Saturday, May 8, 2010
मुख्यमंत्री को धमकी, उपमुख्यमंत्री बाल-बाल बचे
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दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार शनिवार को एक बड़े हादसे के शिकार होने से बाल-बाल बच गए। दरअसल सुशील कुमार मोदी और प्रेम कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नार्थ इस्ट ट्रेन से पटना से कटिहार जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार दिल्ली में पुलिस कंट्रोल रूम में एक धमकी भरा कॉल आया, जिसके बाद शीला की सुरक्षा में लगे अधिकारियों के होश उड़ गए। बाद में सीएम ऑफिस ने इस धमकी की पुष्टि भी कर दी है। चूंकि यह मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ है इसलिए सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही नहीं बरती जा रही है और सीएम की सुरक्षा चाकचौबंद कर दी गई है। पुलिस धमकी भरे कॉल की जांच करने में जुट गई है लेकिन अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह कॉल कहां से आया था। कॉल गुरुवार देर रात को आया था। धमकी देने वाले ने सीएम को 72 घंटे में जान से मारने की धमकी दी थी। सीएम कार्यालय इस मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए धमकी की जांच स्पेशल सेल को सौंप दिया है। साथ ही शीला दीक्षित के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उनके आवास पर हर आने-जाने वालों की गहन तलाशी ली जा रही है। शीला का कहना है कि वह ऐसे धमकी से नहीं डरतीं। ऐसे कॉल तो आते ही रहते हैं। उधर
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार शनिवार को एक बड़े हादसे के शिकार होने से बाल-बाल बच गए। मोदी और प्रेम कुमार एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नार्थ इस्ट ट्रेन से पटना से कटिहार जा रहे थे। उनकी ट्रेन गुजरने के ठीक 6 मीनट बाद कटिहार-बखरी आउटर रेलवे ट्रैक पर नक्सलियों द्वारा रखा गया एक बम विस्फोट हुआ। जिसकी वजह से रेलवे पटरी उखड़ गई। घटना सुबह 6 बजे हुई। घटना की सूचना उप-मुख्यमंत्री को कटिहार पहुंचे पर मिली। पथ निर्माण मंत्री प्रेम कुमार ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि उनके ट्रेन के गुजरने के थो़ड़ी देर बाद यह हादसा हुआ है। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि शायद उप-मुख्यमंत्री और उन्हें ही निशाना बनाने के लिए यह विस्फाट किया गया था।
झारखंड में भाजपा सरकार
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झारखंड में पिछले एक पखवाड़े से जारी गतिरोध को समाप्त करते हुए झामुमो और आजसु ने शेष साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के लिए आज राज्य में भाजपा के नेतृत्व में सरकार को समर्थन देने की घोषणा की। इस आशय के निर्णय पर आज भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, पार्टी महासचिव अनंत कुमार, झारखंड के उपमुख्यमंत्री रघुवर दास, झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन और आजसु के अध्यक्ष सुदेश महतो के बीच हुई बैठक के दौरान सहमति बनी। सोमवार को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री के नाम को अंतिम रूप दिया जायेगा। झारखंड में झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा नेताओं के साथ हमारी लाभप्रद चर्चा हुई। हम भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का झारखंड में समर्थन करेंगे। राज्य को राष्ट्रपति शासन से बचाने के लिए यह निर्णय किया गया है। भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने जोर देकर कहा कि बातचीत खुशनुमा माहौल में समाप्त हुई। झारखंड में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का गठन होगा। हम राज्य को कांग्रेस के कुशासन से बचाना चाहते हैं। राज्य के विकास को ध्यान में रखने वाली एक स्थायी सरकार का गठन होगा। हमने निर्णय किया है कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। यह निर्णय विधानसभा की पूरी अवधि के लिए किया गया है। इस संदर्भ में एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम को शीघ्र अंतिम रूप दिया जायेगा। इस मामले में गडकरी एक पर्यवेक्षक को रांची भेज रहे हैं।
सांसद प्रभात झा मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष निर्वाचित
राज्यसभा सदस्य प्रभात झा को मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं म.प्र भाजपा चुनाव पर्यवेक्षक कलराज मिश्र ने भोपाल में झा के निर्वाचन की घोषणा की। मिश्रा ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिये एक मात्र प्रभात झा का नामांकन ही प्राप्त हुआ था। झा की ओर से नामांकन पत्र के चार सेट प्राप्त हुए जिनमें प्रत्येक सेट में दस-दस सदस्यों द्वारा उनके नाम का समर्थन किया गया था। उनके समर्थकों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा शामिल हैं। मिश्रा ने झा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा करते हुए बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय परिषद के 29 सदस्यों के लिये 31 नामांकन पत्र भी प्राप्त हुए जिनकी छानबीन का काम जारी है तथा इनके निर्वाचन की घोषणा भी आज ही कर दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, सुंदरलाल पटवा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, प्रहलाद पटेल, निवर्तमान अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्र, अनूप मिश्रा, अजय विश्नोई सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अमर सिंह ने लिखा रामगोपाल चालीसा
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अमर सिंह किसी भी दिन मुलायम सिंह और उनके परिवार के बारे में कुछ न कहें, या न लिखें, भला ये कैसे हो सकता है! ले-देकर उनका एकसूत्री एजेंडा रह गया है सपा चालीसा। सो दनादन चल रहा है। अपनी ताजा पोस्ट में उन्होंने राज्यसभा के आखिरी दिन का रामगोपाल चालीसा-पाठ किया है। पोस्ट का शीर्षक है- राज्य सभा में अंतिम दिन।
आगे वह लिखते हैं कि-
" आज राज्यसभा का अंतिम दिन और मेरे कई पुराने साथियों के छः वर्षों के कार्यकाल का भी अंतिम दिन था. इस पूरे बजट सत्र में आज मेरा पहला दिन था. समाजवादी दल के नए दूल्हे रामगोपाल का पूरा जलवा दिख रहा था. हर विदा ले रहा समाजवादी सांसद रामगोपाल की चालीसा पढ़ रहा था. जनेश्वर जी की कुर्सी पर आखरी दिन बहैसियत नेता बने बैठे बृजभूषण तिवारी जी का कोई नाम लेवा ना था. कल मुलायम सिंह जी प्रणव मुखर्जी से मिले थे. अफवाह है रामगोपाल और अखिलेश, भाई और बेटा दोनों ही ममता बनर्जी की विदाई के हाल में यूं.पी.ए. मंत्रिमंडल के नए चेहरे बनेगे. बेचारी बहनजी, प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाने के लिए मतदान दिया, सपा ने नहीं दिया; वामपंथियों को वादा देकर भले मुकरे हों, पर कट मोशन में भाग लिए, निश्चित वोट तो अबकी फिर मायावती जी ने ही यूं.पी.ए. को दिया. भाई, बेटे अगर मंत्री बने तो २०१२ के कांग्रेसी सपने का क्या होगा? हमारे जैसे आहत और घायल समाजवादी सैनिकों को मजबूरन ना चाहते हुए भी कोई दूसरा भयंकर विकल्प तलाशना होगा. सपा के मंत्रिमंडल में आते ही इस बात की क्या गारंटी कि भारतीय राजनीति की दो दुरूह महिला नेत्रियाँ माया-ममता इकट्ठी ना हो जाएँ. सत्ता के संतुलन में माया-मुलायम दोनों एक दूसरे को केन्द्रीय सत्ता के लड्डू से दूर रखने के लिए कांग्रेस का समर्थन करने को विवश है. लालू जी को चारा और नेता जी आय से अधिक संपत्ति का घोटाला भूत बन कर सता रहा है. कुछ करें या ना करें सबको बातों में उलझा कर रखें और १०१२ में खाली मैदान में राहुल गांधी के नेतृत्व में सत्ता का गोल, कम से कम योजना बनाई जाए तो मुलायम जी के साथी बराती सपाई सांसद ही करा देंगे. प्रणव दा के कमरे में प्रवेश करते ही कोची सूचना मिल गई. आदरणीय नेता जी आपके गैर कांग्रेसवाद की अब हवा क्यों निकल गई. जिस सपा ने संसद में अमर सिंह, अनिल अम्बानी, संजय डालमिया को सांसद बनाया, अतीक और अफजाल को लोकसभा भेजा, आज उसी के अवकाश ले रहे सांसद नंदकिशोर यादव पूंजीपति और अपराधी संसद में ना आयें. इसके रोकथाम के कानून की बात मनमोहन सिंह जी को गुहार लगाते हुए कह रहे थे. कथनी करनी का क्या भयंकर भेद. किसको मूर्ख बना रहे है,
“वो वक्त भी देखा है तारीख की आँखों ने,
लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई.” ..........."
सांसद ललन को मालूम है, नीतीश के पेट में कितने दांत!
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बिहार के जमुई स्थित स्टेडियम मैदान में बांका के सांसद दिग्विजय सिंह ने किसान महापंचायत तैयारी समिति द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बंटाईदारी कानून को लेकर पूरे बिहार में संशय की स्थिति है। आज सरहद की हिफाजत करने वाले भी चिंतित हैं कि हमारी जमीन छिना जा रहा है। ऐसी स्थिति में देश की अखंडता कैसी बरकरार रह पायेगी। सूबे की सरकार जाति में जाति खोज रही है। बिहार की अजीब स्थिति हो चली है। जिस राज्य में एक सूई का कारखाना नहीं लगा हो, उसका मुख्यमंत्री उद्योग रत्न लेने जाता है। आगामी नौ मई को पटना में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचने का लोगों से आह्वान करते हुए सांसद ने कहा कि चुनौती जनता के सामने है। जनता का दायित्व है कि उजड़े हुए बिहार को संवारे। मुंगेर सांसद ललन सिंह ने कहा कि किसान-बंटाईदार में लड़ाई लगाकर नीतीश कुमार समाज को तोड़ना चाहते हैं। इस पाप का जब उन्हें पता चला तो उन्होंने साथ छोड़ दिया। इस कानून में न तो किसान न ही बंटाईदारों को लाभ है। अगर सरकार की मंशा साफ है तो इस अनुशंसा को रद करे। नीतीश कुमार के साथ रहे दिनों का हवाला देते हुए श्री सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के पेट में कौन-कौन सी जगह दांत है, हमें मालूम है, इसकी हम सर्जरी कर देंगे। मुख्यमंत्री अगर वेश बदलकर थाने जायें तो बिना घूंस लिये उनका भी मामला दर्ज नहीं होगा। उन्होंने उपस्थित समूह को सचेत करते हुए कहा कि दूसरा लालू पैदा हो रहा है। लालू व नीतीश एक ही संस्कृति के हैं।
ए. राजा की अंतरात्मा साफ है??
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कथित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के संसद तक गूंज लेने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ए राजा कहते हैं कि इस मुद्दे पर मेरी अंतरात्मा साफ है। इतना नहीं, वे यहां तक कह जाते हैं कि वह सिर्फ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एम करुणानिधि के प्रति जवाबदेह हैं। लोकतांत्रिक देश में एक सांसद और केंद्रीय मंत्री के इस कथन के भला क्या मायने हो सकते हैं!
पहला मायने यानी पहला प्रश्नः
क्या ए राजा जनता के प्रति जवाब देह नहीं हैं?
दूसरा मायने (प्रश्ऩ)
क्या ए राजा संसद में विपक्ष के प्रति जवाबदेह नहीं हैं?
तीसरा मायने (प्रश्न)
क्या ए राजा उस विभाग के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं, जिसके मंत्रालय (दूर संचार) की बागडोर उनके हाथ में है?
