Monday, April 5, 2010

बाबूजी बोलेः तुम राजनीति में आ जाओ


(sansadji.com)

बाबू जगजीवन राम की 103वीं जयंती के पूर्व दिवस पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि बाबूजी ने सदा उनके सिर पर हाथ रखा, लेकिन उन्हें कभी सियास की शिक्षा नहीं दी। उनसे तो हमने सिर्फ जिंदगी का पाठ पढ़ा। एक दिन जरूर उन्होंने हमें बुलाया और इतना भर संकेत दिया कि राजीव गांधी चाहते हैं कि तुम राजनीति में आ जाओ। बाबूजी स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक उत्थान के सिलसिले में अधिक सक्रिय थे, इसलिए बचपन मां के सानिध्य में अधिक बीता लेकिन बाबूजी का हाथ हमेशा सिर पर रहा। उन्होंने कभी हाथ पकड़ कर कुछ नहीं सिखाया, पर उनका व्यक्तित्व ही इतना विशाल था कि उनकी परछाई का संग भी प्रेरणादाई होता था। बाबूजी का जन्म पांच अप्रैल 1908 को बिहार के शाहबाद जिले के छोटे से गांव चंदवा में हुआ था। शाहबाद जिले को अब भोजपुर जिले के रूप में जाना जाता है। उनके पिता शोभीराम ब्रिटिश सेना में कार्यरत थे और उन्होंने वहीं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हासिल किया और बाद में इसमें प्रवीणता हासिल कर ली। उनके व्यक्तित्व का यह विकास बाबूजी की देन है। बाबूजी सादगी में यकीन रखते थे। बाबूजी सामाजिक समानता के पैरोकार थे। बाबूजी ने भी कभी भारतीय समाज में महिलाओं की बराबरी का सपना देखा था, महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित हुआ तो उनका एक सपना-सा पूरा होगा। बाबूजी को स्वेदशी से बहुत लगाव था। हमारे घर में सदा स्थानीय बोली भोजपुरी बोली जाती थी। आज भी मेरे घर में भोजपुरी की ही आबोहवा है। मीरा कुमार अपनी कामयाबी का श्रेय बाबूजी, अपनी मां और अपने पति मंजुल कुमार को देती हैं।

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