Friday, April 16, 2010

सांसदों को लगातार SMS धमकी से दिल्ली पुलिस के होश उड़े!


(sansadji.com)

रालोद सांसद महमूद असद मदनी को भी मिलीं गालियां और धमकी! वह कौन है, जो सांसदों को धमका रहा है? मोबाइल कंपनियों का उलझा हुआ नेटवर्क और तकनीकी सिस्टम भी आरोपी तक पहुंचने में दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि ऐसे आरोपी सिम कार्ड बदलते रहते हैं। उन तक सर्विलांस का पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। तो भला कैसे पकड़ा जाए!
सांसदों को धमकी देने का सिलसिला थमे न थमे, कई और सांसदों को धमकी दी गई है। उन्हीं में एक और राष्ट्रीय लोकदल सांसद महमूद असद मदनी भी हैं। उन्हें एसएमएस से गालियां देने के साथ ही हत्या की धमकी भी दी गई है। इससे पहले विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे एवं दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित, सिवान (बिहार) के सांसद ओमप्रकाश यादव, माकपा सांसद वृंदा करात, माकपा महासचिव प्रकाश करात आदि को धमकी, गाली का शिकार बनाया जा चुका है। मीडिया रिपोर्टों पर गौर करें तो पता चलता है कि सांसदों को धमकी भरे एसएमएस भेजकर खलबली मचाने वाला व्यक्ति सिरफिरा नहीं, बल्कि बेहद शातिर है। टाटा के जिस नंबर से सांसदों को एसएमएस भेजकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है अब तक उस नंबर के चार आईडी बदले जा चुके हैं। यह भी बताया गया है कि कुछ महीने पहले इस नंबर का उपयोग बहादुरगढ़ में वसूली के लिए धमकी देने में भी किया जा चुका है। बुधवार को तीन सांसदों द्वारा मामला दर्ज कराने के बाद बृहस्पतिवार को दो और सांसदों ने तुगलकरोड व बाराखंभा थाने में अज्ञात युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। सांसदों ने 66 आईटीएक्ट व मोबाइल के जरिए एसएमएस भेजकर जान से मारने की धमकी देने की धाराओं के तहत मामले दर्ज कराए हैं। धमकी के शिकार रालोद सांसद महमूद असद मदनी को पहले भी आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन धमका चुका है। तभी से वह जेड प्लस सुरक्षा में चलते हैं। सांसदों को लगातार धमकी मिलने के सिलसिले से दिल्ली पुलिस में खलबली मची हुई है। खास तौर से संसदमार्ग थाने के होश उड़े हुए हैं, क्योंकि अभी तक आरोपी गिरफ्त में नहीं आ सका है। गत दिवस दिल्ली के आश्रम क्षेत्र स्थित हरिनगर से जिस व्यक्ति को दबोचा गया है, उससे भी आरोपी तक पहुंचने में मदद नहीं मिल पा रही है। सीपी के निर्देश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ने नई दिल्ली के एडिशनल सीपी शंकर दास व स्पेशल सेल को आज शाम तक मामले को सुलझाने का समय दिया है। खुद एडिशनल कमिश्नर इस पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं। जांच से पता चला है कि टाटा के नंबर 9210782038 का उपयोग विभिन्न अपराधों के लिए किया जा चुका है। अब तक इसके चार फर्जी आईडी के बारे में पुलिस को जानकारी मिल चुकी है, जिसमें सबसे नया आईडी रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के जिम ट्रेनर माणिक वर्मा का बताया जा रहा है। माणिक हरिनगर में रहता है और पहले मॉडलिंग भी करता था। मणिक की शादी दो साल पहले हुई थी। पुलिस के मुताबिक पत्नी ने उसे छोड़ रखा है। मणिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस संबंध में जिम में काम करने वाले युवकों व माणिक पूर्व पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है। इस नंबर के कॉल डिटेल निकलवा कर यह जांच की जा रही है कि एक अप्रैल से अब तक कहां-कहां और किन-किन लोगों को एसएमएस भेजे गए। पुलिस को जांच में पता चला है कि एक दिन में इस नंबर से 40 एसएमएस भेजे गए। जिन सांसदों की नजर एसएमएस पर पड़ी, उन्होंने तो मुकदमे दर्ज करवा दिए, बाकी जाने और किस-किस सांसद को धमकाया गया है। पुलिस व मीडिया सूत्रों के अनुसार ये नंबर माणिक के डीएल की फोटोस्टेट कॉपी के आधार पर लिए गए हैं, जिसमें उसका फोटो बदला हुआ है। हस्ताक्षर नहीं है और डीएल की वैधता के समय में भी अंतर है। बताया जा रहा है कि माणिक के ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर टाटा का एक और नंबर लिया गया है जिससे कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित आदि को एसएमएस भेजे गए। माणिक से पहले यशपाल के आईडी पर यह नंबर चल रहा था। पुलिस उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। एसएमएस धमकी प्रकरण से जुड़ी एक अन्य बात ये सामने आई है कि दिल्ली पुलिस अथवा सरकार की ओर से ऐसे कुछ सांसदों को अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा दी गई है, जिन्हें नहीं दी जा रही है, उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और गृहमंत्रालय तक अपनी शिकायतें पहुंचा दी हैं।

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