Saturday, April 24, 2010

भाजपा सांसद साइबर क्राइम के शिकार


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भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी साइबर अपराध के नए शिकार बने हैं। एक अज्ञात व्यक्ति एक सोशल वेबसाइट पर उनका जाली प्रोफाइल बनाकर आईपीएल जैसे विवादास्पद मुद्दों पर टिप्पणियां कर रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रूड़ी के निजी सहायक ने दिल्ली पुलिस के समक्ष कल उस वक्त शिकायत दर्ज कराई, जब सांसद ने फेसबुक पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बनाई गई अपनी जाली प्रोफाइल देखी। शिकायत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं और हमशक्ल बनने को लेकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि मामला दर्ज किया गया है और ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है। हम उस हमशक्ल को ढूंढने और उसकी पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। रूड़ी ने कहा है कि मैं इसे बेहद गंभीरता से ले रहा हूं। किसी व्यक्ति ने मेरे नाम पर फेसबुक अकाउन्ट तैयार किया है। मैंने पुलिस आयुक्त वाई. एस. डडवाल को इसकी जानकारी दे दी है और मैं इससे काफी परेशान हूं। उस जाली अकाउन्ट पर रूड़ी के निजी सहायक अनिल खोसला ने संदेश भेजा जिसमें कहा गया है कि यह भाजपा नेता का अकाउन्ट नहीं है और कोई जालसाज इसका संचालन कर रहा है और इसका दुरुपयोग कर रहा है। इस पर दिए गए सारे विचार उनके नहीं हैं। उन्होंने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और मुझसे कहा गया कि सबको सूचित कर दूं।

मोदी ने कहाः नहीं दूंगा इस्तीफा!


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ललित मोदी मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। इससे पहले एक बार फिर मुठभेड़ के मूड में यू टर्न लेते हुए उन्होंने कहा है कि इस्तीफा नहीं दूंगा, जिसको जो करना है, कर ले। उन्होंन भारतीय क्रिकेट बोर्ड को बर्खास्त करने की चुनौती भी दे दी है। उधर, पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का कहना है कि सच्चाई सामने आने दीजिए। यही बात मोदी ने अपने ट्विटर पर दुहाराई है कि सच जल्द सामने आएगा।

शनिवार को ललित मोदी ने कहा कि उन पर पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है लेकिन वह आखिरी तक संघर्ष करेंगे। लोग मुझ पर इस्तीफा देने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा नहीं होगा। हमने पिछले चार साल में जो किया है वह सबके सामने है। कोई इसका श्रेय नहीं छीन सकता। सच जल्द ही सामने आएगा। मीडिया के द्वारा ट्रायल और तथ्य रखने का मौका नहीं मिलना जंगल राज की तरह हैं। इंतजार कीजिए और तथ्य सामने आएंगे।उन्होंने मीडिया पर अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मीडिया बिना पुष्टि किए खबरें चला रहा है जिससे पता चलता है कि कैसे वह अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उधर, आईपीएल विवाद में फंसने के कारण विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले शशि थरूर ने आज तिरुवनंतपुरम में कहा कि पूरे मामले पर ‘सच्चाई’ सामने आनी चाहिए। थरूर ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने कोई अनियमितता नहीं की है और इसलिए उन्हें सार्वजनिक जीवन छोड़ने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय छोड़ने के बाद पहली बार अपने निर्वाचन स्थल पहुंचे थरूर ने कहा ‘‘मेरे इस्तीफे के बाद कई सच सामने आए। सच्चाई को सामने आने दीजिए। अपना इस्तीफा सौंपते हुए मैंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा था कि वह पूरे मामले की पूरी जांच कराएं।’’ अपने भावुक भाषण में थरूर ने कहा कि उन्हें इन बातों को सुन कर दु:ख पहुंचा कि उन्होंने अपने फायदे के लिए काम किया। थरूर ने कहा ‘‘मैंने 30 साल संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया है। 54 वर्ष की उम्र में मुझे फायदा कमाने के लिए यह सब करने की जरूरत नहीं है।’’ थरूर ने कहा कि कई लोगों ने बातें फैलाईं की वह इस्तीफा देने के बाद राजनीति छोड़ देंगे। इस पर उन्होंने कहा ‘‘मुझे ऐसा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैंने कोई अनियमितता नहीं की है। मैं अपने प्रदेश के लोगों से मिले समर्थन से बहुत खुश हूं और तिरुवनंतपुरम और केरल के लोगों के लिए काम करता रहूंगा।’’

लालू बिहार में, नीतीश से मोरचेबंदी


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राजद सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने जाति के अनुसार जगनगणना कराए जाने की वकालत करते हुए आज कहा कि इससे समाज के सभी वर्गो की पहचान कर उनके लिए योजनाओं और नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान करने में सहायता मिलेगी। लालू ने आज बिहार में सत्तासीन पार्टी जदयू और भाजपा को छोडकर उनकी पार्टी राजद में शामिल होने वाले लोगों और व्यवसायियों का स्वागत करते हुए कहा कि राजद चाहती है कि जाति के आधार पर जनगणना करायी जाए ताकि समाज के सभी वर्गों की सही पहचान हो सके तथा उसी आधार पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और नौकरी में उनके लिए स्थान आरक्षित किया जा सके। प्रदेश की नीतीश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए लालू ने कहा कि बिहार की वर्तमान सरकार जनवितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित अनाज का पूरा उठाव भी नहीं कर सकी। उन्होने आरोप लगाया कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत काम दिए जाने के लिए जितनी राशि केंद्र द्वारा आवंटित की गयी थी उसका भी बिहार सरकार पूरा उपयोग नहीं कर सकी है।

भाजपा सांसद साइबर क्राइम के शिकार


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भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी साइबर अपराध के नए शिकार बने हैं। एक अज्ञात व्यक्ति एक सोशल वेबसाइट पर उनका जाली प्रोफाइल बनाकर आईपीएल जैसे विवादास्पद मुद्दों पर टिप्पणियां कर रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रूड़ी के निजी सहायक ने दिल्ली पुलिस के समक्ष कल उस वक्त शिकायत दर्ज कराई, जब सांसद ने फेसबुक पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा बनाई गई अपनी जाली प्रोफाइल देखी। शिकायत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं और हमशक्ल बनने को लेकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि मामला दर्ज किया गया है और ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है। हम उस हमशक्ल को ढूंढने और उसकी पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। रूड़ी ने कहा है कि मैं इसे बेहद गंभीरता से ले रहा हूं। किसी व्यक्ति ने मेरे नाम पर फेसबुक अकाउन्ट तैयार किया है। मैंने पुलिस आयुक्त वाई. एस. डडवाल को इसकी जानकारी दे दी है और मैं इससे काफी परेशान हूं। उस जाली अकाउन्ट पर रूड़ी के निजी सहायक अनिल खोसला ने संदेश भेजा जिसमें कहा गया है कि यह भाजपा नेता का अकाउन्ट नहीं है और कोई जालसाज इसका संचालन कर रहा है और इसका दुरुपयोग कर रहा है। इस पर दिए गए सारे विचार उनके नहीं हैं। उन्होंने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और मुझसे कहा गया कि सबको सूचित कर दूं।

सोमवार की संसद होगी फोन टैपिंग के नाम


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फोन टैपिंग मामले पर संसद में आवाज बुलंद करने की विपक्ष की तैयारी के बीच सरकार ने आज कहा है कि मामले की ‘जांच’ की जा रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा है कि हम इसकी जांच कर रहे हैं। हमने इस पर ध्यान दिया है और इसकी पड़ताल कर रहे हैं। अंग्रेजी की एक प्रमुख साप्ताहिक समाचार पत्रिका ने दावा किया है कि केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार और माकपा महासचिव प्रकाश करात समेत कुछ बड़े नेताओं के फोन टैप किए गए हैं। राजनीतिक दलों ने इसके लिए सरकार की आलोचना की है। राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एस एस अहलूवालिया ने कहा है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को संसद में सोमवार को उठाएगी। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है जो प्रत्येक नागरिक के जीवन और आज़ादी की रक्षा का भरोसा दिलाता है। माकपा नेता करात ने कहा है कि संप्रग सरकार राजनीतिक नेताओं की फोन टैपिंग का सहारा ले रही है जो गैर कानूनी और अस्वीकार्य है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उधऱ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा है कि उनके सरकारी बंगले में किसी भी प्रकार का फोन टैपिंग अवैध और अलोकतांत्रिक है। यह पूरी तरह अवैध है। इस प्रकार का कृत्य बहुत ही खतरनाक और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक आघात है। उनसे एक पत्रिका में छपी इस रिपोर्ट में प्रतिक्रिया मांगी गयी थी कि कुमार समेत कुछ नेताओं के फोन टैप हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर केंद को सफाई देनी चाहिए। नीतीश कुमार आग बबूला होते हुए कहते हैं कि मैं उन लोगों से जानना चाहूँगा कि आखिर मुझ जैसे व्यक्ति से क्या खतरा है जो इस तरह का फोन टैपिंग किया जा रहा है। क्या मैं देश के लिए खतरा हूँ? आखिर क्यों वो लोग ऐसा कर रहे है? ये बहुत ही गलत बात है और अलोकतांत्रिक है।
विपक्ष फोन टैंपिग के मामले में खासा नाराज है। फोन टैपिंग मामला एक बड़ा विवाद बनता दिख रहा है और इसको लेकर जिस तेजी से सियासी ध्रुवीकरण हो रहा है उससे केंद्र की मनमोहन सरकार मुश्किल में फंसती दिख रही है। विपक्ष के नेता सीताराम येचुरी कहते हैं कि दरअसल फोन टैपिंग का मामला ऐसे समय में सामने लाया जा रहा है, जब आईपीएल विवाद के चलते केंद्र के कई मंत्री विवादो के घेरे में है। ऐसा लगता है कि आईपीएल विवाद से ध्यान हटाने के लिए फोन टैपिंग का मामला सामने लाया गया है। भाजपा ने फोन टैपिंग मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस जघन्य अपराध करार दिया है। मुलायम सिंह ने फोन टैप कराए जाने को मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया है और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। जद यू ने भी इस पूरे मामले पर कड़ा रूख अपनाते हुए केंद्र की मनमोहन सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा है कि क्या राज्य का मुख्यमंत्री देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है? यह भी उल्लेखनीय होगा कि 2008 में भी केंद्र सरकार ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए फोन टैपिंग का सहारा लेने का प्रयास किया था। आईपीएल विवाद में अपने केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के इस्तीफे से आहत केंद्र सरकार ने शरद पवार और आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के फोन टैप कराए हैं।

सांसदजी की वेब दुनिया कंगाल


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भले ही देश में आईटी मंत्रालय गठित हो गया हो और प्रौद्योगिकी मंत्री बन गए हों, लेकिन देश की संसद में तो स्वर्गी प्रधानमंत्री राहुल गांधी के सपने आज भी ताक पर जमी धूल में डूबे हुए हैं। ज्यादातर सांसदों को घरेलू स्तर पर कंप्यूटर-नेट सुविधाएं दी हुई हैं, लेकिन उस पर गेम चलता रहता है। ज्यादातर सांसद कंप्यूटर या नेट सर्चिंग ही नहीं जानते। संसदीय व्यवस्था का ये हाल है कि ज्यादातर सांसदों के ई-मेल पते तक नहीं बने हैं। जिनके बने हैं, उन्हें कभी खोलकर देखा नहीं जाता है। यानी हमारे सांसद लोग सदन में चाहे जितनी बक-बक करें, मीडिया के कैमरों के सामने जितना कूद-कूदकर आंखें झपकाएं, कंप्यूटर की दुनिया से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। आज भी 'दादा कहे सिर्फ सरसों लादा' की कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। इस हकीकत को जानना है तो ये भी जान लीजिए कि सांसदों की इन्हीं कमजोरियों को दूर करने के लिए राज्य सभा सचिवालय द्वारा एन.आई.सी. के सहयोग से 26 से 30 अप्रैल, तक प्रतिदिन दो सत्रों में एफ बी-15, जी-ब्लॉक, संसदीय ग्रंथालय भवन में कंप्यूटर क्लीनिक का आयोजन किया जा रहा है। प्रात:कालीन सत्र सदस्यों के वैयक्तिक स्टाफ के लिए मध्याह्न पूर्व 11.00 बजे से मध्याह्न पश्चात् 1.00 बजे तक होगा और सायंकालीन सत्र राज्य सभा के सदस्यों के लिए मध्याह्न पश्चात् 2.30 बजे से मध्याह्न पश्चात् 5.00 बजे तक होगा। एन.आई.सी. के अधिकारी/इंजीनियर कंप्यूटर संबंधी बुनियादी प्रशिक्षण देंगे तथा सदस्यों और उनके वैयक्तिक स्टाफ को राज्य सभा की वेबसाइट और अन्य सरकारी वेबसाइटों की विशेषताओं से अवगत भी कराएंगे और इंटरनेट का लाभ उठाने अथवा कंप्यूटर संबंधी किन्हीं अन्य मामलों में पेश आ रही प्रचालनगत/तकनीकी समस्याओं का समाधान भी करेंगे। सांसदों से अनुरोध है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं। सांसद अपने वैयक्तिक स्टाफ को प्रशिक्षण सत्र के लिए भी प्रतिनियुक्त कर सकते हैं। सांसदों से अनुरोध किया गया है कि वे इस प्रकार प्रतिनियुक्त किए जाने वाले अपने वैयक्तिक स्टाफ को इस आशय का प्राधिकार पत्र दें। वैयक्तिक स्टाफ के ऐसे कर्मचारी जिनके पास प्रवेश पत्र नहीं हैं, उन्हें प्राधिकार पत्र के साथ पी एल बी स्वागत कार्यालय से संपर्क करने की सलाह दें ताकि उन्हें प्रवेश मिल सके।

