Saturday, April 17, 2010

आडवाणी ने कहाः पीएम थरूर को हटाएं


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विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का भविष्य अधर में है। विपक्ष दबाव बनाए हुए है। भाजपा संसदीय दल अध्यक्ष एल.के. आडवाणी ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह से थरूर को बर्खास्त करने की मांग की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि मीडिया से प्राप्त जानकारियों नहीं, तथ्यों के हिसाब कदम उठाएंगे। सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आईपीएल मामले में कुछ तो गड़बड़ है।

आडवाणी ने कहा है कि थरूर ने पद का दुरुपयोग किया है। जांच होनी चाहिए कि क्या उन्होंने ऐसा आर्थिक फायदे के उद्देश्य किया है। सरकार को घटनाक्रम के सभी पक्षों की गहराई से जांच करानी चाहिए। इस बात की भी जांच हो कि आईपीएल में क्या विदेशी धन लगा है। निविदाकर्ताओं और आईपीएल के अन्य संबंधित लोगों के विदेशी खातों की जांच भी होनी चाहिए। प्रधानमंत्री को उन देशों के साथ उनकी सरकार की हुई बातचीत से देशवासियों को अवगत कराना चाहिए, जहां के बैंकों में भारतीय धन छिपे होने की बात सामने आ रही है। हमारी मौजूदा आर्थिक प्रणाली में ऐसी कई कमियां हैं, जिसका फायदा उठाते हुए बेईमान और अनैतिक लोग अथाह संपत्ति जुटा ले रहे हैं। वे लोग क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल का उपयोग अवैध रूप से धन अर्जित करने के लिए कर रहे हैं। आईपीएल के बारे में हाल की रिपोर्टें यह संदेह पैदा करती है कि कई निविदाकर्ताओं के विदेशों के बैंकों में खाते हैं। यही वे गोपनीय और बेनामी खाते हैं जहां लाखों करोड़ रूपया काले धन के रूप में हैं। उधर, शशि थरूर की किस्मत अब भी अधर में लटक रही है। इस बात का संकेत है कि सरकार में उनकी किस्मत पर अंतिम फैसला कल कांग्रेस आला कमान करेगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक हफ्ते की विदेश यात्रा से आज लौटने के बाद मंच उनके लिए तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कोर समूह के अन्य सदस्यों को सरकार में थरूर के बने रहने को लेकर फैसला करना है। विदेश राज्य मंत्री थरूर आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी द्वारा अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को 70 करोड़ रुपये मूल्य के मुफ्त में मिले शेयर को लेकर विवाद में घिरे हैं। हालंकि, उन्होंने अपने उपर लगे आरोपों का खंडन किया है कि उनकी अपने लिए या अपनी मित्र के लिए कोई वित्तीय लाभ लेने की कोई मंशा थी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ भी फैसला नहीं किया गया है। सारे विकल्प खुले हुए हैं। पार्टी ने पहले ही आईपीएल मुद्दे पर थरूर से अपनी दूरी बना ली है। उसने कहा कि है कि इस मुद्दे पर थरूर को स्पष्टीकरण देना है। मंत्री द्वारा कल लोकसभा में बयान दिए जाने से पार्टी की स्थिति नहीं बदली है। गुना (म.प्र.) के कांग्रेस सांसद एवं केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आईपीएल विवादों के लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है और उसकी जांच निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आईपीएल में त्रुटियां हुई हो सकती है और उसके लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है। आईपीएल से जुड़े किसी भी व्यक्ति के खातों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी टीम लाभ में चल रही है। गलतियों के अलावा आईपीएल का दूसरा पक्ष भी देखा जाना चाहिये क्योंकि इसके कारण सौरभ तिवारी और प्रज्ञान ओझा सहित अन्य प्रतिभायें भी सामने आयीं हैं। समिति की जांच के बाद पूरा सच सामने आ जायेगा। आज खेल को ऐसे लोगों की जरूरत है जो पर्याप्त समय देकर दिल से काम करें, साथ ही वे खेल को कुछ देने के लिये आगे आएं, लेने के लिये नहीं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली पहुंचकर कहा कि राजनीति में ये सब तो होता रहता है। डॉ. सिंह विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का नाम आईपीएल विवाद में आने पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया की रिपोर्ट पर नहीं जाऊंगा और इस मामले में पूरा विवरण जानने के बाद ही कोई फैसला करूगां। वह चाहते हैं कि सत्ताधारी दल की अध्यक्ष सोनियां गांधी से विचार-विमर्श, साथ अन्य समर्थक दलों के प्रमुखों से मंत्रणा के बाद ही वह कुछ कहने या कर पाने की स्थिति में होंगे। विदेश राज्य मंत्री ने भी पीएम के सामने अपनी बात रखने के लिए दस्तक दे रखी है। प्रधानमंत्री ने फिलहाल इस मामले में नरमी के संकेत दिए हैं। थरूर से मुलाकात से पहले पीएम ने आज एयर इंडिया के विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान साफ किया कि मीडिया रिपोर्टो के आधार पर वो थरूर पर कोई फैसला नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि थरूर मसले पर कोई भी फैसला करने से वो इस संदर्भ में पूरा ब्यौरा जुटाएंगे और सभी से विचार विमर्श के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। उल्लेखनीय है कि विदेश दौरे पर गए मनमोहन सिंह आज भारत लौटे। अब प्रधानमंत्री को यह तय करना है कि इस विवाद के बाद थरूर केबिनेट में बने रहेंगे या फिर उनसे इस्तीफा लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि थरूर से मुलाकात के पहले मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श भी करेंगे। स्वदेश लौटने के बाद पीएम को कोच्चि टीम से संबंधित दस्तावेज भी सौंप दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कोच्चि टीम में अप्रत्यक्ष रूप से शशि थरूर की संलिप्तता के बाद केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। थरूर-सुनंदा मसले पर सरकार की खासी बदनामी हो रही है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा थरूर पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग क र रही है। हालांकि, थरूर इस मसले पर संसद में अपनी सफाई दे चुके हैं। थरूर का कहना है कि केरल से सांसद होने के नाते उन्होंने कोच्चि टीम बनाने में दिलचस्पी ली थी और उन्होंने कोच्चि फ्रैंचाइची को सिर्फ अपनी सलाह दी थी, जिस पर उन्हें गर्व है। थरूर ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस थरूर के बयान से मुतमईन नहीं। विदेश राज्य मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल कोच्चि में 70 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी दिलवाई है, जो आने वाले समय में 500 करोड़ हो जाएगी। पिछले दिनों थरूर जब लोकसभा में सफाई देने पहुंचे थे तो विपक्ष ने भारी हंगामा किया था। उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

सिवान के सांसद को फिर जान की धमकी


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सिवान (बिहार) के सांसद ओमप्रकाश यादव को आज सुबह फिर फोन पर पूरे परिवार को जान से मार देने का मैसेज मिला। धमकी का मैसेज सुबह 8 बजकर 47 मिनट 36 सेकंड पर मिला। सांसद को जिस फोन नंबर से मैसेज दिया गया, उसका नंबर है- 970814603. सांसद के निजी सहायक से मिली जानकारी के अनुसार यह फोन नंबर फुलवारी शरीफ पटना निवासी किसी मुतुर्रहमान नामक व्यक्ति का है। सांसद के निजी सहायक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ पहले से तीन हत्याभियोग दर्ज हैं। मैसेज में लिखा गया है कि यदि उसके आदमी को कुछ हुआ तो सांसद को पूरे परिवार सहित खत्म कर दिया जाएगा। सांसद ओमप्रकाश यादव ने आरोपी के खिलाफ आज सिवान नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। उल्लेखनीय है कि सांसद यादव को सत्र सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 14 अप्रैल को भी इसी तरह की गंभीर धमकी का मैसेज मिला था, जिसकी लिखित सूचना उन्होंने छपरा पुलिस अधीक्षक को देने के साथ ही दिल्ली के संसद मार्ग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दिल्ली के पुलिस अधिकारियों ने सांसद के आवास पर पहुंच कर आश्वस्त किया था कि शीघ्र पता लगा लिया जाएगा लेकिन आज तक नतीजा हवा में है। सांसद ओमप्रकाश को इस बात की भी नाराजी है कि धमकी से पीड़ित अन्य सांसदों को तो सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा दी गई लेकिन उनकी बात को हल्के से लिया गया। इस बात की सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से लिखित शिकायत की है। इसके बाद भी आज तक कुछ नहीं हुआ है।
उधर, दिल्ली की एक अदालत ने केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर सहित अनेक राजनेताओं को धमकी भरे और अश्लील संदेश भेजने के आरोपी व्यापारी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रचना तिवारी लखनपाल ने नरेन्द्र खोसला (27) को 19 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। खोसला ने कथित तौर पर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर खरीदे सिम कार्ड की मदद से यह संदेश भेजे थे। खोसला को कल रात गिरफ्तार करने वाले दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इस आधार पर उसे हिरासत में लेने का आग्रह किया था कि पूछताछ के लिए उसे अमृतसर ले जाना जरूरी है ताकि उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये सिम कार्ड हासिल किये जा सकें। खोसला अमृतसर का रहनेवाला है। खोसला के वकील ने दूसरी ओर इस आग्रह का विरोध करते हुए कहा कि मोबाइल फोन पर टेक्स्ट संदेश भेजना इतना गंभीर अपराध नहीं है कि उसे पुलिस हिरासत में रिमांड पर दे दिया जाए।

आईपीएल में कुछ तो गड़बड़ हैः सिंधिया


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गुना (म.प्र.) के कांग्रेस सांसद एवं केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आईपीएल विवादों के लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है और उसकी जांच निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आईपीएल में त्रुटियां हुई हो सकती है और उसके लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है। आईपीएल से जुड़े किसी भी व्यक्ति के खातों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी टीम लाभ में चल रही है। गलतियों के अलावा आईपीएल का दूसरा पक्ष भी देखा जाना चाहिये क्योंकि इसके कारण सौरभ तिवारी और प्रज्ञान ओझा सहित अन्य प्रतिभायें भी सामने आयीं हैं। समिति की जांच के बाद पूरा सच सामने आ जायेगा। आज खेल को ऐसे लोगों की जरूरत है जो पर्याप्त समय देकर दिल से काम करें, साथ ही वे खेल को कुछ देने के लिये आगे आएं, लेने के लिये नहीं।

थरूर पर पीएम बोलेः ये तो होता रहता है


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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली पहुंचते हुए कहा कि राजनीति में ये सब तो होता रहता है। डॉ. सिंह विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का नाम आईपीएल विवाद में आने पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया की रिपोर्ट पर नहीं जाऊंगा और इस मामले में पूरा विवरण जानने के बाद ही कोई फैसला करूगां। वह चाहते हैं कि सत्ताधारी दल की अध्यक्ष सोनियां गांधी से विचार-विमर्श, साथ अन्य समर्थक दलों के प्रमुखों से मंत्रणा के बाद ही वह कुछ कहने या कर पाने की स्थिति में होंगे। विदेश राज्य मंत्री ने भी पीएम के सामने अपनी बात रखने के लिए दस्तक दे रखी है। प्रधानमंत्री ने फिलहाल इस मामले में नरमी के संकेत दिए हैं। थरूर से मुलाकात से पहले पीएम ने आज एयर इंडिया के विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान साफ किया कि मीडिया रिपोर्टो के आधार पर वो थरूर पर कोई फैसला नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि थरूर मसले पर कोई भी फैसला करने से वो इस संदर्भ में पूरा ब्यौरा जुटाएंगे और सभी से विचार विमर्श के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। उल्लेखनीय है कि विदेश दौरे पर गए मनमोहन सिंह आज भारत लौटे। अब प्रधानमंत्री को यह तय करना है कि इस विवाद के बाद थरूर केबिनेट में बने रहेंगे या फिर उनसे इस्तीफा लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि थरूर से मुलाकात के पहले मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श भी करेंगे। स्वदेश लौटने के बाद पीएम को कोच्चि टीम से संबंधित दस्तावेज भी सौंप दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कोच्चि टीम में अप्रत्यक्ष रूप से शशि थरूर की संलिप्तता के बाद केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। थरूर-सुनंदा मसले पर सरकार की खासी बदनामी हो रही है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा थरूर पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग क र रही है। हालांकि, थरूर इस मसले पर संसद में अपनी सफाई दे चुके हैं। थरूर का कहना है कि केरल से सांसद होने के नाते उन्होंने कोच्चि टीम बनाने में दिलचस्पी ली थी और उन्होंने कोच्चि फ्रैंचाइची को सिर्फ अपनी सलाह दी थी, जिस पर उन्हें गर्व है। थरूर ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस थरूर के बयान से मुतमईन नहीं। विदेश राज्य मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल कोच्चि में 70 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी दिलवाई है, जो आने वाले समय में 500 करोड़ हो जाएगी। पिछले दिनों थरूर जब लोकसभा में सफाई देने पहुंचे थे तो विपक्ष ने भारी हंगामा किया था। उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

आ गए प्रधानमंत्री, अब थरूर...!!



