर हमला हुआ। साधू यादव कहते हैं कि वह तो खुद उस घटना से हतप्रभ हैं। यह कैसे कहा जा सकता है कि परिवर्तन रथ यात्रा पर हमला करने वाले उनके ही समर्थक थे। शर्मा के पास इसका क्या प्रमाण है। उन्होंने कहा कि उन्हें नोटिस प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी की दस्तखत से मिला है। वह इसका जवाब देने के लिए बाध्य नहीं। उधर शरद यादव के संसदीय क्षेत्र मधेपुरा में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा के खिलाफ अपना मोर्चा खोलते हुए कहा कि बार-बार सम्मान देने के बावजूद अनिल शर्मा मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि अनिल शर्मा के खिलाफ पार्टी में भारी असंतोष है। इससे प्रदेश में तेजी से पैर पसारता कांग्रेस को गहरा झटका लगेगा। श्री यादव ने कहा कि सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के आह्वान के बाद मैं और रंजीता रंजन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। तब से आज तक पार्टी को हर स्तर पर मजबूत करने में जुटा हूं, लेकिन अनिल शर्मा को यह पच नहीं रहा है। पूर्व सांसद ने अनिल शर्मा पर एक विधानसभा क्षेत्र के लिए आधा-आधा दर्जन टिकट बेचने का भी आरोप लगाया है।
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