Thursday, April 8, 2010
भाजपा की मीटिंग शुरू, नाराज सांसद कटियार नदारद
(sansadji.com)
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में मीटिंग शुरू हो चुकी है। नाराज सांसद एवं पार्टी उपाध्यक्ष विनय कटियार बैठक में नहीं पहुंचे हैं। इसको लेकर कई तरह की अटकलें हैं। बैठक में उठापटक का माहौल बताया गया है। कई महारथी तीर तरकस से ताने हुए हैं। भागलपुर (बिहार) के सांसद शाहनवाज हुसैन अभी नाराज हैं।
पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में सांसद एल.के.आडवाणी, सांसद सुषमा स्वराज, सांसद राजनाथ सिंह का न आना, उमा भारती का देर शाम आडवाणी से मिलना, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, सांसद नरेंद्र सिंह तोमर का भी आडवाणी-वैंकैया से मिलना, तीन राज्यों के अध्यक्ष तय करना गडकरी के लिए आज की मुश्किलें हैं। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की नवगठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आज पहली बैठक दिल्ली की भाजपा ऑफिस में चल रही है लेकिन पता चला है कि सांसद एवं पार्टी उपाध्यक्ष विनय कटियार नाराजी के कारण हैं बैठक में नहीं पहुंचे हैं। सांसद एवं प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन तो पहुंच गए हैं लेकिन उन्होंने अभी तक अपना पद स्वीकारा नहीं है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी आज पार्टी पदाधिकारियों की पहली बैठक ले रहे हैं। मुख्य मुद्दा तो महंगाई पर 21 अप्रैल को संसद घेरना है लेकिन पार्टी टीम में पदों का आवंटन, प्रदेशाध्यक्षों का मनोनयन उनकी ऐसी बड़ी चुनौती बताई जा रही हैं, जिन्हें लेकर पार्टी के कई बड़े सांसद भृकुटियां ताने बैठे हैं। वे आज की बैठक में सधे मन से बाजी चल सकते हैं। उनकी नई टीम पर सवाल उठते रहे हैं। बड़े प्रदेशों में अध्यक्षों की नियुक्ति और पदाधिकारियों के काम का बंटवारा न हो पाना भी बड़ा मुद्दा है। लालकृष्ण आडवाणी व सुषमा स्वराज के पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम से दूर रहने पर भी चर्चा हो सकती है। शत्रुघ्न सिन्हा बिहार अध्यक्ष मनोनय के मामले पर आडवाणी, सुषमा से कल मिल चुके हैं। उधर कल ही बिहार के असंतुष्ट नेता गडकरी से मिल चुके हैं। उनके साथ बिहार के भाजपा सांसद उदय सिंह और कीर्ति आजाद सहित सात विधायक भी थे। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के विरोधी इन नेताओं का कहना है कि नया अध्यक्ष मोदी की मर्जी से नहीं होना चाहिए। प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का मसला भी चर्चा का विषय बन सकता है। उमा भारती को भाजपा में वापस लाने की नितिन गडकरी की योजना लंबित है। कल उमा देर शाम आडवाणी मिल चुकी हैं। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कल गडकरी और सांसद अरुण जेटली से मिल कर आगाह कर चुके हैं कि उमा की वापसी हुई तो मध्य प्रदेश में पार्टी की मुश्किल बढ़ सकती है। चौहान वेंकैया नायडू से भी मिले। राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष सांसद नरेंद्रसिंह तोमर ने ग्वालियर से कहा है कि उमा की वापसी का कोई प्रस्ताव नहीं है। ........तो इन सब मसलों से एक साथ आज नितिन गडकरी को मुखातिब होना है। सबसे बड़ी चुनौती रैली का मुद्दा तो गौड़ हो चला है। अंतर्कलह बड़ी हो चली है।
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