Sunday, April 11, 2010

उमा-गोविन्दाचार्य पर निर्णय 21 के बाद


(sansadji.com)

भारतीय जनता पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविन्द ने साफ संकेत दे दिया है कि फिलहाल उमा भारती और गोविन्दाचार्य का पार्टी में प्रवेश 21 अप्रैल के बाद ही सोचा जाना है। उनका कहना है कि भाजपा में शामिल करने के बारे में अन्तिम निर्णय पार्टी का केन्द्रीय संसदीय बोर्ड करेगा। किसी को पार्टी में जबरदस्ती तो नहीं लाया जा सकता है। पार्टी में शामिल होने के लिए निश्चित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन करना होता है। यह प्रक्रिया चल रही है। पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को उत्तर प्रदेश की पूरी चिन्ता है लेकिन इस समय पार्टी के तमाम कार्यक्रम चल रहे हैं। इसलिए 21 अप्रैल के बाद यहाँ के संगठनात्मक मसलों पर विचार किया जाएगा। पार्टी ने महंगाई के विरोध में पूरे देश में आन्दोलन छेड़ रखा है। देशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। लक्ष्य है कि राष्ट्रपति को दिए जाने वाले ज्ञापन पर 10 करोड़ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हो जाएँ। 21 अप्रैल को चार लाख से अधिक लोगों की भीड़ दिल्ली मार्च में भाग लेगी। ऐसा ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा जो न कभी हुआ है और न ही आगे हो पाएगा। इसी के बाद उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों के संगठनात्मक मसलों पर विचार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि उमा भारती के पार्टी में शामिल होने में तृस्तरीय बाधाएं आ रही हैं। सबसे ज्यादा खींचतान मध्य प्रदेश, इसके बाद उत्तर प्रदेश में है। अंदरूनी तौर पर उमा को लेकर दिल्ली में भी आला पार्टी नेताओं के बीच दो पक्ष बन गए हैं। अंतिम निर्णय अध्यक्ष गडकरी को लेना है, लेकिन पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन के बाद से उन्हें जिस तरह की अंदरूनी दुश्वारियों को अनायास झेलना पड़ रहा है, उससे अब वह भी कोई अगला कदम बहुत सोच-समझ कर रखना चाहते हैं। उमा के विलंब में यही सबसे बड़ी वजह मानी जा रही हैं।

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