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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका और ब्राजील के दौरे से लौट आए हैं। इसके साथ ही थरूर प्रकरण पर उनकी भूमिका का विपक्ष बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उधर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद कल्याण सिंह ने कहा है कि समूचे थरूर प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए है। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि व्यापारिक हित क्रिकेट पर हावी हो गया है।

कर आज स्वदेश लौट आये। विदेश दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं अन्य विश्व नेताओं से बातचीत के अलावा उन्होंने परमाणु शिखर सम्मेलन, आईबीसीए और ब्रिक बैठकों में भी शिरकत की। आइसलैंड में ज्वालामुखी से निकली राख के कारण उत्तरी यूरोप में उड़ानों के लिए पैदा हुई भारी मुश्किलों की वजह से प्रधानमंत्री के विशेष विमान को ब्रासीलिया से लंबा चक्कर लगाकर आना पड़ा। बदले हुए मार्ग की वजह से उन्हें फ्रेंकफुर्त की बजाय दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में रूकना पड़ा। आठ दिनों वाले दौरे के पहले चरण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका गये, जहां उन्होंने परमाणु शिखर सम्मेलन में शिरकत की। इसके अलावा मनमोहन ने ओबामा से मुलाकात की और उनसे कहा कि पाकिस्तान पर भारत को निशाना बनाने वाले लश्करे तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों पर लगाम कसने के लिए दबाव डाला जाये। पिछले रविवार को ओबामा के साथ करीब 50 मिनट तक हुई बैठक में मनमोहन ने इस बात पर बल दिया कि पाकिस्तान को मुंबई हमले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ओबामा से भारत के लिए यह आश्वासन हासिल करने में कामयाब रहे कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से संपर्क कायम किया जा सकेगा। हेडली ने मुंबई हमलों की साजिश रचने की बात कबूल की है।
प्रधानमंत्री के लौटने के साथ थरूर प्रकरण पर देश की निगाहें टिकी हैं। कांग्रेस में बेचैनी है और विपक्ष प्रधानमंत्री के अगले कदम का इंतजार कर रहा है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री एवं एटा (उ.प्र.) के निर्दल सांसद कल्याण सिंह ने आज जौनपुर में कहा है कि विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर पर लगे आरोप बेहद गंभीर है और उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटा दिया जाना चाहिए। शशि थरुर के प्रकरण से एक बात स्पष्ट हो गयी है कि क्रिकेट के खेल में देश में व्यापक भ्रष्टाचार है और इसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जानी चाहिए। उधर, केरल के मुख्यमंत्री और मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता वी एस अच्चुतानंदन ने भी आज कहा कि कोच्चि आईपीएल टीम को लेकर चल रहा विवाद खेल और व्यापार के बीच के गठजोड़ का परिणाम है। केन्द्र में विदेश राज्य मंत्री और केरल के रहने वाले शशि थरूर के कोच्चि आईपीएल टीम के साथ नाम जुड़ने पर उठे विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर दिए गए जवाब में अच्चुतानंदन ने कहा कि ‘व्यापारिक हित क्रिकेट पर हावी’ हो गया है। उन्होंने इस बात का कोई उत्तर नहीं दिया, जब उनसे पूछा गया कि क्या आईपीएल विवाद के चलते केरल को केन्द्र में एक मंत्री से हाथ धोना पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र में अवर महासचिव के रूप में सेवा देने के बाद भारत लौटे थरूर ने पिछले वर्ष कांग्रेस पार्टी से पहली बार तिरूवनंतपुरम से चुनाव लड़ा और लोकसभा के लिए चुने गए।
बालीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने उन रिपोटरें को खारिज किया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि वह विवादों से घिरी कोच्चि आईपीएल टीम ब्रांड एम्बेसडर होंगी। बालन पल्लकड़ ब्राहम्ण परिवार से संबंध रखती हैं और केरल की टीम की ब्रांड एम्बेसडर की पहली पसंद थी, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा प्रस्ताव तक नहीं किया गया है।

थरूर 'बम' हैं, फटेंगे या फुस्स होंगे, पीएम का इंतजार!


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अब 'थरूर का मतलब सिर्फ थरूर' नहीं रह गया है। मामला निर्णायक रुख ले चुका है। ललित मोदी के निशाने पर रख मामले को कार्रवाई के अंजाम तक ले जाने की कोशिशों से ये साफ संकेत दिया जा चुका है कि विदेश राज्य मंत्री थरूर बार-बार इसी तरह के मसले ला-लाकर केंद्र सरकार के लिए सिरदर्द बन जा रहे हैं। अब इस दर्द का इलाज कर ही दिया जाए।
यानी मान लीजिए कि थरूर जा रहे हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो सरकार ने थरूर के कारण अपनी इतनी किरकिरी करा ली है कि उन्हें अब और झेलने के पक्ष में नहीं। लेकिन सरकार के सामने कुछ बड़े सवाल हैं, जिनका जवाब आज पीएम के साथ होने वाली कांग्रेस के बड़ों की संभावित मीटिंग में ढूंढा जा सकता है। सवाल ये हैं कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाए तो भी क्या विपक्ष परमाणु क्षतिपूर्ति विधेयक, साझा कटौती प्रस्ताव, महिला आरक्षण विधेयक आदि पर सरकार की मुखालफत से बाज आ सकता है? .......(कत्तई नहीं)। थरूर के खिलाफ कार्रवाई के बाद मीडिया क्या इस तरह के प्रचार से कांग्रेस को बख्श देगा कि भ्रष्टाचार, सुनंदा-संबंधों के कारण विदेश राज्य मंत्री पर स्कैंडल की गाज गिरी? थरूर विदेश राज्य मंत्री हैं, निश्चित ही कार्रवाई की गूंज पूरी दुनिया में होगी। यानी पूरी दुनिया में थू-थू होगी। जब सामने से असंख्य विपक्ष-समर्थकों की सेना महंगाई आदि मसलों पर सरकार को, संसद को घेरने की युद्धस्तरीय तैयारी में जुटी हो, ऐसे में अपने ही एक विदेश-मोरचे के कनिष्ठ नायक को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा देना समझदारी की बात होगी? यद्यपि इन सारे सवालों के जवाब हैं भी, नहीं भी हैं। हैं का मतलब, कार्रवाई करना बड़ी बात नहीं, कार्रवाई के बाद भी विपक्ष की ओर से जिन मुश्किलों का सामना सरकार को करना है, वे तो बनी ही रहेंगी। फिर? फिर क्या, प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह आज आ रहे हैं। आ गए तो बैठक में ये भी गुफ्तगू का विषय होगा कि केंद्र पर नक्सलवादियों से मिली-भगत का आरोप तक विपक्ष लगाने लगा है। सोनिया गांधी कल वह विरोध झेल चुकी हैं। यानी सरकार थरूर से उतना परेशान नहीं, जितना कि विपक्ष से। पहले उसे विपक्ष के मोरचे का जवाब देना है, थरूर को तो कभी भी देख लिया जाएगा। फिर मीडिया अटकले हैं कि 'कांग्रेस ने संकेत दे दिया है। विदेश राज्य मंत्री के लिए सब कुछ ठीक नहीं। भाग्य प्रधान मंत्री के हाथों में है। प्रधानमंत्री आ रहे हैं। गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। कोच्चि आईपीएल टीम के स्वामित्व विवाद की सूचनाएं जुटा चुके हैं। बस फैसला होना बाकी है। विपक्ष थरूर के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है। सोनिया गांधी से थरूर की मुलाकात निरर्थक रही है। थरूर को सोनिया से अभयदान नहीं मिला है। अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि थरूर पार्टी के लिए एक बम हैं।' आदि-आदि। देखिए 'बम' का क्या होता है, फटता है, कांग्रेस फोड़ती है या फुस्स कर देती है!!

वे सांसदजी तो हर फिक्र को धुंए में उड़ाते चले गए!


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संसदीय राजनीति बनाम फिल्मी सांसद-३

