Wednesday, April 7, 2010

वायुसेना कर सकती है नक्सलियों की घेरेबंदी


(sansadji.com)

चिदंबरम और रमन सिंह अस्पताल में घायल जवानों से मिले।

गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों पर कल हुए बर्बर नक्सली हमले को लेकर भावावेश में कोई प्रतिक्रिया नहीं करने की वकालत करते हुए जगदलपुर में आज कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार नक्सलवादियों के खिलाफ अभियान में वायुसेना का इस्तेमाल नहीं करने के निर्णय पर ‘पुनर्विचार’ कर सकती है। चिदम्बरम ने कहा कि सरकार पर ‘युद्ध’ थोपा गया है। माओवादियों के विकराल खतरे से भारत को मुक्त कराने और लोकतंत्र की रक्षा के लिये हमें इस वक्त शांत होकर खुद पर काबू पाना होगा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलवादियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ तथा पुलिस के कुल 76 जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे गृहमंत्री ने नक्सलवादियों के खिलाफ जंग में सेना के इस्तेमाल के प्रस्ताव से पहले इनकार किया। उन्होंने कहा कि सेना के इस्तेमाल का कोई प्रस्ताव नहीं है। हमारा मानना है कि केन्द्रीय अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस अपने दम पर नक्सली खतरे से निपटने में सक्षम हैं। खतरे को लेकर यह हमारा मौजूदा आकलन है। बहरहाल, एक अन्य प्रश्न पर चिदम्बरम ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में वायुसेना या किसी विमान के इस्तेमाल का फिलहाल कोई इरादा नहीं है, लेकिन जरूरी होने पर हम रणनीति में बदलाव के लिये अपने इरादे पर फिर से विचार कर सकते हैं। इस मौके पर चिदम्बरम के साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे। चिदंबरम छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह घायल जवानों से आज मिले। केन्द्रीय गृह मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने आज रायपुर के एक निजी चिकित्सालय रामकृष्ण केयर अस्पताल पहुंचकर सीआरपीएफ के घायल जवानों से मुलाकात की। उन्होंने जवानों से स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा उन्हें बेहतर इलाज कराए जाने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी जवानों से उनका नाम पूछा और उन्हें बताया कि गृह मंत्री चिदम्बरम स्वयं उनसे मिलने तथा उनके चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लेने यहां आए हैं। उन्होंने जवानों से कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भी भेजा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री ने जवानों के एक्स-रे चित्र का मुआयना भी किया तथा उनके स्वास्थ्य के संबंध में वरिष्ठ चिकित्सकों से जानकारी प्राप्त की। चिकित्सकों ने बताया कि चारों जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है। इस दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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