जब हम इस तरह के सवालों पर नजर दौड़ाते हुए ए राजा के चेन्नई में दिए गए ताजा बयान की गहराइयों में जाते हैं तो साफ-साफ सुनाई देता है कि जोड़-गांठ (संप्रग गठबंधन) कर कुर्सी पर सवार हो लेने के बाद हमारे मंत्री कितने बेलगाम और दबंगों की भाषा बोलने लगते हैं। जबकि ऐसे लोगों को देश के भाग्यनिर्माता का ओहदा मिला हुआ है। ए राजा कोई नई बात नहीं कर रहे। ज्यादातर मंत्रियों की कुंडली खंगालें तो इसी तरह की बातें प्रतिध्वनित होती हैं। जनभाषा में ए राजा के कथन का निहितार्थ लें तो डंके की चोट पर एक मंत्री की गर्वोन्नति देश को अचंभित करने वाली लगती है। ए राजा कहते हैं कि वह सिर्फ करुणानिधि और मनमोहन सिंह के प्रति जवाबदेह हैं। करुणानिधि के प्रति इसलिए जिम्मेदार हैं कि उन्होंने मंत्री की कुर्सी दिलवाई है और मनमोहन सिंह के प्रति इसलिए जिम्मेदार हैं कि हल्का सा हया का पर्दा रखना जरूरी है। हकीकत में तो उनकी गर्वोन्नति से लगता है कि वह पीएम के प्रति जो जवाबदेही की बात करते हैं, कोरी बकवास है। वह पीएम का भी लिहाज नहीं कर रहे हैं। पिछले दिनो वह ऐसा साफ-साफ कह भी चुके हैं। उनके कहने का मतलब साफ है कि वे संप्रग गठबंधन के मंत्री हैं और गठबंधन में उनकी पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण है। वह उसके बूते ही मंत्री की कुर्सी पर बैठे हैं। और जब तक द्रमुक अध्यक्ष उनसे कुछ नहीं कहते, तब तक वह किसी के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं। द्रमुक अध्यक्ष का मतलब सिर्फ करुणानिधि नहीं, ए राजा का वह देश है, जो उनके अनुसार सिर्फ करुणानिधि के बूते चल रहा है।
अपने ताजा बयान में ए राजा आगे कहते हैं कि ‘मैं, मेरे प्रधानमंत्री और मेरे नेता करुणानिधि के प्रति जवाबदेह हूं। मेरी अंतरात्मा साफ है। मुझे 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में कुछ नहीं कहना। दिल्ली में अपने हालिया दौरे में करुणानिधि ने मजबूती से राजा का बचाव करते हुए कहा था कि प्रभावशाली शक्तियां उनके (राजा के) खिलाफ द्वेषपूर्ण आरोप लगा रही हैं क्योंकि वह दलित हैं। सवाल उठता है कि करुणानिधि भी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में पार्टी की ओर से कोई तथ्यपरक बात कहने की बजाय दलित होने की दुहाई क्यों देते हैं? क्या किसी के दलित होने का यही मतलब होता है कि वह सिर्फ करुणानिधि के प्रति जिम्मेदार होगा, सिर्फ कथित तौर पर पीएम के प्रति जिम्मेदार होगा, वह देश के प्रति, उस सदन के प्रति जिम्मेदार नहीं होगा, जिसके लिए वह और राज्य के नियम-कानून जिम्मेदार हैं। क्या ए राजा देश की विधायिका, कानून व्यवस्था से भी ऊपर हैं? यदि हैं तो इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान के लिए पड़ने वाली ऐसी परिपाटी के लिए सबसे ज्यादा दोषी संप्रग मुखिया सोनिया गांधी और देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को माना जा सकता है। संप्रग की मुश्किल ये है कि एक-एक कर उसके मंत्री निशाने पर आते जा रहे हैं। संसद में विपक्ष के हमलों से बचने के लिए उसे कभी दूसरी दलित नेता उन मायावती से कटौती प्रस्ताव पर मदद लेनी पड़ती है, जिन पर कुछ ही दिन पहले कांग्रेस माला प्रकरण पर निशानेबाजी करती दिखती है। वह पार्टी कटौती प्रस्ताव पर बसपा को गले लगा लेती है, जिसके युवराज बसपा के खिलाफ उत्तर प्रदेश की जनता (दलितों) को जगाने के अभियान पर निकल पड़ते हैं। ये सब क्या हो रहा है! यदि कांग्रेस को लगता है कि जनता ये सब नहीं समझ रही है तो ये उसकी बहुत बड़ी नासमझी हो सकती है। जब अपने पहले कार्यकाल में ए राजा ने अपनी करतूतों से एहसास करा दिया था कि पुनः वही कुर्सी उन्हें देने से पूर्व की कड़ी में कुछ और अवांछित अध्याय जुड़ जाने लाजिमी हैं, फिर उन्हें वह विभाग जानबूझ कर क्यों सौंपा गया? यदि ऐसा करना संप्रग सुप्रीमो सोनिया गांधी की मजबूरी थी तो उससे देश या विपक्ष को क्या लेना-देना? ऐसी ही नासमझियां कभी देश को इमेरजेंसी के दहाने तक ले गई थीं। ऐसी ही नासमझियां देश में बार-बार कांग्रेस का तख्ता पलट चुकी हैं। ऐसी ही नासमझियों ने राजग को भी बता दिया था कि ज्यादा मंदिर-मंदिर न चिल्लाएं, मंदिर से पेट नहीं भरता है, इसलिए राज्य की बागडोर हाथ में थामे हैं तो लोकतांत्रिक देश की जनता के हितों की बात करें। जनता के कहने का मतलब ये है कि न तो ए राजा, न उनके नेता करुणानिधि, न मनमोहन सिंह, न उनकी नेता सोनिया गांधी इस देश की खुदा हैं, जो इस तरह डंके की चोट पर हैरतअंगेज किस्म के बयानों से डराने की कोशिश करें। जनता की दिक्कत सिर्फ ये है कि वह करुणानिधि को झटकने के बाद जय ललिता की चौखट पर खड़ा होने को मजबूर हो जाती है और जय ललिता ने जिस तरह का यश कमाया है, वह भी लोकतांत्रिक देश के सबसे शर्मनाक वाकयों में से एक है।
यहां उल्लेखनीय है कि भाजपा, माकपा और अन्नाद्रमुक समेत विपक्षी दलों ने राजा के इस्तीफा की मांग करते हुए उन पर निशाना साध रखा है। ऐसे ही प्रहारों से घिरकर शशि थरूर से इस्तीफा लिया जा चुका है। ऐसे ही आरोपों से घिरकर केंद्रीय कृषि मंत्री और उड्डयन मंत्री तक सवालों की जद में आ चुके हैं। अब ए राजा निशाने पर हैं। इससे कांग्रेस की किरकिरी हो रही है। जब कर्म ऐसे हैं तो किरकिरी तो होगी ही, क्योंकि यह देश या इस देश का लोकतंत्र न तो इंदिरा गांधी की इमेरजेंसी की वंदना करने के लिए बना था, न मौजूदा सरकार के मंत्रालय संभाल रहे सोनिया-मनमोहन के सिपहसालारों के भ्रष्टाचार भोगने की करतूतों को वंदनीय मान कर चुप रह लेगा। यदि इस देश के विपक्ष में दम है तो सरकार को ए राजा पर उठे सवालों का जवाब देना ही होगा। यदि ऐसा नहीं तो देश में इतना दम है कि वह चार साल और झेलते हुए ए राजा समेत पूरे संप्रग गुट आने वाले चुनावों में इसका इकट्ठा जवाब दे डाले!! ए राजा या मायावती को सिर्फ दलित होने के नाते कुछ भी करने की छूट नहीं मिल जाती। देश, राज्य, मंत्रालय, देश का कोष, सब कुछ जनता का है, ए राजा या करुणानिधि या मायावती या संप्रग या सोनिया गांधी या किसी भी पक्ष-विपक्ष की पुश्तैनी जायदाद नहीं।
Friday, May 7, 2010
सांसदों की एक और बल्ले-बल्ले
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जैसीकि रघुकुली रीति सदा चलि आई है....संसद के भीतर या बाहर जनहित की कम, अपने हित की बातें ज्यादा हो रही हैं। मसलन, सांसद जी की तनख्वाह बढ़ी की नहीं बढ़ी, सांसद निधि पर कोर्ट ने क्या फैसला दिया, केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए सांसद कोटा बहाल हुआ या नहीं हुआ आदि-आदि। तो सुनने में आ रहा है कि सब OK-ok चल रहा है। सांसद निधि पर कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। तनख्वाह पर प्रणब मुखर्जी विचार करने का मुलायम सिंह को आश्वासन दे चुके हैं और केंद्रीय विद्यालयों में कोटा बहाली भी बल्ले-बल्ले।
केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय विद्यालयों में छात्रों के प्रवेश के लिए सांसद कोटा बहाल करने का फैसला किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में प्रश्नोत्तर काल में बताया है कि संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य अब फिर दो-दो छात्रों के नामांकन की सिफारिश कर सकेंगे। सिब्बल ने कांग्रेस के पी.जे. कुरियन के एक सवाल पर कहा है कि दोनों सदनों के सदस्यों की मांगों को देखते हुए उन्होंने गुरूवार को ही केन्द्रीय विद्यालय संगठन की एक बैठक में सांसद कोटा बहाल करने का फैसला किया। हालांकि, सिब्बल ने खुद मानव संसाधन मंत्री तथा सांसद के तौर पर भी छात्रों के प्रवेश के लिए नामांकन का अपना कोटा छोड़ने का निर्णय लिया है। हाल ही में समाप्त किए गए इस कोटे की बहाली की घोषणा का सभी दलों के सदस्यों ने स्वागत किया।
सांसद अमर का अब तक का सबसे रोमांचक चिट्ठा
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ठाकुर अमर सिंह लिखते हैं..........
डिम्पल, मै और हमारी फिल्मः आज “मुंबई मिट्टई” के सेट पर डिम्पल को और मुझे एक प्रेम गीत युगल दंपत्ति के रूप में गाना था. कोरियोग्राफर ने गीत के फिल्मांकन की कुछ विचित्र मुद्राएँ बताई तो हम एक दूसरे को देखने लगे. मैने डिम्पल से कहा कि छात्र जीवन में सत्तर के दशक में जब आप “बाबी” थी तो यह मुद्राए उचित थी, अब आप बाबी से दादी हो चुकी है, यह अलग बात है कि ५२ वर्ष की आयु में भी आप ४२ से अधिक की नहीं लगती. पूरे केरल में हमारे काम और उपस्थिति की भारी चर्चा है. केरल फिल्मों के बेताज बादशाह मामूटी का चैनल और दूसरे कई चैनल पागलो की तरह हमारी शूटिंग के छायांकन के पीछे पड़े हुए है. मेरे पुराने मित्र और भाई की तरह निकट प्रदेश कांग्रेस केरल के अध्यक्ष श्री रमेश चेनीकेला ख़ास मुझसे मिलने फिल्म के सेट पर आए. लो शुरू हो गया आंकलन, गए, गए, गए, अमर सिंह कांग्रेस में गए. लोगों को और ख़ास तौर से मेरी पुरानी पार्टी को मेरे आने जाने पर बड़ी नज़र है. भाई मै तो यही कहूंगा, “हम किसी और के हो जाएँ तो उलझन कैसी, तुमने जो जख्म दिए है, उन्हें भरना भी तो है.” अभी-अभी डिम्पल चली गयी. मुलायम सिंह ने समाजवादी डान बन कर अपने भाई रामगोपाल को मेरे सियासी क़त्ल का हुक्म दिया था. अभी तक मेरा सियासी क़त्ल हुआ या नहीं ये तो उत्तर प्रदेश की जनता को २०१२ में तय करना है लेकिन अब से आधे घंटे के अन्दर फिल्म में मेरा क़त्ल ज़रूर हो जाएगा. बाकी फिर, अब मै अपने फ़िल्मी कातिलो से क़त्ल होने जा रहा हूँ.