लता मंगेशकर, शबाना आजमी, देवानंद, अमिताभ बच्चन, नरगिस, सुनील दत्त और असफल संजय दत्त, जया बच्चन, जयाप्रदा। कोई सांसद बना, कोई बनते-बनते रह गया। छूट गया। लालसा भरपूर थी। आजाद की भूमिका में जो बिग बी, मुन्नाभाई की भूमिका में जो संजय दत्त, सामाजिक सरोकारों को जिन तमाशबीनों के लिए बुनते-खेलते हैं, हकीकी जिंदगी में जीते उसके उलट हैं। हकीकत तो ये है कि फिल्म इंडस्ट्रीज के लोग दो कारणों से संसद की चीढ़ियां चढ़ने को भूखे रहते हैं, एक तो अपनी अनाप-शनाप की कमाई बचाने, ढंके-तोपे रखने के लिए पॉवर प्वाइंट मिल जाता है, दूसरे उन्हें टिकट देने वालों को ऐसा बबुआ मिल जाता है जो नाच-तमाशा दिखाकर समस्याओं से त्रस्त जनता को उनके बैलेट बॉक्स या एबीएम तक खींच ले आ सके। सपा की लाल टोपी लगा लेने से कोई संजय दत्त जनसेवक हो जाए, मतदाता कोई अक्ल का अंधा नहीं होता। साम-दाम-दंड-भेद वह भी जानता है, लेकिन क्या करे मजबूर है। उसके सामने और कोई विकल्प ही नहीं।
देवानंद इमरजेंसी के समय (1975) नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया बनाते हैं। पार्टी पिट-कुट गई। 1984 के दशक में राजीव गांधी के दोस्त अमिताभ बच्चन इलाहबाद से सांसद बन कर आते हैं। बोफोर्स की तोपें गरजते ही भाग खड़े होते हैं। लेकिन जी का जायका मितलाता रहता है। अमर सिंह से यारी-बासी चलती रहती है। अब उसमें भी खटास पड़ गई है। जया बच्चन भी तुरुप का पत्ता बनी हुई हैं। राजेश खन्ना भी सांसद रहे। वह अमिताभ की तरह बीच रास्ते फूट लिए। शाहरुख, सलमान भी कांग्रेस के गुण गाते रहते हैं। गोविंदा भी कांग्रेस से सांसद रहे, लेकिन न तो संसद, न ही अपने मतदाताओं के बीच उन्हें जाना गंवारा होता था, 'सरकाइ ले खटिया जाड़ा लगे' में जो मजा मिलता है आंटी नंबर वन को, वो सियासत में कहां। यद्यपि यहां भी बड़े अनाप-शनाप मजे हैं। बस हुनर होना चाहिए। अभिनेत्री नगमा कांग्रेस के लिए प्रचार करती रही हैं, लेकिन उन्हें कोई टिकट ही नहीं देता। हेमा मालिनी, धमेंद्र, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, स्मृति ईरानी, दारा सिंह किस-किस का नाम लिया जाए। गांव के लोग ऐसे फिल्मी राजनेताओं को आज भी 'नचनिहा-पदनिहा' ज्यादा महत्व नहीं देते। वे भले ही राजनीतिक मंचों से डॉयलॉग बोलकर अपने को चाहे जितना बड़ा राजनेता मान लें। मायावती या राजद अध्यक्ष-सांसद लालू को तो कभी इनकी तलब नहीं लगी!। अब सांसद मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव को भी फिल्मी सियासत का सच पूरी तरह समझ में आ गया है। लालू के जोड़ीदार रामविलास पासवान प्रकाश झा को जरूर बेतिया से उम्मीदवार बना देते हैं, जो हारकर अपनी राजनीति फिल्म बनाने में व्यस्त हो जाते हैं। नेशनल सोशल वॉच के 2004 से 2009 के बीच राज्य सभा-लोकसभा के काम काज पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि फिल्मी सांसदों के मुकाबले उद्योगपति सांसदों ने संसद को ज्यादा समय दिया, सदन में ज्यादा सवाल पूछे। नवजोत सिंह सिद्धू, गोविंदा, धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, जया प्रदा, दारा सिंह, राहुल बजाज, जया बच्चन, हेमा मालिनी, श्याम बेनेगल और विमल जालान जैसे 12 सांसद थे। इनमें से किसी भी सांसद की सदन की बैठकों में 20 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं रही। गोविंदा, धर्मेंद्र और श्याम बेनेगल ने सदन में एक सवाल पूछने की जहतम भी नहीं उठाई। जबकि इसके विपरीत उद्योग जगत से जुड़े सांसदो में किंगफिशर के विजय माल्या, रिलायंस समूह के पीरामल नाथवानी, बजाज ऑटो इंडस्ट्रीज के राहुल बजाज, बीपीएल समूह के राजीव चंद्रशेखर और नवीन जिंदल, राजीव धूत आदि शामिल हैं। इन आठ में से पाँच उद्योगपति सांसदों ने संसद की 50 प्रतिशत से ज्यादा बैठकों में भागीदारी की। विजय माल्या और राजीव धूत दो ही ऐसे सांसद रहे जिन्होंने संसद की 20 प्रतिशत से कम बैठकों में हिस्सेदारी की। इनमें से ज्यादातर सांसद संसद की स्थायी समिति और अन्य समितियों के सदस्य रहे। रिपोर्ट में उद्योगपति सांसदों की संसद में सक्रिय भागीदारी को लेकर यह सवाल भी उठाया गया है कि कहीं इससे सरकार पर उद्योग जगत के हितों को बनाए रखने के लिए तो इस्तेमाल नहीं किया गया। मजे की बात यह है कि राज्य सभा सांसद और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या उद्योग मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य हैं। इसके अलावा वह उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। कमोबेश इससे ज्यादा फिल्मी सांसद हर लोकतांत्रिक अथवा जनजवाबदेही की फिक्र को धुंए में उड़ाते रहे हैं।

Friday, April 16, 2010

सदन में 'राहुल का गुपचुप संदेश' पढ़कर सोनिया मुस्कराईं


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दंतेवाड़ा हमले पर गुरुवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के आरोपों से तमतमाई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शांत करने का काम किया बेटे राहुल ने। उन्होंने ‘मॉम’ को एक पर्चा भिजवाया, जिसमें लिखा था ‘कीप कूल’। विपक्ष के हमले और अपनी कुर्सी के इर्द-गिर्द प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सदन के नेता प्रणव मुखर्जी की गैरमौजूदगी से सोनिया खुद को बेहद असहज महसूस कर रही थीं। भाजपा के यशवंत सिन्हा ने जब यह आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नक्सलियों से हाथ मिलाकर आंध्रप्रदेश का चुनाव जीता है तो सोनिया का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। पहले तो वे स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की ओर मुड़ीं। पर आजाद उनके गुस्से को भांप नहीं पाए। फिर सोनिया ने संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल का ध्यान खींचा। ‘मैडम’ का गुस्सा देखकर बंसल ने अन्य कांग्रेसी सांसदों को विरोध के लिए उकसाया। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान डीएमके और एनसीपी जैसे यूपीए के कुछ घटक खामोश बैठे रहे। तभी सदन की आखिरी पंक्ति में बैठे राहुल ने मां की उलझन को समझकर एक पर्चा भेजा। सोनिया ने उसे पढ़ने के बाद पलटकर राहुल की ओर देखा और मुस्कुराईं। पलक झपकते ही उनके चेहरे से तनाव दूर हो चुका था।

सांसदों को भेजे गए सौ एसएमएस, जांच जारी


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विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर और माकपा नेता वृंदा करात को एसएमएस भेजने की मामले की छानबीन के दौरान पता चला है कि पिछले दो हफ्तों में दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों के जरिये करीब सौ राजनेताओं को अप्रिय संदेश भेजे गए। इस मामले में पुलिस ने एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन सौ संदेशों में करीब 40 संदेश 13 और 14 अप्रैल को भेजे गए, जिनमें थरूर, वृंदा करात, मेहमूद मसूद मदनी, राशिद अल्वी, ओम प्रकाश यादव और संदीप दीक्षित को भेजे गए संदेश भी शामिल हैं। मामले की जांच से पता चला है कि दो नंबरों में से एक नंबर फर्जी दस्तावेजों के जरिये जिम इंस्ट्रक्टर माणिक वर्मा के नाम से खरीदा गया है, जिसको बाद में दूसरे व्यक्ति के नाम के दस्तावेज का प्रयोग कर अलग नाम पर हस्तांतरित कर दिया गया। पुलिस ने यशवंत नाम के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। उल्लेखनीय है कि यशवंत वही व्यक्ति है जिसके नाम पर एक सिम जारी कराया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम कुछ लोगों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। हम और भी लोगों को पूछताछ के लिए बुला रहे हैं। इसका विवरण नहीं दिया जा सकता क्योंकि इससे जांच पर असर पड़ेगा।

राहुल की पर्ची पढ़कर तनावग्रस्त सोनियां मुस्कराईं


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घर तो घर होता है, जहां घर होता है, वहां न देश होता, न संसद लेकिन जहां संसद हो, वहां घर बेचैन हो जाए तो? कुछ ऐसा ही नजारा रहा लोकसभा में उस समय, जब सांसद मां-पुत्र सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बीच एक पर्चे की पंक्तियों ने रोष पर छींटे मार दिए। दंतेवाड़ा हमले पर गुरुवार को लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के आरोपों से तमतमाई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शांत करने का काम किया बेटे राहुल ने। उन्होंने ‘मॉम’ को एक पर्चा भिजवाया, जिसमें लिखा था ‘कीप कूल’। विपक्ष के हमले और अपनी कुर्सी के इर्द-गिर्द प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सदन के नेता प्रणव मुखर्जी की गैरमौजूदगी से सोनिया खुद को बेहद असहज महसूस कर रही थीं। भाजपा के यशवंत सिन्हा ने जब यह आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नक्सलियों से हाथ मिलाकर आंध्रप्रदेश का चुनाव जीता है तो सोनिया का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। पहले तो वे स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की ओर मुड़ीं। पर आजाद उनके गुस्से को भांप नहीं पाए। फिर सोनिया ने संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल का ध्यान खींचा। ‘मैडम’ का गुस्सा देखकर बंसल ने अन्य कांग्रेसी सांसदों को विरोध के लिए उकसाया। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान डीएमके और एनसीपी जैसे यूपीए के कुछ घटक खामोश बैठे रहे। तभी सदन की आखिरी पंक्ति में बैठे राहुल ने मां की उलझन को समझकर एक पर्चा भेजा। सोनिया ने उसे पढ़ने के बाद पलटकर राहुल की ओर देखा और मुस्कुराईं। पलक झपकते ही उनके चेहरे से तनाव दूर हो चुका था।

भाजपा मांगे थरूर का इस्तीफा


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इस्तीफा देने की विपक्ष की मांग के आगे विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर के नहीं झुकने पर भाजपा ने आज मांग की कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विदेश यात्रा से लौटने के तुरंत बाद सदन को सबसे पहले यह बतायें कि मंत्री ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा क्यों नहीं दिया और सरकार ने भी उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया। भाजपा प्रवक्ता एवं सांसद रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि थरूर ने अपनी एक करीबी मित्र को आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी में हिस्सेदारी दिलाकर पद का दुरूपयोग किया है। थरूर ने आज लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वह बतौर मंत्री कम और एक लोकसभा सदस्य के रूप में ज्यादा नजर आया। उन्होंने कहा कि हम सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण चाहते हैं। हम यह मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा से लौटने के तुरंत बाद सदन को सबसे पहले यह बतायें कि थरूर ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया और अगर उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया तो उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया गया। गौरतलब है कि सिंह ‘इब्सा’ और ‘ब्रिक’ की शिखर बैठक में भाग लेने के लिये फिलहाल ब्राजील यात्रा पर हैं। प्रसाद ने कहा कि दोनों सदनों में इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट है।

'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' के खिलाफ संसद का बहिष्कार करेंगे तृणमूल सांसद


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पश्चिम बंगाल में वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा तृणमूल कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न का विरोध करने और केन्द्र सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए तृणमूल सांसदों ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया है। लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने केन्द्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद की शिकायत की है और हमारे सांसदों ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। हम केन्द्र सरकार को एक संदेश देना चाहते हैं कि वह पश्चिम बंगाल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे। राज्य में वामपंथी सरकार को बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमने उच्च स्तर पर पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला उठाया, जिस पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कुछ समय पहले कहा था कि बंगाल में कई जिले हत्या के गढ़ हो गए हैं।
ममता बनर्जी के रेल मंत्रालय से जुड़ी दूसरी प्रमुख सूचना आज राज्यसभा में गूंजी। सरकार ने आज स्वीकार किया कि लाखों यात्रियों को रोजाना अपने गंतव्यों तक पहुंचाने वाली भारतीय रेल के कई पुल जर्जर स्थिति में हैं। रेल राज्य मंत्री ई.अहमद ने विप्लव ठाकुर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि रेल पुल रेलवे संरक्षा समिति ने बताया था कि एक अप्रैल 1999 को भारतीय रेल के 262 पुल जर्जर स्थिति में हैं जिनके पुनर्निर्माण या सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता थी। इन 262 पुलों में 256 को मार्च 2010 तक ठीक कर लिया गया और शेष छह पुलों में से पांच चालू वित्त वर्ष के दौरान दुरूस्त किया जाना है। हिमाचल प्रदेश में नांगलडैम-तलवारा (83.74 किलोमीटर) रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

आईपीएल विदेश ले जाने का मिस्टर थरूर को मौका न दूंगा: मोदी


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ललित मोदी और शशि थरूर के बीच छिड़ी शब्दों की जंग तीव्र होती जा रही है और आईपीएल कमिश्नर ने आज विदेश राज्यमंत्री पर आरोप लगाया कि कोच्चि समूह की बोली में उनका कोई निहित एजेंडा है। वे इसे विवादित बनाना चाहते हैं, लेकिन हम बने रहेंगे। हमारे पास एक कामयाब लीग है और निहित एजेंडो की परवाह किये बिना हम अच्छा काम करते रहेंगे। हम मिस्टर थरूर को इसे बाधित करने का मौका नहीं देंगे। थरूर का अलग एजेंडा है जो अपने आप खत्म हो जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि थरूर आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी को अबुधाबी ले जाना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा। मोदी ने ‘टाइम्स नाउ’ से कहा कि मुझे मेरे एक साथी ने बताया कि मिस्टर थरूर ने टीम को अबुधाबी ले जाने के प्रस्ताव पर उनका सहयोग मांगा है। मुझे नहीं पता कि वे किस दिशा में जा रहे हैं। हमारी थीम भारत में खेलना है और हम किसी टीम को भारत के बाहर नहीं ले जाने देंगे। मैं गवर्निंग काउंसिल की अगली बैठक में यह मसला रखूंगा। मोदी ने इन आरोपों का भी खंडन किया कि अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के लिये बोली लगाने का निवेशकों पर कोई राजनीतिक दबाव था।

मुकदमा ठोकेंगी सुनंदा पुष्कर, मीडिया ने छवि बिगाड़ी है!


