Tuesday, April 6, 2010
हमले पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री दुखी
(sansadji.com)
छत्तीसगढ़ का नक्सली हमला कल के अखबारों की सबसे बड़ी सुर्खी बन चुका है। रिजर्व पुलिस के 70 जवानों की मौत पर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और गृहमंत्री पी चिदंबरम ने शोक संवेदना व्यक्त की है। सूत्रों के अनुसार पूरे घटनाक्रम की उन्होंने गृहमंत्री से रिपोर्ट तलब की है। गृहमंत्री कुछ देर पहले मान चुके हैं कि आत्मरक्षा में अर्द्धसैन्य बल से कोई बड़ी चूक हुई है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आज हुए जबर्दस्त नक्सली हमले में अर्धसैनिक बलों के 73 जवानों की हत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मनमोहन ने इस घटना को लेकर गृहमंत्री पी. चिदम्बरम से बात भी की। माना जा रहा है कि उन्होंने गृहमंत्री से घटना का विवरण मांगा। छत्तीसगढ में नक्सली हमले में केन्द्रीय सुरक्षाबलों के जवानों के बडी संख्या में मारे जाने पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि राज्य पुलिस के साथ मिल कर चलाये गये संयुक्त अभियान में कहीं न कहीं कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई है। चिदंबरम ने कहा ‘‘हताहतों की संख्या बहुत ज्यादा है और लोगों के मारे जाने से मुझे गहरा आघात पहुंचा है.. यह भाकपा :माओवादी: का हिंसक और नृशंस रवैया प्रदर्शित करता है। यह प्रदर्शित करता है कि वे किस हद तक नृशंस और बर्बर हो सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारी जल्दी ही वहां पहुंच रहे हैं।’’ चिदंबरम ने कहा ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल दोनों ने मिल कर इस अभियान की योजना बनाई थी। उन्होंने प्रदेश सरकार के जवानों और सीआरपीएफ दोनों को वहां भेजा था, लेकिन कुछ बहुत ही गलत हुआ है। ऐसा लगता है कि वे नक्सलियों के जाल में फंस गए।’’ चिदंबरम ने कहा कि हमले में जिन लोगों की जान गई है, उन्हें उनके लिए बहुत ‘दु:ख’ है। ‘ऑपरेशन ग्रीन हंट’ को अब तक के सबसे बड़े आघात में आज छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 73 जवानों की मौत हो गई।
मरने वालों में एक उप कमांडर और एक सहायक कमांडर शामिल है। पुलिस प्रवक्ता एवं महानिदेशक आर के विज के अनुसार केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 80 सदस्यीय 62वीं बटालियन को नक्सलियों ने दंतेवाडा जिले के मुकराना के घने जंगलों में घेर लिया और उन पर घात लगा कर हमला कर दिया जिससे बल के 72 जवान और जिला पुलिस का एक जवान सहित 73 सुरक्षाकर्मी मारे गये तथा अन्य आठ घायल हो गये। घटनास्थल से इन सुरक्षाकर्मियों के शव बरामद किये गये हैं और समझा जाता है कि लगभग एक हजार नक्सलियों ने इस नृशंस कार्रवाई को अंजाम दिया। विज ने बताया कि घायलों में से आठ को इलाज के लिये ले जाया गया है। डेढ़ सौ जवान लापता भी बताए जाते हैं।
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