(अमर सिंह के ब्लॉग से साभार)
90 सांसद हार के कगार पर
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ब्रिटेन में लेबर पार्टी के लगभग 90 सांसद हार के कगार पर हैं। प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन ने कहा कि वह ब्रिटेन की 'मजबूत, स्थिर और सैद्धांतिक सरकार' में भूमिका निभाना चाहते थे। लेबर पार्टी के रणनीतिकारों ने कहा कि पार्टी गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेगी, लेकिन कंजरवेटिव नेता विलियम हाग ने कहा कि ब्राउन का लिबरल डेमोक्रेट्स के साथ कोई भी समझौता 'राजनीति का सबसे शर्मनाक पहलू' होगा। देश में जैसे-जैसे चुनाव परिणाम आ रहे हैं, सत्ता में परिवर्तन की संभावना बढ़ती जा रही है। वर्ष 2010 के आम चुनाव के लिए अब तक घोषित 325 सीटों में से 163 पर कंजरवेटिव ने जीत हासिल कर ली है और इस तरह पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है। लेबर पार्टी को अबतक 123 सीटों पर जीत हासिल हुई है। हाउस आफ कामंस में इस बार भारतीय मूल की एक महिला भी कदम रखने जा रही है। कंजरवेटिव पार्टी की प्रत्याशी प्रीति पटेल ने विथैम सीट से जीत हासिल की है। प्रीति यह उपलब्धि हासिल करने वाली महिला बन गईं हैं। कुल 649 में से 325 सीटों के परिणाम आने के बाद लिबरल डेमोक्रेट के खेमे में निराशा छा रही है, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के नेता निक क्लेग की खासी लोकप्रियता के बाद भी पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ है। कंजरवेटिव नेता डेविड कैमरुन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लेबर सरकार ने शासन करने का अपना अधिकार खो दिया है।
Thursday, May 6, 2010
लोकसभा में भाजपा ने लालू से मांगी माफी
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लोकसभा में कल जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के दौरान राजद के लालू प्रसाद के खिलाफ भाजपा सदस्य अनंत कुमार की आपत्तिजनक टिप्पणी पर भाजपा ने आज उनसे माफी मांग ली जिसके बाद सदन सुचारू रूप से चल पड़ा। कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि कल मेरे एक साथी की तरफ से लालू जी के प्रति कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। मैंने कार्यवाही की रपट मंगा कर देखी है और जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया, मैं उसकी पृष्ठभूमि में नहीं जाना चाहती।’’ उन्होंने कहा कि मैं बिना किसी किंतु..परंतु के उस शब्द के लिए उनसे माफी मांगती हूं। इस पर लालू प्रसाद ने कहा कि माफ कर देता हूं लेकिन उनसे कहिए कि आगे ऐसा नहीं करें। इसके बाद सुषमा ने चुटकी लेते हुए कहा कि.....और कल जिस तरह से लालू भाई उत्तेजना में आगे बढ़ रहे थे, उसके लिए भी मैं लालू जी की ओर से क्षमा याचना करती हूं। उल्लेखनीय है कि जब जनगणना के मुद्दे पर कल चर्चा के दौरान भाजपा नेता अनंत कुमार की ओर से अवैध आप्रवासियों का मुद्दा उठाए जाने पर लालू प्रसाद ने बार-बार आपत्ति जतायी तो भाजपा सदस्य ने राजद प्रमुख से स्पष्ट करने को कहा कि आप भारत के साथ हैं या पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ। इसके बाद अनंत कुमार ने लालू पर आरोप लगाते हुए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसका लालू सहित कई दलों के सदस्यों ने कड़ा प्रतिवाद किया था। सपा, राजद, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेसी सदस्यों द्वारा अनंत कुमार से माफी मांगे जाने की मांग करने पर भाजपा नेता ने कहा था कि ‘गद्दार और देशद्रोही’ शब्द असंसदीय नहीं हैं। इस पर इन दलों के नेताओं का कहना था कि ये शब्द असंसदीय भले ही न हों लेकिन इनका इस्तेमाल एक सदस्य के लिए किया गया है। बाद में संसद की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था। साइबर हमलों की जांच : केंद्र सरकार ने आज कहा कि विरोधियों द्वारा किए जा रहे साइबर हमलों की जांच एक एजेंसी द्वारा की जा रही है और ऐसे हमलों तथा हैकिंग के प्रयासों का पता लगाने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। सूचना और आईटी राज्य मंत्री सचिन पायलट ने के वीपी रामचंद्र राव के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मीडिया में खबरें आने से पहले ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जांच से खतरों पर कार्रवाई करने के विषय पर एक व्यापक दृष्टिकोण तैयार किया जाएगा। पायलट ने कहा कि ऐसे हमलों तथा हैकिंग के प्रयासों का पता लगाने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार को मंक स्कूल आफ ग्लोबल अफेयर्स, टोरंटो यूनिवर्सिटी, कनाडा के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट ‘‘ शैडोज इन दि क्लाउड .. इंवेस्टिगेटिंग साइबर एसपियोनेज 2 ’’ की जानकारी है। मंत्री ने मनोहर जोशी के एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में कहा कि देश में प्रचलित साइबर नेटवर्क में सेंध लगाने के समय समय पर प्रयास किए गए हैं। इस नेटवर्क में सरकारी नेटवर्क शामिल है। रेलवे का 24 घंटे का रेल सुरक्षा हेल्पलाइन सरकार ने आज बताया कि रेलवे की 24 घंटे की रेल सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू करने की योजना है। रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने कहा ‘‘रेल बजट 2010.11 में यात्रियों के लिए 24 घंटे की रेल सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।’’ लोकसभा में ई जी सुगावानम के प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने कहा ‘‘ इस उद्देश्य की तकनीकी जरूरतों को आकलन कर लिया गया है और इसे अंतिम रूप दिये जाने के बाद शुरू कर दिया जायेगा।’’ रेल मंत्रालय योजना आयोग की स्वतंत्र नियामक गठित करने की सिफारिश से सहमत नहीं है। रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने कहा कि योजना आयोग ने रेलवे किराये को युक्तिसंगत बनाने के लिए रेल शुल्क नियामक प्राधिकार के गठन की सिफारिश की थी। उन्होंने के नारनभाई और नीरज शेखर के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि मंत्रालय योजना आयोग की सिफारिश से सहमत नहीं है। सरकार ने आज माना कि टिकट परीक्षकों : टीटीई : द्वारा बिना टिकट यात्रा करने वाले रेल यात्रियों से बिना कोई रसीद दिये अवैध रूप से धन वसूलने के कुछ मामले प्रकाश में आये हैं। रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने लोकसभा को बताया कि बिना टिकट यात्रियों पर नियमों के अनुसार टीटीई द्वारा जुर्माना लगाया जाता है और एक निर्धारित रेलवे रसीद जारी की जाती है। ‘‘ बहरहाल टिकट परीक्षकों द्वारा बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों से बिना कोई रसीद दिये अवैध रूप से पैसा वसूलने के कुछ मामले ध्यान में आये हैं। ’’ उन्होंने धनंजय सिंह के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 2007, 2008, 2009 और 2010 : फरवरी तक : के दौरान उन मामलों की संख्या, जहां पैसे के अवैध संग्रहण सहित भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में लिप्त टीटीई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी, क्रमश: 1285, 1356, 1032 और 172 है। मंत्री ने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद रूट पर इस प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पायी गयी है। भारी उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव सरकार ने आज कहा कि 11वीं योजनावधि के दौरान कुछ भारी उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव है। केन्द्रीय भारी उद्योग एवं लोक उद्यम राज्य मंत्री अरूण यादव ने लोकसभा को बताया कि उत्तर प्रदेश के जगदीश पुर में जगदीशपुर पेपर मिल्स लिमिटेड का विनिर्माण संयंत्र स्थापित करना प्रस्ताव में शामिल है। उन्होंने कैलाश एन सिंह देव के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि नगालैंड के तूली में नगालैंड पल्प एंड पेपर कापरेरेशन का क्षमता विस्तार किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर, तमिलनाडु के तिरूमायम और राजस्थान के गुधा में भी विभिन्न निर्माण इकाइयों के इसी तरह के प्रस्ताव हैं। राष्ट्रीय वस्त्र निगम : एनटीसी : अपनी 24 मिलों का पुनरोद्धार कर रहा है, जिनमें से 18 का काम पूरा हो चुका है। यह जानकारी वस्त्र राज्य मंत्री पानाबाका लक्ष्मी ने आज लोकसभा को मनसुखभाई डी बसावा, विटठलभाई हंसराजभाई रादडिया और अधीर चौधरी के सवालों के लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक वित्तीय एवं पुनर्रचना बोर्ड द्वारा अनुमोदित योजना के अनुसार आधुनिकीकरण के लिए 1155 . 96 करोड़ रूपये की राशि तय की गयी है, जिसमें से 850 . 86 करोड़ रूपये की राशि आधुनिकीकरण पर खर्च की गयी है। अल्पसंख्यक समुदाय के 39549 लोगों की भर्ती देश में 2006-07 और उसके बाद के दो वषरे में अल्पसंख्यक समुदाय के कुल 39549 लोगों की भर्ती विभिन्न केन्द्रीय विभागों और संस्थानों में की गयी। अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज लोकसभा को बताया कि ये भर्तियां विभिन्न मंत्रालयों और कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों, अर्ध सैनिक बलों, डाक विभाग, रेलवे और सरकारी कंपनियों में की गयीं। उन्होंने रवनीत सिंह के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 2006-07 में कुल 12, 182 लोगों की भर्ती की गयी जबकि 2007-08 में 12, 195 लोगों की भर्ती हुई। मंत्री ने बताया कि 2008-09 के दौरान भर्ती हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की संख्या 15, 172 थी। हाइड्रोकार्बन संसाधन 28 अरब टन होने का अनुमान देश में हाइड्रोकार्बन संसाधन लगभग 28 अरब टन होने का अनुमान है। यह जानकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा को प्रताप सिंह बाजवा के सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि देश में पूर्वानुमानित हाइड्रोकार्बन संसाधन लगभग 28 अरब टन होने का अनुमान है। इसमें जमीनी और अपतटीय क्षेत्र में 15 तलछटीय बेसिन के साथ साथ गहरे समुद्री क्षेत्र के अनुमानित संसाधन शामिल हैं। प्रवेश के मानदंड अभी नहीं किये तय सरकार ने आज कहा कि रेलवे ने चिकित्सा तथा अर्ध चिकित्सा शिक्षा केन्द्रों के लिए अभी मानदंड तय नहीं किये हैं। रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने लोकसभा को बताया, ‘‘ प्रवेश हेतु मानदंडों का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। ’’ उन्होंने योगी आदित्य नाथ के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि रेलवे ने जोनल मुख्यालय और अन्य महत्वपूर्ण केन्द्रों पर अपने कर्मचारियों और आम लोगों के लिए चिकित्सा तथा अर्ध चिकित्सा शिक्षा सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। मंत्री ने बताया कि रेलवे को जिस भूखंड की तत्काल आवश्यकता नहीं है, वहां अधिकांशतया सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर मेडिकल एवं नसि’ग कालेज स्थापित करने का प्रस्ताव है। परमाणु बिजली उतपादन बढ़ाने पर सरकार का जोर केन्द्र ने आज कहा कि उसकी योजना वर्ष 2020 तक 20 ्र000 मेगावाट परमाणु बिजली का उत्पादन करने की है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने विजय जवाहरलाल दर्डा के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिचालनरत और निर्माणाधीन रिएक्टरों की मौजूदा क्षमता 10 ्र080 मेगावाट है। स्वदेशी प्रौद्योगिकी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग दोनों के आधार पर नए रिएकटर स्थापित किए जाने की योजना पर जोर दिया जा रहा है। चव्हाण ने एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में बताया कि देश के विभिन्न भागों में परमाणु रिएक्टर स्थापित कर परमाणु विद्युत क्षमता बढ़ाने की योजना हे। सरकार ने छ: हरित क्षेत्र स्थलों को सिद्धांतत: अनुमोदित कर दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कोव्वडा में एक स्थल को सिद्धांतत: अनुमोदित कर दिया है। इस स्थल को अमेरिका के सहयोग से साधारण जल रिएक्टरों की स्थापना के लिए अनुमोदित किया गया है। शुरू में 1000 मेगावाट या उससे अधिक क्षमता वाले दो रिएक्टर स्थापित किए जाने का विचार है। रिक्त पदों को भर रहा है हवाई अडडा प्राधिकरण सरकार ने आज कहा कि भारतीय हवाई अडडा प्राधिकरण प्रबंधकों सहित विभिन्न पदों को भरने की कार्रवाई कर रहा है। नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने लोकसभा को डीबी चंद्र गौडा और ए के एस विजयन के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि 2007 से 2010 तक रिक्त पदों को सीधी भर्ती द्वारा तथा विभागीय पदोन्नति द्वारा पदों को भरा गया है। 