Tuesday, April 6, 2010

महामहंगाई में सांसदजी की बल्ले-बल्ले


(sansadji.com)

सांसदों का प्रतिमाह मानेदय करीब 42 हजार है जबकि अभी तक विधायकों को वेतन व भत्ते के रूप में करीब 32 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री व मंत्रियों के लिए यह रकम करीब 45 हजार रुपये है। इस बढ़ोतरी से अब विधायकों का वेतन सांसदों से भी ज्यादा हो जाएगा। निम्नलिखित सुख-सुविधाएं संसद सदस्यों को इसलिए दी जाती हैं कि वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से निपटा सकें। उल्लेखनीय है कि अमेरिका, ब्रिटेन आदि में ये सुविधाएं कईगुना ज्यादा हैं। ये समस्त सुख-सुविधाएं संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा शासित होती हैं। संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 2006 के प्रवृत्त होते के बाद सुविधाएं इस प्रकार हैं:
-वेतनः 16000 रुपये प्रतिमाह, साथ में सत्र,
-समिति आदि में शामिल होने पर रोजाना 1000 रुपये दैनिक भत्ता
-कुछ अन्य भत्तों के भी हकदार
-20.000 रुपये प्रति माह निर्वाचन क्षेत्र भत्ता
-20,000 रुपये प्रति माह कार्यालय-व्यय भत्ता (4,000 रुपये लेखन सामग्री के लिए; 2,000 रुपये पत्रों के लिए, 14000 रुपये का संदाय
-रेल यात्रा के लिए पहले दर्जे का एक टिकट, दूसरे दर्जे के एक टिकट का किराया
-वायुयान के टिकट का किराया
-स्टीमर में उच्चतम दर्जे के टिकट का किराया
-तेरह रुपये प्रति किलोमीटर की दर से सड़क मील भत्ता
-हवाई अड्डे से सड़क तक के लिए न्यूनतम एक सौ बीस रुपये देय
-निर्वाचन क्षेत्र, घर से हवाई अड्डे तक का रेल व यात्रा भत्ता
-भारत के बाहर के दौरे के लिए पहले दर्जे के टिकट के किराए के बराबर
-वायुमार्ग के टिकट के किराए के बराबर यात्रा भत्ता
-स्थायी समिति की दो बैठकों के बीच छह दिन से अनधिक के ऐसे अंतराल के दौरान भारत में किसी स्थान को जाने के लिए वायुमार्ग यात्रा भत्ता
-प्रत्येक संसद सदस्य को सत्र/अंतरसत्रावधि के दौरान पति या पत्नी अथवा कितनी ही संख्या में अपने सहचरों या संबंधियों के साथ एक वर्ष में 34 हवाई यात्रा की सुविधा
-34 विमान यात्राओं में से आठ यात्राएं अकेला वायुमार्ग से
-अप्रयुक्त शेष हवाई यात्राएं अगले वर्ष में जोड़ दी जाएंगी
-हवाई अड्डे तक आने-जाने का भत्ता
-पहाड़ी क्षेत्र के सांसदों को दिल्ली विमानपत्तन आवागमन भत्ता
-प्रत्येक सांसद को वातानुकूलित प्रथम श्रेणी अथवा एक्जिक्यूटिव श्रेणी का रेल पास, साथ में एक सहयात्री के लिए नि:शुल्क वातानुकूलित रेल पास।
-सांसद परिजनों को हर साल 8 बार से अनधिक वातानुकूलित प्रथम श्रेणी अथवा एक्जिक्यूटिव श्रेणी का रेल पास।
-सांसद की पत्नी या पति को भारत में किसी भी स्थान से किसी भी अन्य स्थान पर जाने के लिए रेलगाड़ियों में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी।
-पूरे कार्यकाल के लिए फ्लैट की नि:शुल्‍क सुविधा
-घर में सोफा कवर, पर्दे, धुलाई; फर्नीचर आदि के लिए 60,000 रुपये तक, गैर-टिकाऊ फर्नीचर के 15000 रुपये मूल्य तक की अतिरिक्त सेवा में 25 प्रतिशत छूट।
