Monday, April 5, 2010

यूपी में राहुल की रैली पर अभी से बखेड़ा


(sansadji.com)

यूपी में कांग्रेस सांसद एवं महासचिव राहुल गांधी की रैली पर अभी से सवाल घुमड़ने लगे हैं। राज्य में दलित सियासत 14 से और तेज होने जा रही है। सप्ताह भर पहले से कांग्रेस व बसपा में खींचतान छिड़ चुकी है। राहुल दस रथयात्रा को अंबेडकर नगर से शुरू करेंगे। उसी दिन बसपा की भी उसी शहर में सभा। पोस्टर चिपकाने को लेकर दोनो तरफ के कार्यकर्ता आमने-सामने आ चुके हैं।
प्रचार-प्रसार के लिए लगाये गये पोस्टर को लेकर रोज कोई न कोई बखेड़ा हो रहा है। सार्वजनिक स्थलों पर लगे पोस्टर में डा. अम्बेडकर समेत पार्टी के दलित नेताओं को दरकिनार कर दिया गया है, इससे बसपा को कांग्रेस के 'दलित प्रेम' पर हमले का नया हथियार मिल गया है। बसपा जहां इस मसले पर आक्रामक है, वहीं अपनी किरकिरी होते देख कांग्रेस ने पोस्टर से पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस 14 अप्रैल को अम्बेडकर नगर जिला मुख्यालय पर महासचिव राहुल गांधी की अगुवाई में रैली कर रथयात्राएं शुरू करने जा रही है। लोकसभा चुनाव में जिस कदर दलित वोट बैंक में सेंध लगाकर कांग्रेस ने बसपा को झटका दिया, उससे कांग्रेसी उत्साहित हैं। अब दोनों तरफ की निगाहें आगामी विधानसभा चुनावों पर हैं। बसपा भी यहीं जिला मुख्यालय पर डा.अम्बेडकर की याद में रैली कर रही है। रैली में शक्ति प्रदर्शन के साथ ही बसपा उन सारे मुद्दों को उभारने की रणनीति पर काम कर रही है, जो कांग्रेस की दलित राजनीति को कटघरे में खड़ा कर सकें। पहले रैली स्थल को लेकर कांग्रेस को हैरान करने वाली बसपा अब पोस्टर को मुद्दा बना चुकी है। पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, राष्ट्रीय सचिव परवेज हाशिमी व प्रमोद तिवारी के चित्र छपे हैं। पोस्टर में डा.अम्बेडकर समेत किसी भी दलित नेता का चित्र नहीं है। इस पर बसपा का हल्ला उसके मकसद में अडंगा बन सकता है। सूत्रों के मुताबिक रोडवेज परिसर से लेकर विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर लगे पोस्टर की तस्वीर बसपा सरकार के मंत्री रामअचल राजभर ने खिंचवायी है। राजभर का आरोप है कि पोस्टर में बाबा साहब का चित्र न होने से कांग्रेस की मानसिकता जाहिर हो गयी है। कांग्रेस सिर्फ दलितों को गुमराह करने का काम कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि इस पोस्टर से उसका लेना देना नहीं है। जिलाध्यक्ष रामकुमार पाल के मुताबिक यह कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश है। पार्टी ने अभी कोई पोस्टर नहीं चस्पा कराया है। उनके मुताबिक पोस्टर पर रैली कोआर्डिनेटर निर्मल खत्री का भी चित्र नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि यह उच्च स्तरीय षडयंत्र का हिस्सा है। इससे बात साफ है कि दोनों तरफ से खुन्नसबाजी छिड़ चुकी है। देखिए रैली के दिन तक कैसे अंजाम सामने आते हैं।

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