2007 में सीधी भर्ती से 83 और पदोन्नति द्वारा 426 पद भरे गये। 2008 में यह आंकडा क्रमश: 80 और 664 था जबकि 2009 में शून्य और 51 तथ्ज्ञा 2010 में 87 पदों को भरा गया। उन्होंने बताया कि भारतीय हवाई अडडा प्राधिकरण ने सीधी भर्तियों और पदोन्नति के जरिए रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाये हैं। प्रबंधक स्तर के 196 पदों, जूनियर एक्जीक्यूटिव स्तर के 164 पदों तथा गैर अधिकारी स्तर के 250 पदों को भरने के लिए कार्रवाई की जा रही है। महिला मंच की आरक्षण की कोई मांग नहीं सरकार ने आज इस बात से इंकार किया कि सरकारी उपक्रम संबंधी महिला मंच ने सरकारी कंपनियों में शीर्ष बोर्ड पदों पर आरक्षण की कोई मांग की है। भारी उद्योग एवं लोक उद्यम राज्य मंत्री अरूण यादव ने लोकसभा को बताया कि महिला मंच की ओर से ऐसी कोई मांग नहीं की गयी है। उन्होंने बापूराव भास्करराव पाटील खतगांवकर, एकनाथ महादेव गायकवाड और मधु गौड यास्खी के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि सरकारी उपक्रम संबंधी महिला मंच : डब्ल्यूपीआईएस : की ओर से सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों में शीर्ष बोर्ड पदों पर आरक्षण की किसी प्रकार की औपचारिक मांग नहीं प्राप्त हुई है। एसएफआईओ : विशेषज्ञ समिति ने रपट सौंपी सरकार ने आज कहा कि गंभीर धोखाधडी जांच कार्यालय : एस एफ आई ओ : से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रपट सौंप दी है। निगमित मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने लोकसभा को बताया कि विशेषज्ञ समिति ने एसएफआईओ द्वारा किये जा रहे कायो’ में सुधार करने तथा कार्यकुशलता बढाने के लिए सांविधिक, प्रशासनिक और संगठनात्मक संशोधनों से संबंधित सिफारिशें की हैं। उन्होंने प्रदीप माझी के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सरकार ने रपट की जांच कर ली है। 56 अतिरिक्त पद सृजित कर एसएफआईओ को सुदृढ बनाने के आवश्यक कदम उठाये गये हैं। नोटरी कोटा बढाने का कोई आग्रह नहीं केन्द्र ने आज कहा कि किसी राज्य सरकार ने नोटरी का कोटा आवंटन बढाने का आग्रह नहीं किया है। कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने लोकसभा को बताया कि ऐसा अनुरोध किसी राज्य सरकार की ओर से नहीं किया गया है। उन्होंने भाउसाहेब राजाराम वाकचौरे के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि राज्य सरकार से मांग या अनुरोध के आधार पर नोटरियों का कोटा आवंटित किया जाता है। धोखा खा चुके अमर, बना रहे हैं ‘धोखा’ फिल्म किसी समय समाजवादी पार्टी के लिए पूर्ण समर्पित रहे अमर सिंह राजनीति के अखाड़े में कथित तौर पर धोखा खाने के बाद अब अपनी मनोभावना को अभिव्यक्ति देने के लिये ‘धोखा’ फिल्म बनाने पर विचार कर रहे हैं। अमर ने अपने ब्लॉग पर इस बात का जिक्र करते हुए लिखा है ‘‘किसी नेता को जीवन के 14 साल, दो दशकों तक किसी परिवार को पत्नी और बच्चों से अधिक निस्वार्थ समर्पण देने के बाद मिला धोखा मन को खाली और वियोगी बनाता है।’’ उन्होंने लिखा है ‘‘धोखा अब मेरे जीवन का पर्याय बन गया है और मैं गंभीरता से सोच रहा हूं कि उत्तर प्रदेश के 2012 के चुनावों से पहले भाई मनोज तिवारी, जयाप्रदा जी और मैं एक भोजपुरी फिल्म ‘धोखा’ बना कर रिलीज करें और उसके केंद्रीय चरित्र चालू प्रसाद पर कथानक का काम शीघ्र शुरू कर दें।’’ उन्होंने लिखा है ‘‘जया बच्चन जी से तो अब कुछ कहना नहीं है, वरना उनसे भी सत्ताधारी पक्ष की नेत्री की एक भूमिका करा सकते थे।’’
सांसद निधि पर लगी सुप्रीमकोर्ट की मुहर
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने एक सर्वसम्मत फैसले में सांसदों को मिलने वाली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है, जिसके तहत सांसदों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए दो करोड़ रुपए सालाना के हिसाब से मिलते हैं । पीठ ने कहा है कि सांसदों को मिलने वाली स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना वैध है। पीठ में न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन, डीके जैन, पी सदाशिवम और जेएम पांचाल भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि योजना में हमारे हस्तक्षेप का कोई कारण नहीं है। पीठ ने कहा कि हालांकि योजना के काम में सुधार किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि सिर्फ यह आरोप कि कोष के दुरुपयोग का खतरा है, योजना को खत्म किए जाने का आधार नहीं हो सकता। इसने कहा कि योजना पर नजर रखने के लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों के ही पास स्थाई समितियां हैं और इसके कार्यान्वयन के लिए जवाबदेही के बहुत से स्तर हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि योजना के तहत जल, बिजली, आधारभूत ढांचा, पुस्तकालय और खेल सुविधाएं मुहैया कराए जाने से स्थानीय क्षेत्रों के विकास में मदद मिली है। पीठ ने विरोधियों के इस तर्क को खारिज कर दिया कि योजना से वर्तमान सांसदों को उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ अनुचित लाभ मिलता है।
बात सिर्फ मणिशंकर के माफी मांगने भर की नहीं!
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ऐसा पहली बार नहीं रहा कि सत्ता दल के किसी सांसद ने सदन से माफी मांगी हो। माफी, हो-हल्ला, सत्ता पक्ष पर दबदबा बनाए रखने, खोखली बहादुरी बघारते हुए सदन का वक्त जाया करना विपक्षी सांसदों की आदत सी हो चली है। सत्ता पक्ष भी दूध का धुला नहीं, उसके मंत्री-सांसद भी विधेयकीय प्रस्तुतियों को छोड़ बाकी समय ऐसे ही फालतू के जवाब सवाल में सदन का वक्त जाया कर रहे हैं। इस बार का बजट सत्र तो इसी तरह की असहनीय स्थितियों का गवाह बन रहा है। संसद पहुंचने जन प्रतिनिधियों को लगता है कि वे जिस तरह सदन में जनता का वक्त और पैसा बर्बाद कर रहे हैं, जिस तरह अपनी आवासीय सुविधाओं पर हर महीने करोड़ों रुपये भोग रहे हैं, उन्हें लगता है कि निर्भीक तरीके से डंके की चोट पर इसी तरह से वे ये सब करते रहेंगे, और जनता उनका कुछ नहीं कर सकती। कमोबेश ये सच्चाई भी लगती है। जनता को आज जिस मानसिक हालत में पहुंचा दिया गया है, तंत्र के बघेरों ने जिस तरह उसे घेर रखा है, वह सचमुच असहाय सी हो चली है। सदन की कार्यवाही के दौरान सांसद टीवी प्रसारण को टारगेट कर जोर-जोर से चीखते हैं, संसद परिसर में घूम-घूम कर टीवी वालों को इंटरव्यू देते डोलते हैं, यानी उन्हें अपने प्रचार की भूख ज्यादा, जनता के प्रति संसदीय जिम्मेदारी कम परेशान करती है। ये भी सच है कि जनपक्षधर देश का बौद्धिक वर्ग लगातार इन हालातों की अप्रत्यक्ष मीमांसा कर रहा है। वह संसद में मूर्खतापूर्ण हरकतों पर नजर लगाए हुए है। साथ ही वह जनता को इन सब सच्चाईयों से आगाह करने में भी व्यस्त है। हमारी संसदीय व्यवस्था फेल होती है तो भविष्य में ये सदन के करतबबाज ही सबसे ज्यादा जिम्मेदार होंगे। इस बीच सांसद मणिशंकर अय्यर ने राज्यसभा में अपनी उस टिप्पणी के लिए खेद जताया है जिसके कारण भाजपा के सदस्य कई दिनों से भारी विरोध कर रहे थे और सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही थी। अय्यर ने कहा कि तीन मई को उन्होंने सदन में पहली बार बोलते हुए जो कुछ कहा, उसमें से कुछ टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी उन्होंने अनजाने में तथा किसी दुर्भावना के बिना की थी। उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों के लिए मैं खेद जताता हूं। इससे पूर्व प्रश्नकाल खत्म होते ही, एम वेंकैया नायडू के नेतृत्व में भाजपा के सदस्यों ने यह कह कर विरोध शुरू कर दिया कि मनोनीत सदस्य मणिशंकर अय्यर को सोमवार को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान की गई अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। नायडू ने कहा है कि पिछले तीन दिनों से हमारे धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। क्या हम (विपक्ष), सत्तापक्ष और आसन असहाय हो गए हैं। एक माननीय सदस्य की असंयत टिप्पणी से जो स्थिति पैदा हुई है, क्या उसका उपचार नहीं है।
Wednesday, May 5, 2010
चौधे साल सात बुनकरों ने की खुदकुशी, कुल १८७ ने जान दी
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सरकार ने आज बताया कि वर्ष 2007 से अब तक कुल 187 बुनकरों ने आत्महत्या की है। सांसद कुसुम राय, कमाल अख्तर और नंद किशोर यादव द्वारा पूछे गये प्रश्नों के लिखित उत्तर में वस्त्र राज्यमंत्री पानाबाका लक्ष्मी ने राज्यसभा को बताया कि आत्महत्या की ये घटनायें आंध्र प्रदेश उड़ीसा और केरल जैसे राज्यों में हुई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में आत्महत्या की 75 घटनायें हुई जबकि 2008 में 83 आत्महत्या, 2009 में 22 और 2010 में अब तक 7 ऐसी आत्महत्या की घटनायें हुई हैं। उन्होंने बताया कि वस्त्र मंत्रालय ने हथकरघा क्षेत्र में उच्च कार्यशील पूंजी लागत तथा रिण अवरोध संबंधी समस्याओं देखने के लिए प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति ने हथकरघा क्षेत्र के लिए एक वित्तीय पैकेज का सुझाव दिया है जिसमें प्राथमिक बुनकर सहकारी समितियों, शीर्ष हथकरघा बुनकर सहकारी समितियों के अतिदेय रिणों और ब्याज की माफी तथा निमन ब्याज दर पर हथकरघा बुनकरों के लिए रिण का प्रावधान शामिल है। उन्होंने बताया कि हथकरघा क्षेत्र के लिए वित्तीय पैकेज सरकार के विचाराधीन है।एक अन्य लिखित उत्तर में वस्त्र राज्यमंत्री ने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद में हथकरघा क्षेत्र सहित वस्त्र क्षेत्र के हिस्से की प्रतिशतता १९९९- 2000 के मूल्यों पर औसतन 2 प्रतिशत है।
भाजपा ने आज कहा कि वह मौजूदा जनगणना प्रक्रिया में जाति के आंकडे एकत्र करने की पक्षधर है क्योंकि इसके सही आंकडे उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से उच्चतम न्यायालय, मंडल कमीशन और अन्य संस्थाओं को दिक्कत पेश आती रही हैं।भाजपा के राज्यसभा में उप नेता एस एस अहलूवालिया ने जनगणना में जाति के आंकडे एकत्र किये जाने का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘ 1931 की जनगणना में जाति के आंकडों को शामिल किया गया था। उसके बाद देश का बंटवारा हुआ, जब कुछ लोग पाकिस्तान गये या फिर भारत आये। हमें जाति के सही आंकडों की जरा भी जानकारी नहीं है। ’’ केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे पर कल बातचीत की लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन सकी हालांकि सूत्रों ने कहा कि अधिकांश मंत्रियों ने जाति को जनगणना में शामिल किये जाने का समर्थन किया। भाजपा भी महसूस करती है कि जनगणना से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का वास्तविक आंकडा मिल सकेगा क्योंकि इस उद्देश्य से गठित लकडावाला समिति, सक्सेना समिति और तेंदुलकर समिति जैसी समितियों ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के बारे में अलग अलग आंकडे दिये।
मौसम संबंधी सूचना और समाचार के लिए सरकार का एक अलग टीवी चैनल खोलने का कोई इरादा नहीं है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज लोकसभा को बताया, ‘‘ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का ऐसा कोई इरादा नहीं है। ’’ उनसे पी विश्वनाथन ने सवाल किया था कि क्या भारतीय मौसम विज्ञान विभाग : आईएमडी : का विचार विशेषकर मौसम से संबंधित सूचना औश्र समाचार का प्रसारण करने के लिए एक समर्पित टीवी चैनल की स्थापना करने का है।
सरकार ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उडीसा में तीन बाघ रिजर्व बनाने के प्रस्ताव को सिद्धांतत: मंजूरी दे दी गयी है। पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश ने लोकसभा को बताया, ‘‘ सिद्धांत रूप में और तीन बाघ रिजवो’ उत्तर प्रदेश में पीलीभीत, मध्य प्रदेश में रातापानी और उडीसा में सुनाबेडा के सृजन के लिए अनुमोदन प्रदान किया गया है। ’’ उन्होंने लालचंद कटारिया और श्रीमती दीपा दासमुंशी के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड में वन्यजीव सुरक्षा कानून 1972 में शामिल प्रावधानों के साथ साथ व्यवसायियों और गैर सरकारी विशेषज्ञों का प्रतिनिधित्व है। इसके अलावा ऐसे गैर सरकारी विशेषज्ञ क्षमता निर्माण, अखिल भारतीय बाघ आकलन, मानव पशु भिडंत रोकने और निगरानी के लिए विशेष दल के सदस्यों के रूप में भी शामिल हैं।