(कुछ माह पहले रिफ्रेश-अपडेट न होने तक लोकसभा-राज्यसभा सांसदों की बेव दुनिया की हकीकतें कुछ इस प्रकार रही हैं )

ये सच तो भारत के सिर्फ छह राज्यों के सांसदों और राज्यसभा सदस्यों के बारेमें है। पूरे देश का ब्योरा और ज्यादा चौंकाने वाला है। छह राज्यों यूपी, बिहार, राजस्थान, एमपी, उत्तरांचल, हरियाणा के सिर्फ 38 सांसदों के ई-मेल पते वेबसाइट पर हैं। यानी सांसद जी की वेब दुनिया कंगाल है।
यह सच्चाई जितनी गौरतलब और चिंताजनक कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणीऔर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के लिए है, उतनी ही सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह, बसपा अध्यक्ष मायावती, रालोद मुखिया चौ.अजित सिंह, भाजपाध्यक्ष राजनाथ, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए भी हो सकती है।कहने को तो हाईटेक दुनिया का ताकतवर हिस्सा हो चुका है हिंदुस्तान, लेकिन देश का नेतृत्व करने वाले सांसद, राज्यसभा सदस्य, यहां तक उनके अग्रिम पंक्ति के वरिष्ठतम नेताओं के बारे में भी आज तक अपेक्षित ऑन लाइनव्यवस्था नहीं हो सकी है। यह एक बड़ा सवाल हो सकता है कि किस विभाग की उदासीनता से संसद औरराज्यसभा की वेबसाइटों का ये दयनीय हाल है? देश की सबसे बड़ी लोक-पंचायत लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइटों पर इस समय देश की हिंदी पट्टी के छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल औरहरियाणा के कुल 189 सांसदों में से सिर्फ 38 के ई-मेल पते उपलब्ध हैं। ऊपरी सदन राज्यसभा की स्थिति तो भीइससे बेहतर कही जा सकती है। हिंदी पट्टी के इन्हीं छह राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्वाचित 76 सदस्यों में सेके ई-मेल पते राजकीय वेब साइट पर दिए गए हैं। यहां भी 26 राज्यसभा सदस्यों के ई-मेल पते नदारद हैं।हिंदी पट्टी के इन छह राज्यों के कुल 265 सांसदों, राज्यसभा सदस्यों में सिर्फ 88 के ई-मेल पते दोनों सदनों कीवेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश से सांसद चुने गए कांग्रेस के राहुल गांधी, राजाराम पाल, कमल किशोर, जगदंबिका पाल, सलमानखुर्शीद, बेनीप्रसाद वर्मा, प्रदीप कुमार जैन आदित्य, जफर अली नकबी, हर्षवर्धन, मोहम्मद अजहरुद्दीन, विजयकुमार पांडेय, डॉ.संजय सिंह, अन्नू टंडन, उत्तरांचल से सांसद चुने गए कांग्रेस के विजय बहुगुणा, सतपालमहाराज, प्रदीप टमटा, केसी सिंह बाबा और हरीश रावत,राजस्थान से कांग्रेस सांसद चुने गए खिलाड़ी लाल मीणा, ताराचंद भगोड़ा, हरीश चौधरी, बद्रीराम जाखड़, सीपी जोशी, महेश जोशी, लालचंद कटारिया, श्रीमती चंद्रेश कुमारी, नमोनरायण मीणा, रघुवीर सिंह मीणा, भरतराम मेघवाल, डॉ.ज्योति मिर्धा,गोपाल सिंह, अजयराज सिंह, जितेंद्रसिंह, महादेव सिंह खंडेला, रतन सिंह, हरियाणा जैसे संपन्न राज्य से कांग्रेस सांसद चुने गए इंद्रजीत सिंह राव, श्रुति चौधरी,अवतार सिंह भड़ाना, भजन लाल, अशोक तनवर, जितेंद्र सिंह मलिक, मध्यप्रदेश से कांग्रेस सांसदचुने गए सज्जन सिंह वर्मा, ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, उदयप्रताप सिंह,अरुण सुभाषचंद्र यादव,बसोरी सिंहमेश्राम, मीनाक्षी नटराजन, नरायन सिंह, कांतिलाल भूरिया, राजेश नंदिनी सिंह, प्रेमचंद्र गुड्डू के ई-मेल पते संसदकी साइट पर नहीं हैं। यदि सत्ताधारी कांग्रेस के सांसदों के वेब-पते का ये हाल है तो जाना जा सकता है कि अन्यपार्टियों के सांसदों की क्या स्थिति होगी। और तो और बिहार से जेडीयू सांसद शरद यादव, शत्रुघ्न सिह्ना (भाजपा), लालू प्रसाद यादव (अध्यक्ष राजद), मध्यप्रदेश से भाजपा सांसद सुषमा स्वराज, यशोधरा राजे सिंधिया, कैलाशजोशी, उत्तर प्रदेश से विपक्षी सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, उनके पुत्रअखिलेश यादव, अभिनेत्री-सांसद जयाप्रदा, भाजपा के वरिष्ठ सांसद लालजी टंडन, रालोद अध्यक्ष चौधरी अजितसिंह के पुत्र जयंत चौधरी तक के ई-मेल पते वेब साइट पर नहीं हैं। हो सकता है कि नए सांसदों के पते निकटभविष्य में उपलब्ध हो जाएं, लेकिन लंबे दौर से संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे पार्टी अध्यक्षों के प्रति ऐसी तकनीकीउदासीनता संसद और सरकार दोनों के लिए चिंतनीय और गौरतलब होनी चाहिए।
राज्यसभा सदस्यों की संसदीय वेबसाइट पर नजर डालें तो कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रीभगतसिंह कोश्यारी, जार्ज फर्नांडीज(जनता दल यू)तक के ई-मेल पते अनुपलब्ध हैं। उदासीनता का दूसराहैरतअंगेज पहलू ये है कि जिनके पते उपलब्ध भी हैं, उनसे आम आदमी को कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। यानीउन सांसदों या राज्यसभा सदस्यों की वेब साइटें या ई-मेल कभी खुलते ही नहीं। फिर जनता के ई-मेल संदेशों काजवाब मिलने का सवाल ही कहां पैदा होता है। भारत आईटी क्षेत्र में पूरी दुनिया में डंका बजा रहा है और उसकीसंसदीय तकनीकी रफ्तार का हाल ये है। लोकसभा और राज्यसभा की वेबसाइटों से प्राप्त जानकारी के अनुसारज्यादातर सांसदों के पते नदारद हैं। अनेक के सिर्फ नाम और गांव के पते हैं। दिल्ली में वह कहां रहते हैं, साइट सेमालूम नहीं किया जा सकता। यदि कोई पढ़ा-लिखा मतदाता चाहे कि वह संसदीय वेब साइट के भरोसे अपनेमाननीय तक पहुंच सके तो असंभव ही होगा।
उत्तर प्रदेशः 80 में सिर्फ 15 के ई-मेल पते हैं....सोनिया गांधी (कांग्रेस-रायबरेली), डॉ.मुरली मनोहर जोशीभाजपा-वाराणसी), कुंवर रेवती रमण सिंह (सपा-इलाहाबाद), अजित सिंह (रालोद अध्यक्ष-बागपत), नीरजशेखर (सपा-बलिया), पीएल पुनिया (कांग्रेस-बाराबंकी), प्रवीण सिंह ऐरन (कांग्रेस-बरेली), जितिन प्रसादकांग्रेस-धौरहरा), विजय बहादुर सिंह (बसपा-हमीरपुर), श्रीप्रकाश जायसवाल (कांग्रेस-कानपुर), रतनजीत प्रतापनरायन सिंह (कांग्रेस-कुशीनगर), डॉ.बलिराम (बसपा-लालगंज), तूफानी सरोज (सपा-मछली शहर), राजेंद्रअग्रवाल (भाजपा-मेरठ), राजकुमारी रतना सिंह (कांग्रेस-प्रतापगढ़)। हरियाणा में 10 में सिर्फ 3 के ई-मेल पतेहैं....कुमारी शैलजा (कांग्रेस-अंबाला), अरविंद कुमार शर्मा (कांग्रेस-करनाल), नवीन जिंदल (कांग्रेस-कुरुक्षेत्र)।राजस्थान में 25 में सिर्फ 4 के ई-मेल पते हैं.....रामसिंह कासवान (भाजपा-चुरू, शीशराम ओला (कांग्रेस-झुझनूं), सचिन पायलट (कांग्रेस-अजमेर), गिरिजा व्यास (कांग्रेस-चित्तौड़गढ़)। मध्यप्रदेश में 29 में सिर्फ 6 के ई-मेल पतेउपलब्ध हैं....कमलनाथ (कांग्रेस-छिंदवाड़ा), गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी (कांग्रेस-धार), सुमित्रा महाजन (भाजपा-इंदौर), देवराज सिंह पटले (बसपा-रीवा), गणेश सिंह (भाजपा-सतना), गोविंद प्रसाद मिश्रा (भाजपा-सीधी)। बिहार में 40 सांसदों में सिर्फ 10 के ई-मेल पते साइट पर हैं....दिग्विजय सिंह (निर्दल-बांका),शाहनवाज हुसैन (भाजपा-भागलपुर), कीर्ति झा आजाद (भाजपा-दरभंगा),निखिल कुमार चौधरी (भाजपा-कटिहार),मोहम्मद असरुल हककांग्रेस-किशनगंज),हुकुमदेव नरायन यादव (भाजपा-मधुबनी), जयनरायन प्रसाद निषाद (जद-यू-मुजफ्फरपुर), राधामोहन सिंह (भाजपा-पूर्वी चंपारण), मीरा कुमार (कांग्रेस-सासाराम), रघुवंश प्रसाद सिंहआरजेडी-वैशाली)। उत्तरांचल के तो पांचों सांसदों में से किसी का भी ई-मेल पता उपलब्ध नहीं है।
जहां तक राज्यसभा की बात है, इस सदन के लिए उत्तर प्रदेश के 31 में 18 सदस्यों के ई-मेल पते साइट परहैं......कमल अख्तर (सपा), मुनकाद अली (बसपा), जया बच्चन (सपा), अखिलेश दास गुप्ता, विनय कटियारभाजपा), महमूद अहमद मदनी (रालोद), महेंद्र मोहन (सपा),जनेश्वर मिश्रा (सपा),कलराज मिश्रभाजपा),सतीशचंद्र मिश्रा (बसपा),अरुण शौरी (भाजपा),अमर सिंह (सपा),भगवती सिंह (सपा),वीर सिंहबसपा),ब्रिजभूषण तिवारी (सपा),नंदकिशोर यादव(सपा),रामगोपाल यादव (सपा),वीरपाल सिंह यादव (सपा)।उत्तरांचल के 3 राज्यसभा सदस्यों में से सिर्फ एक का ई-मेल पता है...सतीश कुमार शर्मा (कांग्रेस)। हरियाणा केपांच में से 4 के ई-मेल पते प्राप्त हैं....अजय सिंह चौटाला (राष्ट्रीय लोकदल), डॉ.रामप्रकाश (कांग्रेस), ईश्वर सिंहकांग्रेस), सरदार तरलोचन सिंह (निर्दल)। राजस्थान के 10 राज्यसभा सदस्यों में से 7 के ई-मेल पते साइट परहैं.....रामदास अग्रवाल (भाजपा), संतोष बगरोडिया (कांग्रेस), कृष्णलाल वाल्मीकि (भाजपा), ललित किशोरचतुर्वेदी (भाजपा), श्रीमती नजमा ए.हेपतुल्ला (भाजपा), ओमप्रकाश माथुर(भाजपा), डॉ.ज्ञानप्रकाशपिलानिया(भाजपा), अभिषेक मनु सिंघवी(कांग्रेस), डॉ.प्रभा ठाकुर (कांग्रेस)। मध्य प्रदेश के 11 राज्यसभा सदस्योंमें से 6 के ई-मेल पते उपलब्ध हैं....प्रभात झा (भाजपा), नारायण सिंह केसरी (भाजपा), रघुनंदन शर्मा (भाजपा), अर्जुन सिंह (कांग्रेस), श्रीमती माया सिंह(भाजपा), थिरुनवुक्करसर(भाजपा), ए.अनुसुइया (भाजपा), विक्रमवर्मा(भाजपा)। बिहार के सिर्फ 12 राज्यसभा सदस्यों डॉ.एजाज अली(जनता दल यू.), अली अनवर अंसारी(जनतादल यू.), आर.के.धवन (कांग्रेस), प्रेमचंद गुप्ता (राष्ट्री जनता दल), जबरी हुसैन (जनता दल यू.), डॉ.महेंद्र प्रसादजनता दल यू.),राजनीति प्रसाद (जनता दल यू.), रविशंकर प्रसाद (भाजपा),महेंद्र साहनी (जनता दलयू.),एन.के.सिंह (जनता दल यू.), सीपी ठाकुर (भाजपा) और शिवानंद तिवारी (जनता दल यू.) के ई-मेल पतेउपलब्ध हैं।
लोकसभा सदस्यों में से उत्तर प्रदेश के राजनाथ सिंह (भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष-गाजियाबाद), मुलायम सिंह यादवराष्ट्रीय सपा अध्यक्ष-मैनपुरी), जगदंबिका पाल (कांग्रेस- डुमरियागंज), सलमान खुर्शीद (कांग्रेस-फर्रूखाबाद), कल्याण सिंह (निर्दल-एटा), फिरोज वरुण गांधी (भाजपा-पीलीभीत), जयाप्रदा नाहटा (सपा-रामपुर), डॉ.रामशंकरकठेरिया (भाजपा-आगरा), धर्मेंद्र यादव (सपा-बदायूं), कमल किशोर (कांग्रेस-बहराइच), आरके सिंह पटेलसपा-बांदा), कमलेश पासवान (भाजपा-बांसगांव), अरविंद कुमार चौधरी (बसपा-बस्ती), गोरखनाथ पांडेयबसपा-भदोही), संजय सिंह चौहान (रालोद-बिजनौर), रामकिशुन (सपा-चंदौली), प्रेमदास (सपा-इटावा), निर्मलखत्री, राकेश सचान (सपा-फतेहपुर), सीमा उपाध्याय(बसपा-फतेहपुर सीकरी), सुरेंद्र सिंह नागर (बसपा-गौतमबुद्ध नगर), राधेमोहन सिंह (सपा-गाजीपुर), दारासिंह चौहान (बसपा-घोसी), बेनीप्रसाद वर्मा (कांग्रेस-गोंडा), योगी आदित्यनाथ (भाजपा-गोरखपुर), उषा वर्मा (सपा-हरदोई), सारिका सिंह बघेल (रालोद-हाथरस), घनश्यामअनुरागी (सपा-जालौन), धनंजय सिंह (बसपा-जौनपुर), प्रदीप कुमार जैन आदित्य (कांग्रेस-झांसी), बेगमतबस्सुम हसन (बसपा-कैराना), ब्रिजभूषण शरण सिंह (सपा-कैसरगंज), अखिलेश यादव (सपा-कन्नौज), जयंतचौधरी (रालोद-मथुरा), शैलेंद्र कुमार (सपा-कौशांबी), जफर अली नकवी (कांग्रेस-खीरी), लालजी टंडन (भाजपा-लखनऊ), हर्षवर्धन (कांग्रेस-महराजगंज), बालकुमार पटेल (सपा-मिर्जापुर), अशोककुमार रावत (बसपा-मिसरिख), सुशीला सरोज (सपा-मोहनलालगंज), मोहम्मद अजहरुद्दीन (कांग्रेस-मुरादाबाद), कादिर राना (बसपा-मुजफ्फरनगर), यशवीर सिंह (सपा-नगीना), कपिलमुनि करवरिया (बसपा-फूलपुर), पकौड़ी लालसपा-राबर्ट्सगंज), जगदीश सिंह राणा (बसपा-सहारनपुर), रामशंकर राजभर (बसपा-सलेमपुर), शफीकुर्रहमानबर्क (बसपा-संभल), भीष्मशंकर तिवारी ( 50 ( बसपा-संत कबीरनगर), मिथिलेश कुमार (सपा-शाहजहांपुर), विनयकुमार पांडेय (कांग्रेस-श्रावस्ती), डॉ.संजय सिंह (कांग्रेस-सुल्तानपुर) और सुश्री अन्नू टंडन (कांग्रेस-उन्नाव) आदिके तो पते और फोन नंबर भी आधे-अधूरे हैं। यही हाल उत्तरांचल के सांसदों विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज, प्रदीप टमटा, केसी सिंह बाबा, हरीश रावत के संबंध में सरकारी वेब साइट का है। राजस्थान, हरियाणा, बिहार औरमध्यप्रदेश के संसद सदस्यों के संबंध में तो साइट पर जानकारियों का और ज्यादा अभाव है।