-प्रतिवर्ष 50,000 स्थानीय कॉल मुफ्त। राज्यसभा सभापति अथवा लोकसभा अध्यक्ष के अनुमोदन से लगे टेलीफोन किराए का कोई व्यय नहीं।
-इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रयोजनार्थ एक अतिरिक्त टेलीफोन और 50000 नि:शुल्‍क स्थानीय कॉल
-स्‍वास्‍थ्‍य योजना के अंतर्गत सांसद व परिवार को 150 रु0 मासिक अंशदान
-वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि एक लाख रुपये से अनधिक या वाहन का वास्‍तविक मूल्‍य
-भंग लोकसभा के सदस्‍य नई लोकसभा के गठन होने तक टेलीफोन, बिजली-पानी के उपयोग के हकदार।
-आठ हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन। दोबारा सांसद बनने वाले सदस्य को पाँच वर्षों की अवधि के प्रत्‍येक वर्ष के लिए आठ सौ रुपये प्रति माह अतिरिक्‍त पेंशन।
-दिवंगत सदस्य के पति/पत्नी/आश्रित दिवंगत सदस्य की मृत्यु के समय उसे मिलने वाली पेंशन का 50 प्रतिशत
उधर, दिल्ली के विधायकों के बारे में पता चला है कि कैबिनेट से एक प्रस्ताव की मंजूरी के बाद हर महीने उनका वेतन और भत्ता तीन गुना बढ़कर एक लाख रुपये से भी ज्यादा हो जाएगा। इतना ही नहीं पर्सनल स्टाफ भी मिलेगा और जब वे देश भ्रमण पर जाएंगे तो परिवार के साथ अपना असिस्टेंट भी ले जा सकेंगे। विधायकों को मेट्रो ट्रेन के लिए भी पास की सुविधा दी जा रही है। प्रस्ताव तैयार है कि वेतन प्रतिमाह 6000 से बढ़ाकर 10,000 और विधानसभा सत्र के दौरान दैनिक भत्ता 500 से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया जाए। विधानसभा क्षेत्र का भत्ता प्रतिमाह 8,000 से बढ़ाकर 25,000 और वाहन भत्ता 4000 प्रतिमाह से बढ़ाकर 300 लीटर पेट्रोल प्रतिमाह कर दिया जाए। विधायकों को अभी तक यात्रा सुविधा के नाम पर साल में एक बार देश भ्रमण के लिए अपने परिवार समेत 35 हजार रुपये का खर्च दिया जाता है। अब भविष्य में विधायकों को एक साल में देश भ्रमण के लिए हवाई, रेल या सड़क मार्ग का तो पूरा भत्ता मिलेगा ही साथ ही इस यात्रा में वे अपने परिवार के साथ एक पर्सनल असिस्टेंट भी ले जा सकेंगे। साथ ही उन्हें दिल्ली मेट्रो में सफर करने के लिए हर माह एक हजार रुपये भी दिए जाएंगे। बिजली और पानी के इस्तेमाल में भी अब उन्हें खासी सुविधा रहेगी क्योंकि इस मद में प्रतिमाह खर्च 2000 रुपये से बढ़ाकर 1000 यूनिट बिजली किया जा रहा है, साथ ही 5000 लीटर पानी हर माह मुफ्त मिलेगा। सांसदों का प्रतिमाह मानेदय करीब 42 हजार है जबकि अभी तक विधायकों को वेतन व भत्ते के रूप में करीब 32 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री व मंत्रियों के लिए यह रकम करीब 45 हजार रुपये है। इस बढ़ोतरी से अब विधायकों का वेतन सांसदों से भी ज्यादा हो जाएगा।

1 comment:

नरेश सोनी said...

सारी सुख-सुविधाएं इन नेताओं के खाते में जा रही हैं। गरीबों के लिए केन्द्र और राज्य की सरकारें विशेश योजनाएं बनातीं हैं, जबकि पूंजीपतियों की पहले ही बल्ले-बल्ले है। बीच में फंसकर रह गया है- मध्यमवर्ग। इस वर्ग के लिए कुछ करने वाला कोई नहीं है।