सरकार ने आज कहा कि अप्रैल 2009 से फरवरी 2010 के बीच गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि के मुकाबले निर्यात में 9 । 55 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है।वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ललित किशोर चतुर्वेदी और ज्ञान प्रकाश पिलानिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि अप्रैल 2009 से फरवरी 2010 के बीच पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले डॉलर के हिसाब से कुल निर्यात 9 । 55 फीसद घटा है।उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी और विदेश में मांग कम हो जाने के कारण निर्यात में अक्तूबर 2008 से शुरू हुई गिरावट सितम्बर 2009 तक जारी रही और अक्तूबर 2009 से मासिक निर्यात की मात्रा सकारात्मक स्तर पर पहुंच गई थी। सिंधिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर की तुलना में रुपए के मजबूत होने के बारे में हस्तक्षेप के लिये सरकार को व्यापार एवं उद्योग जगत, खासकर निर्यातकों से अर्जियां मिली हैं। शादी लाल बत्रा के सवाल पर सिंधिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2009-10 में फरवरी तक भारत ने 18 करोड़ 22 लाख 80 लाख किलोग्राम चाय का निर्यात किया। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष की तुलना में साल 2009-10 में मात्रा और मूल्य के लिहाज से चाय के निर्यात में खासी बढ़ोत्तरी हुई है।
सरकार ने राष्ट्रीय डिजाइन नीति में डिजाइन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए देश के विभिन्न भागों में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान :एनआईडी: की तरह अन्य डिजाइन संस्थानों की स्थापना करने की परिकल्पना की है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने आज राज्यसभा में पी मधु के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, असम और हरियाणा राज्य सरकारों से उनके अपने राज्यों में संस्थानों की स्थापना के लिए भूमि आवंटित करने का अनुरोध किया गया है।शर्मा ने बताया कि संस्थान की स्थापना के लिए जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है उनमें सरकारी। निजी भागीदारी मॉडल भी एक विकल्प है।
पश्चिम बंगाल में 16 फरवरी 2010 को मिग 27 विमान दुर्घटना के बाद इन लड़ाकू विमानों की उड़ान पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज राज्यसभा में अनिल एच लाड के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। एंटनी ने बताया कि भारतीय वायुसेना लड़ाकू पायलटों को कड़ा प्रशिक्षण देती है और बाद में निरंतर प्रशिक्षण के माध्यम से यह सिलसिला जारी रखा जाता है। इसके अलावा, हवाई दुर्घटना को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए जाते हैं।उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना में विमान दुर्घटनाओं के तीन मुख्य कारण॥ मानवीय चूक, तकनीकी खामियां और पक्षी का टकराना हैं।
सरकार ने आज कहा कि भारतीय वायुसेना को इस्राइल से मंगाए गए दो वायुवाहित चेतावनी एवं प्रणाली :अवाक्स: विमानों की सुपुर्दगी हो चुकी है और तीसरा विमान इस साल दिसम्बर तक भारत को मिल जाएगा।रक्षा मंत्री ए। के। एंटनी ने ललित किशोर चतुर्वेदी के प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि सरकार ने अवाक्स विमानों की आपूर्ति के लिये इस्राइल के मैसर्स एल्टा कम्पनी से पांच मार्च 2004 को समझौते पर दस्तखत किये थे।उन्होंने बताया कि संशोधित सुपुर्दगी कार्यक्रम के मुताबिक भारतीय वायुसेना को पहले और दूसरे अवाक्स विमान की सुपुर्दगी 25 मई 2009 और 25 मार्च 2010 को की गई थी। तीसरे विमान की डिलिवरी इस साल दिसम्बर तक हो जाने की योजना है। एंटनी ने कहा कि अतिरिक्त अवाक्स विमानों की खरीद के लिये 12वीं, 13वीं और 14वीं पंचवर्षीय योजना में प्रावधान करने की योजना है। अवाक्स को इस्राइल की मदद से भारत में ही बनाए जाने की सम्भावना पर उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन :डीआरडीओ: स्वदेशी अवाक्स विकसित कर रहा है। परिमल नथवानी के सवाल के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिकी सेना ने गत एक से 19 अप्रैल तक कैलीफोर्निया में संयुक्त युद्धा5यास किया था। इस युद्धा5यास में 160 सैनिकों ने हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे युद्धा5यासों से भारतीय सेना अमेरिकी फौज के मनोविज्ञान, युद्ध की तैयारी, प्रशिक्षण मानदंडों, प्रक्रिया और प्रौद्योगिकीय क्षमताओं के बारे में गहन जानकारी हासिल करके लाभान्वित होती है।
राष्ट्रीय आकलन एवं मान्यता परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त 159 विश्वविद्यालयों में से 67 की मान्यता की अवधि समाप्त हो गयी है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी पुरंदेश्वरी ने आज लोकसभा को सुदर्शन भगत के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इन 67 विश्वविद्यालयों में से सबसे अधिक 11 उत्तर प्रदेश में और सबसे कम एक-एक पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, गुजरात, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा में हैं। उन्होंने बताया कि नौ विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के, छह राजस्थान के, पांच मध्य प्रदेश के, चार उत्तराखंड के और तीन-तीन विश्वविद्यालय केरल एवं उडीसा के हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन साल भर के भीतर पोलर आर्बिट में ‘ मेघा ट्रापिक्स ’ उपग्रह छोडने की योजना बना रहा है। पर्यावरण एवं वन मंत्री जयराम रमेश ने आज लोकसभा को झांसी लक्ष्मी बोचा और कृपारानी किल्ली के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि अंतरिक्ष विभाग ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ राष्ट्रीय जलवायु और पर्यावरण अध्ययन संस्थान नामक एक नया संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने बताया कि फ्रांस के सहयोग से वर्ष भर के भीतर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन पोलर आर्बिट में मेघा ट्रापिक्स उपग्रह छोडने की योजना बना रहा है। मंत्री ने कहा कि यह उपग्रह वातावरणीय आद्र्रता, ग्रीन हाउस गैस निगरानी और रेडियेशन बजटिंग पर आंकडे उपलब्ध कराएगा।
सरकार ने आज कहा कि वह हज सब्सिडी कम करने का प्रयास कर रही है। लोकसभा में जी एस बासवराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा ‘‘ वर्ष 2009 में सरकार ने भारत की हज समिति की ओर से प्रति हज यात्री हवाई किराये में 12 हजार रूपये से 16 हजार रूपये की वृद्धि करने का निर्णय किया था।’’ उन्होंने कहा ‘‘ सरकार हज सहायता कम करने की कोशिश कर रही है।’’ हालांकि मंत्री ने इस बात से इंकार किया कि इस संदर्भ में मलेशिया के मॉडल पर अमल करने पर विचार कर रही है।
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा गठित समीक्षा पैनल ने सार्वजनिक रिकार्ड कानून 1993 में परिवर्तन का सुझाव दिया है ताकि आम आदमी और अनुसंधानकर्ताओं की पहुंच उन दस्तावेजों तक हो सके, जो सार्वजनिक किये जा सकते हैं। योजना एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने आज लोकसभा को मनोहर तिरकी के सवाल के जवाब में बताया कि समीक्षा पैनल ने अपनी रपट के मसौदे में सार्वजनिक रिकार्ड कानून 1993 में कुछ संशोधन की सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि समीक्षा पैनल ने सार्वजनिक रिकार्ड नियम, 1997 में भी बदलाव का प्रस्ताव किया है।
Tuesday, May 4, 2010
...लेकिन माकपा चाहती है देश में वैज्ञानिक जनगणना
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज मांग की कि स्वैच्छिक की बजाय आबादी की वैज्ञानिक गणना होनी चाहिए, ताकि देश में अन्य पिछडे वगो’ और बीपीएल परिवारों की वास्तविक संख्या का पता लगाया जा सके। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम जाति आधारित जनगणना के पक्षधर नहीं हैं लेकिन देश के लिए यह जानना जरूरी है कि अन्य पिछडे वर्ग के लोगों की वास्तविक संख्या क्या है। उनकी वास्तविक संख्या पता चलने पर आरक्षण के कई फायदे उन्हें मिल सकेंगे। ’’ उन्होंने कहा कि योजना आयोग के मुताबिक देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले : बीपीएल : परिवारों की संख्या 6 . 8 करोड है जबकि राज्यों की ओर से बांटे गये बीपीएल काडो’ की संख्या 10 . 8 करोड़ है। ऐसे में वास्तव में बीपीएल परिवारों को कानूनी रूप से फायदा मिले, उसके लिए उनकी वास्तविक संख्या का पता करना जरूरी है। यह काम जनगणना के जरिए नहीं हो सकता। येचुरी ने कहा, ‘‘ जनगणना में व्यक्ति स्वैच्छिक जानकारी देता है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है इसलिए आबादी की वैज्ञानिक गणना होनी चाहिए। ’’ जनगणना के कागज में ‘ राष्ट्रीयता ’ का कालम लिखे जाने पर सख्त आपत्ति करते हुए माकपा नेता ने कहा कि जनगणना की परिभाषा यही है कि भारतीयों की गणना हो, ऐसे में राष्ट्रीयता का कालम बनाने का क्या औचित्य है। उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि एक समय जिस तरह पृथक खालिस्तान की मांग उठी थी, इससे उसी तरह की समस्याएं पेश आएंगी।
उल्लेखनीय है कि संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने सदन में सपा, राजद और जद यू के नेताओं मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद और शरद यादव की इस मांग पर कहा था कि जाति आधारित जनगणना कराने के बारे में लोकसभा में चर्चा होगी। सरकार इस पर जवाब देगी। मुलायम, लालू और शरद यादव ने सदन में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग उठायी जबकि भाजपा और वाम दलों ने जनगणना में गरीबों, पिछडों आदि के आंकडे शामिल किये जाने पर जोर दिया। सपा नेता मुलायम ने कहा था कि जाति के आधार पर जनगणना हो। सरकार को इसमें क्या आपत्ति है। एक कालम जाति का बना दीजिए। जाति के आधार पर वस्तुत: अभी अनुमान से ही आरक्षण दिया जा रहा है। जद यू नेता शरद यादव ने कहा था कि हिन्दुस्तान में पिछडे और आदिवासी तबके हर तरह से सताये जा रहे हैं। इस देश में पेड, नदियों, बाघों आदि की गणना हो रही है। भारत में जाति हकीकत है इसलिए जाति के आधार पर जनगणना कराना अनिवार्य है। राजद नेता लालू ने कह चुके हैं कि हम आरक्षण की मांग नहीं कर रहे। जाति यथार्थ है। अभी तक अंदाज पर काम चल रहा है। जातीय आधार पर सरकार जनगणना कराये ताकि मालूम हो कि किसकी कितनी संख्या है।
देश में प्रजनन दर घटकर 2.6 हुई
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाब नबी आजाद ने ओमप्रकाश माथुर के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि देश में 2005 में प्रजनन दर 2.9 थी जो 2008 में घटकर 2.6 रह गई और नौ राज्यों में 2.1 के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का एक लक्ष्य 2012 तक 2.1 की कुल प्रजनन दर हासिल करना है। आजाद ने कहा कि आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में इसका स्तर प्राप्त कर लिया गया है। इसके अलावा पांच अन्य राज्य लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं।
सीआईएसएफ में लगभग 1000 पद रिक्त
लोकसभा में एस एस रामासुब्बू के सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री अजय माकन ने बताया कि देश में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों की कमी है और अधिकारियों और कांस्टेबलों के लगभग 1000 पद रिक्त हैं। सहायक कमांडेंट के 52 पद, उप निरीक्षक के 3245 पद और कांस्टेबलों के 6648 पद रिक्त हैं। सरकार निजी क्षेत्र में सीआईएसएफ के कार्मिकों की तैनाती संबंधी बढती मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती करना चाहती है।
ओलंपिक संघ को सरकारी मदद की जरूरत नहीं
