Thursday, April 15, 2010

दंतेवाड़ा पर लोकसभा में जमकर हंगामा


(sansadji.com)

दंतेवाड़ा में माओवादी हिंसा में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के कर्मियों के मारे जाने की घटना पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। चर्चा शुरू होने से पहले प्रश्नकाल स्थगित कर सरकार की ओर से तुरंत बयान देने और उस पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामे के बाद लोकसभा 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसद के इस शेष बजट सत्र की शुरुआत में ही सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने विमान दुर्घटना में मारे गए पोलैंड के राष्ट्रपति, कुछ पूर्व सदस्यों के निधन, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादी हिंसा का शिकार हुए सीआरपीएफ कर्मियों, कल आए तूफान में बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में मारे गए लोगों तथा हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान मची भगदड़ में सात लोगों के मारे जाने की घटनाओं का उल्लेख किया। सदन द्वारा इन घटनाओं के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दिए जाने के तुरंत बाद समूचे विपक्ष और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे कुछ दलों के सदस्यों ने प्रश्नकाल स्थगित कर दंतेवाड़ा घटना पर सरकार की ओर से तुरंत बयान देने और उस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने सदन को सूचित किया कि गृह मंत्री पी चिदंबरम दोपहर एक बजे इस विषय पर एक बयान देंगे और अगर अध्यक्ष की अनुमति हो तो उसके बाद उस पर चर्चा हो सकती है। सपा के मुलायम सिंह सहित भाजपा, जनता दल यू और वामदलों के नेता इस पर राजी नहीं हुए और प्रश्नकाल स्थगित कर तुरंत चर्चा की मांग पर अड़े रहे। बंसल ने दलील दी कि केवल दो घंटे की बात है। सरकार बयान देने और उस पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है। उन्होंने कहा, चूंकि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण है और सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों की मंत्री तैयारी करके सदन में आते हैं। इन सवालों के जवाब तैयार करने के लिए बाहर से भी अधिकारी आते हैं और इस प्रक्रिया में काफी पैसा खर्च होता है इसलिए प्रश्नकाल को चलने दिया जाए। विपक्षी सदस्य भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, जद यू के शरद यादव, माकपा के बासुदेव आचार्य आदि इस पर राजी नहीं हुए और प्रश्नकाल स्थगित किए जाने की मांग पर जोर देते रहे। कोई समाधान निकलते न देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने कार्यवाही करीब स्थगित कर दी।

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