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कोच्चि आईपीएल फ्रेंचाइसी की मिल्कियत को लेकर चल रहे विवादों के घेरे में आई सुनंदा पुष्कर मानहानि का मुकदमा करने की सोच रही है और इसके लिये उन्होंने दुबई में एक वकील की सेवायें ली हैं। पुष्कर के वकील आशीष मेहता ने एक लिखित बयान में कहा है कि मैं इसकी पुष्टि करता हूं कि सुश्री सुनंदा पुष्कर ने मेरी पेशेवर सेवायें ली है। चूंकि उनकी मुवक्किल की छवि को ठेस पहुंची है लिहाजा वे क्षतिपूर्ति का दावा करने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। मीडिया ने पुष्कर की छवि को गलत ढंग से पेश किया है। मीडिया रपटों में पुष्कर को ब्यूटीशियन, स्पा की मालिक और सोश्यलिट कहा गया है जो गलत है। पुष्कर के पास 20 साल का काम का अनुभव है। सूत्रों ने कहा कि पुष्कर ने दुबई में एक सरकारी कंपनी में एक्सीक्यूटिव के पद पर काम किया है और वह कभी स्पा व्यवसाय में नहीं रहीं। इधर, भारत में बीसीसीआई की मीडिया और वित्त समिति के अध्यक्ष तथा कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने आज विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का बचाव करते हुए कहा कि उन पर यकीन नहीं करने का कोई कारण नहीं है। इंडियन प्रीमियर लीग की कोच्चि फ्रेंचाइजी विवाद में फंसे थरूर के बारे में शुक्ला ने कहा कि उन्होंने स्पष्टीकरण दे दिया है, जिस पर विश्वास किया जाना चाहिये। बीसीसीआई, आईपीएल और ललित मोदी के दफ्तरों पर कल रात आयकर विभाग के छापों के बारे में शुक्ला ने कहा कि यह नियमित जांच थी। जब भी कोई वित्तीय लेनदेन होता है, आयकर विभाग जांच करता है। बीसीसीआई और आईपीएल उनका सहयोग कर रहा है। वे जब चाहे, जांच कर सकते हैं।

थरूर ने दिया लोकसभा में लिखित बयान



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कहा मेरा इस्तीफा मांगने वाले विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं। आईपीएल आयुक्त ललित मोदी का व्यवहार अनैतिक है। सुनंदा के बहाने मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। सदन में विपरीत माहौल के बीच विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने आखिर अपना लिखित बयान लोकसभा में प्रस्तुत कर ही दि। थरूर का कहना है कि उनका आईपीएल कोच्चि के निवेशकों से कोई संबंध नहीं है और उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल नहीं किया। पूरे विवाद में सुनंदा पुष्कर का नाम उछलने से मैं आहत हूं और यह सब मेरी छवि खराब करने की साजिश है। कहा जा रहा है कि आईपीएल कोच्चि में 70 करोड़ रुपये सुनंदा पुष्कर ने लगाए हैं। आईपीएल कोच्चि से उनको कोई फायदा नहीं है, लेकिन उन्हें कोच्चि टीम पर गर्व है। आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के बारे में थरूर ने कहा है कि इस मामले में उनका व्यवहार अनैतिक है। यह पूरा विवाद इसलिए खड़ा किया जा रहा है ताकि कोच्चि टीम से फ्रेंचाइजी छीनकर किसी अन्य प्रदेश को दे दी जाए। इस पूरे मामले में केरल कंसोर्टियम में संरक्षक की मेरी भूमिका तिरूअनंतपुरम से एक सांसद के रूप में और केन्द्रीय मंत्री परिषद के सदस्य के रूप में उचित आचरण की सीमाओं के भीतर रही है। इसमें मेरे मंत्री पद का कहीं से कोई दुरूपयोग नहीं हुआ है। इस मामले का मेरे मंत्रालय से कोई लेना-देना नहीं है। मैं मंत्री के रूप में बोली के नतीजे तो दूर, उसकी प्रक्रिया तक को प्रभावित करने की हैसियत में नहीं था। मेरे इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष के आरोपों में कोई दम नहीं है। उल्लेखनीय है कि थरूर के इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष के हंगामे के कारण पहले 12 बजे तक, फिर दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। उधर, मुंबई में आईपीएल आयुक्त ललित मोदी भले ही मुसीबत में नजर आ रहे हो लेकिन उनका हौसला अभी नहीं डिगा है। उन्होंने साफ कहा है मैं आईपीएल आयुक्त का पद नहीं छोड़ूंगा। आईपीएल में काला धन लगने के आरोपों के बीच आयकर विभाग ने संस्था व उसके चेयरमैन ललित मोदी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

थरूर नहीं बोल पाए, दोनों सदनों में हंगामा जारी, संसद दोबारा दो बजे तक स्थगित


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दोपहर 12 बजे के बाद शून्य प्रहर में आईपीएल विवाद पर शशि थरूर ज्यों ही लोकसभा में अपना पक्ष रखने के लिए खड़े हुए, विपक्ष ने इतना ज्यादा शोर मचाया कि सदन दोबारा दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। थरूर बयान नहीं दे पाए। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उन्हें लिखित में बयान रखने के लिए कहा। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की अपील की। सूत्रों के अनुसार गत दिवस हुई मुलाकात में सोनिया गांधी ने शशि थरूर को क्लीन चिट्ट नहीं दी है। इससे उनकी मुसीबत बढ़ती दिख रही है। अब कांग्रेस को प्रधानमंत्री के माध्यम से किसी निर्णय तक पहुंचने का इंतजार है। अंदेशा है कि दो बजे बाद भी विपक्ष शायद ही सदन चलने दे!
उल्लेखनीय है कि शशि थरूर से जुड़े आईपीएल कोच्चि विवाद को लेकर विपक्ष के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और राजद के सदस्यों के आज भारी हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने बताया कि शशि थरूर इस मुद्दे पर 12 बजे लोकसभा में अपनी सफाई देंगे। वहीं दूसरी ओर थरुर मुद्दे को लेकर भाजपा, सपा, जदयू और वामदलों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक स्वर में तत्काल थरूर के बयान की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल को न चलने देने की जिद पर अड़े थे। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बसंल ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे प्रश्न काल चलने दें और इसके बाद थरूर सदन में आकर स्पष्टीकरण देंगे। लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने भी प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करके कार्यवाही को बाधित किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

थरूर पर दोनों सदनों में हंगामा, संसद स्थगित


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शशि थरूर से जुड़े आईपीएल कोच्चि विवाद को लेकर विपक्ष के साथ ही सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और राजद के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने बताया कि शशि थरूर इस मुद्दे पर 12 बजे लोकसभा में अपनी सफाई देंगे। वहीं दूसरी ओर थरुर मुद्दे को लेकर भाजपा, सपा, जदयू और वामदलों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक स्वर में तत्काल थरूर के बयान की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल को न चलने देने की जिद पर अड़े थे। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बसंल ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे प्रश्न काल चलने दें और इसके बाद थरूर सदन में आकर स्पष्टीकरण देंगे। लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने भी प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करके कार्यवाही को बाधित किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

सांसदों को लगातार SMS धमकी से दिल्ली पुलिस के होश उड़े!


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रालोद सांसद महमूद असद मदनी को भी मिलीं गालियां और धमकी! वह कौन है, जो सांसदों को धमका रहा है? मोबाइल कंपनियों का उलझा हुआ नेटवर्क और तकनीकी सिस्टम भी आरोपी तक पहुंचने में दिल्ली पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि ऐसे आरोपी सिम कार्ड बदलते रहते हैं। उन तक सर्विलांस का पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। तो भला कैसे पकड़ा जाए!
सांसदों को धमकी देने का सिलसिला थमे न थमे, कई और सांसदों को धमकी दी गई है। उन्हीं में एक और राष्ट्रीय लोकदल सांसद महमूद असद मदनी भी हैं। उन्हें एसएमएस से गालियां देने के साथ ही हत्या की धमकी भी दी गई है। इससे पहले विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे एवं दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित, सिवान (बिहार) के सांसद ओमप्रकाश यादव, माकपा सांसद वृंदा करात, माकपा महासचिव प्रकाश करात आदि को धमकी, गाली का शिकार बनाया जा चुका है। मीडिया रिपोर्टों पर गौर करें तो पता चलता है कि सांसदों को धमकी भरे एसएमएस भेजकर खलबली मचाने वाला व्यक्ति सिरफिरा नहीं, बल्कि बेहद शातिर है। टाटा के जिस नंबर से सांसदों को एसएमएस भेजकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है अब तक उस नंबर के चार आईडी बदले जा चुके हैं। यह भी बताया गया है कि कुछ महीने पहले इस नंबर का उपयोग बहादुरगढ़ में वसूली के लिए धमकी देने में भी किया जा चुका है। बुधवार को तीन सांसदों द्वारा मामला दर्ज कराने के बाद बृहस्पतिवार को दो और सांसदों ने तुगलकरोड व बाराखंभा थाने में अज्ञात युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। सांसदों ने 66 आईटीएक्ट व मोबाइल के जरिए एसएमएस भेजकर जान से मारने की धमकी देने की धाराओं के तहत मामले दर्ज कराए हैं। धमकी के शिकार रालोद सांसद महमूद असद मदनी को पहले भी आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन धमका चुका है। तभी से वह जेड प्लस सुरक्षा में चलते हैं। सांसदों को लगातार धमकी मिलने के सिलसिले से दिल्ली पुलिस में खलबली मची हुई है। खास तौर से संसदमार्ग थाने के होश उड़े हुए हैं, क्योंकि अभी तक आरोपी गिरफ्त में नहीं आ सका है। गत दिवस दिल्ली के आश्रम क्षेत्र स्थित हरिनगर से जिस व्यक्ति को दबोचा गया है, उससे भी आरोपी तक पहुंचने में मदद नहीं मिल पा रही है। सीपी के निर्देश पर संयुक्त पुलिस आयुक्त ने नई दिल्ली के एडिशनल सीपी शंकर दास व स्पेशल सेल को आज शाम तक मामले को सुलझाने का समय दिया है। खुद एडिशनल कमिश्नर इस पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं। जांच से पता चला है कि टाटा के नंबर 9210782038 का उपयोग विभिन्न अपराधों के लिए किया जा चुका है। अब तक इसके चार फर्जी आईडी के बारे में पुलिस को जानकारी मिल चुकी है, जिसमें सबसे नया आईडी रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के जिम ट्रेनर माणिक वर्मा का बताया जा रहा है। माणिक हरिनगर में रहता है और पहले मॉडलिंग भी करता था। मणिक की शादी दो साल पहले हुई थी। पुलिस के मुताबिक पत्नी ने उसे छोड़ रखा है। मणिक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस संबंध में जिम में काम करने वाले युवकों व माणिक पूर्व पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है। इस नंबर के कॉल डिटेल निकलवा कर यह जांच की जा रही है कि एक अप्रैल से अब तक कहां-कहां और किन-किन लोगों को एसएमएस भेजे गए। पुलिस को जांच में पता चला है कि एक दिन में इस नंबर से 40 एसएमएस भेजे गए। जिन सांसदों की नजर एसएमएस पर पड़ी, उन्होंने तो मुकदमे दर्ज करवा दिए, बाकी जाने और किस-किस सांसद को धमकाया गया है। पुलिस व मीडिया सूत्रों के अनुसार ये नंबर माणिक के डीएल की फोटोस्टेट कॉपी के आधार पर लिए गए हैं, जिसमें उसका फोटो बदला हुआ है। हस्ताक्षर नहीं है और डीएल की वैधता के समय में भी अंतर है। बताया जा रहा है कि माणिक के ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर टाटा का एक और नंबर लिया गया है जिससे कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित आदि को एसएमएस भेजे गए। माणिक से पहले यशपाल के आईडी पर यह नंबर चल रहा था। पुलिस उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। एसएमएस धमकी प्रकरण से जुड़ी एक अन्य बात ये सामने आई है कि दिल्ली पुलिस अथवा सरकार की ओर से ऐसे कुछ सांसदों को अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा दी गई है, जिन्हें नहीं दी जा रही है, उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और गृहमंत्रालय तक अपनी शिकायतें पहुंचा दी हैं।

Thursday, April 15, 2010

अमर ने कहाः मुलायम सिंह 'डॉन' हैं!