खेल राज्य मंत्री प्रतिक प्रकाशबापू पाटील ने आज लोकसभा में सुरेश कुमार शेटकर के सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने सरकार से कहा है कि उसे उसकी वित्तीय मदद की जरूरत नहीं है। आईओए ने सूचित किया है कि अपनी स्वायत्तता संरक्षित रखने के लिए उसने निर्णय किया है कि वित्त वर्ष 2010-11 से भारत सरकार से आगे कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं करेंगे। आईओए को चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई वित्तीय मदद जारी नहीं की गयी है।
पीएम से मिले बुद्धदेव
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के बीच बैठक में माओवादी समस्या से निपटने के लिए कई राज्यों को शामिल कर एक कारगर रुख अपनाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। भट्टाचार्य ने सुबह संसद भवन में लगभग आधे घंटे तक प्रधानमंत्री के साथ बैठक की। बैठक में उनके राज्य में माओवादियों को कथित तौर पर राजनीतिक समर्थन मिलने का मुद्दा उठाया गया। बहरहाल, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ हुई चर्चा के बारे में कुछ भी बताने से इनकार दिया। उनकी यह बैठक उस वक्त हुई है, जब वाम दल के सांसदों ने एक राज्य मंत्री और बांग्लादेश स्थित हथियारों के एक व्यापारी के बीच कथित संबंध होने के मुद्दे को लोकसभा में उठाया। हालांकि, इस मंत्री ने और मंत्री की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। भट्टाचार्य ने पश्चिमबंगाल में लगातार हो रहे माओवादियों के हमले और पड़ोसी झारखंड के जंगलों में उनके भाग निकलने को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने इससे पहले कहा था कि बंगाल में जारी संयुक्त सुरक्षा अभियान उसी स्थिति में ज्यादा प्रभावी हो सकता है, जब झारखंड और उड़ीसा में इसी तरह के अभियान चलाये जाएं। भट्टाचार्य यहां माकपा के पोलित ब्यूरो की बैठक में शामिल होने के लिए आए थे।
देश के तीन शहरों में ब्रेन मैपिंग की सुविधा
गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने आज जोस के मणि के सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि देश के तीन शहरों में ब्रेन मैपिंग की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेन मैपिंग सुविधाएं गुजरात के गांधीनगर, महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के बेंगलूर शहरों की राज्य फोरेंसिक साइंस प्रयोगशालाओं में उपलब्ध हैं। सरकार ने ब्रेन मैपिंग प्रक्रिया की जांच के लिए नेशनली इंस्टीटयूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहंस) के निदेशक की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है।
लोकसभा में आज फिर हंगामा है जो बरपा
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मुंबई में लोकल ट्रेन हड़ताल को लेकर उपजे हालात पर आज लोकसभा में भी हंगामा बरपा और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में मंगलवार को अचानक पश्चिम बंगाल के दो कट्टर प्रतिद्वंद्वियों तृणमूल कांग्रेस और वाम सदस्यों के बीच गर्मागर्मी इतनी बढ़ गयी कि उसे हाथापाई की नौबत से बचाने के लिए कई मंत्रियों और वरिष्ठ सदस्यों को बीचबचाव करने के साथ ही सदन को स्थगित करना पड़ा। प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने मोटरमैनों की हड़ताल के बारे में सदस्यों को उनकी बात रखने का अवसर दिया। चर्चा के अंत में माकपा के बासुदेव आचार्य अपनी बात रख रहे थे कि इसी बीच वाम दलों की कट्टर प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय आपे से बाहर हो गए और आचार्य पर चिल्लाते देखे गए। इस पर माकपा के रामचंद्र डोम सहित कई सदस्य बंदोपाध्याय की ओर लपकते देखे गए लेकिन तभी संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल, सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, सदन में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे, सपा नेता मुलायम सिंह और राजद के लालू प्रसाद आदि ने तुरंत हस्तक्षेप करके हालात को काबू से बाहर होने से बचा लिया। अंबिका सोनी काफी देर तक बार-बार हाथ जोड़कर दोनों पक्षों से शांत होने का आग्रह करती रहीं। अध्यक्ष मीरा कुमार ने स्थिति को देखते हुए सदन की बैठक भोजनावकाश से आधा घंटा पहले ही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, शिवसेना सदस्यों की मांग पर अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर सदस्यों को उनकी बात रखने का अवसर दिया। इस पार्टी के अनंत गीते ने कहा कि वह यह मामला शुक्रवार को ही सदन में उठाकर सरकार को सचेत कर चुके थे कि इस बारे में तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा हालात बेकाबू हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस चेतावनी के बाद सरकर ने कोई पहल नहीं की जिसके कारण मोटरमैन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए और मुंबई का जनजीवन ठप हो गया। गीते ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने अब भी हड़ताल समाप्त करवाने के लिए तुरंत कोई कदम नहीं उठाया तो मुंबई के हालात बेकाबू हो सकते हैं और कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इस बारे में रेल मंत्री ममता बनर्जी से तुरंत हड़तालियों से बातचीत करने और सदन में बयान देने की मांग की। कांग्रेस के संजय निरूपम ने कहा कि 1974 के बाद से रेलकर्मियों की यह सबसे बड़ी हड़ताल है और इसका दोष रेलकर्मियों पर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये हालात अचानक पैदा नहीं हुए हैं। छह महीने पहले ही मोटरमैनों और अन्य कर्मियों ने रेल बोर्ड को नोटिस दिया था लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस बारे में बोर्ड ने एक समिति गठित करने और 15 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन इस पर भी अमल नहीं किया गया। निरूपम ने कहा कि मुंबई की जीवनरेखा लोकल ट्रेन सेवा के ठप हो जाने से वहां का जनजीवन ठप हो गया है और प्रति मिनट तथा प्रति सेकेंड के हिसाब से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह भी तुरंत मिनट और सेकेंड के हिसाब से हल करने की तत्परता दिखाए। भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए और अब वह हड़ताल पर गए कर्मियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई कर रही है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने हड़तालकर्मियों के खिलाफ एस्मा लगाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इसे तुरंत वापस लिया जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि शुक्रवार को सदन में यह मामला उठने के बाद रेल मंत्री ममता बनर्जी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शिवसेना के सदस्यों से इस बारे में कई घंटे बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम के चुनाव के लिए नामांकन भरने का मंगलवार को अंतिम दिन है और रेल मंत्री इस सिलसिले में वहां हैं। उन्होंने कहा कि वह सदन की भावना से उन्हें तुरंत अवगत कराएंगे। पूर्व रेल मंत्री और राजद नेता लालू प्रसाद ने भी एस्मा हटाकर हड़तालकर्मियों की ओवर टाइम की मांग को मांगे जाने का अनुरोध किया। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने सदन को आश्वासन दिया कि जितनी जल्दी संभव होगा, वह इस बारे में सदन की भावना से संबंधित मंत्री को अवगत कराएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जल्द से जल्द वह इस संबंध में सदन में बयान दें। इससे पहले, प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद शिवसेना के सदस्य आसन के निकट आकर रेल मंत्री के बयान की मांग पर नारे लगा रहे थे। प्रश्नकाल शुरू होने से पहले भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था।
एन आर गोविंदराजर द्वारा पूछे गये प्रश्नों के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री एस एस पलानीमाणिक्कम ने राज्यसभा को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय को अनिल धीरूभाई अम्बानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के विरूद्ध मारीशस कोष, प्लूरी इमर्जिग कंपनीज पीसीसी सेल ई और यूएसबी बैंक लंदन के सहयोग से काले धन को वैध बनाने की शिकायतें पाप्त हुई है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उचित कार्रवाई हेतु इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए कोई समय सीमा बताना कठिन है क्योंकि इसमें भारतीय और बाहर की एजेंसियों के सहयोग के अलावा कई कारक शामिल हैं।
सांसद आर के सिंह पटेल, पकौडी लाल और जी एम सिद्धेश्वर के सवालों के लिखित जवाब में कृषि राज्य मंत्री के वी थामस ने लोकसभा को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन परिसंघ : नेफेड : वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहा है। नेफेड ने अपने व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत 62 निजी पार्टियों के साथ करार किया है और 3945 . 50 करोड़ रूपये का निवेश किया है। नेफेड हालांकि अपने सहयोगी कारोबारियों से 1592 . 36 करोड़ रूपये उगाह नहीं सका और वर्तमान में वित्तीय कठिनाइयों से गुजर रहा है।
आरपीएफ के हत्थे चढ़ा सांसद नटवरलाल
सियासत जो न कराए। कुछ महीने पहले राजस्थान में एक नकली सांसद का मामला प्रकाश में आया था, जो बाबा रामदेव के नाम पर जड़ी-बूटी का धंधा करते पकड़ा गया था। इसके बाद लालकृष्ण आडवाणी बेटा बन कर मुंबई पुलिस को हड़काने वाला एक अन्य नटरवर लाल पकड़ा गया। अब सांसद बनकर लालबत्ती में चल रहा एक और नटवर लाल आरपीएफ की पकड़ में आया है। श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में रेलवे की विजिलेंस ट्रैपिंग में दबोचे गए नकली सांसद के कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरपीएफ को संदेह है कि आरोपी के तार अंतरराज्यीय ठग गिरोह से जुड़े हो सकते हैं, जिसमें हाईप्रोफाइल सफेदपोश लोगों का भी हाथ है। श्रमिक एक्सप्रेस में उदना से छपरा की यात्रा करने वाले करल छपरा, बलिया निवासी मनोज सिंह पिता रामपुकार सिंह ने कई राज खोले हैं। आरोपी न केवल नकली सांसद बनकर रेलवे को चूना लगा रहा था, बल्कि लोगों को भी ठगता था। उसने उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में नकली लैटरपैड, ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए ब्रांडेड कार और जमीनों की खरीद-फरोख्त की है। उसने उत्तरप्रदेश में टवेरा और स्कॉर्पियो खरीदी, जिनमें से एक कार गुजरात पहुंचा दी। फर्जी दस्तावेजों के बल पर सूरत में मां के नाम पर करोड़ों की जमीन का सौदा कर डाला। विजिलेंस द्वारा आरपीएफ को सौंपे जाने के बाद आरोपी के स्ट्रॉली सूटकेस में से एमआर सिंह, सांसद, बलिया के नाम का लैटरपैड, विजिटिंग कार्ड एवं बलिया एसपी द्वारा दिया गया गन लाइसेंस बरामद किया। अन्य फर्जी यात्रा टिकट बरामद किया, जो प्रयागराज एक्सप्रेस से 9 मई को इलाहाबाद-नई दिल्ली के लिए एसी प्रथम श्रेणी में टोकन नंबर 271 पर बनाया गया था। थाणे आरटीओ द्वारा बनाया गया मनोज सिंह के नाम का ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किया। आरोपी के कब्जे से आईसीआईसीआई बैंक के दो एटीएम एवं चैक बुक मिली, जिसके आधार पर वह आरोपी लोगों को ठगा करता था। जांच के लिए दल बनाकर कई जगहों पर आरपीएफ को भेजा गया है। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है, जिससे आरोपी के अन्य कारनामों को खुलासा हो सकेगा। देवास (म.प्र.) शहर के दम्पती को जमीन का सौदा कराने के नाम पर 41 लाख 48 हजार रूपए की ठगी करने वाले नटवरलाल लोकेश विश्वकर्मा के पास फर्जी नामों से ली गई 25 से ज्यादा सिम हैं। देश के कई शहरों में ठगी के मामलों में उसने इन्हीं सिम का उपयोग किया। मिश्रीलाल नगर में रहने वाले धनसिंह और उनकी पत्नी तेजकुंवरबाई के 41 लाख 48 हजार रूपए ठगने वाले लोकेश के खिलाफ भोपाल में भी एक लाख रूपए की ठगी का प्रकरण दर्ज है। भोपाल पुलिस इस मामले में उसका बिलासपुर की कर्नाटका बैंक का एकाउंट भी सील करवा चुकी है। यह बैंक खाता लोकेश ने नकली पैन कार्ड और नकली नाम से खुलवाया था। खाते के दस्तावेजों पर फोटो तो लोकेश का लगा है, लेकिन नाम राहुल सक्सेना लिखा हुआ है। देवास में करीब डेढ़ साल तक रहने वाला आरोपी लोकेश खुद को कांग्रेस सेवादल का प्रदेश संगठन मंत्री बताता था। यही नहीं वह शहर में कार पर लाल बत्ती लगाकर घूमता था। शहर के एक कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद के पुत्र से लोकेश के अच्छे सम्बंध रहे हैं।
संसद में आने वाला एक और बड़ा तूफान, हथियारों के सौदागर से मंत्री के संबंध उजागर !