मोदी इस्तीफे को तैयार, शास्त्री का भाग्योदय


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क्षण-क्षण घटनाक्रम मोड़ ले रहे हैं। ताजा खबर ये आ रही है कि ललित मोदी इस्तीफा देने को तैयार हो गए हैं और रवि शास्त्री को उनकी कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन इसके पीछे कई पेंच भी बताई जा रही है। इस्तीफे के लिए तैयार होने के बावजूद मोदी ने कहा है कि उन्हें अपनी मोकम्मल जवाबदेही के लिए कुछ दिन का समय अवश्य दिया जाए। जैसा कि आज सुबह शरद पवार व विजय माल्या भी पवार के घर सुबह हुई बैठक में चाहते थे। लेकिन बीसीसीआई अभी तक तो मोहलत देने को तैयार नजर नहीं आई है।
आईपीएल विवाद के चलते ललित मोदी का जाना तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कुछ देर पहले वह इस्तीफा देने का मन भी बना चुके हैं और इसका संकेत भी दे दिया है। लगता है कि ये हालात शरद पवार के दबाव के बाद बने हैं। शरद पवार के सामने हालात ये हैं कि वे या तो मोदी को बचा लें या प्रफुल्ल पटेल को। दोनों को बचाना उनके लिए अब संभव नहीं रह गया है। तो दोनों में से निश्चित ही पवार अपनी पार्टी के केंद्रीय मंत्री पटेल को बचाना चाहेंगे। मोदी को तो फिर कभी समतल किया जा सकेगा। यद्यपि यह दबाव भी पवार घिरी परिस्थितियों के कारण कुबूल किए हैं। उधर पता चला है कि भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी रवि शास्त्री नए आईपीएल आयुक्त नियुक्त किए जा सकते हैं। 26 तारीख को आईपीएल गवर्निग काउंसिल की बैठक होनी है जिसमें आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के भाग्य का फैसला तो होना ही है, आईपीएल कमिश्नर की बल्लेबाजी करने के लिए खाली मैदान शास्त्री को सौंपा जा सकता है।
आज सवेरे केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के घर हुई बैठक में आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से इस्तीफे की मांग की गई। मीडिया सूत्रों पर भरोसा करें तो पता चला है कि इस बैठक में बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या तथा बीसीसीआई के कुछ अधिकारी भी मौजूद रहे। बताते हैं कि पवार, माल्या ने बीसीसीआई से मोदी को कुछ दिन मोहलत देने की अपील भी की।
मांग ठुकरा दी गई है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने अपना पक्ष रखने के लिए बीसीसीआई से 5 दिन की मोहलत मांगी है। बैठक के बाद विजय माल्या ने मीडिया से किए खुलासे में कहा कि ललित मोदी को कुछ मोहलत तो मिलनी ही चाहिए। फिर उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच हो जाने दीजिए, सब कुछ सामने आ जाएगा। शरद पवार बीसीसीआई सदस्यों के साथ बैठक के लिए बीसीसीआई मुख्यालय पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि बीसीसीआई और ललित मोदी के बीच जारी विवाद को शांति से सुलझाने की पहल पवार करेंगे। यद्यपि बीसीसीआई अपने पहले के रुख पर कायम है। बीसीसीआई की बैठक पूर्वघोषित 26 अप्रैल को ही होनी है। गवर्निंग काउंसिल के ज्यादातर सदस्य चाहते हैं कि ललित मोदी को आईपीएल कमिश्नर पद से अब विदा कर देने का समय आ गया है।

पापा कहते थे, बड़ा नाम करेंगी!


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बेटियां अलग-अलग मोरचों पर। चाहे वह पूर्णा पटेल हो या पंजाब की हरप्रीत सिंह, जिसके नाम कल एक करोड़ की लाटरी निकल गई। कहते हैं, संसद देश होता है। देश में जो होता है, जो नहीं होना चाहिए, संसद उसकी गवाह होती है। बाबू जगजीवन राम की पुत्री हैं मीरा कुमार। और अपने-अपने पापा की पुत्रियां हैं जया बच्चन, सुषमा स्वराज, नजमा हेप्तुल्ला आदि। जैसी करनी, वैसी भरनी।
बात जरा घुमावदार है लेकिन है बड़े काम की। ऐसे में कल की लुधियाना (पंजाब) सरकार की बैसाखी बंपर लॉटरी की एक बात बड़ी मजेदार लगती है कि एक किस्मत वाली बेटी के नाम एक करोड़ की लाटरी निकल गई। वह खुशनसीब लड़की है बचितर सिंह नगर की हरप्रीत। परिवार वाले कह रहे हैं कि इस लाटरी के पैसे से वे अपनी बेटी की धूमधाम से शादी करेंगे।
संसद की ओर नजर डालें तो एक लंबी फेहरिस्त उभरती चली जाती है अतीत के सन 47 तक। और आज भी हैं....लोकसभा में पंजाब की सांसद परनीत, परमजीत कौर, महाराष्‍ट्र की भावना पुंडलिकराव, प्रियादत्त, आंवला की मेनका गांधी, अमेठी की सोनिया गांधी, रामपुर की जयाप्रदा, हरदोई की उषा वर्मा, उत्तर-पश्‍चिम दिल्‍ली की कृष्‍णा तीरथ, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की डी. पुरन्देश्‍वरी, बापतला पानाबा की लक्ष्मी, विजियानगरम की झांसी लक्ष्मी, पश्‍चिम बंगाल की ममता बैनर्जी, सुस्मिता बाउरी बोचा, छत्तीसगढ़ की इन्‍ग्रिड मैक्लोड, इन्दौर की सुमित्रा महाजन, तुरा (मेघालय) की कुमारी अगाथा संगमा, अम्बाला की कुमारी शैलजा, ग्वालियर की यशोधरा राजे सिंधिया, आरा (बिहार) की मीना सिंह। और राज्य सभा में श्रीमती बिमला, अनुसुइया उइके, प्रो. अलका क्षत्रिय, कानीमोझी, वृंदा कारत, मोहसिना किदवई, डा. प्रभा ठाकुर, विप्लव ठाकुर, सुशीला तिरिया, झारना दास, जयन्ती नटराजन, रेणुबाला प्रधान, नाज़नीन फ़ारूक, जयाश्री बी, शोभना भरतिया, टी.रत्नाबाई, कुसुम राय, मैबल रिबैलो, डा. कपिला वात्स्यायन, वसन्ती स्टान्ली, माया सिंह, डा. टी. एन. सीमा, अम्बिका सोनी आदि। निगाहें और आसापास जाती हैं तो वसुंधरा राजे सिंधिया, मायावती आदि की राजनीतिक हैसियत से भी इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन यहां बात हो रही है, उन आधुनिक हस्तियों की, जो इन दिनों सुर्खियों में हैं और जिनमें से कुछ एक कारण उनके पापा परेशान हैं। उनके भी पापा कभी कहते रहे होंगे कि बेटी बड़ा नाम करेगी, नाम तो सचमुच कर रही है लेकिन जरा लीक से हटकर।
इन दिनो ऐसा ही एक नाम है सुर्खियों में पूर्णा पटेल। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की बेटी। आईपीएल की हॉस्पिटैलिटी मैनेजर। अपने पिता के रसूख का इस्तेमाल करते हुए एयर इंडिया की दो फ्लाइट को डाइवर्ट करवा दिया। अब उनके नाम कल की भी संसद बुक हो चुकी है। जैसा कि इन दिनों संसद में बाकी सब काम छोड़कर आईपीएल-आईपीएल चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि पापा प्रफुल्ल पटेल की बेटी पूर्णा के कहने पर एयर इंडिया की एक शिडयूल्ड पैसेंजर फ्लाइट को चार्टर्ड विमान बना दिया गया। पूर्णा 20 अप्रेल को सुबह पांच बजकर 20 मिनट पर दिल्ली से उड़ान भरने वाली एयरइंडिया की फ्लाइट आईसी 7603 को रद्द कराकर चंडीगढ़ से चेन्नई ले गई थी। इस यात्री विमान को दिल्ली से कोयंबटूर जाना था। विमानन कंपनी ने यात्रियों से झूठ बोल कर उन्हें विमान से उतारा। एयर इंडिया की तरफ से विमान में तकनीकी खराबी की बात बताकर यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया था। काफी लंबे इंतजार के बाद फिर इन यात्रियों को दूसरे प्लेन से कोयंबटूर भेजा गया था। पूर्णा पर शिडयूल्ड फ्लाइट को चार्टर्ड विमान में बदलकर नियमों का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप सुर्खियों में है। देश की सियासत में भूचाल आया हुआ है। पूर्णा सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर आईपीएल खिलाडियों को चेन्नई ले गईं। आईपीएल खिलाडियों को चंडीगढ़ से चेन्नई जाना था पर 19 अप्रेल की रात तक किसी चार्टर्ड विमान का इंतजाम नहीं हो पाया। खिलाडियों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े , इसलिए एयर इंडिया की पैसेंजर फ्लाइट को ही चार्टर्ड प्लेन बना दिया गया और खिलाडियों को चेन्नई ले जाया गया। पूर्णा पटेल के निर्देश पर आईपीएल के खिलाडियों को जयपुर लाने के लिए एयर इंडिया की एक और फ्लाइट को डाइवर्ट किया गया था। दिल्ली-मुंबई पैसेंजर फ्लाइट आईसी 887 नम्बर की फ्लाइट को 13 अप्रेल को डाइवर्ट किया गया। इस फ्लाइट में 35 पैसेंजर सवार थे जिनकों फ्लाइट के डाइवर्जन के बारे में सूचित किया गया था। आईपीएल के खिलाडियों को सवार करने के लिए फ्लाइट की रवानगी में एक घंटे की देरी हुई थी। अल सेल्स एंड मार्केटिंग टीम का इसमें हाथ बताया जा रहा है। अल सेल्स एंड मार्केटिंग की टीम ने पूर्णा पटेल के निर्देश पर फ्लाइट को डाइवर्ट करवाया था। हालांकि इसके पीछे तकनीकी कारणों का हवाला दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक फ्लाइट के डाइवर्जन में डीजीसीए के नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। अभी तक एयर इंडिया के अधिकारियों इस बारे में कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।

