Tuesday, April 6, 2010

अमर सिंह जारी, मुलायम सिंह नो कमेंट्स


(sansadji.com)


अब तो लगता है कि दो प्रख्यात सांसदों का 'कटाक्षी-प्रेमालाप' एकतरफा हो चला है। सांसद मुलायम सिंह चुप हैं। सांसद अमर सिंह बोल रहे हैं। सपा की चुप्पी का राज ये है कि अमर सिंह पर कुछ बोलने से मिलना कुछ नहीं, जाना ही जाना है यानी अमर सिंह को बाल की खाल निकालने का और मौका मिल जाएगा और सपा उन्हें ये मौका अब देना नहीं चाहती। अमर को बोलने से गांठ का जाना कुछ नहीं, मिलना ही मिलना है। यानी उधर से बात निकलेगी तो हमारी तरफ दूर तलक जाएगी, मीडिया में चांव-चांव मचेगी, चुप्पी छू होगी, चहल-पहल बढ़ेगी।
इसीलिए पिछले दिनो मुलायम सिंह ने अमर के मुतल्लिक मीडिया के सवाल पर बोलेः नो कमेंट्स। जब कि सहारनपुर के देवबंद उपनगर में सांसद अमर सिंह ने फिर वही घिसा रिकार्ड बजाया कि कल्याण सिंह को मुलायम सिंह ही सपा में ले गए थे। उन्होंने कहा कि वंचित जमात पार्टी संचित लोगों को चुनाव में कड़ा सबक सिखाएगी। जीटी रोड पर वंचित जमात पार्टी द्वारा आयोजित महर्षि कश्यप जयंती समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले मुलायम सिंह जो यह कह कर विरोध कर रहे थे कि यदि महिलाएं संसद में आएंगी तो युवक सीटी बजायेंगे, उन्होंने मातृ-शक्ति का अपमान किया। उत्तर प्रदेश की जनता ने तीन बार मायावती को तथा तीन बार मुलायम को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन अभी तक पिछड़े समाज के लोग शोषित पड़े हैं। उनका उद्देश्य पिछड़ों को सम्मान दिलाना है। मेरी इच्छा कभी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनने की नहीं रही बल्कि वंचित समाज के लोगों का उनका हक दिलाने की है। भगवान श्रीराम और महाराणा प्रताप सबसे बड़े क्षत्रिय हुए तथा जब भगवान श्रीरामचंद्र ने शबरी का जूठा खाया तो क्या वह अति पिछड़े समाज के लोगों की सेवा भी नही कर सकते हैं। अमेरिका भारत से बड़ा देश है लेकिन वहां भी लोकतंत्र है। वहां दो बार चुने जाने के बाद तीसरी बार चुने जाने का संविधान में नियम नही है लेकिन यहां तो तीन -तीन बार मुख्यमंत्री बनते हैं और कुछ नहीं होता है।

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