Friday, April 9, 2010
बैतूल से न्यूयार्क तक घिरते कमलनाथ
(sansadji.com)
सांसद-मंत्री कमलनाथ के खिलाफ उधर न्यूयार्क में सैकड़ों सिखों ने विरोध प्रदर्शन किया, इधर, बैतूल (म.प्र.) में पिछले साल अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ के खिलाफ दर्ज आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के प्रकरण में निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बिना पुलिस द्वारा खात्मा भेज देने पर शिकायतकर्ता ने आयोग से कार्रवाई की माँग की है।
कुछ ही दिन पहले अमेरिका की एक अदालत ने उनके खिलाफ समन जारी किया था क्योंकि इस समुदाय की ओर से एक मानवाधिकार संगठन ने उनके खिलाफ एक याचिका दायर की थी। प्रदर्शन के एक आयोजक जीएस पन्नून ने बताया कि हम यहाँ अमेरिकी लोगों को यह बात बताने के लिए एकत्र हुए हैं कि भारत में 1984 में सिखों के कत्लेआम में शामिल रहे मंत्री कमलनाथ सहित कई अपराधियों को कभी भी न्याय के दायरे में नहीं लाया गया। मैनहटन में गुरुवार को मैकग्रॉ भवन के बाहर प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और वे तख्तियाँ लेकर खड़े थे। इन तख्तियों पर ‘न्याय के लिए खड़े हैं’ लिखा हुआ था। दरअसल, कमलनाथ इस भवन के भीतर निमार्ण कार्य से जुड़े एक सम्मेलन में भाग ले रहे थे। सिखों ने कमलनाथ की न्यूयॉर्क में मौजूदगी का भी विरोध किया। उनकी तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से की, जिन्हें अमेरिका में प्रवेश की मनाही है। प्रदर्शनकारियों ने कमलनाथ के लिए भी ऐसे ही सलूक की माँग की। इधर, मध्य प्रदेश के बैतूल थाने में आचार संहिता को लेकर शिकायत दर्ज कराने वाले समाजवादी जन परिषद एवं श्रमिक आदिवासी संगठन के नेता अनुराग मोदी का कहना है कि निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद पुलिस ने कमलनाथ के खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट पर उससे मंजूरी लिए बिना 22 जुलाई 2009 को खात्मा भेज दिया, जो गैर कानूनी है। इसके लिए संगठन ने निर्वाचन आयोग से शिकायत कर पुलिस थाने और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है, क्योंकि चुनाव संबंधी प्रकरणों को लेकर उसके निर्देश हैं कि उन्हें उसकी मंजूरी के बिना खत्म नहीं किया जाए।
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