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दिनोदिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरती जा रही है। पार्टी के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री पर लगा भ्रष्टाचार का ताजा मामला आने वाले दिनों में संसद में तूफान मचा सकता है। अभी शशि थरूर को हटाना पड़ा, अभी ए.राजा को लेकर सोमवार को दोनों सदन की कार्यवाहियां स्थगित करनी पड़ीं, तब तक एक और मंत्री का कारनामा सुर्खियों में आ गया है। विपक्ष के हाथ ये नया हथियार लगा है, जिसे वह संप्रग पर प्रहार करने से शायद ही चूके। ताजा आरोप ने पार्टी के भीतर पसरते भ्रष्ट क्रिया-कलापों का एक और अध्याय खोल दिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के एक सांसद का बांग्लादेश के किसी हथियारों के सौदागर से संबंध उजागर हो चले हैं। अपने सांसद के संबंध होने के आरोपों से घिरी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि माकपा कोलकाता के निकाय चुनावों को देखते हुए उनकी पार्टी की छवि खराब करने में लगी हुई है। लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने रिपोर्ट को मनगढ़ंत बताते हुए कहा है कि माकपा राजनीतिक तौर पर कंगाल हो चुकी है। कोलकाता निकाय चुनावों को देखते हुए नई रिपोर्ट के आधार पर वह विवाद फैला कर तृणमूल की छवि को खराब करना चाहती हैं। पार्टी का कोई नेता इस तरह की अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है। इन खबरों को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के एक अखबार में तृणमूल कोटे के केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री शिशिर अधिकारी नाम सामने आया है, जिस पर वह मानहानि का दावा करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। चर्चाएं हैं कि आईपीएल और फोन टैपिंग मामले में पहले ही विपक्ष से घिर कर पराजय झेल चुकी संप्रग सरकार के लिए ये मामला अब तक की सबसे शर्मनाक चुनौती बन सकता है। अखबार ने दावा किया है कि शिशिर ने हथियार खरीदने के लिए पार्टी के एक कार्यकर्ता को 1.20 लाख रुपए देने की बात मान ली है। अखबार ने अधिकारी के हवाले से कहा है कि हथियारों की खरीद पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में माकपा कैडर से निपटने के लिए की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, ‘बांग्लादेशी हथियार विक्रेता ने शिशिर अधिकारी को फोन कर यह भी कहा था कि उसे हथियारों की पूरी रकम नहीं मिली।’ बाद में अधिकारी को पता चला कि इन हथियारों का इस्तेमाल पूर्वी मिदनापुर में एक कोऑपरेटिव बैंक की डकैती में किया गया था। इस बीच वामदलों ने इस मुद्दे पर तृणमूल को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पता चला है कि पार्टी गृह मंत्रालय से या संयुक्त संसदीय समिति के मार्फत इस मामले की जांच के आदेश देने की मांग करने वाली है। संप्रग की दुविधा ये होगी कि यदि वह दागी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करती है तो तृणमूल से रिश्ते बिगड़ सकते हैं और नहीं करती है तो विपक्ष उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का एक और डंका पीटने के लिए कमर कस सकता है। उधर, शिशिर ने ऐसी किसी सौदेबाजी से इनकार करते हुए चेतावनी दी है कि वह खबर छापने वाले अखबार के खिलाफ कानूनी सहारा ले सकते हैं।
शिशिर प्रकरण के अलावा भी तृणमूल भ्रष्टाचार के आरोपों से हाल ही में कई मर्तबा और लांक्षित हो चुकी है। और कोई नहीं, बल्कि पार्टी के ही सांसद और लोकप्रिय गायक कबीर सुमन अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और क़त्ल कराने जैसे गंभीर आरोप लगा चुके हैं। दो महीने पहले मार्च में उन्होंने ये आरोप एक बंगाली टेलीविज़न चैनल के साथ बातचीत के दौरान लगाए थे। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने उस समय सुमन के आरोपों पर खामोशी साध ली थी। कबीर सुमन ने टेलीविज़न पर कहा था कि "मार्क्सवादियों पर हम जो आरोप लगाते हैं, तृणमूल कांग्रेस भी वही सब करती है। पंचायत स्तर पर मेरी पार्टी में व्यापक भ्रष्टाचार है जिसकी रिपोर्ट मुझे लगातार मिलती रहती है। वहां रिश्वत के बिना कुछ नहीं हो सकता। मार्क्सवादियों ने लंबे समय तक लोगों को मारा है, वही सब मेरी पार्टी तृणमूल कांग्रेस कर रही है। कबीर सुमन ने इससे पहले माओवादियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ग्रीनहंट की सख़्त आलोचना की थी, जिससे ममता बनर्जी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी। उसके बाद उन्होंने एक सीडी (कॉंपैक्ट डिस्क) जारी की थी जिसमें माओवादी समर्थक नेता छत्रधर महतो की तारीफ़ वाले गाने थे। महतो इस समय जेल में बंद हैं। सुमन ने सकार और माओवादियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की भी पहल की थी, जिसके बाद ममता बनर्जी ने कबीर सुमन से किनारा करते हुए उन्हें पार्टी में मेहमान बताया था, लेकिन बाद में माना जाता है कि लेखिका महाश्वेता देवी ने ममता बनर्जी और कबीर सुमन के बीच सुलह करवाई थी। सुमन तो संसद से इस्तीफा देने तक का ऐलान कर चुके थे पर महाश्वेता के कहने पर मान गए थे। इसके अलावा सुमन ने एक और विवाद को हवा दी जब उन्होंने कहा कि जिन बुद्धिजीवियों ने सिंगूर और नंदीग्राम में पार्टी का साथ दिया था वो अब पार्टी से मुहं मोड़ सकते है क्योकि "पार्टी जनता से दूर होती जा रही है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।"
Monday, May 3, 2010
सांसद अवतार सिंह पंजाब बसपा के अध्यक्ष बने
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बहुजन समाज पार्टी ने पंजाब इकाई का पुनर्गठन किया है और राज्यसभा सांसद अवतार सिंह करिमपुरी को प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव अवतार सिंह कश्यप और अवतार सिंह ने संयुक्त बयान में कहा है कि पार्टी की पंजाब इकाई का पुनर्गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि बलदेव सिंह मेहरा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। राज्य इकाई में कुल 35 सदस्यों को शामिल किया गया है। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा 13 महासचिव, 15 सचिव, एक कैशियर और राज्य कार्यकारिणी में चार सदस्य नियुक्त किए गए हैं।
'नौकरी वालों की बल्ले-बल्ले' वाला विधेयक लोकसभा में पारित
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लोकसभा ने कर्मचारी राज्य बीमा संशोधन विधेयक 2009 को भी बिना चर्चा के पारित कर दिया जो असंगठित क्षेत्र के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले कामगारों को भी शामिल करने का प्रावधान करता है। महंगाई के भयानक दौर में नौकरी पेशा लोगों के लिए ये पुरसुकून सूचना हो सकती है। लोकसभा ने ग्रैच्युटी की अधिकतम सीमा 3.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने के प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कर दिया गया । भारी हंगामे के बीच सदन ने इस विधेयक को बिना चर्चा पारित कर दिया। विधेयक में ग्रैच्यूटी की अधिकतम सीमा साढ़े तीन लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रावधान है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया था। इस संबंध में विभिन्न ट्रेड यूनियनों सहित तमाम पक्षों की ओर से ज्ञापन मिला था कि अधिकतम राशि की सीमा को समाप्त किया जाए। इस विधेयक के प्रावधान के तहत स्टैंडिंग ऑर्डर के तहत नियुक्त होने वाले अप्रेंटिस भी कर्मचारी के समकक्ष माने जाएंगे। कार्यस्थल पर जाने या वहां से वापस आने के दौरान होने वाली दुर्घटना का बीमा कवर भी कर्मचारियों को मिलेगा। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि केन्द्र सरकार आय के हिसाब से आश्रित माता-पिता के बारे में नियम बना सकती है। इसमें बीमा निरीक्षक को सामाजिक सुरक्षा अधिकारी का नाम दिए जाने का प्रावधान भी है।
तीनों सेनाओं के लिए समान कानून की सिफारिश
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सशस्त्र बलों के लिए एकीकृत कमान संबंधी संसद की स्थाई समिति की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपने बयान में रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने लोकसभा और राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार ने देश के तीनों सेनाओं के अभियानों के बीच साझा भागीदारी और कार्य संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक साझा कानून का मसौदा तैयार किया है और रक्षा मंत्रालय इसे लागू करने पर सक्रियता से विचार कर रहा है। इस साझा कानून पर वर्ष 2002 में काम शुरू किया गया था और अगस्त 2009 में चीफ आफ स्टाफ कमेटीज से मंजूरी मिलने के बाद मसौदा मंत्रालय को सौंपा गया। यह प्रस्ताव 'जांच के आधीन' है। हालांकि इसके लिए संस्थागत सहयोग तथा ढांचागत सुविधाओं का विकास एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के रूप में पहले ही सृजित कर लिया गया है। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस की सिफारिश कारगिल समीक्षा समिति ने की थी। सीडीएस की नियुक्ति पर आम सहमति बनाने के लिए इस मामले को राजनीतिक दलों के समक्ष उठाया गया लेकिन उनमें से कई ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने के मामले में एंटनी ने बताया कि अंतर मंत्रालयी विचार विमर्श के बाद मसौदा नोट को मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकार को भेजा गया है। सुरक्षा खतरों और चुनौतियों की आतंरिक समीक्षा तथा आईडीएस मुख्यालयों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। उधर, आतंकी कसाब पर आज सुनाए गए फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि मुंबई पर हमलों के मुकदमे में अजमल कसाब को दोषी ठहराया जाना और उसके दो साथियों को बरी करना यह प्रदर्शित करता है कि भारत में कानून का शासन है और यह पाकिस्तान को एक संदेश है कि उसे आतंक का निर्यात नहीं करना चाहिए। अदालत ने कुछ आरोपियों को दोषी ठहराया है। उसने दो आरोपियों को बरी भी कर दिया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि अदालत अपने फैसलों में स्वतंत्र, निडर और ईमानदार है। यह एक खुला मुकदमा रहा है जो कानून के अनुरूप चला और आरोपियों को अपना बचाव करने का पूरा मौका दिया गया। मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि साल भर के भीतर हम संभवत: एक बेहद जटिल मुकदमे में बड़ी संख्या में आरोपी ठहराए गए लोगों में से कुछ के खिलाफ फैसला करने में सक्षम रहे।
प्रगति मैदान दिल्ली से बाहर ले जाने की संसदीय समिति की सिफारिश
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दिल्ली के प्रगति मैदान में व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों के दौरान सड़कों पर जाम की समस्या को देखते हुए संसदकी एक समिति ने व्यापार प्रदर्शनियों के लिए दिल्ली के बाहर कहीं व्यवस्था किए जाने की सरकार से सिफारिशकी है। वाणिज्य विभाग की संस्था भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) प्रगति मैदान का प्रबंध करती हैऔर वहां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले और कई अन्य प्रदर्शनियों का आयोजन करती है। भाजपा सांसद शांताकुमार की अध्यक्षता वाली वाणिज्य विभाग संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय कीकी अनुदान मांगों के संबंध में 93वें प्रतिवेदन में कहा है कि आईटीपीओ के तहत आयोजित किए जानेवाले व्यापार मेलों के लिए राजधानी के बाहर कोई स्थान विकसित किया जाना चाहिए ताकि मेलों और प्रदर्शनीवाले दिनों में भारी ट्रैफिक से बचा जा सके।
2010-11
शिक्षा अधिकरण विधेयक लोकसभा में पेश
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शिक्षण संस्थाओं से संबंधित विवादों के तेजी से समाधान और उनके कामकाज में सुधार के लिए आज लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकसभा में स्पेक्ट्रम तथा अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच यह विधेयक पेश किया। शिक्षा अधिकरण विधेयक 2010 में शैक्षणिक अधिकरणों का राज्य और केन्द्र स्तर पर स्थापना करने का प्रावधान किया गया है ताकि उच्च शिक्षा प्रणाली से संबंधित विवादों का तेजी से निपटारा किया जा सके। विधेयक के कारणों और उद्देश्यों में कहा गया है कि राज्य शिक्षा अधिकरण अध्यापकों या किसी उच्च शिक्षा संस्थानों से जुड़े कर्मचारियों की सेवा शर्तो से संबंधित मुद्दों तथा किसी संस्थान द्वारा कदाचार के मामलों को देखेगा। इसी प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा अधिकरण विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच के विवादों को देखेगा।
लालू, मुलायम, शरद की मांग लोकसभा को मंजूर, सदन में कल होगी जाति आधारित जनगणना पर चर्चा
