Saturday, April 17, 2010
सिवान के सांसद को फिर जान की धमकी
sansadji.com
सिवान (बिहार) के सांसद ओमप्रकाश यादव को आज सुबह फिर फोन पर पूरे परिवार को जान से मार देने का मैसेज मिला। धमकी का मैसेज सुबह 8 बजकर 47 मिनट 36 सेकंड पर मिला। सांसद को जिस फोन नंबर से मैसेज दिया गया, उसका नंबर है- 970814603. सांसद के निजी सहायक से मिली जानकारी के अनुसार यह फोन नंबर फुलवारी शरीफ पटना निवासी किसी मुतुर्रहमान नामक व्यक्ति का है। सांसद के निजी सहायक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से तीन हत्याभियोग दर्ज हैं। मैसेज में लिखा गया है कि यदि उसके आदमी को कुछ हुआ तो सांसद को पूरे परिवार सहित खत्म कर दिया जाएगा। सांसद ओमप्रकाश यादव ने आरोपी के खिलाफ आज सिवान नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। उल्लेखनीय है कि सांसद यादव को सत्र सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 14 अप्रैल को भी इसी तरह की गंभीर धमकी का मैसेज मिला था, जिसकी लिखित सूचना उन्होंने छपरा पुलिस अधीक्षक को देने के साथ ही दिल्ली के संसद मार्ग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दिल्ली के पुलिस अधिकारियों ने सांसद के आवास पर पहुंच कर आश्वस्त किया था कि शीघ्र पता लगा लिया जाएगा लेकिन आज तक नतीजा हवा में है। सांसद ओमप्रकाश को इस बात की भी नाराजी है कि धमकी से पीड़ित अन्य सांसदों को तो सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा दी गई लेकिन उनकी बात को हल्के से लिया गया। इस बात की सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से लिखित शिकायत की है। इसके बाद भी आज तक कुछ नहीं हुआ है।
उधर, दिल्ली की एक अदालत ने केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर सहित अनेक राजनेताओं को धमकी भरे और अश्लील संदेश भेजने के आरोपी व्यापारी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रचना तिवारी लखनपाल ने नरेन्द्र खोसला (27) को 19 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। खोसला ने कथित तौर पर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खरीदे सिम कार्ड की मदद से यह संदेश भेजे थे। खोसला को कल रात गिरफ्तार करने वाले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इस आधार पर उसे हिरासत में लेने का आग्रह किया था कि पूछताछ के लिए उसे अमृतसर ले जाना जरूरी है ताकि उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये सिम कार्ड हासिल किये जा सकें। खोसला अमृतसर का रहनेवाला है। खोसला के वकील ने दूसरी ओर इस आग्रह का विरोध करते हुए कहा कि मोबाइल फोन पर टेक्स्ट संदेश भेजना इतना गंभीर अपराध नहीं है कि उसे पुलिस हिरासत में रिमांड पर दे दिया जाए।
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