Tuesday, April 6, 2010

संसद से सड़क तक? छत्तीसगढ़ में 70


(sansadji.com)

संसद से सड़क तक बिछे ताजा तीन सवालों पर तीन हालिया घटनाक्रम। और इसी क्रम में कुछ शब्दावलियां.......चिदंबरम, बुद्धदेव भट्टाचार्य, कभी लालगढ़, कल उड़ीसा, आज छत्तीसगढ़, तृणमूल कांग्रेस, सांसद कबीर सुमन। बात इन्हीं के बीच से निकलती है और पूरे देश को मथ देती है। छत्तीसगढ़ में आज सुबह सीआरपीएफ के 70 जवान और नक्सलवाद की भेंट चढ़ गए। गृहमंत्री पी।चिदंबरम ने कहा कि नक्सली देश के दुश्मन नंबर वन। चिदंबरम की किसी बात पर प।बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा- जुबान संभाल के जनाब। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कबीर सुमन लोकसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने पार्टी के भीतर के भ्रष्टाचार और गैरजनवादी रवैये से परेशान होकर ऐसा किया। रेलमंत्री ममता बनर्जी पर भी बरसे। अब वह जनता के बीच रहना चाहते हैं। गृहमंत्री पी. चिदंबरम भी जनता के बीच हो आए हैं। लालगढ़ की जनता। लौटकर बोले- नक्सलवादी हमारे देश के दुश्मन नंबर वन हैं। यानी सबसे बड़े दुश्मन। (जो जनता के बीच छिपे हुए हैं, लेकिन सीआरपीएफ को अपने बीच छिपाने के लिए जनता तैयार नहीं हैं, किशनजी को भी वही जनता अपने भीतर छिपाए हुए है, जिसे पं.बंगाल सरकार और पूरा सीआरपीएफ अमला खोज रहा है)। खैर, चिदंबरम ने और क्या-क्या कहा? देश का ‘अव्वल दर्जे का दुश्मन’ करार देते हुए कहा कि अगले दो-तीन साल में इस बुराई को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। पिछले 12 वर्षों में इससे सही तरीके से निपटा नहीं गया, इस वजह से ही नक्सलवाद ने विकराल रूप लिया है। पं.बंगाल में कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की है। चिदंबरम पर पलटवार करते हुए बुद्धदेव ने कहा कि यह राजनेताओं की भाषा नहीं है। मैं उनसे कहूंगा कि जुबान संभालें। मैंने उनसे कहा है कि विपक्ष से सरकार के साथ सहयोग करने के लिए कहा जाए। उन्होंने जो कहा, मैं उसे नहीं मानता। मुझे अपनी जिम्मेदारी पता है। मुझे अपना काम करने दिया जाए और वह अपना काम करें। उन्हें उनकी जिम्मेदारी पता है। मैं अपनी जिम्मेदारियां निभाने की कोशिश कर रहा हूं। राज्य में कानून व्यवस्था के हालात के बारे में मेरा अपना नजरिया है। उन्होंने मुझे अपना नजरिया बताया और मैंने उन्हें अपना, लेकिन मैंने उन्हें यह भी बताया कि यदि विपक्ष सहयोग नहीं करता तो कानून व्यवस्था बनाए रखना बहुत कठिन है। अब चलिए छत्तीसगढ़ की ओर। राज्य के दंतेवाड़ा में नक्सलियों का गढ माने जाने वाले मुकराना के जंगलो में हजार से ज्यादा लोगों ने सुबह 6 बजे धावा बोलकर सीआरपीएफ के लगभग 70 से ज्यादा जवानों को मार दिया। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। बचाव के लिए चौपर्स भेजे गए हैं। स्वाभाविक चिदंबरम वही बात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बारे में भी दुहराएं, जो उन्होंने बुद्धदेव भट्टाचार्य के बारे में कही। अब इतनी सारी बातों के बीच सिर्फ एक सवाल बच जाता है, जिससे सारी बातों का सिरा पता चल जाना चाहिए कि क्या सचमुच नक्सली देश के दुश्मन नंबर वन हैं? तो फिर उन दुश्मनों के साथ दे रही जनता का क्या किया जाना चाहिए? अब यहां से आगे जाती है सांसद कबीर सुमन की बात और उनके इरादे। उन्हें वह संसद और पार्टी रास नहीं आती, जिनके पास उनके लोगों की समस्याओं का समाधान न हो! तो फिर??

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