Tuesday, April 6, 2010

अब नीतीश पर सांसदों की टिप्पणी का इंतजार!


(sansadji.com)

बसपा प्रमुख मायावती बोलती हैं तो अन्य पार्टियों के सांसदों की उस पर त्वरित टिप्पणियां आती हैं। शिक्षा अधिकार कानून हाल की नजीर है। बिहार, कर्नाटक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी शिक्षा अधिकार कानून पर वही बातें कही हैं, जो माया ने। अब इंतजार है तो गैरबसपा मुख्यमंत्रियों पर भी सांसदों की वैसी ही प्रतिक्रियाओं का, जैसा सिब्बल, रविशंकर माया पर बोले थे।
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने जब शिक्षा अधिकार कानून के तहत मुफ्त शिक्षा पर पीएम को चिट्ठी लिखकर आर्थिक मदद की बात की थी, उन्हें विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने निशाने पर ले लिया था, उन्हीं में थे केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री एवं दिल्ली के सांसद कपिल सिब्बल, सांसद एवं भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद आदि। अब नीतीश कुमार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। संभावना है कि बिहार के मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर वैसी प्रतिक्रियाएं न आएं, जैसी मायावती के पत्र पर हुई थीं। पटना में नीतीश कुमार ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि धन का स्रोत केन्द्र सरकार के पास है और यदि केन्द्र सरकार राज्यों को धन मुहैया नहीं कराएगी तो इस कानून को शत प्रतिशत लागू नहीं किया जा सकता। यह राज्यों के ऊपर बहुत बड़ा बोझ है। एनडीए की सरकार में शिक्षा के अधिकार का बिल लाया गया था। अब केन्द्र सरकार ने इसे कानून बना दिया है, यह बहुत खुशी की बात है, लेकिन हमारे पास धन नहीं है। हम किसी तरह से काम चला रहे हैं। मुख्यमंत्री मायावती, नीतीश कुमार के साथ ही कर्नाटक और मध्य प्रदेश सरकारों ने भी केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखकर इस कानून को लागू करने के लिए आर्थिक मदद की मांग की है। सबसे गंभीर सवाल ये किए जा रहे हैं कि क्यों मायावती की बात पर एक विपक्ष बन जाता है और बाकी पर चुप्पी साध ली जाती है?

सांसद राहुल की रैली पर खींचतान
यूपी में दलित एजेंडे को लेकर कांग्रेस और बीएसपी के बीच जारी खींचतान तेज हो गई है. वजह है राहुल की रैली के पोस्टरों में पहली बार डॉ अंबेडकर और जगजीवन राम की तस्वीरों का होना. माना जा रहा है कि अंबेडकर नगर की रैली के जरिए राहुल गांधी का इरादा बीएसपी के दलित वोट बैंक पर कब्जा करना है. कांग्रेस और बीएसपी में जंग छिड़ी है और ये जंग है दलित वोट बैंक की दलितों के घर खाना खाने के बाद अब राहुल गांधी की रैली में डॉ भीमराव अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम के पोस्टर होने से बीएसपी और कांग्रेस फिर आमने-सामने हैं. हालांकि कांग्रेस कह रही है कि वो भीमराव अंबेडकर को महात्मा गांधी के बराबर मानती है. ये पहली बार है जब कांग्रेस की किसी रैली में गांधी-नेहरू परिवार के अलावा डॉ भीमराव अंबेडकर और जगजीवन राम की तस्वीरें लगेंगी. राहुल की ये रैली 14 अप्रैल को अंबेडकर नगर में होगी. इससे पहले तक बीएसपी ही डॉ भीमराव अंबेडकर को अपना नेता मानती रही है. लेकिन अब कांग्रेस ने बीएसपी पर ही बाबा साहब के अपमान का आरोप जड़ दिया है. जिस दिन राहुल गांधी की अंबेडकर नगर में रैली है, उसी दिन बीएसपी भी महिला बिल के विरोध में पूरे प्रदेश में जनसभाएं कर रही है. यानी 14 अप्रैल को दोनों सियासी दल एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाएंगे.

सांसद-मंत्री खुर्शीद बोलेः पलायन चक्र उल्टा घूमने लगा है
फर्रूखाबाद (उ.प्र.) के सांसद एवं कंपनी मामलों व अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री सलमान खुर्शीद इन दिनों चार दिन की सरकार यात्रा पर दुबई में हैं। वहां उन्होंने वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान दिखी भारतीय अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा है कि देश (भारत) से बाहर गई प्रतिभाएं अब अपने वतन वापस लौटने लगी हैं। प्रतिभा पलायन का चक्र उल्टा घूमना शुरू हो गया है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति दुनिया के बढ़ते भरोसे का बड़ा नमूना है। जो यह जानते हैं कि वे भारत को हमेशा-हमेशा के लिए नहीं छोड़ सकते, अपने बच्चों को भारतीय माहौल के अनुकूल प्रणाली में पढ़ाकर देश से संबंध बनाए रखते हैं ताकि वे च्च्च अध्ययन या काम के लिए भारत लौट सकें। दूसरी पीढ़ी के अनेक भारतीय स्वदेश लौट रहे हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अपने शीर्ष भारतीय अधिकारियों को भारत में अपनी कंपनियों के परिचालन के लिए भेज रहीं हैं।

बाबरी ध्वंस पर बोले सांसद कलराज
फैजाबाद में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद कलराज मिश्र ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता जाहिर करने के लिए याद दिलाया कि विवादित ढांचे का विध्वंस तभी हुआ था, जब भाजपा प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी थी। विवादित ढांचा आंदोलन के प्रवाह में विलीन हो गया था, इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। महंगाई व भ्रष्टाचार के विरोध में चल रहे पार्टी के आंदोलन में शरीक होने आये श्री मिश्र सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर निर्माण की मांग से कभी पीछे नहीं हटी। फायरब्रांड हिन्दू नेता व मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भाजपा में आने की अटकलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह योग्य नेता हैं और यदि वह पार्टी में वापस आने के लिए आवेदन करती हैं तो भाजपा नेतृत्व उस पर जरूर विचार करेगा। शिक्षा के अधिकार कानून पर मुख्यमंत्री मायावती के रुख की निन्दा करते हुए उन्होंने केन्द्र सरकार से इस कानून का सख्ती से पालन कराने की मांग की है। एक सवाल के जवाब में श्री मिश्र ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह तक होने की उम्मीद है। 24, 25 व 26 अप्रैल को जिला इकाइयों का चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि सपा के जंगलराज के बाद बसपा का लूटतंत्र देख जनता अब भाजपा की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने केन्द्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि केन्द्र सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण की पराकाष्ठा कर दी है। रंगनाथ मिश्र और सच्चर कमेटी इसका उदाहरण हैं कि केन्द्र सरकार किस तरह मुस्लिम तुष्टीकरण पर आमादा है।

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