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उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में आज सांसद अमर सिंह ने एक बार फिर अपनी नई पार्टी घोषित करने की बात से इनकार करते हुए कहा कि उन्होने किसी राजनीतिक दल की घोषणा नहीं की है बल्कि गैर राजनैतिक लोकमंच को मजबूत बनाने के लिए इसकी मण्डल, जिला व ब्लाक स्तर पर इकाइयां गठित करने की घोषणा की है। इसके लिए एक छह सदस्यीय टीम भी गठित की गयी है। अमर सिंह ने यहां आयोजित एक रैली में राहुल गांधी द्वारा अम्बेडकरनगर में अम्बेडकर जयंती के मौके पर भ्रष्टाचार को लेकर दिये गये वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि मायावती सरकार यदि योजना आयोग द्वारा दिये गये पैसे का दुरूपयोग कर रही है तो फिर राज्यपाल क्या कर रहे हैं। उन्होने मुलायम सिंह यादव को सपा का डॉन करार देते हुए कहा कि यदि सपा पीछे मुड़कर नहीं देखती तो वे भी पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। उन्होने मुलायम सिंह को दगाबाज की संज्ञा देते हुए आरोप लगाया कि ऐसा कोई सगा नही है, जिससे मुलायम ने दगाबाजी न की हो। उन्होने इसके साथ ही कहा कि वे मोहन सिंह के अपशब्द का कतई बुरा नहीं मानते क्योंकि वे मुलायम की नीति का महज क्रियान्वयन कर रहे हैं। अमर सिंह ने कहा कि मायावती यदि पृथक राज्यो की स्थापना की हितैषी हैं तो उन्हें विधान मंडल से अपने बहुमत का प्रयोग कर इसका प्रस्ताव पारित कराना चाहिए। उन्होने स्पष्ट किया कि वे अब पूर्वांचल राज्य के गठन के लिए जीएंगे और मरेंगे। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि पूर्वांचल राज्य का गठन कोई रोक नहीं सकता। उन्होने घोषणा की कि उन्हें किसी पद की चाहत नहीं है ओर न ही वे विधायक, सांसद मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।

जावेद अख्तर समेत 17 सांसदों को राज्यसभा की शपथ


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राज्यसभा में आज सत्रह नए सदस्यों ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की बैठक जब शुरू हुई तो सभापति हामिद अंसारी ने 17 सदस्यों को सदन की शपथ दिलाई। इनमें कुछ सदस्य दोबारा चुने गए है तो कुछ पहली बार सदस्य बने हैं। आज सदन की शपथ लेनेवालों में केन्द्रीय मंत्री ए.के. एंटनी, एम. एस. गिल और मनोनीत सदस्यों में जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर, पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर, डा. रामदयाल मुंडा और योजना आयोग के पूर्व सदस्य तथा शिक्षाविद् डा. भालचन्द्र मुंगणेकर शामिल हैं। शपथ लेने वाले अन्य सांसदों में सिलवियस कोडप्पन, नाजनीन फारक, विमला कश्यप सूद, के एम बालगोपाल, डा. टी.एन. सीमा, अश्विनीकुमार, नरेश गुजराल, अश्विनी राय खन्ना, सुखदेवसिंह ढिंढसा, जानादास वैद्य, नरेश अग्रवाल शामिल थे। सभापति ने नए सदस्यों का सदन में स्वागत किया और विश्वास व्यक्त किया वे अपने योगदान से लोकतांत्रिक प्रणाली को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे।

मामला गहराया, थरूर मिले सोनिया से


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पिछले दो दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने के लिए लगातार सक्रिय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को आज शाम आखिर अवसर मिल ही गया। मुलाकात आज शाम पांच बजे हुई। कोच्चि फ्रेंचाइजी विवाद एवं भाजपा की ओर से उछाले गए भ्रष्टाचार के आरोपों से विचलित थरूर ने आज संप्रग सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाकात की। इससे पहले थरूर वित्त मंत्री प्रवण मुखर्जी समेत पार्टी के कई बड़ों से गुफ्तगू कर चुके हैं। सोनिया ने तसल्ली से अपने विदेश राज्य मंत्री का पक्ष सुना।
थरूर का मसला जिस तरह से गंभीर होता जा रहा है, लगता है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विदेश यात्रा से लौटने के बाद पार्टी थरूर पर किसी बड़े नतीजे पर पहुंचने के लिए बाध्य हो सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई दिनो से थरूर प्रकरण देश भर के मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। आज तो कुछ दिनों से चुप रहते सांसद अमर सिंह भी बातों-बातों में बहुत कुछ बोल गए। पत्रकारों ने उनसे जब बातों-बातों में ही विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर पर मुंह खुलवाना चाहा तो अमर ने कहा कि शशि थरूर मंत्री ही नहीं, जवान भी हैं। और यदि किसी जवान की खूबसूरत लड़की से दोस्ती हो जाए तो ये कोई गुनाह जैसी बात नहीं। यदि लड़की मालदार हो तो फिर क्या कहने। ऐसा सबका नसीब कहां। थरूर नसीब वाले हैं। जहां तक आईपीएल विवाद की बात है, प्रधानमंत्री ने कहा है कि थरूर गलत मिले तो कार्रवाई होगी। अब इस पर आगे क्या होने वाला है, ये तो प्रधानमंत्री ही बताएंगे। इस बीच रॉन्देवू के प्रवक्ता गायकवाड़ ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर एक नए विवाद का जन्म दे दिया है। उन्होंने केन्द्र सरकार से आईपीएल की सभी टीमों की जांच की मांग की है। आइपीएल विवाद में गायकवाड़ ने अपने खिलाफ साजिश रचने वालों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी नाम लिया है। कहा है कि दोनों मोदी कोच्चि टीम को अहमदाबाद ले जाना चाहते थे। यहां तक कि प्रमोटर्स पर अहमदाबाद टीम पर पैसे लगाने के लिए दबाव डाला गया था और उन्हें ऎसा करने के लिए धमकाया भी गया। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और ललित मोदी के हित एक ही हैं और इसके पीछे राजनीतिक साजिश काम कर रही है। इस बीच जदयू अध्यक्ष एवं सांसद शरद यादव ने कहा है कि आईपीएल पर पाबंदी लगनी चाहिए। लेफ्ट और भाजपा ने भी आईपीएल टीमों के मालिकों के खातों की जांच की मांग की है। खेल मंत्री एमएस गिल भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। उनका कहना है कि आईपीएल को लेकर जो कुछ भी हो रहा है वो क्रिकेट नहीं है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। संसद से बाहर निकलने पर जब मुखर्जी से पूछा गया कि इस पूरे मसले पर आपका क्या मानना है तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह वित्त मंत्रालय का काम नहीं है। मंत्रालय का इससे कुछ लेना देना नहीं है। कोच्चि की आईपीएल टीम के स्वामित्व के मुद्दे पर विवादों के घेरे में आये विदेश राज्य मंत्री ने आज लोकसभा में इस बारे में स्वयं की ओर से बयान देने की बात कह कर मीडिया से पिंड छुड़ाया। संसद में आज आने पर संवाददाताओं द्वारा आईपीएल से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए रखी। बाद में बताया गया कि वह इस संदर्भ में लोकसभा में स्वयं की ओर से बयान देंगे। इस विवाद के बीच थरूर ने आज वित्त मंत्री और लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की। उच्च सदन की कार्यवाही में कुछ देर हिस्सा लेने के बाद थरूर संसद से चले गये। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मिलने, पार्टी द्वारा उनका समर्थन किये जाने अथवा इस्तीफा नहीं देने के अपने बयान पर कायम रहने संबंधी संवाददाताओं के तमाम सवालों पर उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साधे रखी। थरूर ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। थरूर कह चुके हैं कि क्या मैंने ऐसा कोई काम किया है, जिसकी वजह से मुझे इस्तीफा देना पड़े? मुझे लगता है कि दूसरे लोगों के नजरिये को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। बेशक मैं कांग्रेस के लिये शर्मसार होने की वजह नहीं बनने जा रहा हूं। कुछ निहित स्वार्थी तत्व अपने व्यावसायिक हितों के चलते मुझ पर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शशि थरूर ने पिछले 12 घंटे में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और एके एंटनी से तीन बार मुलाकात की है। कल रात की बैठक के बाद थरूर आज संसद सत्र शुरू होने से पहले और फिर 12 बजे कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोनों नेताओं से मिले। वित्त मंत्री ने उन्हें संसद में पूरे मामले में स्थिति साफ करने को कहा है। उधर पता चला है कि कोच्चि टीम में पैसा लगाने वाले परनी डेवलपर्स के अहमदाबाद स्थित ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। आयकर विभाग ने परनी के मालिक विपुल शाह के दफ्तर पर छापा मारा है। साथ ही दो अन्य निवेशकों के भावनगर ऑफिस पर भी छापा मारा गया है। परनी डेवलपर्स की आईपीएल की कोच्चि टीम में 26 फीसदी हिस्सेदारी है।

सरकार में माओवादी होने का गंभीर आरोप लगाया भाजपा ने


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आज संसद के दोनों सदनों में भाजपा सांसदों ने संप्रग सरकार पर इतना गंभीर आरोप उछाल दिया कि पूरा सदन हतप्रभ रह गया। लोकसभा में रांची के भाजपा सांसद यशवंत सिह्ना और राज्यसभा में सांसद अरुण जेटली ने दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर, ममता बनर्जी के नाम लिए बिना कहा कि सरकार में कई अर्द्ध माओवादी हैं। इसीलिए चिदंबरम असफल हो रहे।
दोनों सदनों में भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष में ही कई ‘अर्ध माओवादी’ होने से नक्सलवाद के खिलाफ पार्टी व सरकार विभाजित नजर आ रही हैं, जिसके चलते गृह मंत्री पी. चिदंबरम के प्रति विरोध के स्वर उठ रहे हैं। दंतेवाड़ा में माओवादियों द्वारा सीआरपीएफ कर्मियो के मारे जाने पर लोकसभा में चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने सवाल किया कि नक्सलियों से लड़ने के मामले में जहां विपक्ष सरकार के साथ है, वहीं क्या कांग्रेस और संप्रग भी इस लड़ाई में सरकार के साथ है? उधर राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने नक्सलियों से निबटने में संप्रग सरकार तथा मुख्य सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अंदर एक राय नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ गठबंधन में कुछ अर्ध माओवादी हैं जिनकी सहानुभूति माओवादियों के साथ है। जेटली ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मणिशंकर अय्यर और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी का इस संदर्भ में सीधे नाम लिए बिना कहा कि नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले सरकार में शामिल हैं। जेटली ने मीडिया में नक्सलियों का कथित पक्ष लेने वाले कथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी आड़े हाथों लिया।