पवार, माल्या की ताजा सिफारिश भी बीसीसीआई ने ठुकराई, मोदी को जाना ही होगा


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आज सवेरे केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के घर हुई बैठक में आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से इस्तीफे की मांग की गई। मीडिया सूत्रों पर भरोसा करें तो पता चला है कि इस बैठक में बैंगलोर रॉयल चैलेंजर्स के मालिक विजय माल्या तथा बीसीसीआई के कुछ अधिकारी भी मौजूद रहे। बताते हैं कि पवार, माल्या ने बीसीसीआई से मोदी को कुछ दिन मोहलत देने की अपील भी की।
मांग ठुकरा दी गई है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने अपना पक्ष रखने के लिए बीसीसीआई से 5 दिन की मोहलत मांगी है। बैठक के बाद विजय माल्या ने मीडिया से किए खुलासे में कहा कि ललित मोदी को कुछ मोहलत तो मिलनी ही चाहिए। फिर उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच हो जाने दीजिए, सब कुछ सामने आ जाएगा। शरद पवार बीसीसीआई सदस्यों के साथ बैठक के लिए बीसीसीआई मुख्यालय पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि बीसीसीआई और ललित मोदी के बीच जारी विवाद को शांति से सुलझाने की पहल पवार करेंगे। यद्यपि बीसीसीआई अपने पहले के रुख पर कायम है। बीसीसीआई की बैठक पूर्वघोषित 26 अप्रैल को ही होनी है। गवर्निंग काउंसिल के ज्यादातर सदस्य चाहते हैं कि ललित मोदी को आईपीएल कमिश्नर पद से अब विदा कर देने का समय आ गया है।

मायावती की सीबीआई जांच पर कांग्रेस-भाजपा के चुप होने का मतलब!


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कांग्रेस और भाजपा में इस समय संसदीय पालेबाजी को लेकर लुकाछुपी का खेल चल रहा है। भाजपा ने आईपीएल मामले पर दोहरा रुख अख्तियार करते हुए शशि थरूर को लेकर तो खूब हल्ला मचाया लेकिन जब मामला प्रफुल्ल पटेल का आया तो बगलें झांकने लगी। इसी तरह मायावती के माला प्रकरण पर भी भाजपा सांसद लालजी टंडन का कहना था कि ये कोई खास बात नहीं है। इन राजनीतिक घटनाओं को खंगालने वाले विश्लेषक बताते हैं कि यह सब संसद में अपना-अपना गोल मजबूत रखने का खेल चल रहा है। एक (राजग) सत्ता से बाहर है, जिसे सत्ता की तलब है, दूसरा (संप्रग) सत्ता में बने रहने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की नीति पर चल रहा है। इसी तरह सीबीआई जांच प्रकरणों पर कांग्रेस का रुख रहा। जब लालू प्रसाद और मुलायम सिंह के मामले जांच निष्कर्षों तक उजागर होने को हुए तो कांग्रेस ने आंख झपका दी लेकिन मायावती के मामले में ऐसा नहीं। कटौती प्रस्ताव पर विपक्षी एकजुटता के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उच्चतम न्यायालय में केंद्रीय जांच ब्यूरो के इस बयान पर चुप्पी साधकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ अच्छा संबंध रखने का प्रयास किया कि वह आय से अधिक संपत्ति के मामले को बंद करने की मायावती की मांग पर विचार करेगी। पार्टी ने सीबीआई के इस बयान पर चुप्पी साध ली है लेकिन पार्टी नेताओं ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि दरअसल कांग्रेस का यह मायावती को अपने पाले में लाने की तरकीब है। एक भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नीत सरकार सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और मायावती के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले नरमी बरतकर उन्हें अपने पाले में रखना चाहती है। वे विपक्षी की रणनीति को विफल करने के लिए कटौती प्रस्ताव के दौरान बहिर्गमन कर सकते हैं। बहरहाल, कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि सीबीआई एक स्वायत्तशासी निकाय है और सरकार उसके रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती है। सरकार संसद में अपनी संख्या को लेकर आश्वस्त है।

‘भाड़े के’ तालिबान से भारत पर परमाणु हमला


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परमाणु अप्रसार पर एक अमेरिकी आयोग ने अमेरिकी सांसदों से कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध छिड़ने अथवा तनाव बढ़ने की स्थिति में अपने परमाणु हथियार भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए ‘भाड़े के’ तालिबान के हाथों में दे सकता हैं। जनसंहार के हथियारों के प्रसार पर रोक और आतंकवाद संबंधी एक अमेरिकी आयोग के प्रमुख बॉब ग्राहम ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कश्मीर में यदि कुछ ऐसा हुआ जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा तो वह ऐसी घटना की शक्ल अख्तियार कर सकता है जिसकी वजह से कोई यह निर्णय भी ले सकता है। ग्राहम पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर आशंकित सांसदों के सवालों का जबाव दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी कोई नौबत आने की स्थिति में हमारा एक सुझाव यह होगा कि भारत और पकिस्तान के साथ मिलकर कोई सुरक्षा प्रक्रिया बनाई जाए। स्थिति अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हुए शीत युद्ध जैसी नहीं होनी चाहिए जहां हमारी कट्टर दुश्मनी थी और हमारे पास एक दूसरे को नष्ट करने की पर्याप्त क्षमता थी।

Friday, April 23, 2010

BREAKING NEWS: आईपीएल मामले की जेपीसी से जांच नहीं


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केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को भले लोकसभा में कह दिया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के कामकाज की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्षी दलों की मांग पर सरकार विचार करेगी, लेकिन कोर ग्रुप की बैठक में शाम को इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया, यानी सरकार जेपीसी से जांच नहीं कराएगी।
उधर, आईपीएल विवाद में खुद पर, अपने परिवार पर और पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल पर लगे आरोपों से अविचलित प्रतीत हो रहे राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। पवार आईपीएल विवाद की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराये जाने की मांग को लेकर भी अविचलित नजर आये। कृषि मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या वह उन मीडिया रिपोर्टों को लेकर चिंतित हैं, जिनमें आईपीएल से फायदा पाने वालों में उनकी पार्टी और कुछ नेताओं का नाम आया है, तो उन्होंने कहा कि हमें क्यों चिंतित होना चाहिये। हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें जब यह बताया गया कि विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराये जाने की मांग कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वे जो करना चाहते हैं, उन्हें करने दीजिये। पवार की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब इस तरह के आरोप लगे हैं कि उनके परिवार को आईपीएल से लाभ पहुंचा है और पटेल ने पद का दुरुपयोग किया है। केंद्र तथा महाराष्ट्र में कांग्रेस नीत गठबंधन में सहयोगी राकांपा ने इन आरोपों का खंडन किया है।
उल्लेखनीय है कि आज दिन भर आईपीएल मामले पर संसद की कार्यवाही बाधित रही। विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच मुखर्जी ने कहा था कि हमने सभी के सुझावों पर ध्यान दिया है और उन पर विचार किया जाएगा। सरकार सभी मांगों पर विचार करेगी। सदस्यों की चिंताओं से हम प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे। इस मामले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। मुख्य विपक्षी दल भाजपा, वामपंथी व अन्य दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरे रखा। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने आईपीएल में मैच फिक्सिंग, अवैध सट्टेबाजी, काले धन को सफेद करने और फ्रेंचाइजियों को फायदा पहुंचाने के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग उठाई। स्वराज ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में शामिल कुछ नेताओं को बचाने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार जांच कराने में देरी कर रही है। जनता दल-युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि आईपीएल लुटेरों का अड्डा है। यादव ने सदन के नेता प्रणव मुखर्जी से कहा कि आपकी सरकार की नाक के नीचे मॉरीशस और स्विट्जरलैंड से हर तरह का पैसा आईपीएल में लगाया गया। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि इस मामले में दो मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं। संप्रग के मुख्य सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो प्रमुख नेताओं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की ओर इशारा करते हुए यादव ने कहा कि इस विवाद में दो मंत्रियों का भी नाम लिया जा रहा है।

आईपीएल लुटेरों का अड्डाःशरद यादव


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इंडियन प्रीमियर लीग मुद्दे पर लोकसभा की कार्यवाही आज दो बार स्थगित करनी पड़ी। सांसद शरद यादव ने कहा कि आईपीएल तो लुटेरों का अड्डा है। सुषमा स्वराज ने आईपीएल में मैच फिक्सिंग, सट्टेबाजी, काला धन को सफेद करने की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की मांग उठाई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में शामिल कुछ नेताओं को बचाने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार जांच कराने में देरी कर रही है। जनता दल-युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि आईपीएल लुटेरों का अड्डा है। यादव ने सदन के नेता प्रणव मुखर्जी से कहा कि आपकी सरकार की नाक के नीचे मॉरीशस और स्विट्जरलैंड से हर तरह का पैसा आईपीएल में लगाया गया। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि इस मामले में दो मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं। संप्रग के मुख्य सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो प्रमुख नेताओं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की ओर इशारा करते हुए यादव ने कहा कि इस विवाद में दो मंत्रियों का भी नाम लिया जा रहा है। आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी से जुड़े विवाद में नाम आने के बाद पिछले सप्ताह शशि थरूर को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता गुरुदास दास गुप्ता ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए और यह साबित करना चाहिए कि वह किसी राजनीतिक हस्ती को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आईपीएल के कामकाज की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की विपक्षी दलों की मांग पर सरकार विचार करेगी। हमने सभी के सुझावों पर ध्यान दिया है और उन पर विचार किया जाएगा। सदस्यों की चिंताओं से हम प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।

