Wednesday, April 7, 2010

सांसद सुषमा-वृंदा ने जो खत लिखा है.....


(sansadji.com)

लोकसभा में विपक्ष की नेता एवं विदिशा (म.प्र.) से भाजपा सांसद सुषमा स्वराज और माकपा सांसद वृंदा करात ने सरकार से आग्रह किया है कि वह सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी नियुक्ति देने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले की उच्चतम न्यायालय में मुखालफत (विरोध) नहीं करे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 मार्च के एक फैसले में सेना और वायु सेना को आदेश दिया था कि वे महिला अधिकारियों को स्थायी नियुक्ति दें। सुषमा और वृंदा ने रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को अलग-अलग लिखे पत्रों में कहा है कि उच्च न्यायालय का फैसला बहुत तार्किक है और सरकार को उसका विरोध नहीं करना चाहिए। सुषमा ने अपने पत्र में लिखा है कि मैंने सुना है, केन्द्र सरकार उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाने जा रही है। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि ऐसा नहीं करें, क्योंकि यह बहुत तर्कसंगत निर्णय है। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि वह अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दें कि वे इस फैसले के खिलाफ मामला दायर नहीं करें। वृंदा ने अपने पत्र में लिखा है कि सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी नियुक्ति देना ‘महत्वपूर्ण कदम’ है। उन्होंने लिखा है कि महिला अधिकारी युवा हैं, उनमें से अधिकतर तीस साल के आस पास की हैं। उन्होंने अपने को देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है और इस उम्र में उन्हें सेवा से हटाना उनके खिलाफ बड़ा अन्याय होगा।

1 comment:

Jandunia said...

महिलाओं को स्थायी नियुक्ति मिलनी चाहिए। हम इसका पुरजोर समर्थन करते हैं।