Friday, April 16, 2010

'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' के खिलाफ संसद का बहिष्कार करेंगे तृणमूल सांसद


(sansadji.com)

पश्चिम बंगाल में वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा तृणमूल कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न का विरोध करने और केन्द्र सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए तृणमूल सांसदों ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया है। लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा है कि पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने केन्द्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद की शिकायत की है और हमारे सांसदों ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। हम केन्द्र सरकार को एक संदेश देना चाहते हैं कि वह पश्चिम बंगाल में राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे। राज्य में वामपंथी सरकार को बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हमने उच्च स्तर पर पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला उठाया, जिस पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कुछ समय पहले कहा था कि बंगाल में कई जिले हत्या के गढ़ हो गए हैं।
ममता बनर्जी के रेल मंत्रालय से जुड़ी दूसरी प्रमुख सूचना आज राज्यसभा में गूंजी। सरकार ने आज स्वीकार किया कि लाखों यात्रियों को रोजाना अपने गंतव्यों तक पहुंचाने वाली भारतीय रेल के कई पुल जर्जर स्थिति में हैं। रेल राज्य मंत्री ई.अहमद ने विप्लव ठाकुर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि रेल पुल रेलवे संरक्षा समिति ने बताया था कि एक अप्रैल 1999 को भारतीय रेल के 262 पुल जर्जर स्थिति में हैं जिनके पुनर्निर्माण या सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता थी। इन 262 पुलों में 256 को मार्च 2010 तक ठीक कर लिया गया और शेष छह पुलों में से पांच चालू वित्त वर्ष के दौरान दुरूस्त किया जाना है। हिमाचल प्रदेश में नांगलडैम-तलवारा (83.74 किलोमीटर) रेल लाइन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

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