भाजपा थरूर पर गरम, प्रफुल्ल पर नरम



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आईपीएल विवाद में विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को इस्तीफा देने को मजबूर करने वाली भाजपा का रूख ऐसे ही आरोपों का सामना कर रहे नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के प्रति नरम है। पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति से मामले की जांच कराने की मांग तो की है लेकिन पटेल के इस्तीफे पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। यह पूछे जाने पर कि प्रफुल्ल पटेल की पुत्री के आईपीएल विवाद में शामिल होने की रपट सामने आने के बाद भी भाजपा उनके इस्तीफे की मांग क्यों नहीं कर रही है, राज्यसभा में भाजपा के उप नेता एस एस आहलुवालिया ने कहा कि हमारे पास अभी पूरे साक्ष्य नहीं है, हम उपलब्ध तथ्यों का अध्ययन कर रहे हैं तथा पूरी सत्यता सामने लाने के लिए ही हम संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर रहे हैं। हम किसी मंत्री के पुत्र या पुत्री के आईपीएल में शामिल होने के बारे में चर्चा करने नहीं आए हैं, क्योंकि सांसद की एक मर्यादा होती है। भाजपा नेता ने यहां संवाददाताओं से पलट कर पूछा कि आपके (पत्रकारों) पास इन आरोपों को साबित करने के लिए तथ्य हैं? ऐसे ही आरोपों पर शशि थरूर से इस्तीफे की मांग करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि थरूर के मामले में ट्विटर और ई-मेल से प्राप्त जानकारी से मामला एकदम स्पष्ट हो गया था। लेकिन अब अलग-अलग तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं जिसके कारण जेपीसी से जांच जरूरी है। यह पूछे जाने पर कि पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे की मांग की है, क्या पार्टी इस मुद्दे पर विभाजित है, अहलुवालिया ने कहा कि यशवंत सिन्हा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उन्होंने जो मांग की है, पार्टी उससे असहमत नहीं है।

लोकसभा में गूंजा आदिवासी मंगरी देवी का मामला


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लोकसभा में आज भाजपा सांसद अजरुन मुंडा ने आदिवासी कार्य मंत्रालय की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान झारखंड की आदिवासी मंगरी देवी का मामला उठाया, जिसकी जमीन रेल परियोजना के लिए अधिगृहीत की गयी और उसे मामूली मुआवजा दिया गया। मंगरी देवी की एक एकड़ 13 डेसीबल भूमि को रेलवे अधिगृहीत कर रही है और उसे मुआवजा केवल 1848 करोड़ रूपये दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंगरी देवी की झारखंड के रामगढ स्थित यह उसकी पुश्तैनी जमीन है। जमीन छिनने पर उसके खानदान का क्या होगा और उसका जवान बेटा क्या सोचेगा। मुंडा ने आरोप लगाया कि पूरे देश में कमोवेश यही हालात हैं। उनकी इस दलील का हालांकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने प्रतिवाद किया। मुंडा ने सधे हुए उदाहरण देते हुए आदिवासियों को मिले धन आवंटन को राजा भोज और गंगू तेली की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह भोजन में चटनी होती है, उसी तरह साढे आठ प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी के लिए कुल बजट का एक प्रतिशत भी आवंटन नहीं किया गया।

देश में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने पर विचार
सांसद नंदकिशोर साई के सवाल के लिखित जवाब में रसायन एवं उवर्रक राज्य मंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने आज राज्यसभा को बताया कि देश में प्लास्टिक पार्क स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है। प्लास्टिक के पुन:संस्करण और पुन:चक्रण क्षेत्र को विकसित करने के लिए रसायन एवं पेट्रोकेमिकल विभाग ने प्लास्टिक निर्यात संबर्धन परिषद के जरिए प्लास्टिक पार्को की स्थापना की व्यावहारिकता का अध्ययन कराया है। इस संबंध में विभिन्न संबंधित पक्षों और राज्य सरकारों के अलावा उद्योग के संगठनों से भी विचार विमर्श किया गया है।

देश में पांच लाख से अधिक शिक्षकों की कमी
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने प्रकाश जावडेकर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा आज स्वीकार किया कि देश में पांच लाख 23 हजार अध्यापकों के पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि देश में तकरीबन पांच लाख 23 हजार अध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं तथा अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए करीब 5.08 लाख अतिरिक्त अध्यापकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की कमी मुख्यत: राज्यों द्वारा अध्यापकों की धीमी भर्ती अध्यापक तैनाती में असंतुलन और कुछ राज्यों में निम्न अध्यापक शिक्षा क्षमता के कारण हैं। परिमल नथवानी के सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि देशभर के विभिन्न ब्लाकों में 6000 माडल स्कूल खोले जाएंगे। सरकार ने उत्कृष्टता के बैंचमार्क के रूप में प्रति ब्लाक एक स्कूल की दर से ब्लाक स्तर पर 6000 माडल स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है। शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लाकों में 2500 स्कूल स्थापित करने के लिए इस कार्यक्रम का प्रथम चरण नवम्बर 2008 में शुरू किया गया था और अभी तक 11 राज्यों में 327 माडल स्कूल मंजूर किए गए हैं।

एगमार्क के तहत 202 कृषि जिंसों के लिए मानक तय
कृषि और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री के वी थामस ने गिरीश कुमार सांगी के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को जानकारी दी कि अब तक एगमार्क के तहत 202 कृषि जिंसों के लिए ग्रेड एवं मानक निर्धारित किए गए हैं। देश में 11 क्षेत्रीय एगमार्क प्रयोगशालाएं हैं और 2008.09 के दौरान एक क्षेत्रीय एगमार्क प्रयोगशाला द्वारा एक महीने में औसतन 91 जांच नमूनों का विश्लेषण किया गया। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने सोने की हॉलमार्किंग के लिए अब तक 7458 लाइसेंस मंजूर किए हैं। भारतीय मानक ब्यूरो के अनिवार्य प्रमाणन स्कीम के तहत 81 मदों को रखा गया है।

एचआईएल के प्रदर्शन और लाभांश में लगातार सुधार
राज्यसभा में आज सांसद राजकुमार धूत के पूरक प्रश्न के उत्तर में रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान इन्सेक्टिसाइड्स लि (एचआईएल) के प्रदर्शन और लाभांश में पिछले तीन वर्ष के दौरान लगातार सुधार हुआ है। लक्ष्य की तुलना में एचआईएल की उपलब्धि लगातार बेहतर हुई है। इसने अच्छा काम किया है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसके कामकाज में और अधिक सुधार होगा। बताया कि वर्ष 2007 में एचआईएल ने 191. 61 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 210 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। एचआईएल का निश्चित लक्ष्य ।.81 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने 6.52 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। वर्ष 2008 में एचआईएल ने 201.19 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 215 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। इसका निश्चित लक्ष्य दो करोड़ रूपये का वाषिर्क लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने 2.71 करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। वर्ष 2009.10 में एचआईएल ने 215 करोड़ रूपये की बिक्री का लक्ष्य रखा था और 230 करोड़ रूपये की आय अर्जित की थी। इसका निश्चित लक्ष्य।.4 करोड़ रूपये का सालाना लाभ अर्जित करना था लेकिन इसने तीन करोड़ रूपये का लाभ अर्जित किया था। एचआईएल के विनिवेश की खबरों को गलत बताते हुए जेना ने कहा कि कंपनी बोर्ड फॉर इंडस्ट्रियल एंड फाइनेन्शियल रीकन्सट्रक्शन (बीआईएफआर) के दायरे में नहीं है अत: इसके सभी मुद्दों का निबटारा श्रम कानून के तहत होता है।

संसद में ममता बनर्जी आपा खो बैठीं


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मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर दुर्घटनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देने के दौरान रेल मंत्री ममता बनर्जी आज राज्यसभा में आपा खो बैठीं और सवाल किया कि क्या मैं अमानवीय हूं? प्रश्नकाल के दौरान मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में पूरक प्रश्न पूछे जा रहे थे। जवाब दे रही रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की तुलना में मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बहुत कम है। इसके बाद ममता ने पिछले कुछ वष्रो की सड़क दुर्घटनाओं और मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं के आंकड़े बताने शुरू किए। इसी बीच भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि ऐसी तुलना कैसे की जा सकती है जबकि यह अत्यंत संवेदनशील मामला है। रूडी के इतना कहते ही ममता आपा खो बैठीं और बोल पड़ीं कि क्या मैं अमानवीय हूं। क्या हमें लोगों की जान बचाने की फिक्र नहीं है। यात्रियों की जानमाल की रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।
राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान सपा सांसद रामगोपाल यादव और सांसद अखबारस्वामी महेंद्र मोहन के सवालों के जवाब में रेल मंत्री ममता बनर्जी ने ट्रेनों में यात्रियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायतों पर चिंता जताई और कहा कि रेलवे जल्द ही नयी कैटरिंग नीति की घोषणा करेगा। भोजन की गुणवत्ता को लेकर करीब।,400 शिकायतें मिली हैं। एक नयी कैटरिंग नीति की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। हर दिन चलने वाली कुल 17,000 यात्री ट्रेनों में 295 पैंट्री कार हैं। ये पैन्ट्री कार शताब्दी एक्सप्रेस, जन शताब्दी एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस और दूरंतो एक्सप्रेस में हैं। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को कम कीमत में अच्छा भोजन उपलब्ध कराने के लिए जनता आहार सेंटर और जनता मील पहले ही खोले जा चुके हैं। राज्यसभा में आज रेल यात्रियों को दिए जाने वाले भोजन में पनीर का इस्तेमाल न करने की एक सदस्य की मांग पर रेल मंत्री ममता बनर्जी ने सवाल किया कि दूसरे लोग पनीर मांगेंगे तो क्या होगा। प्रश्नकाल के दौरान रेलवे में यात्रियों को मिलने वाले भोजन के बारे पूछे गए पूरक प्रश्नों के बीच ही राजद के राजनीति प्रसाद ने कहा कि यात्रियों को पनीर की सब्जी दी जाती है जबकि उस पनीर की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती। उन्होंने ममता से जानना चाहा कि भोजन में पनीर का इस्तेमाल कब बंद किया जाएगा। इस पर ममता ने कहा कि आपको पनीर पसंद नहीं है, लेकिन और लोगों को तो पनीर अच्छा लगता है। अगर दूसरे लोग पनीर मांगेगे तो क्या होगा।

गुमशुदा मंत्री का मीरा को भी नहीं पता!


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रसायन एवं उर्वरक मंत्री एम के अलागिरी के संसद में लंबे समय से अनुपस्थित रहने पर दोनों सदनों में पिछले दो दिन से उठाई जा रही आपत्ति के बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज कहा कि उन तक को नहीं मालूम कि यह मंत्री कहां हैं। मीरा कुमार ने कहा कि उनकी ओर से हमें कोई संवाद प्राप्त नहीं हुआ है। जब भी वह आएंगे, मैं उनसे उनकी समस्याओं के बारे में बात कर उसके समाधान का प्रयास करूंगी। मैं यहां चीजों के समाधान के लिये हूं। बातचीत के दौरान उन्होंने अलागिरी के आचरण पर नाखुशी-सी जाहिर करते हुए कहा कि संसद ‘शिष्टाचार और गरिमा’ पर चलता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य मंत्री ‘शिष्टाचार और गरिमा’ पर विशेष ध्यान देते हैं। जब भी वे कहीं जाते हैं, तो मेरे दफ्तर को सूचित करते हैं। अलागिरी की गैरमौजूदगी को लेकर लोकसभा में कल और राज्यसभा में आज विपक्ष ने भारी हंगामा किया। लोकसभा में कल विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैरहाजिर हो सकते हैं लेकिन यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया है। सुषमा ने सरकार से जानना चाहा कि यह ‘गुमशुदा’ मंत्री कहां छुपे हैं।

लोजपा सदस्य का राज्यसभा से निलंबन वापस लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक का भारी विरोध करने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के कारण राज्यसभा में बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए लोकजनशक्ति पार्टी के एकमात्र सदस्य साबिर अली का निलंबन सरकार के प्रस्ताव पर आज वापस ले लिया गया। संसदीय कार्य राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने साबिर अली का निलंबन वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया। उन्हें नौ मार्च को बजट सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित किया गया था। चव्हाण के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। गौरतलब है कि नौ मार्च को सरकार के प्रस्ताव पर साबिर अली सहित सात सदस्यों को राज्यसभा से बजट सत्र के शेष हिस्से के लिए निलंबित किया गया था। इनमें सपा के चार, जद यू से निलंबित एक, राजद का एक सदस्य भी शामिल था। इनमें से सपा के चारों सदस्यों का निलंबन पहले ही वापस लिया जा चुका है।

