Tuesday, April 6, 2010

गजरौला में गरजे सांसद अजित


(sansadji.com)

बागपत से राष्ट्रीय लोकदल सांसद एवं पार्टी सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह उत्तर प्रदेश के अमरोहा और गजरौला (जेपीनगर) क्षेत्र में किसानों से एक और लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुद्दे को लेकर मायावती, मुलायम सिंह व कल्याण सिंह तीनों की खिंचाई की। इस मौके पर निर्दल सांसद देवेंद्र नागपाल भी मौजूद रहे।
सांसद चौधरी अजित ने कहा कि हमारी लड़ाई युवा शक्ति को साथ लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खुशहाली और अपनी भूमि अपने द्वारा निर्धारित मूल्य पर बेचने के लिए शुरू की जाएगी। प्रदेश सरकार जनता की सुरक्षा के बजाए उसके पैसे से बनाई जा रही मूर्तियों की सुरक्षा करने में लगी हुई है। छोटे चौधरी ने कैलसा बार्डर के साथ-साथ गजरौला क्षेत्र के गांव मारकपुर व चक मजदीपुर में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार एक नया अध्यादेश लाकर किसानों को बर्बाद करना चाहती थी, लेकिन पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली में पहुंचकर रास्ते बाधित किए। तब कांग्रेस को घुटने टेकने पड़ गए। इस जीत का श्रेय किसानों को देते हुए एक और लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। गंगा एक्सप्रेस वे के नाम पर मथुरा, आगरा, हाथरस समेत 5-6 जिलों में दो हजार गांवों की करीब 20 लाख हैक्टेयर जमीन सरकार मनमाने ढंग से एक्वायर करना चाहती है। बड़ी विडम्बना है कि किसानों से उद्योग और विकास के नाम पर कृषि भूमि सर्किल रेट पर ले ली जाती है। उद्योग-कारखानें नहीं लगने अथवा बंद होने की दशा में खरीदार वही भूमि बाजार रेट पर बेचते हैं। रालोद इसका विरोध करता है। दूसरे विपक्षी दलों से भी बात चल रही है। बगैर किसानों के इस लड़ाई को नहीं जीता जाएगा। किसानों का सहयोग जरूरी है। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुद्दे को लेकर मायावती, मुलायम सिंह व कल्याण सिंह तीनों की खिंचाई की। बोले तीनों पश्चिम यूपी के हैं, लेकिन जब-जब लखनऊ पहुंचे, हरित प्रदेश को भूल गए। इस मुद्दे को लेकर नवम्बर में चक्का जाम करने का इरादा था, लेकिन गन्ने की लड़ाई के कारण इस मुद्दे को छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि पहली दफा गन्ने के मूल्य पर चीनी मिल मालिक बंटे और किसान एकजुट रहे, इसी एकजुटता को बरकरार रखने को कहा। उन्होंने हरित प्रदेश के लिए युवाओं से आगे आने का आह्वान किया। कहा कि अब खेती में रोजगार नहीं है, उद्योगों में रोजगार है। इसके लिए हरित प्रदेश बनना जरूरी है। हमें बसपा की तानाशाह सरकार को झेलना पड़ रहा है। प्रदेश की बसपा सरकार जनता के पैसे से मूर्तियों की सुरक्षा कर रही है,लेकिन उसे जनता की फिक्र नहीं है। प्रदेश में कानून व्यवस्था सिरे से नकारी जा रही है।

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