चिदम्बरम के 'गुरूर' पर गाफिल सांसद सिन्हा


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भाजपा के वरिष्ठ सांसद यशवंत सिन्हा ने नक्सलवाद से निपटने को लेकर पी. चिदम्बरम के नजरिये का समर्थन करने के साथ ही यह भी कहा है कि वह गृहमंत्री के गुरूर का शिकार हैं। सिन्हा ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान चिदंबरम के बारे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के विषय में पूछे जाने पर कहा कि सिंह से ज्यादा तो वह खुद चिदम्बरम के अहंकार के भाजक हुए हैं। दिग्विजय ने कहा है कि चिदंबरम ‘बौद्धिक अंहकार’ का शिकार हैं। भाजपा नेता ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र हजारीबाग में कर सम्बन्धी दो प्रशिक्षण संस्थानों को चिदम्बरम ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में बंद करवा दिया था। नक्सल प्रभावित इलाकों में अनेक लोगों के रोजगार का जरिया रहे इन संस्थानों को नहीं बंद करने की उनसे कई बार गुजारिश किये जाने के बावजूद चिदम्बरम अपने फैसले से पीछे नहीं हटे थे। सिन्हा ने कहा कि चिदम्बरम के गृहमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई। इस तरह दिग्विजय सिंह से ज्यादा तो वह खुद चिदम्बरम के ‘बौद्धिक अहंकार’ का शिकार हो चुके हैं। बहरहाल, सिन्हा ने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह के लेख से कोई भी यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि खुद सत्तापक्ष ही चिदम्बरम के इस्तीफे की मांग कर रहा है जबकि ‘हम :नक्सलियों से निपटने के मुद्दे पर: सरकार के साथ हैं और हमने :चिदम्बरम से: इस्तीफे की मांग नहीं की है।’

बातों-बातों में बोल गए अमर सिंह कुछ नई-ताजी


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शशि थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मांगा

कुछ दिनों से चुप रहते-रहते भी आज सांसद अमर सिंह बातों-बातों में बहुत कुछ बोल गए। आज उन्होने एनसीपी अध्यक्ष, सांसद एवं कृषि मंत्री शरद पवार के घर पहुंचकर मुलाकात की। घर से बाहर आने पर जब मीडिया वालों ने उनसे इस मुलाकात के मायने जानना चाहा तो अमर सिंह का कहना था कि शरद पवार मंत्री और पार्टी अध्यक्ष के अलावा हमारे बहुत अच्छे मित्र भी हैं। और जब दो मित्र आपस मिलते हैं, तो उनमें बहुत सारी ऐसी बातें भी होती हैं, जो सार्वजनिक नहीं की जा सकतीं। मैंने उनके घर अच्छा नाश्ता किया और बहुत सारी बातें हुईं। क्या नई पार्टी के बारे में कोई बातचीत हुई, अमर सिंह ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। पत्रकारों ने उनसे जब बातों-बातों में ही विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर पर मुंह खुलवाना चाहा तो अमर ने कहा कि शशि थरूर मंत्री ही नहीं, जवान भी हैं। और यदि किसी जवान की खूबसूरत लड़की से दोस्ती हो जाए तो ये कोई गुनाह जैसी बात नहीं। यदि लड़की मालदार हो तो फिर क्या कहने। ये नसीब सबकी नहीं होती। थरूर नसीब वाले हैं। जहां तक आईपीएल विवाद की बात है, प्रधानमंत्री ने कहा है कि थरूर गलत मिले तो कार्रवाई होगी। अब इस पर आगे क्या होने वाला है, ये तो प्रधानमंत्री ही बताएंगे। उधर पता चला है कि विदेश राज्यमंत्री ने सोनिया गांधी से मिलने का वक्त मांगा है, हालांकि सोनिया की तरफ़ से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। दूसरी तरफ़ कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि इस मुद्दे से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस अब भी अपने उसी रुख पर कायम नज़र आ रही है।

दंतेवाड़ा पर लोकसभा में जमकर हंगामा


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दंतेवाड़ा में माओवादी हिंसा में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के कर्मियों के मारे जाने की घटना पर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। चर्चा शुरू होने से पहले प्रश्नकाल स्थगित कर सरकार की ओर से तुरंत बयान देने और उस पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामे के बाद लोकसभा 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। संसद के इस शेष बजट सत्र की शुरुआत में ही सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने विमान दुर्घटना में मारे गए पोलैंड के राष्ट्रपति, कुछ पूर्व सदस्यों के निधन, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में माओवादी हिंसा का शिकार हुए सीआरपीएफ कर्मियों, कल आए तूफान में बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में मारे गए लोगों तथा हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान मची भगदड़ में सात लोगों के मारे जाने की घटनाओं का उल्लेख किया। सदन द्वारा इन घटनाओं के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दिए जाने के तुरंत बाद समूचे विपक्ष और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे कुछ दलों के सदस्यों ने प्रश्नकाल स्थगित कर दंतेवाड़ा घटना पर सरकार की ओर से तुरंत बयान देने और उस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने सदन को सूचित किया कि गृह मंत्री पी चिदंबरम दोपहर एक बजे इस विषय पर एक बयान देंगे और अगर अध्यक्ष की अनुमति हो तो उसके बाद उस पर चर्चा हो सकती है। सपा के मुलायम सिंह सहित भाजपा, जनता दल यू और वामदलों के नेता इस पर राजी नहीं हुए और प्रश्नकाल स्थगित कर तुरंत चर्चा की मांग पर अड़े रहे। बंसल ने दलील दी कि केवल दो घंटे की बात है। सरकार बयान देने और उस पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है। उन्होंने कहा, चूंकि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण है और सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों की मंत्री तैयारी करके सदन में आते हैं। इन सवालों के जवाब तैयार करने के लिए बाहर से भी अधिकारी आते हैं और इस प्रक्रिया में काफी पैसा खर्च होता है इसलिए प्रश्नकाल को चलने दिया जाए। विपक्षी सदस्य भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा, जद यू के शरद यादव, माकपा के बासुदेव आचार्य आदि इस पर राजी नहीं हुए और प्रश्नकाल स्थगित किए जाने की मांग पर जोर देते रहे। कोई समाधान निकलते न देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने कार्यवाही करीब स्थगित कर दी।

आईपीएल विवाद में नरेंद्र मोदी का भी नाम उछला


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रॉन्देवू के प्रवक्ता गायकवाड़ ने केन्द्र सरकार आईपीएल की सभी टीमों की जांच की मांग की है। आइपीएल विवाद में गायकवाड़ ने अपने खिलाफ साजिश रचने वालों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी नाम लिया है। कहा है कि दोनों मोदी कोच्चि टीम को अहमदाबाद ले जाना चाहते थे। यहां तक कि प्रमोटर्स पर अहमदाबाद टीम पर पैसे लगाने के लिए दबाव डाला गया था और उन्हें ऎसा करने के लिए धमकाया भी गया। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और ललित मोदी के हित एक ही हैं और इसके पीछे राजनीतिक साजिश काम कर रही है। जदयू अध्यक्ष एवं सांसद शरद यादव ने कहा है कि आईपीएल पर पाबंदी लगनी चाहिए। लेफ्ट और भाजपा ने भी आईपीएल टीमों के मालिकों के खातों की जांच की मांग की है। खेल मंत्री एमएस गिल भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। उनका कहना है कि आईपीएल को लेकर जो कुछ भी हो रहा है वो क्रिकेट नहीं है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। संसद से बाहर निकलने पर जब मुखर्जी से पूछा गया कि इस पूरे मसले पर आपका क्या मानना है तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि यह वित्त मंत्रालय का काम नहीं है। मंत्रालय का इससे कुछ लेना देना नहीं है। कोच्चि की आईपीएल टीम के स्वामित्व के मुद्दे पर विवादों के घेरे में आये विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर आज लोकसभा में इस बारे में स्वयं की ओर से बयान देंगे। संसद में आज आने पर संवाददाताओं द्वारा आईपीएल से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए रखी। बाद में बताया गया कि वह इस संदर्भ में लोकसभा में स्वयं की ओर से बयान देंगे। इस विवाद के बीच थरूर ने आज वित्त मंत्री और लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की। उच्च सदन की कार्यवाही में कुछ देर हिस्सा लेने के बाद थरूर संसद से चले गये। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात का समय मिलने, पार्टी द्वारा उनका समर्थन किये जाने अथवा इस्तीफा नहीं देने के अपने बयान पर कायम रहने संबंधी संवाददाताओं के तमाम सवालों पर उन्होंने पूरी तरह चुप्पी साधे रखी। आमतौर पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देने वाले थरूर आज किसी भी सवाल का जवाब दिये बिना चुपचाप अपनी कार में बैठकर संसद भवन से बाहर चले गये। उल्लेखनीय है कि पद के दुरुपयोग और आईपीएल की कोच्चि टीम की बोली में खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। थरूर कह चुके हैं कि क्या मैंने ऐसा कोई काम किया है, जिसकी वजह से मुझे इस्तीफा देना पड़े? मुझे लगता है कि दूसरे लोगों के नजरिये को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। बेशक मैं कांग्रेस के लिये शर्मसार होने की वजह नहीं बनने जा रहा हूं। कुछ निहित स्वार्थी तत्व अपने व्यावसायिक हितों के चलते मुझ पर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शशि थरूर ने पिछले 12 घंटे में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और एके एंटनी से तीन बार मुलाकात की है। कल रात की बैठक के बाद थरूर आज संसद सत्र शुरू होने से पहले और फिर 12 बजे कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोनों नेताओं से मिले। वित्त मंत्री ने उन्हें संसद में पूरे मामले में स्थिति साफ करने को कहा है। उधर पता चला है कि कोच्चि टीम में पैसा लगाने वाले परनी डेवलपर्स के अहमदाबाद स्थित ठिकानों पर छापे मारे गए हैं। आयकर विभाग ने परनी के मालिक विपुल शाह के दफ्तर पर छापा मारा है। साथ ही दो अन्य निवेशकों के भावनगर ऑफिस पर भी छापा मारा गया है। परनी डेवलपर्स की आईपीएल की कोच्चि टीम में 26 फीसदी हिस्सेदारी है।

वृंदा करात को भी 'गंदा' एसएमएस


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प्रकाश करात के साथ ही सांसद वृंदा करात को भी गंदा एसएमएस किया गया। इससे पहले प्रकाश करात, शशि थरूर, सांसद ओमप्रकाश यादव, सांसद संदीप दीक्षित आदि को अज्ञात व्यक्ति द्वारा धमकी भरे एसएमएस किए गए। बताया जाता है कि उस अज्ञात व्यक्ति ने दिल्ली के जिम प्रशिक्षक के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर सिम कार्ड खरीदा जिससे केंद्रीय मंत्री शशि थरूर एवं अन्य लोगों को दुर्भावनापूर्ण एवं धमकी भरे संदेश भेजे गए। पुलिस ने पता लगाया है कि सिम पश्चिम दिल्ली के हरिनगर का है। पुलिस ने जिम प्रशिक्षक को हिरासत में ले लिया, लेकिन जांचकर्ताओं ने उसे अब तक निर्दोष पीड़ित माना है और लंबी पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया। सूत्रों के अनुसार माकपा पोलित ब्यूरो की वरिष्ठ नेता वृंदा करात को भी ‘गंदा’ एसएमएस भेजा गया। इसके बाद प्रतिष्ठित कंस्टीट्यूशन क्लब के जिम प्रशिक्षक मानिक वर्मा को गिरफ्तार किया गया। बहरहाल सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि हरी नगर में रहने वाले वर्मा के फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर सिम खरीदा गया था। थरूर के विशेष कार्य अधिकारी जैकब जोसेफ को कल सुबह कराची स्थित अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के एक ‘गुर्गे’ का एसएमएस मिला जिसमें धमकी दी गई थी कि मंत्री आईपीएल कोच्चि टीम से अलग रहें या मौत का सामना करें। इससे पहले करात ने पुलिस में शिकायत की कि उन्हें ‘गंदा’ एसएमएस भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि ‘तुम अपनी राजनीति से देश को नुकसान पहुंचा रही हो।’ दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि थरूर और करात के मामले में शिकायत मिलने के बाद उन्होंने अलग-अलग मामले दर्ज किए है।




संसदीय राजनीति बनाम फिल्मी सांसद-एक



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फिरोजाबाद (यूपी) के कांग्रेस सांसद है बब्बर
फिल्मों से आने वाले जाने चले जाते हैं कहां?