संसद में गूंज रही हरियाणा की जातीय हिंसा


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हिसार (हरियाणा) के गांव मिर्चपुर में जातीय हिंसा की घटना आज लोकसभा में गूंज रही है। उल्लेखनीय है कि एक समुदाय के कुछ लोगों द्वारा वाल्मीकि बस्ती फूंक दिए जाने तथा पिता-पुत्री को जिंदा जलाकर मार डालने के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है और दलित समुदाय में पूरे राज्य में भारी रोष है। इसे लेकर आज दिल्ली में प्रदर्शन भी हो रहा है। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित ऑर्गेनाइजेशन्स (नैक्डोर) के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष संजीव कपिल तथा महामंत्री सुरेश टांक, फूलसिंह टांक आदि के नेतृत्व में एक दल ने 22 अप्रैल को पीड़ित गांव का दौरा कर मामले की गहराई से छानबीन की। नैक्डोर टीम को मिर्चपुर के पीड़ित वाल्मीकि जनों से पता चला कि जाट समुदाय के राजेंद्र, धर्मवीर, पवन, कुलविंदर, विकास, मोनू, अजित सोनू और टिंकू ने गांव पर पूरी तैयारी के साथ हिंसक धावा बोला। इस बर्बर हमले में स्थानीय थाना पुलिस की भी पूरी मिलीभगत रही। इस बर्बर जातीय अत्याचार के खिलाफ आज नैक्डोर ने राजधानी दिल्ली में मंडी हाउस से हरियाणा भवन तक पैदल मार्च निकाला एवं केंद्र व हरियाणा सरकार से पूरे मामले पर त्वरित कदम उठाने की मांग की। पैदल मार्च, सभा एवं प्रदर्शन का नेतृत्व नैक्डोर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारती, निदेशक राजेश उपाध्याय, हरियाणा इकाई के अध्यक्ष संजीव कपिल, महामंत्री सुरेश टांक, फूलसिंह टांक आदि ने किया।
नैक्डोर टीम को मिर्चपुर के पीड़ितों ने बताया कि 19 अप्रैल को जाट समुदाय के राजेंद्र, धर्मवीर, पवन, कुलविंदर, विकास, मोनू, अजित सोनू और टिंकू जब गांव से गुजर रहे थे, वीरभान नामक दलित वाल्मीकि के रस्सियों से बंधे कुत्ते ने उन्हें देखकर भौंका। इस पर राममेहर के रिश्तेदार टिंकू ने कुत्ते पर पत्थर फेंक दिया। दलित वाल्मीकियों को जाटों के रुतबे का एहसास था, इसलिए उन्होंने कुत्ते की हरकत पर माफी मांगी, लेकिन जाटों ने उल्टे उन पर जाति सूचक गालियों की बौछार की और कहा कि 'चूड़ों तुम्हें पता नहीं कि हम जाट हैं?' वीरभान और उसके पड़ोसी करन सिंह ने जब जाति सूचक गालियों का विरोध किया तो जाट युवकों ने उनकी पिटाई कर दी।
पीड़ित ग्रामीणों ने नैक्डोर जांच टीम को बताया कि 20 अप्रैल को जाटों ने गांव में पंचायत की और उसमें ये कहकर वाल्मीकियों को बुलवा लिया कि वे घटना के संबंध में अपना पक्ष रखें। पंचायत में इन दलितों को फिर से जाति सूचक गालियां दीं गईं तथा भरी पंचायत में मारा-पीटा गया। इस तरह लगातार अपमान और जातीय हिंसा से पीड़ित वाल्मीकियों ने तत्काल पूरे मामले से पुलिस स्टेशन को अवगत कराया। 21 अप्रैल को थाना पुलिस गांव में पहुंची और इसी दिन जाटों ने एक और बैठक कर वाल्मीकियों को पुलिस में रिपोर्ट करने पर सबक सिखाने का फैसला किया। पुलिस की उपस्थिति में जाटों ने गांव में अपने चार अलग-अलग हमलावर समूह बनाए और वाल्मीकि बस्ती को चारों ओर से घर कर धावा बोल दिया। लाठियों, ईंटों व अन्य हथियारों से लैस जाटों ने वाल्मीकि बस्ती पर किरासन तेल छिड़क कर सारे घरों में आग लगा दी। इस सामूहिक जातीय हमले में पचास से अधिक वाल्मीकि लहूलुहान हो गए। कई लोगों के पैर, हाथ और सिर टूट गए। इस आगजनी और हमले के दौरान विकलांग और पोलियो की शिकार 14 साल की सुमन और उसके पिता की मौत हो गई। हमलावरों ने घरों में जमकर तोड़फोड़ और लूटपाट की। 20 से ज्यादा घर पूरी तरह जल कर राख हो गए।
मौके पर पीड़ितों ने नैक्डोर टीम को बताया कि हमला एवं आगजनी करने वालों में राजेंद्र पुत्र पालीराम, रामफल पुत्र पृथी सिंह, नन्हा पुत्र मयचंद, बोबला पुत्र टेकचंद, कुलविंदर और पवन पुत्र राममेहर तथा राममेहर के रिश्तेदार मुकेश व टिंकू की मुख्य भूमिका रही। पीड़ित दलितों ने मांग की कि सभी हमलावरों को अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण कानून 1989 के तहत गिरफ्तार किया जाए। इसी कानून के तहत संबंधित पुलिस अधिकारियों को भी मामले में आरोपी बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए, क्योंकि पहले से जाटों के मंसूबों से पूरी तरह वाकिफ होने के बावजूद थाना पुलिस ने गांव के दलितों को समय से सुरक्षा प्रदान करने में जानबूझकर लापरवाही की। मृतकों के आश्रितों को तत्काल 25 लाख मुआवजा तथा सरकारी नौकरी दी जाए और इस जातीय हिंसा में घायल दलितों को पांच लाख रुपये की तत्काल सहायता दी जाए। आगजनी व तोड़फोड़ से जिसके घर तबाह हुए, उन्हें सरकार नए मकान बनाकर दे और पूरे नुकसान की अविलंब भरपाई करे। गांव के सभी दलित परिवारों को एक साल का राशन दिया जाए। सुरक्षित आजीविका मुहैया कराने के लिए गांव के दलितों को रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत तुरंत सौ दिनों का रोजगार दिया जाए। हरियाणा पुलिस का लोकतांत्रीकरण किया जाए और उसमें जाटों की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से तब तक रोक लगा दी जाए, जब तक कि हरियाणा पुलिस में अन्य समुदायों की आनुपातिक भर्ती नहीं हो जाती।
छानबीन में नैक्डोर जांच दल को पता चला कि पूर्वनियोजित तरीके से ये हमला हरियाणा के दलितों को सबक सिखाने के मंसूबे से किया गया। ये साफतौर पर जातीय हिंसा और अत्याचार का मामला है। हमले में पूरी तरह से स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ रही। पूर्व सूचना के बावजूद पुलिस ने बड़े पैमाने पर होने वाले इस सामूहिक हमले से पहले आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया और इस बर्बर घटना को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। यह भी पता चला है कि स्थानीय प्रशासन साफ तौर पर इस मामले में हमलावरों का जातीय पक्षधर बना रहा। नैक्डोर की मांग हैं कि अनुसूचित जाति, जनजाति निवारण कानून 1989 के तहत अपने आधिकारिक कर्तव्य में जानबूझकर कोताही बरतने के लिए दोषी पुलिस कर्मियों को दंडित किया जाए। जातीय हिंसा के शिकार लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। दलितों के पुनर्वास के लिए उनके घर बनाए जाएं। पक्की आजीविका की सुविधा प्रदान की जाए और उपलब्ध सरकारी जमीन को उनके बीच बांटा जाए। भविष्य में अन्य स्थानों पर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए यह जरूरी है कि हरियाणा पुलिस का लोकतांत्रीकरण किया जाए (जाट पुलिस के रूप में उसका स्वरूप खत्म किया जाए।) और उसमें गैरजाट समुदायों, खास तौर से दलितों को भर्ती किया जाए। फास्ट ट्रैक कोर्ट से इस मामले की त्वरित सुनवाई कराई जाए। समस्त हरियाणा को जातीय हिंसा संभावित राज्य घोषित किया जाए और हरियाणा सरकार को विवश किया जाए कि वह ऐसे मामलों के तीव्र निपटारे के लिए विशेष अदालतों और जिला प्रशासन में अनुसूचित जाति के अधिकारियों की नियुक्त करे। आज इस पूरे मामले को सांसद डी राजा आदि राज्यसभा में तथा अन्य सांसद लोकसभा में उठा रहे हैं।

लोकसभाः महिलाओं-बच्चों के यौन-शोषण तथा तस्करी पर आज जवाब देगी सरकार


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लोकसभा में आज सरकार बताएगी कि वह महिलाओं और बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ क्या कदम उठाने जा रही है। साथ ही मथुरा-वृंदावन की विधवाओं पर उठे सांसदों के सवालों का भी उसे आज हाउस को जवाब देना है। सांसदों ने गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं, गोरापन निखारने वाली क्रीमों के संबंध में भी सरकार से ब्योरे मांगे हैं।
लोकसभा में आज वित्त, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, आवास और शहरी गरीबी उपशमन, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, विद्युत, पर्यटन, जनजातीय कार्य, शहरी विकास, महिला और बाल विकास मंत्रालय से संबंधित सांसदों के प्रश्नों के जवाब दिए जाएंगे। स्वास्थ्य कल्याण मंत्री से सांसद राजैया ने पूछा है कि क्या सरकार ने देश में गोरापन निखारने वाली क्रीमो के दावों की जांच की है और इन क्रीमों के साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव की जांच के आदेश दिए हैं? इन उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं या किए जाने प्रस्तावित हैं? सुमित्रा महाजन ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना औषधालय खोलने के संबंध में एक प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है और लंबित प्रस्ताव को कब तक मंजूर किए जाने की संभावना है? महिला एवं बाल विकास मंत्री से उत्तर प्रदेश की सपा सांसद सुशीला सरोज ने सवाल किए हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा बच्चों को प्रदान किए जा रहे पोषाहार का ब्योरा क्या है? क्या सरकार को उक्त आधार की गुणवत्ता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? इस संबंध में तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि गुणवत्तापूर्ण आहार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रदान किया जाए, सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? हरियाणा की कांग्रेस सांसद श्रीमती श्रुति चौधरी ने जानना चाहा है कि क्या एस्बेस्ट्स का उपयोग अधिकांश देशों में इसके कैंसर कारक प्रभावों के कारण प्रतिबंधित कर दिया गया है तथा देश के कुछ राज्यों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं में एस्बेस्ट्स सीमेंट दबाव नलिकाओं के आज भी उपयोग किए जाने के कारण क्या हैं? क्या केंद्र ने इस संबंध में राज्य सरकारों से कोई रिपोर्ट मांगी है और इस दिशा में केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है? सांसद जीएस बासवराज ने महिला एवं बाल विकास मंत्री से जानना चाहा है कि क्या अपने पति की मृत्यु के बाद घर से निकाल दी गईं विधवाओं ने बगैर सामाजिक सुरक्षा या मूलभूत स्वास्थ्य सुविध के मथुरा और वृंदावन के आश्रमों में शिविरों में शरण ले रखी है, यदि हां तो क्या माननीय उच्चतम न्यायालय ने मथुरा-वृंदवन में दयनीय दशा में रह रहीं हजारों विधवाओं का सर्वेक्षण करने का निर्देश नवंबर 2008 में राष्ट्रीय महिला आयोग को दिया है और उस सर्वेक्षण की स्थिति क्या है? आयोग वह रिपोर्ट सुप्रीमकोर्ट में कब तक जमा कर रहा है? मेनका गांधी ने स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा है कि क्या जिला स्तर पर परिवार सर्वेक्षण-III (डीएलएच-3) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सरकार कोई कदम उठाने जा रही है? सांसद कुमारी सरोज पांडे ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट टूर्नामेंट से केंद्र सरकार द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्जित राजस्व का ब्योरा मांगा है। सांसद ए.के.एस. विजयन ने सरकार से जानना चाहा है कि क्या उसने महिलाओं और बच्चों के यौन शोषण, तस्करी जैसे मसलों के समाधान के लिए कोई योजना आरंभ की है और इसके लिए अन्य देशों के साथ कोई समन्वय बैठाया गया है? राजग सांसद डॉ.रघुवंश प्रसाद सिंह और रामकिशुन ने आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री से सवाल किए हैं कि क्या बिहार तथा उत्तर प्रदेश सहित देश में शहरी गरीबी के लिए मूलभूत सेवा (बीएसयूपी) तथा समेकित आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आईएचएसडीपी) के अंतर्गत आवासीय एवं अवसंरचनात्मक सुविधाओं के सृजन का सरकार ने लक्ष्य प्राप्त कर लिया है? इन सांसदों के अलावा सांसद बालकुमार पटेल, डॉ.विनय कुमार पांडेय, ताराचंद भगोरा, संजय सिंह चौहान, देवराज सिंह पटेल, नीरज शेखऱ, मिथिलेश कुमार, राजीवरंजन उर्फ ललन सिंह, अशोक कुमार रावत, जगदीश शर्मा, डॉ.मुरलीमनोहर जोशी, रेवतीरमन सिंह, दिनेशचंद्र यादव सुखदेव सिंह, हर्षवर्धन, गोरखप्रसाद जायसवाल, महेंद्र कुमार राय, डॉ.भोला सिंह, भक्तचरण दास, निशिकांत दुबे, डॉ.संजय सिंह, हरीश चौधरी, नरहरि महतो, भीष्मशंकर तिवारी, डॉ.किरोड़ीलाल मीणा, देवजी एम.पटेल, भरतराम मेघवाल, अंजनकुमार एम.यादव, कौशलेंद्र कुमार, हुकुमदेव नारायण यादव, धर्मेंद्र यादव, पूर्णमासी राम, दारासिंह चौहान, सुदर्शन भगत, अर्जुन मुंडा, जगदानंद सिंह, दुष्यंत सिंह, वरुण गांधी, नारायण सिंह अमलाबे आदि के भी सवालों के जवाब आज संबंधित मंत्रालयों को देने हैं।

Thursday, April 22, 2010

संसद बड़ी या आईपीएल, सवाल लाख टके का!


