Friday, April 9, 2010

सांसद सिंधिया के घर धरना देंगे गृहमंत्री

(sansadji.com)

मामला गृह विभाग से जुड़ा है, क्योंकि गृहमंत्री की परेशानी का सबब बन रहा है। जो गृहमंत्री हो और अपने भाई की मौत का तेरहवां दिन गिन रहा हो, इससे बड़ी बिडंबना भारतीय लोकतंत्र में और क्या हो सकती है। लेकिन इस दुखद वाकये में रोचक मोड़ उस समय जुड़ गया, जब गृहमंत्री ने कह दिया कि वह केंद्रीय मंत्री एवं गुना से सांसद ज्योतिरादित्य के घर पर धरना देंगे।

मध्यप्रदेश के गृह राज्यमंत्री हैं नारायण सिंह कुशवाह। वह अपने चाहने वालों से कह रहे हैं कि धरना देने पर उनका मंत्री पद जाता है तो भी न कोई डर, न किसी बात की परवाह। अब वह 11 अप्रैल को धमाका करने की धमाकेदार धमकी भी दे रहे हैं। बताया जाता है कि आर्थिक सहायता के चेक बांटने के कार्यक्रम पर मंत्री के निजी निवास पर राज्यसभा सदस्य माया सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव शंकर इंदापुरकर समेत कई नेता गुरूवार को शाम के समय पहुंचे। नारायण सिंह कुशवाह की माया सिंह व इंदापुरकर से वर्तमान राजनीति पर गुप्त मंत्रणा हुई। यहां तक कि वरिष्ठ नेताओं ने कुशवाह को एक बार मुख्यमंत्री और नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ बैठकर चर्चा करने की भी सलाह दी। इस मौके पर एकत्रित भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने कुशवाह को तन-मन से उनका साथ देने का वचन दिया।सूत्र यह भी कहते हैं कि कुशवाह तो यह तक कह चुके हैं कि वे विभाग बदलने की पेशकश तक कर चुके हैं। उन्होंने तो सामाजिक न्याय जैसे विभाग को लेने की इच्छा जताई थी। डेढ़ वर्ष हो गया, इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वे कहते रहे हैं कि कुछ आईएएस-आईपीएस अफसर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जब उनसे कुछ काम को कहा जाता है तो वे उसे करने में ना-नुकुर करते हैं। इसमें वे कैबिनेट मंत्री का दबाव होने की बात कहकर उस काम को टाल देते हैं। इन अफसरों ने क्या-क्या किया इसका खुलासा 11 अप्रेल के बाद करेंगे। नाराजगी कई दिग्गजों की मध्यस्थता के बावजूद दूर नहीं हो पा रही है। कुशवाह स्वयं ही मंत्री पद छोड़ने का ऎलान कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के निवास के सामने धरने पर बैठ सकते हैं। गृह राज्यमंत्री अपने भाई के निधन के 13 दिन पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद वे अपने राजनीतिक जीवन का अहम फैसला लेने की बातें निकटस्थ लोगों को कह रहे हैं। जरूरी नहीं कि मंत्री बनकर ही जनसेवा करें। विधायक रहकर भी कर सकते हैं।

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