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संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने सपा, राजद और जद यू के नेताओं मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद और शरद यादव की मांग पर कहा कि जाति आधारित जनगणना कराने के बारे में कल लोकसभा में चर्चा होगी। सरकार इस पर कल या परसों जवाब देगी। मुलायम, लालू और शरद यादव ने सदन में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग उठायी जबकि भाजपा और वाम दलों ने जनगणना में गरीबों, पिछडों आदि के आंकडे शामिल किये जाने पर जोर दिया। सपा सांसद मुलायम यादव ने कहा कि जाति के आधार पर जनगणना हो। सरकार को इसमें क्या आपत्ति है। एक कालम जाति का बना दीजिए। जाति के आधार पर वस्तुत: अभी अनुमान से ही आरक्षण दिया जा रहा है। जद यू नेता शरद यादव ने कहा कि हिन्दुस्तान में पिछडे और आदिवासी तबके हर तरह से सताये जा रहे हैं। इस देश में पेड, नदियों, बाघों आदि की गणना हो रही है। भारत में जाति हकीकत है, इसलिए जाति के आधार पर जनगणना कराना अनिवार्य है। राजद सांसद लालू यादव ने कहा कि हम आरक्षण की मांग नहीं कर रहे। जाति यथार्थ है। अभी तक अंदाज पर काम चल रहा है। जातीय आधार पर सरकार जनगणना कराए ताकि मालूम हो कि किसकी कितनी संख्या है।
कोयला राज्यमंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने भाजपा के कलराज मिश्र द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक और वित्तीय मानदंडों पर खरा उतरने के लिये कोल इंडिया लिमिटेड और कोयला मंत्रालय के बीच एक समझौता हुआ है। वर्ष 2010-11 में वास्तविक और वित्तीय मानदंडों के मुताबिक लक्ष्य हासिल करने के लिये कोल इंडिया लिमिटेड और कोयला मंत्रालय के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं। कोल इंडिया के प्रमुख लक्ष्यों में देश तथा विदेश में कोयला खानों के विकास के माध्यम से देश की दीर्घावधि उर्जा सुनिश्चित करना और वैकल्पिक उर्जा स्रोतों के विकास के लिये प्रयास करना, भविष्य में कोयले की मांग को पूरा करने के लिये नई खानों की खोज करना तथा सभी स्तरों पर प्रबंधन में कामगारों की भागीदारी को प्रोत्साहित करके उसे क्रियान्वित करना मुख्य रूप से शामिल है।
ए. राजा के इस्तीफे के लिए दोनों सदनों में भारी हंगामा, संसद स्थगित
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स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच और जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर हंगामे की वजह से लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। कार्यवाही 12 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई। स्पैक्ट्रम घोटाले में दूरसंचार मंत्री ए. राजा के इस्तीफे की मांग पर भाजपा और अन्नाद्रमुक सदस्यों तथा सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और राजद सदस्यों द्वारा अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर किए गए भारी हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक शुरू होने के सात मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्य राजा के इस्तीफे की मांग को लेकर एक समाचारपत्र की प्रतियां लहराते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। भाजपा सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर राजा के इस्तीफे की मांग करते रहे। उधर सपा और राजद सदस्य अल्पसंख्यकों को आरक्षण की मांग को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद दोनों दलों के नेता मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद भी आसन के समक्ष आ गए। इस बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और सदस्यों को समझाने बुझाने की कोशिश करते हुए उनसे शून्यकाल में यह मामला उठाने को कहा। लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने करीब सात मिनट बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। इधर राज्यसभा में भी प्रश्नकाल नहीं चल पाया और बैठक शुरू होने पर पहले 15 मिनट के लिए तथा इसके बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक सदस्यों ने राजा के इस्तीफे की मांग उठाई। पार्टी के नेता डॉ वी मैत्रेयन ने कहा कि मंत्री पर घोटाले के आरोप हैं और इस बारे में प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया गया है। सभापति हामिद अंसारी ने उनसे प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा कि उनका नोटिस वर्तमान परिस्थितियों में स्वीकार नहीं किया जा सकता। मैत्रेयन ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आ कर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस पर पार्टी के अन्य सदस्यों तथा भाजपा सदस्यों ने उनका समर्थन किया। सभापति ने प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के केवल एक मिनट के अंदर ही कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। ग्यारह बज कर 16 मिनट पर जब बैठक पुन: शुरू हुई तो सदन में वही नजारा था, जिसके कारण सभापति ने बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
लोकसभा में गजेन्द्र सिंह राजुखेड़ी के प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा कि 1998 से 2006 की अवधि के बीच सेना के पश्चिमी कमान, चंडीगढ़ के तहत छावनी के भीतर और बाहर रक्षा भूमि पर कई अनधिकृत मोबाइल टावर स्थापित किये गए। 1998 से 2006 के दौरान रक्षा भूमि पर स्थापित 26 मोबाइल टावरों में से 12 अनधिकृत रूप से निर्मित थे। अनधिकृत रूप से निर्मित ऐसे तीन मोबाइल टावरों को हटा दिया गया है तथा एक का मामला विचाराधीन है जबकि आठ मामलों में सर्वजनिक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। 12 सितंबर 2008 और 16 नवंबर 2009 को पत्रों के माध्यम से संचार संबंधी बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए संचार टावरों के निर्माण के साथ रक्षा भूमि पर केबल बिछाने के लिए दिशा निर्देश जारी किये गए थे। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी राजा पर हमले की कमान मैत्रेयन ने ही संभाली थी। सभापति ने आसन संभालते ही वह अपनी सीट से खड़े होकर स्पैक्ट्रम घोटाले का मुद्दा उठाने लगे थे मुद्दे पर और अन्य विपक्षी दलों के समर्थन से शोरगुल बढ़ता देख डा. अंसारी को सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर देनी पड़ी थी।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम करूणानिधि ने दूरसंचार मंत्री ए।राजा से 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद को लेकर इस्तीफा मांगने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दियाथा। दिनों संसद में मंत्री ए।राजा को विपक्ष ने निशाने पर ले लिया था। देश में 2008 के दौरान 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए करोडों रूपये के कथित घोटाले में एक निगमित दबाव समूह के शामिल होने की खबर के परिप्रेक्ष्य में संसद में दूरसंचार मंत्री ए। राजा विपक्ष विशेषकर अन्नाद्रमुक के निशाने पर आये और उन्हें बर्खास्त करने की मांग उठी। एक दैनिक अखबार में छपी खबर के बाद अन्नाद्रमुक, भाजपा और वाम दलों ने लोकसभा और राज्यसभा में राजा को निशाना बनाया। ये लोग अखबार की प्रतियां दिखाते नजर आये, जिसमें लिखा गया था कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास यह दर्शाने के लिए पक्के सबूत हैं कि एक हाईप्रोफाइल महिला जनसंपर्क हस्ती ने करोडों रूपये के 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में मध्यस्थ की भूमिका निभायी है। हंगामे के दौरान राजा दोनों ही सदनों में मौजूद नहीं थे। द्रमुक नेता टी। आर. बालू और उनके सहयोगियों ने दूरसंचार मंत्री के खिलाफ लगाये गये आरोपों पर लोकसभा में कड़ी आपत्ति दर्ज करायी। अन्नाद्रमुक और वाम दलों के सदस्य लोकसभा में आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। कुछ सदस्य अखबार की प्रतियां लहराते भी नजर आये। वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के स्पष्टीकरण की मांग कर रहे थे। अप्रैल के दूसरे हफ्ते में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने आरोप लगाया था कि दूरसंचार मंत्री ए राजा ने देश को 26,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगाया है। है। कैग ने बताया था कि तमाम विशेषज्ञों की सलाह दरकिनार करते हुए राजा ने नए दूरसंचार लाइसेंस जारी करने के लिए गलत और पुरानी पड़ चुकी नीति अपनाई, जिससे सरकारी खजाने को चपत लगी। कैग ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ महीनों में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से हटाए जाने की मांग के असर से बच निकलने वाले राजा ने उस नीति पर चलते रहने का निर्णय अकेले ही किया जिसके कारण सरकारी राजस्व को 26,685 करोड़ रुपए का झटका लगा। सीबीआई दूरसंचार विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है। सीबीआई दूरसंचार लाइसेंस दिए जाने के तौर-तरीकों की जांच कर रही है। विभाग ने साल 2008 में 1,651 करोड़ रुपए में अखिल भारतीय लाइसेंस जारी किए थे जबकि यह भाव 2001 में तय किया गया था। कैग ने अपने निष्कर्षों पर दूरसंचार विभाग से जवाब तलब किया। कैग के आरोपों पर बार-बार प्रयास करने के बावजूद दूरसंचार मंत्री का जवाब हासिल नहीं किया जा सका। विपक्षी दलों ने पिछले साल तब राजा के इस्तीफे की मांग की थी, जब सीबीआई ने स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच शुरू की। हालांकि, राजा तब बच गए क्योंकि यूपीए गठबंधन की अहम सहयोगी दमुक राजा का पुरजोर समर्थन करने लगी। कैग ने कहा कि दूरसंचार नीति में साफ कहा गया है कि उपलब्धता के आधार पर ही रेडियो स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा और वायरेलस लाइसेंस जारी किया जाएगा। हालांकि अगर अनुपलब्धता के चलते लाइसेंसधारक को स्पेक्ट्रम का आवंटन न हो सके तो वह वायरलाइन तकनीक के जरिए सेवाएं देने का कदम उठा सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि लाइसेंस के आवेदन पर तब भी विचार किया जा सकता है, जब स्पेक्ट्रम उपलब्ध न हो। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि लिहाजा स्पेक्ट्रम उपलब्ध न होने के कारण आवेदनों पर कदम न बढ़ाने का निर्णय लाइसेंस जारी करने के नीतिगत दिशानिर्देशों के उलट था और इसके चलते एंट्री फी के रूप में सरकार को 26,685 करोड़ रुपए से हाथ धोना पड़ा। कैग ने यूएएस लाइसेंस जारी करने में भी खामी पाई थी। उसका कहना था कि मौजूदा प्रावधानों में संशोधन किए बगैर ऐसा करना गलत था। यूएएस लाइसेंस दूरसंचार सेवाएं मुहैया कराने का समग्र लाइसेंस होता है। रिपोर्ट में कहा गया कि दूरसंचार सचिव सहित तमाम विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि एंट्री फी में 2001 से कोई बदलाव नहीं किया गया है, लिहाजा नए लाइसेंस जारी करने पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। सीबीआई ने पहले ही सरकार को 22,000 करोड़ रुपए का चूना लगाने के लिए दूरसंचार विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि विभाग के तौर-तरीकों पर सवाल उठाने वाली कैग की यह रिपोर्ट सीबीआई का पक्ष और मजबूत करेगी। प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंस पाने वाली दो दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
साथ ही, 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के निष्कर्ष पर किसी हस्तक्षेप से इंकार कर देने के बाद अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयाललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा को बर्खास्त करने की मांग की थी। जयललिता ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि न्याय के हितों की रक्षा तभी हो सकती है जब राजा को केंद्रीय मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए। अब उनके पास राजा को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का समर्थन भी है, ऐसे में उन्हें राजा को बर्खास्त करने में झिझकना नहीं चाहिए। दूरसंचार कंपनी एसटेल की ओर से दायर मामले पर विस्तार से चर्चा करते हुए जयललिता ने कहा था कि कंपनी ने दूरसंचार मंत्रालय द्वारा टूजी आवंटन की तारीखों को मनमाने ढंग से आगे बढ़ाने के कारण अदालत का रूख किया। इस मामले में 12 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार मंत्रालय और राजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के निष्कर्ष पर हस्तक्षेप करने से इनकार किया था।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पिछले कार्यकाल में भी पक्षपात के ज्यादातर आरोप राजा के मंत्रालय पर ही लगे थे। इसीलिए शुरुआती दौर में राजा को दूरसंचार मंत्रालय देने से इनकार के बाद प्रधानमंत्री फिर तैयार हो गए थे, जबकि ज्यादातर लोगों को यकीन था कि राजा की दूसरी पारी सरकार के सामने और शर्मनाक स्थिति लेकर आएगी। पहली पारी में राजा ने अपनी पसंदीदा फर्मों को बाजार कीमत से काफी कम पर पर्याप्त मात्रा में स्पेक्ट्रम दिया बजाय इसके कि यह सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया जाता। इससे सरकार को 10 अरब डॉलर का चूना लगा, लेकिन इस वजह से और भी नुकसान हुआ। उन्होंने स्पेक्ट्रम के साथ-साथ लाइसेंस ऐसी फर्मों को दिया जो इसका इस्तेमाल करने में फिलहाल सक्षम नहीं थे क्योंकि नेटवर्क स्थापित करने के लिए उनके पास अरबों डॉलर नहीं थे।