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आईपीएल बनाम भारतीय राजनीति की चढ़ी गर्मी में कुछ बड़े सवाल झुलसने लगे हैं। भूलकर भी याद नहीं आ रहे हैं। भाजपा की रैली न होती तो महंगाई भी भुला दी जाती। महिला आरक्षण बिल नदारद! सच्चर-रंगनाथ चर्चा नदारद! लालू-शरद-मुलायम की दोस्ती नदारद! दिग्विजय-चिदंबरम खुन्नस नदारद! माया-राहुल दलित-द्वंद्व फरार!
ऐसे ही ममता-प्रणब प्रकरण तिरोहित। कबीर-ममता विषमता लापता। उन सात निलंबित सांसदों में सपा के तो सदन लौट गए थे, राजग के सांसदों का क्या हुआ? लेकिन नहीं, कुछ गड़े मुर्दे फिर से उखड़ने वाले हैं और कुछ नाचते मुर्दों जैसी मुश्किलें दफनाने का तरीका नहीं सूझ रहा। मसलन, दिग्विजय विदेश से लौट आए हैं। सोनिया के यहां दस्तक दे रहे हैं। आईपीएल से बढ़ती खटास ने एनपीसी-कांग्रेस के बीच मुश्किलों की नई मुर्दानिगी बिखेर दी है। मुंबई से वयोवृद्ध मराठा ठाकरे साहब पवार-पटेल-सुले वृत्तांत के अक्षर-अक्षर पर नजर रखे हैं। लालू-मुलायम- शरद की महिला आरक्षण बिल के बहाने अच्छी-खासी बन आई थी, मुद्दा ही फिसला जा रहा है। फिसला क्या फुस्स हुआ जा रहा है। कैसे बने एका। फिलहाल 27 अप्रैल के महंगाई विरोधी प्रदर्शन पर है। भीतर ही भीतर कटौती प्रस्ताव की चिंगारी सुलग रही है। फिलहाल सुनिए कि कांग्रेस के अंगने में क्या हो रहा है? नक्सलवाद के बहाने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की गृहमंत्री चिदंबरम पर निशानेबाजी के बाद अब दिग्विजय ने सोनिया गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा है। वे अपने लेख पर उठे तूफान का समन करना चाहते हैं। कांग्रेसी सूत्र तो बताते हैं कि खूब ठोक-ठठा कर लेख ठोका गया था। इस पर उन्हें पार्टी के ढेर सारे बड़ों की थपकियां मिली थीं। दिग्विजय समर्थक मानते हैं कि गृहमंत्री को अपना रुख थोड़ा लचका लेना चाहिए। अब देखिए सोनिया जी थरूर-पवार-पटेल, भाजपा की बीती रैली, बाकी विपक्षियों की आने वाली रैली के माहौल में इस पिद्दी मसले को कितनी गंभीरता से लेती हैं! इस बीच संसद से एक बड़ी मजेदार सूचना ये आई है कि पिछले चार वर्ष में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के 2517 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 741 लोगों पर दोष सिद्ध हुआ है। इन दोषी लोगों में भारतीय सिविल सेवा के 78 अधिकारी शामिल हैं। केन्द्रीय कार्मिक एवं लोक शिकायत राज्य मंत्नी पृथ्वीराज चव्हाण ने आज लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के 688, 2008 में 744, 2009 में 795 तथा इस वर्ष मार्च तक 212 मामले दर्ज किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में 238, 2008 में 216, 2009 में 230 तथा इस वर्ष मार्च तक 48 मामलों में सजा दी गयी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में 20. वर्ष 2008 में 17 वर्ष 2009 में 32 तथा इस वर्ष मार्च तक 9 आई सी एस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए। जबकि 19 को सजा दी गयी। बहरहाल, आईपीएल का जबसे हजारो-हजार करोड़ के भ्रष्टाचार का डांस शुरू हुआ है, सारे भ्रष्टाख्यान फीके पड़ते जा रहे हैं। फिलहाल तो देश के खेलमंत्री चाहते हैं कि बीसीसीआई को जवाबदेह बनाया जाए। खेल मंत्री एम एस गिल ने युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुयी चर्चा के जवाब के दौरान कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) लोगों की निगाहों में है और समय आ गया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को देश के समक्ष जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि खेल मंत्रालय को क्रिकेट के मामले में उदासीनता का रूख त्यागना होगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनके मंत्रालय का आईपीएल से सीधा नाता नहीं है लेकिन बीसीसीआई से उसका लेनादेना है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई में हितों के टकराव हैं। बीसीसीआई स्वयं ही नियंत्रक है और वह खेल के कानून भी बनाती है। उन्होंने के श्रीकांत का नाम लिए बिना एक ऐसे व्यक्ति का जिक्र किया जो टीम का चयनकर्ता है, साथ ही वह टीम का ब्रांड एंबेस्डर भी है। आईपीएल को लेकर चल रहे विवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि यह उनके मंत्रालय से जुड़ा मामला नहीं है। यह वित्त मंत्रालय से जुड़ा मामला है तथा वित्त मंत्री इस बारे में कई आश्वासन भी दे चुके हैं। हमें इस मामले में जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी होगी। अब देखिए कब तक जांच रिपोर्ट आती है! भ्रष्टाचार खंगालने के ताजा सिलसिलों की बात करें तो फिलहाल लखनऊ में सहारा के आलीशान दफ्तर पर भी छापा पड़ा है। आईपीएल विवाद को लेकर देश के विभिन्न भागों में मारे जा रहे आयकर छापों के क्रम में आज आयकर विभाग के अधिकारियों के एक दल ने पुणे की टीम खरीदने वाली सहारा समूह की कंपनी पर छापा मारा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र के सहारा टावर पर आयकर विभाग के लगभग एक दर्जन अधिकारियों ने दोपहर बाद अचानक छापा मारा और आईपीएल से जुड़े कागजात की छानबीन की जा रही है। इस बीच सहारा ग्रुप के सूत्रों ने बताया कि यह आयकर विभाग का छापा नहीं है, बल्कि आयकर विभाग आईपीएल से संबंधित कागजात का सर्वे कर रहा है। ये भी खूब रही। जब देश में इन दिनों ये सब धुंआधार सचिन के बल्ले से भी तेज गति से चल रहा है तो लाख टके सवाल नाजायज न होगा कि संसद बड़ी या आईपीएल? सरकार बड़ी या भ्रष्टाचार?? ललित मोदी 26 की बैठक में तो आने से रहे, उल्टे बड़ी अदालत की राह चल पड़े हैं!

सवाल लालू का, जवाब बंसल का


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आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के सवाल के जवाब में जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने माना कि देश में भूजल स्रोतों में लगातार हो रही गिरावट के साथ ही गंगा नदी का सिकुड़ना भी गंभीर चिंता का विषय है। सबसे पवित्र मानी जाने वाली नदी गंगा लगातार सूखती जा रही है। इससे नदी का दायरा भी सिकुड़ रहा है। लोकसभा में बुधवार को सरकार ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए गंगा को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए हरसंभव उपायों का भरोसा दिलाया। हालांकि, उन्होंने इन धारणाओं को गलत बताया कि बांग्लादेश के साथ हुए नदी जल बंटवारे के कारण गंगा सूखती जा रही है। बंसल ने कहा कि बांग्लादेश की ओर से हमें अपने हिस्से का पूरा पानी मिल रहा है। शीतल पेय निर्माताओं द्वारा भूजल स्रोतों का बेतरतीबी से दोहन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य का मामला है और उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस मसले पर 27 अप्रैल को विस्तार से चर्चा होगी।
राज्यसभा में माकपा की वृंदा करात के ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि सर्वाइकल कैंसर के इलाज की वैक्सीन का परीक्षण भारतीय लड़कियों पर किया जा रहा है। साथ ही आश्वासन दिया है कि क्लीनिकल ट्रायल के लिए लड़कियों को गिनी पिग की तरह इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। एचपीवी वैक्सीन और सर्वरिक्स (ग्लैक्सो द्वारा निर्मित) के उपयोग पर देश में पाबंदी लगा दी गई है। आंध्रप्रदेश और गुजरात में चार मौतों के पीछे इन वैक्सीन के असर की आशंका के बाद यह कदम उठाया गया है। आजाद ने परीक्षण में नियमों के उल्लंघन के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि इनका अमेरिका व ब्रिटेन समेत 100 देशों में परीक्षण किया जा चुका है।

राजनीति के गांव में आईपीएल की महामारी, अब पवार और पटेल लपेटे में!



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आईपीएल क्या हुआ, लालू यादव के शब्दों में 'रोग' हो गया। देश के युवाओं को तो बर्बाद कर ही रहा, क्रेंद्र सरकार की भी चादर उतारने पर आमादा है। पहले विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर निशाने पर आए, कुर्सी से गए, अब एक-दूसरे केंद्रीय मंत्री सुर्खियों में नमूदार हैं। नाम है नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल। साथ में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार भी घिरते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आईपीएल से दोनों मंत्रियों के संबंध और संलिप्तता के बारे में जानकारियां मांगी हैं। इससे पहले गुरुवार को आईपीएल विवाद के मद्देनजर केंद्रीय मंत्रियों शरद पवार और प्रफुल पटेल के इस्तीफे की संभावना से इंकार करते हुए राकांपा ने क्रिकेट लीग में हुए आर्थिक कदाचार में अपने किसी भी नेता या उनके रिश्तेदारों की संलिप्तता की बातों को गुरुवार को खारिज कर दिया। पार्टी प्रवक्ता डी पी त्रिपाठी ने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल पटेल के सचिव द्वारा आईपीएल की नयी फ्रेंचाइजी की अनुमानित मूल्य के बारे में थरूर को ई-मेल के जरिए दस्तावेज भेजने में कुछ भी गलत नहीं है। इसके बाद ही नयी फ्रेंचाइजी की नीलामी के लिए लगी बोली में कोच्चि टीम को जीत हासिल हुई थी। पवार के दामाद और राकांपा सांसद सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले की मल्टी स्क्रीन मीडिया पूर्व में सोनी इंटरटेनमेंट टेलीविजन में 10 फीसदी हिस्सेदारी के बारे में पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उनका कंपनी में शेयर नहीं है। गौरतलब है कि आयकर अधिकारियों ने मल्टी स्क्रीन मीडिया के दफ्तर पर भी छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि सदानंद सुले सोनी टेलीविजन से उस वक्त से जुड़े हुए हैं जब आईपीएल का जन्म भी नहीं हुआ था। शशि थरूर का अनुकरण करने का सुझाव दिए जाने पर त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल ने इस तरह की मांग नहीं की है। इसका कोई आधार नहीं है। इसका कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि राकांपा द्वारा दोहरा मानदंड अपनाए जाने का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि राकांपा के अपने मानदंड हैं। दो दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की परिजन सांसद ने बिना मांगे मीडिया को सफाई दी थी। उसी समय प्रफुल्ल पटेल ने भी कहा था कि आईपीएल में उनका पैसा नहीं लगा है। अब चर्चाएं गर्म हैं कि प्रफुल्ल पटेल की निजी सचिव ने पिछले महीने शशि थरूर को ई−मेल भेजा था। एक न्यूज चैनल की सूचनाओं के मुताबिक पटेल की निजी सचिव चंपा भारद्वाज ने नई आईपीएल टीमों की बोली से जुड़े अनुमान शशि थरूर को भेजे थे। यह ई-मेल नीलामी से दो दिन पहले भेजी गई। पटेल की निजी सचिव के पास यह जानकारी प्रफुल्ल पटेल की बेटी पूर्णा पटेल के जरिए आई, जो कि आईपीएल में हॉस्पिटालिटी मैनेजर हैं। उन्हें यह ई-मेल आईपीएल के सीईओ सुंदर रमन ने भेजी। रमन की सफाई है कि उन्हें नहीं पता कि पूर्णा ने यह जानकारी अपने पिता की सचिव को क्यों भेजी, जबकि पूर्णा कहती हैं कि उन्होंने ऐसा सुंदर रमन के कहने पर ही किया। बुधवार को प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी सेक्रेटरी ने शशि थरूर को कुछ जानकारियां भेजी थीं, वह भी शशि थरूर के मांगने पर। उन्होंने कहा कि शशि थरूर और मैं अच्छे दोस्त हैं और उन्होंने मुझे पूछा कि क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं। मैंने ललित मोदी को यह बताया कि शशि को कुछ जानकारियां चाहिए। लेकिन मुझे यह नहीं मालूम कि कौन सी जानकारी उन्हें दी गई। अगर मैं बोली लगाने वाला होता, तो क्यों अपने प्रतिद्वंदी को मदद करता। हालांकि पूर्णा पटेल ने कहा है कि उन्होंने अपने पिता की सचिव को मेल फॉरवर्ड किया था, लेकिन यह भी कहा कि उन्होंने सीईओ सुंदर रमन के निर्देशों का पालन किया। उधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले ने आज कहा कि उनके पति और उनके परिवार को आईपीएल विवाद के संबंध में कुछ लोग बदनाम कर रहे हैं। वह इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करेंगे। सुले ने संसद के बाहर कहा कि मेरे पति सदानंद सुले उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपने वकीलों से बातचीत कर रहे हैं जो हमें बदनाम करने का प्रयास कर रहे है। वह उन मीडिया रपटों का उल्लेख कर रही थीं, जिसमें कहा गया है कि सदानंद सुले की आईपीएल की प्रसारण एजेंसी मल्टी स्क्रीन मीडिया (पूर्व में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन) में अपने पिता बी.आर. सुले से हासिल पावर आफ अटार्नी के जरिए हिस्सेदारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस अभियान के पीछे कांग्रेस का हाथ है तो उन्होंने कहा- नहीं। कांग्रेस हमारी सहयोगी पार्टी है और हम क्रिकेट के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा करने के लिए एकसाथ आए हैं। प्रफुल पटेल के निजी सचिव द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को आईपीएल की नयी फ्रैंचाइजी की अनुमानित कीमत के बारे में एक दस्तावेज के साथ ई-मेल भेजने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह गोपनीय दस्तावेज था और इसे दूसरों को नहीं सौंपा जाना चाहिए था।