लंबे अवकाश के बाद आज से संसद के दोनों सदनों में शेष बजट सत्र की चहल-पहल शुरू हो चुकी है। इसी के साथ शुरू करने का मन हुआ है 'संसदीय राजनीति बनाम फिल्मी सांसद' विषय पर कुछ छूते-अछूते प्रसंगों का सिलसिला क्रमशः। ऐसा करना अनायास नहीं। प्रसंग को ताजा पृष्ठभूमि या दिशा मिली है सांसद राज बब्बर की व्यावसायिक गतिविधियों से। बब्बर प्रोडक्शन के बैनर तले उनका महत्वाकांक्षी महाराजा रंजीत सिंह सीरियल टेलीविजन पर शुरू हो चुका है। अब इसी विषय पर वह 125 करोड़ रुपये से फिल्म बनाने की तैयारी में हैं। ये सूचना पढ़ने-सुनने के बाद सबसे पहला खुराफाती सवाल मेरे दिमाग में कौंधा- क्या तमाम समस्याओं से जूझ रही किसी संसदीय क्षेत्र की जनता के जिम्मेदार प्रतिनिधि को इतना समय मिल जाता है कि वह फिल्मों-धारावाहिकों की दुनिया में नदारद रहे? जबकि क्षेत्र ही नहीं, सांसद सदन की कार्यवाहियों के लिए भी जवाबदेह होता है! दूसरा सवाल ये कौंधा कि फिल्म इंडस्ट्रीज में करोड़ों अरबों (सांसद जया बच्चन की कुल संपत्ति अरबों में है) की संपदा जोड़-जुटा लेने के बाद क्या कथित 'सितारे' सचमुच जनता की सेवा के ही उद्देश्य से संसद पहुंचने के लिए बेताब हो जाते हैं? अपना सीरियल तैयार हो जाने के बाद सांसद राज बब्बर चंडीगढ़ में मीडिया को बताते हैं कि फिल्म बनाने के लिए 125 करो़ड़ की जरूरत है। मैं पीछे नहीं हटूंगा। जल्द ही अपने इस सपने को भी हकीकत में बदल दूंगा। कोई सांसद राज बब्बर से पूछे कि आप तो अपने सपने हकीकत में बदलने में अवश्य कामयाब हो जाएंगे, फीरोजाबाद (उ।प्र।) की उस जनता की जरूरतों और सपनों के बारे में आपके की क्या मंशा है, जिसने आपको सिर पर बिठाकर देश की सर्वोच्च पंचायत में पहुंचाया है? मालूम होना चाहिए कि फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े और फटेहाल जिलों में से एक है। राज बब्बर पहले वहीं बगल की कांस्टीट्यूएंसी आगरा से निर्वाचित हो रहे हैं। पिछले चुनाव में आगरा मंडल के ही फतेहपुरसीकरी लोकसभा क्षेत्र से खड़े हुए तो बसपा प्रत्याशी से हार गए। फिर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पुत्र, प्रदेश सपा अध्यक्ष एवं कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव द्वारा अपनी दूसरी विजेता सीट फिरोजाबाद खाली कर देने पर उनकी पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ खड़े हुए और वहां से जीत गए। जहां तक राज बब्बर के बारे में दूसरी तरह की काबिलियतों का सवाल है, वह छात्र जीवन से ही जुझारू रहे हैं। उनके सामाजिक या राजनीतिक जीवन पर वैसा कोई दाग भी नहीं है, पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह से लेकर मुलायम सिंह तक के साथ राजनीति में सक्रिय रहते आए हैं, लेकिन एक सवाल उनसे आगरा की जनता पूछती रही है और अब फिरोजाबाद की भी जनता पूछने लगी है कि जीत जाने के बाद राज बब्बर कहां चले जाते हैं? संसद में अवकाश हो तो उन्हें आगरा अथवा फिरोजाबाद रहना चाहिए लेकिन कहा जाता है कि वह तो शूटिंग में व्यस्त हो जाते हैं और क्षेत्र में रह जाता है उनका कोई प्रतिनिधि। पहले उनके एक इसी तरह के प्रतिनिधि हुआ करते थे, जो विधायक बनने के बाद बसपा में चले गए। खैर। राज बब्बर इसी तरह अपने क्षेत्र की जनता की प्रतिनिधि पर छोड़ कर फिल्मी दुनिया में लौट जाते हैं। कलाकार होने के नाते उनमें बोलने की कला भरपूर है ही, सो यदा-कदा क्षेत्र में पहुंच कर बोल-बात से लोगों का पेट भर आते हैं। जब आगरा सीट सुरक्षित घोषित हुई थी तो सबसे ज्यादा राज बब्बर का ही राजनीतिक जीवन डांवाडोल हुआ था। सीकरी से लड़े और हार गए। कांग्रेस की शरण लेनी पड़ी। जीत गए। अब फिर वही रवैया। सीरियल और फिल्म बनाने में व्यस्त, क्षेत्र से नदारद। पिछले दिनो लोकसभा में 14 अप्रैल तक अवकाश घोषित हो जाने के बाद वह सुर्खियों में आए तो अपने सीरियल के साथ। एक सुर्खी और उनके प्रतिनिधि ने रिलीज की कि सांसदजी अलीगढ़ में एक दिन में आठ कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे। यहां फिरोजाबाद की समस्याएं गिनाई जाएं तो अनंत हैं। अपनी उन्हीं मुश्किलों और जनप्रतिनिधियों के इसी तरह के खेल-तमाशों के चलते लोगों ने मुलायम सिंह जैसे दिग्गज को उनके गढ़ में मात दे दी थी। राज बब्बर की जीत सिर्फ और सिर्फ उसी की प्रतिक्रिया थी, वरना राज बब्बर ने फिरोजाबाद के लिए ऐसा कुछ भी नहीं किया था, जिससे कि वहां के लोग उन्हें चुन कर संसद में भेज देते। सिर्फ इतना भर उनका इस जिले का इतिहास है कि उनके पिता यही टूंडला रेलवे स्टेशन पर नौकरी करते थे। पिछले चुनाव में इस भावावेग को भी खूब भुनाया गया था। ऐसा ही कुछ कांग्रेस के दूसरे पूर्व सांसद सांसद गोविंदा के बारे में सुना-कहा जाता रहा है। और तीसरे पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन भी ऐसी ही फिल्मी आदतों के चलते इलाहाबाद से भाग खड़े हुए थे। ऐसे राजनेताओं की लिस्ट और कहानी दोनों लंबी है......(क्रमशः)

बड़ी खबरः कई सांसदों को जान की धमकी!!



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संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सांसद शशि थरूर, प्रकाश करात, सिवान के सांसद ओमप्रकाश यादव, दिल्ली के सांसद संदीप दीक्षित और माकपा महासचिव प्रकाश करात को दिल्ली के किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर जान से मारने की धमकी दे डाली। सांसद थरूर, सांसद संदीप को विशेष सुरक्षा मिल गई है, सांसद ओमप्रकाश को कोई सुरक्षा नहीं। इस बीच पता चला है कि मैसेज करने वाले खुराफाती को दिल्ली पुलिस ने दबोच लिया है।

सांसद ओमप्रकाश यादव के निजी सचिव दिनेशचंद्र पांडेय ने बताया है कि सरकार की सुरक्षा संबंधी इस दोहरी नीति के खिलाफ कल सांसद गृहमंत्री से मिलकर इस पर घोर आपत्ति प्रकट करने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सांसद ओमप्रकाश का निर्वाचन बिहार के अत्यंत संवेदनशील इलाके से हुआ है। दिल्ली पुलिस बुधवार सुबह से धमकी देने वाले आरोपी की तलाश में जुटी हुई है। धमकी देने वाले का फोन नंबर तो पुलिस ने ट्रेस कर लिया है, लेकिन देर शाम तक आरोपी का पता नहीं चला है। पहले सूचना थी कि थरूर को अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम की तरफ से जान से मारने की धमकी मिली है। बताया गया था कि ’डी’ कंपनी ने एसएमएस के जरिए दी गई अपनी धमकी में थरूर को आईपीएल से दूर रहने को कहा है। इसके साथ ही थरूर की सुरक्षा बढ़ा दी गई। एसएमएस धमकी की जानकारी गृह मंत्रालय को दे दी गई और मंत्रालय इस एसएमएस के स्रोत को जानने में जुट गया। विदेश राज्य मंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) जैकब जोसेफ ने बताया कि थरूर को ऐसी धमकी मिली है और गृह मंत्रालय एवं पुलिस को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस की एक टीम थरूर के घर पूछताछ के लिए पहुंच गई है। गौरतलब है कि थरूर उस से समय विवादों में आ गए थे जब आईपीएल आयुक्त ललित मोदी ने इस बात का खुलासा किया कि मंत्री ने उन्हें टेलीफोन करके आईपीएन कोच्चि फ्रैचाइजी के मालिकों का ब्यौरा जाहिर नहीं करने को कहा था, जिसमें थरूर की करीबी मित्र सुनंदा पुष्कर शामिल हैं। पुष्कर को मुक्त इक्विटी के तहत रेंडीजवायस स्पोटर्स वर्ल्ड में 70 करोड़ मूल्य की 19 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है। देर शाम पता चला कि थरूर को धमकी अंडर वर्ल्ड की ओर से नहीं, बल्कि उसी व्यक्ति ने दी है, जिसने प्रकाश करा, ओमप्रकाश यादव और संदीप दीक्षित को धमकाया है। थरूर के साथ ही दिल्ली की मुख्यमंत्री के पुत्र एवं कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित और माकपा नेता प्रकाश करात को भी धमकी के बाद गृहमंत्रालय ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करा दी है, लेकिन सांसद ओमप्रकाश यादव को ऐसी कोई सुरक्षा देर शाम तक उपलब्ध नहीं कराई गई थी। केंद्र सरकार के इस दोहरे रवैये से क्षुब्ध सांसद ने कहा है कि कल वह गृहमंत्री से मिल कर इस पर अपनी आपत्ति जताने के साथ ही अपने लिए भी तत्काल सुरक्षा की मांग करेंगे। सिवान (बिहार) के निर्दल सांसद ओमप्रकाश यादव को किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर जान से मारने की धमकी दी है। सांसद यादव को धमकी उस समय मैसेज से दी गई, जब वह 15 अप्रैल से शुरू हो रही संसद में भाग लेने के लिए अपने गृह जनपद से दिल्ली आ रहे थे। यह सूचना मिलते ही सिवान लोकसभा क्षेत्र में उनके समर्थकों में रोष की लहर फैल गई। सांसद ओमप्रकाश यादव के निजी सहायक दिनेशचंद्र पांडेय ने सांसदजी डॉट कॉम को बताया कि श्री यादव कल दिन में सिवान से दिल्ली के लिए चले थे। जब वह छपरा पहुंचे, तभी बीच सफर में 4 बजकर 25 मिनट पर किसी अनजान व्यक्ति ने उन्हें फोन मैसेज किया। फोन मैसेज में श्री यादव को जान से मारने की धमकी दी गई थी। सांसद यादव ने अपनी आगे की यात्रा कुछ घंटों के लिए रोक कर तत्काल छपरा के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। उन्होंने एसपी को लिखित में धमकी की जानकारी देते हुए अपनी सुरक्षा की मांग के साथ ही धमकी भरा मैसेज देने वाले के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा। एसपी ने अपने स्तर से तत्काल पुलिस को एलर्ट कर धमकी देने वाले का पता लगाकर कार्रवाई का आदेश दिया। सांसद ने दिल्ली पहुंच कर इस मामले की रिपोर्ट संसद मार्ग थाने में भी दर्ज कराई। सूचना मिलते ही आज बुधवार की दोपहर दिल्ली पुलिस के अधिकारी सांसद निवास पर पहुंच गए और श्री यादव से विस्तृत जानकारी लेने के साथ ही धमकी देने वाले अज्ञात व्यक्ति का पता लगाने में जुट गए। खबर लिखे जाने तक न दिल्ली पुलिस, न ही बिहार पुलिस आरोपी का पता लगाने में कामयाब हो सकी थी। श्री पांडेय ने बताया कि सांसद ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से अपने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त की मांग की है, ताकि वह निर्भीक तरीके से संसद की कार्यवाही में शिरकत कर सकें। उधर, यह सूचना मिलते ही सिवान लोकसभा क्षेत्र में सांसद के समर्थकों में रोष की लहर फैल गई। उल्लेखनीय है कि सांसद ओमप्रकाश यादव अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने निर्दल प्रत्याशी के रूप में पिछले चुनाव जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी को पिछले चुनाव में भारी मतों से सिवान सीट जीत ली थी। सांसद यादव इन दिनों अपने क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मोरचा खोले हुए हैं। अंदेशा जताया जा रहा है, परेशान भ्रष्टाचारियों के गुर्गों ने ही गुमनाम तरीके से धमकी देने की जुर्रत की है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को दबोच लिया जाएगा।