दोनों सदनों में सांसदों के सवालों से जूझते रहे केंद्रीय मंत्री


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यूपी के सांसद रवीन्द्र कुमार पांडेय के सवाल के लिखित जवाब में रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने आज लोकसभा को बताया कि रेलवे ने इस साल जनवरी से दो मोबाइल वैनों के जरिए दिल्ली और कोलकाता में सचल आरक्षण केन्द्रों की शुरूआत की है। जनवरी 2010 से दो मोबाइल वैनों, दिल्ली और कोलकाता में प्रत्येक में एक को शुरू किया गया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में आरक्षित और अनारक्षित टिकटों को जारी करने के लिए मोबाइल टिकट वैनों की शुरूआत का प्रस्ताव है। सांसद एस एस रामासुब्बू के सवाल के लिखित जवाब में नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने लोकसभा को बताया कि हवाई अडडों के आसपास रहने वाले निवासियों को विमानों की आवाजाही से लगातार होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर होने के बीच दिल्ली में रनवे पर ध्वनि अवरोधक लगाने का काम शुरू किया गया है। प्रमुख हवाई अडडों के आसपास रहने वाले लोगों को विमानों के बार बार उडान भरने और उतरने के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण की समस्या की जानकारी सरकार को है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा लिमिटेड (डायल) द्वारा दिल्ली हवाई अडडे पर रनवे 29-11 के साथ ध्वनि अवरोधक लगाने का काम शुरू किया गया है। इस मामले में कुछ एसोसिएशनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है और मामला विचाराधीन है।
रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने आज लोकसभा को बताया कि रेलवे ने विभिन्न स्टेशनों पर 26 साइबर कैफे खोले लेकिन सभी बंद हैं। फ्रेंचाइजी द्वारा परिचालन के लिए 26 साइबर कैफे खोले गये थे जो नागपुर, पुणे, आसनसोल, हावडा, सियालदह, पटना, पुरी, चंडीगढ, लखनउ, लुधियाना, नयी दिल्ली, झांसी, गोरखपुर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बेंगलूरू, एर्णाकुलम, कोयंबटूर, गुंटूर, हैदराबाद, सिकंदराबाद, विजयवाडा, मैसूर, अहमदाबाद और मुंबई सेंट्रल स्टेशनों पर थे। सभी 26 साइबर कैफे बंद हैं क्योंकि फ्रेंचाइजी को अपने कैफे की वित्तीय व्यवहार्यता हेतु पर्याप्त ग्राहक नहीं मिले हैं। राज्यसभा में नंद कुमार साय के प्रश्न के लिखित उत्तर में आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) से 1969 के चंद्र अभियान के चित्र गुम होने की खबर को गलत है। टीआईएफआर से चित्र गुम होने के बारे में एक अंग्रेजी दैनिक में खबर प्रकाशित होने के बाद इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की गई थी। समिति ने संस्थान के रिकर्डों का अध्ययन करने के बाद पाया कि वहां अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जेम्स इरविन द्वारा स्व हस्ताक्षरित अपोलो 15 अभियान का केवल एक चित्र मौजूद था जो टीआईएफआर को 1985 में भेंट किया गया था। यह चित्र संस्थान में मौजूद है। अभिलेखागार रिकार्ड के अनुसार, टीआईएफआर को 1969 के चंद्र अभियान का कोई चित्र भेंट नहीं किया गया था। उन्होंने श्यामल चक्रवर्ती के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो :सीबीआई: की सफलता दर उसकी असफलता की दर से बेहद कम है, ये बात भी गलत है। उन्होंने बताया कि सीबीआई के मामलों की दोष सिद्धि की दर वर्ष 2007 मे 67. 7 फीसदी, 2008 मे 66. 2 फीसदी और 2009 में 64. 4 फीसदी रही। सीबीआई ने 2007 में नियमित मामलों में जांच पूरी हो जाने पर 1070 मामले निपटाए। वर्ष 2008 में यह संख्या 1056 और 2009 में 1018 रही। वर्ष 2007 में एजेंसी में 851 मामलों में, 2008 में 843 मामलों मे और 2009 मे 806 मामलों मे आरोप पत्र दायर किए गए। सांसद रमा देवी और अनंत कुमार हेगडे के सवालों के लिखित जवाब में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा को बताया कि पेट्रोलियम क्षेत्र के लिए शुल्क दरों में हाल में किये गये परिवर्तन के कारण पूरे वित्त वर्ष में अतिरिक्त राजस्व लाभ लगभग 26, 000 करोड़ रूपये होने का अनुमान है। वित्त मंत्रालय ने सूचित किया है कि शुल्क दरों में हाल में परिवर्तन के कारण अतिरिक्त राजस्व लाभ पूरे वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 26, 000 करोड़ रूपये होने का अनुमान है। 2010-11 के दौरान केन्द्रीय राजकोष में पेट्रोलियम क्षेत्र का अंशदान अन्य बातों के साथ साथ लागू दरों और शुल्कों की दरों पर निर्भर करेगा।

डॉ.जोशी और मोहन सिंह सर्वश्रेष्ठ सांसद



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संसद की पुरस्कार समिति ने वर्ष 2008 और वर्ष 2009 के लिए वाराणसी से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.मुरली मनोहर जोशी तथा समाजवादी पार्टी के अग्रणी नेता मोहन सिंह को 'सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार' के लिए चुना गया है। हर वर्ष यह पुरस्कार किसी एक ऐसे लोकसभा सदस्य को दिया जाता है जिसकी संसद में भूमिका विशेष उपलब्धियों और सदन की गरिमापूर्ण परंपराओं को आगे बढ़ाने में सहायक होती है। वर्ष 2008 और वर्ष 2009 के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार हासिल करने वाले दोनों नेताओं का लंबा तथा सम्मानित संसदीय अतीत रहा है। इससे पूर्व 2007 के सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार पश्चिमी बंगाल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियरंजनदास मुंशी के नाम रहा है। वह इस बीमार हैं। उनका पुरस्कार उनकी सांसद पुत्री दीपादास मुंशी ग्रहण करेंगी। सबसे पहले इंद्रजीत गुप्त को इस सम्मान से नवाजा गया था। दूसरे सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तीसरे सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का चयन किया गया था। डॉ.जोशी (76) दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में वाराणसी सीट से वह पांचवीं बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। डॉ.जोशी 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की अल्पकालिक सरकार में गृह मंत्री तथा 1998 से 99 के राजग राज में तथा फिर से 1999 से 2004 तक राजग की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे हैं। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के महासचिव एवं प्रवक्ता मोहन सिंह (65) तीन बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए लेकिन पिछले साल चुनाव हार गए थे। संसद की पुरस्कार समिति इस प्रमुख सम्मान के लिए नामित उम्मीदवारों की सूची में से किसी एक नाम पर मुहर लगाती है।

संसद में एक मंत्री गुमशुदा!!


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लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान जब रसायन और उर्वरक मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न का अलागिरी के स्थान पर राज्य मंत्री जवाब देने खड़े हुए तो भाजपा के वरिष्ठ सांसद यशवंत सिन्हा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्हीं की पार्टी के हरेन पांड्या ने कहा कि मंत्री बिना आसन की अनुमति के सदन से गैर हाजिर हैं और यह आसन का अपमान है। बिहार से निर्दल सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांसदों ने आज तक मंत्री का चेहरा तक नहीं देखा है। इस पर स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य मंत्री को जवाब देने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए और प्रश्नकाल की समाप्ति तक इस मुद्दे को लेकर विपक्ष तथा द्रमुक सदस्यों के बीच नोंकझोंक होती रही। रसायन और उर्वरक मंत्री एम अलागिरी की संसद में लगातार गैर मौजूदगी को लेकर सदन भाजपा समेत समूचे विपक्ष ने भारी आपत्ति जताई। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यह कहकर सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया कि मंत्री इस समय देश से बाहर हैं और इसलिए आज सदन में नहीं आए। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि यह ऐसे मंत्री हैं जिनका चेहरा आज तक सांसदों ने तो क्या अध्यक्ष तक ने नहीं देखा है। ऐसा सुनने में आया है कि उन्होंने आज तक कैबिनेट की किसी बैठक तक में हिस्सा नहीं लिया है। संसद का सत्र चालू होने पर मंत्रियों का पहला दायित्व संसद के प्रति होता है, उसके बाद कोई दूसरा दायित्व आता है। अध्यक्ष की अनुमति से ही मंत्री सदन से गैर हाजिर हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि यह गुमशुदा मंत्री कहां छुपे हैं। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल चलने दें और वे यह मामला बाद में भी उठा सकते हैं।

सांसद सुले ने कहाः मेरे पति को बदनाम किया जा रहा!!


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राकांपा प्रमुख शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले ने आज कहा कि उनके पति और उनके परिवार को आईपीएल विवाद के संबंध में कुछ लोग बदनाम कर रहे हैं। वह इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करेंगे। सुले ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि मेरे पति सदानंद सुले उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपने वकीलों से बातचीत कर रहे हैं जो हमें बदनाम करने का प्रयास कर रहे है। वह उन मीडिया रपटों का उल्लेख कर रही थीं, जिसमें कहा गया है कि सदानंद सुले की आईपीएल की प्रसारण एजेंसी मल्टी स्क्रीन मीडिया (पूर्व में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन) में अपने पिता बी.आर. सुले से हासिल पावर आफ अटार्नी के जरिए हिस्सेदारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस अभियान के पीछे कांग्रेस का हाथ है तो उन्होंने कहा- नहीं। कांग्रेस हमारी सहयोगी पार्टी है और हम क्रिकेट के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र की सेवा करने के लिए एकसाथ आए हैं। प्रफुल पटेल के निजी सचिव द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को आईपीएल की नयी फ्रैंचाइजी की अनुमानित कीमत के बारे में एक दस्तावेज के साथ ई-मेल भेजने संबंधी मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह गोपनीय दस्तावेज था और इसे दूसरों को नहीं सौंपा जाना चाहिए था।