ब्रिटेन में त्रिशंकु संसद की संभावना


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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन और टोरी दल के उनके प्रतिद्वंद्वी डेविड कैमरून के बीच टेलीविजन पर एक अहम चर्चा होने से एक दिन पहले एक नये सर्वेक्षण में संकेत मिले हैं कि कंजरवेटिव दल की बढ़त में तीन बिंदुओं की कमी आ सकती है और इससे ऐसा प्रतीत होता है कि देश में त्रिशंकु संसद होगी। ‘द टाइम्स’ के नये ‘पॉपुलस पोल’ में खुलासा हुआ है कि अब तक हुए प्रचार को लेकर मतदाताओं में गहरी अरूचि नजर आयी है और चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों के बारे में लोगों के बीच अत्यधिक संशय है। अखबार के मुताबिक, अधिकतर मतदाता अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि टोरी या लेबर पार्टी को स्पष्ट जीत मिलने के बजाय त्रिशुंक संसद होगी। पिछले सप्ताह कंजरवेटिव दल को मिल रहे जनता के समर्थन का आंकड़ा जहां 36 फीसदी था, वहीं अब इसमें तीन फीसदी की कमी आ गयी है। लेबर पार्टी को मिल रहे समर्थन के आंकड़े में एक फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, लिबरल डेमोक्रेट्स के आंकड़ों में कोई फेरबदल नहीं हुआ है और यह दल 21 फीसदी पर बना हुआ है।

ममता बोलीं: 'माओवादी बताकर मार रही माकपा'


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कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम पर बरसते हुए कहा है कि माकपा ने पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में माओवाद निरोधी संयुक्त अभियान को अगवा कर लिया है और वह इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने माओवादियों के खिलाफ संयुक्त बलों के अभियान पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि यह लोगों के खिलाफ अभियान है क्योंकि वहां कोई माओवादी नहीं है। ममता ने सवाल किया कि क्या चिदंबरम को पता है कि अपने कैडरों को आधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण देने के लिए माकपा जिला में करीब 200 शिविर चला रही है। चिदंबरम बाबू से मेरा सवाल है कि क्या आपने माकपा को ऐसे शिविर स्थापित करने की अनुमति दी है? क्या यह आपकी जानकारी में है और आपने क्या किया है? चिदंबरम को जवाब देना चाहिए। उन्होंने चिदंबरम से सवाल किया है कि संयुक्त अभियान के नाम पर क्या हो रहा है। यह लोगों के खिलाफ आंदोलन है। यह माओवादियों के खिलाफ अभियान नहीं है। वहां कोई माओवादी नहीं है। माकपा लोगों की हत्या कर शवों के पास माओवादी झंडे छोड़ देती है।

कटौती पर संसद-संग्राम आज से, भाजपा का ह्विप



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आज से शुरू हो रही संसद में सरकार को घेरने की कवायद में भाजपा नेतृत्व वाले राजग ने बढ़ी कीमतों को वापस लेने के लिए कटौती प्रस्तावों पर अन्य दलों से तालमेल और अपने सासंदों को व्हिप जारी करने का भी निर्णय किया है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रणव मुखर्जी और एके एंटनी के साथ गुरुवार की संसद की रणनीति बनाई।
राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में इस गठबंधन के सांसदों की दिल्ली में हुई एक बैठक में निर्णय किया गया कि गुरुवार को पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित करके दंतेवाड़ा हत्याकांड पर सरकार से बयान देने और उस पर बहस कराने की मांग की जाएगी। बैठक के बाद राज्यसभा में भाजपा के उप नेता एस.एस. आहलूवालिया ने चेतावनी दी है कि सरकार अगर इसके लिए राज़ी नहीं हुई तो संसद की कार्रवाई चलनी मुश्किल होगी। लोकसभा में कटौती प्रस्तावा पारित कराने के लिए राजग अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी करेगा। सभी कटौती प्रस्ताव मंहगाई से जुड़े होंगे, जिनसे आम जनता और राष्ट्र के हित प्रभावित हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की पूर्व संध्या पर वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी और रक्षामंत्री एके एंटनी के साथ बैठक की। इन नेताओं ने संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर अपनाई जाने वाली रणनीति पर विचार विमर्श किया। इस सत्र के दौरान मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और वाम मोर्चा द्वारा मूल्य वृद्धि पर कटौती प्रस्ताव पेश किए जाने की पूरी संभावना है। सूत्रों के अनुसार श्रीमती गांधी ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ विदेश राज्य मंत्री शशि थरुर के आईपीएल की कोच्चि टीम में अपनी कथित महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को हिस्सेदारी दिलवाने पर उठे विवादों के बारे में भी चर्चा की। थरूर भाजपा और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना का शिकार बने है क्योंकि कोच्चि की आईपीएल टीम में उनकी मित्र सुनंदा पुष्कर को करीब 70 करोड़ रुपये मुफ्त इक्विटी मिली है। कांग्रेस प्रवक्ता जर्नादन द्विवेदी ने कहा कि इस संबंध में सभी तथ्यों को देखने के बाद ही कोई राय अथवा रुख बनाया जाएगा। 15 अप्रैल से शुरू हो रहा आम बजट का शेष संसद-सत्र कई और दुश्वारियां लेकर आ रहा है। लगभग एक दर्जन गैर-राजग और गैर-संप्रग दल तो संसद में कटौती प्रस्ताव लाने पर एका बना ही चुके हैं, भाजपा ने भी ऐलान कर रखा है। कुल मिलाकर तस्वीर फरवरी में आम बजट संसद पटल पर रखे जाने जैसी पहले से तैयार है। भाजपा ने कहा है कि पार्टी संसद में सरकार के आम बजट पर कटौती प्रस्ताव लाने पर दृढ़ है। पार्टी इस संबंध में वह अन्य दलों के साथ सदन में सामंजस्य स्थापित करेगी। इस विषय पर अन्य दल भी कटौती प्रस्ताव रख सकते हैं और यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। वाम दलों की ओर से भी कटौती प्रस्ताव पेश किये जाने के बारे में पूछे गए प्रश्न पर कहा गया है कि अगर एक ही विषय पर अलग अलग दल कटौती प्रस्ताव पेश करते हैं तो भाजपा इस विषय पर सदन में अन्य पार्टियों से सामंजस्य स्थापित करेगी और अन्य दलों का भी समर्थन करेगी। हम इस विषय पर सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे। परमाणु दायित्व विधेयक पर एक प्रश्न के उत्तर में भाजपा कह चुकी है कि हम परमाणु दायित्व विधेयक के वर्तमान प्रावधानों से सहमत नहीं हैं। हम परमाणु आपदा का भार आम जनता पर डालने के पूरी तरह से खिलाफ हैं और इसलिए 500 करोड़ रूपये की आपदा जोखिम राशि की बाध्यता से सहमत नहीं हैं। हम चाहते हैं कि सरकार इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट करे। उधर विपक्षी दल आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को रोकने में सरकार की ‘विफलता’ के खिलाफ अप्रैल के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने यानी भारत बंद पर विचार कर चुके हैं। कटौती प्रस्ताव सरकार के लिए लोकसभा में शक्ति परीक्षण हो सकता है। यदि प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तो यह वित्त मुद्दे पर सरकार की हार होगी और उसे इस्तीफा देना पड़ेगा। बजट सत्र का दूसरा चरण दंतेवाड़ा नरसंहार की छाया के बीच 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जिसने माओवादी समस्या को लेकर अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी और गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने इस्तीफे की पेशकश तक कर डाली। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वाम दल ऐसी नीति पर काम कर रहे हैं, जिससे भाजपा सहित समूचा विपक्ष एकल कटौती प्रस्ताव पर मतदान कर सके। भाकपा महासचिव ए.बी. बर्धन कहते हैं कि हालांकि प्रत्येक दल वित्त विधेयक पर कटौती प्रस्ताव लाने की सोच रहा है, लेकिन हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पूरे विपक्ष के सभी सांसद एकजुट होकर एकल कटौती प्रस्ताव पर मतदान करें। राज्य सभा में भाजपा के उपनेता एस एस अहलुवालिया कहते हैं कि डीजल के शुल्क में वृद्धि. उर्वरक के दाम में बढोतरी और किस्तों पर मकान खरीदनेवालों को सर्विस टैक्स के दायरे में लाने जैसे कई मुद्दों पर कटौती प्रस्ताव लाएंगे। अगर कोई सरकारी प्रावधान जनविरोधी होगा और किसी भी दल के कटौती प्रस्ताव पर सहमति बनती है तो सरकार हारेगी। यह तो सरकार को तय करना है कि वह क्या चाहती है। राजनीतिक दल के संसदीय दल में चर्चा के बाद ही किसी कटौती प्रस्ताव पर सहमति बनती है। अब तक हर दल इस परंपरा का पालन करता रहा हैं और हम कोई नई परंपरा नही डालने जा रहे हैं। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद से ही विपक्ष महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की ताक में है। विपक्ष पहले लोकसभा में विपक्ष कामरोको प्रस्ताव के तहत ही चर्चा करना चाहता था, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। फिर लोकसभा में हंगामा, बहिष्कार का दौर चलता रहा था। राज्यसभा में विपक्ष की मांग पर प्रश्नकाल स्थगित करके महंगाई पर चर्चा कराने की बात तय हुई थी। महंगाई पर विपक्ष के तीखे तेवरों को देखते हुए संसद परिसर में पत्रकारों के एक सवाल के जबाव में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि विपक्ष दल सदन की कार्यवाही चलने दें, संसदीय प्रक्रिया में बाधा न पहुंचाएं। अब फिर उन्हीं मुश्किलों के बीच गुरुवार से संसद शुरू हो रही है।