Saturday, June 5, 2010

आपसी खींचतान से गडकरी दुखी


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भाजपा में आंतरिक कलह का परोक्ष जिक्र करते हुए पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच टकराव होने से उन्हें काफी दुख होता है।भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के दो दिवसीय सम्मलेन में गडकरी ने कहा, ‘‘ जब मैं देखता हूं कि दो बड़े व्यक्तियों के अंह टकरा रहे हैं तब मुझे बहुत दुख होता है। मैं उनके बीच मध्यस्थता का प्रयास करता हूं।’’ उल्लेखनीय है कि गडकरी को पिछले साल दिसंबर में उस समय भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था जब पार्टी में अंतर्कलह चरम पर था।उन्होंने कहा, ‘‘ हम सब को अपने मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की अगुवाई में टीम भावना के साथ काम करना चाहिए। ’’ गडकरी ने कहा कि राष्ट्रवाद भाजपा का प्रेरणास्रोत है और यह पार्टी के राजनीतिक चरित्र को परिभाषित करता है।उन्होंने कहा कि पार्टी का मार्गदर्शन करने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति यहां पधारे हैं। सम्मेलन में भाजपा शासित राज्यों के 65 मंत्री और राज्य मंत्री उपस्थित थे। उनके अलावा करीब दो दर्जन पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद थे।उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिन सभी क्षेत्रों में काम किया, हमने साबित किया है कि हमारी पार्टी अन्य से भिन्न है और हमें इस बात पर गर्व है।’’

आज विश्व पर्यावरण दिवस है





























Thursday, June 3, 2010

अध्यक्ष के रूप में मीरा का एक साल


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लोकसभा अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर मीरा कुमार ने आज कहा कि वह प्रश्नकाल का समय बदलने सहित सभी मुद्दों पर आम राय से चलना पसंद करेंगी ।लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष बन कर इतिहास रचने वाली मीरा कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन में आपसी सम्मान की भावना बने ।’’ वह पिछले साल तीन जून को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुनी गई थीं ।प्रश्नकाल के अक्सर हंगामे की भेंट चढ़ जाने के कारण उसके समय में परिवर्तन करने की उनकी मंशा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे काम काज का ढंग यह है कि मैं उस समय तक कोई निर्णय लागू नहीं करती हूं, जब तक कि उस पर आम राय नहीं बन जाती ।’’ अध्यक्ष के रूप में उन्होंने एक बड़ा पर्वितन यह किया है कि अब कोई तारांकित प्रश्न सिर्फ इसलिए समाप्त नहीं हो जाता है कि उसे पूछने वाला सदस्य सदन में उपस्थित नहीं है । यह महत्वपूर्ण फैसला उन्होंने उस समय किया जब एक दिन असामान्य रूप से 17 सवालों के जवाब मंत्री इसलिए नहीं दे पाए कि प्रश्नकर्ता सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे ।उन्होंेने ऐतिहासिक व्यवस्था में अध्यक्ष को यह अधिकार दिया कि प्रश्नकर्ता सदस्य के सदन में मौजूद नहीं रहने पर भी वह मंत्री से उसका उत्तर देने को कह सकता है और मंत्री के उत्तर के बाद अन्य सदस्य उस पर पूरक प्रश्न कर सकते हैं ।एक साल के कार्यकाल के अनुभवों के बारे में पूछे जाने पर मीरा कुमार ने कहा, ‘‘पिछला एक साल चुनौती भरा होने के साथ ही बहुत संतोषजनक भी रहा क्योंकि सदन में सभी सदस्यों ने उनके प्रति सम्मान प्रकट किया ।’’

Wednesday, June 2, 2010

पश्चिम बंगाल में प्रणब मुखर्जी ने अपनी हार स्वीकार की




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पश्चिम बंगाल में हुए निकाय चुनावों की वोटों की गिनती चल रही है। निकाय


चुनाव व कोलकता वार्ड चुनाव के रुझान में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस बहुमत की तरफ आगे बढ़ रही है। ममता की भारी जीत को देखते हुए उन्होंने कहा कि जनता का फैसला मुझे स्वीकार है, साथ ही मैं ममता को ढेर सारी बधाई भी देना चाहता हूं कि जनता के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहीं। रानीगंज, तुफानगंज सीट पर भी लेफ्ट, कटवा सीट पर कांग्रेस का कब्जा, पुरुलिया व रघुनाथपुर में तृणमूल की जीत, सोनामुखी और चन्द्रकोणा, दिनहाटा में लेफ्ट की जीत, जलपाईगुड़ी में कांग्रेस की जीत, माथाभांगी, बाली, दिनहाटा में लेफ्ट, बिसनुपुर, राणाघाट, सॉल्ट लेक, गएशरनगर, बांकरा में टीएमसी की जीत। झालदा, कूचबिहार की चारों सीटों पर लेफ्ट कब्जा। तृणमूल कांग्रेस कोलकाता में भारी बढ़त बनाए हुए है। अब के रुझानों के मुताबिक कोलकाता के 141 वार्डों में 97 वार्डों पर तृणमूल कांग्रेस आगे चल रही है, जबिक लेफ्ट को 33 सीटों पर बढ़त हासिल है। कांग्रेस यहां पर 7 वार्डों में आगे चल रही है। निकाय चुनाव में कांग्रेस और तृणमूल के बीच गठबंधन नहीं हो पाया था और दोनों पार्टियों ने अपने दम पर निकाय चुनावों में हिस्सा लिया था। ताजा रुझानों के मुताबिक बंगाल 81 निकाय सीटों में तृणमूल 31, लेफ्ट 23 और कांग्रेस 9 सीटों पर आगे चल रही है। कोलकाता से सटे विधाननगर (साल्ट) नगरपालिका में भी तृणमूल कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। वहां के 25 वार्डों में तृणमूल 18 वार्डों में आगे है लेफ्ट सिर्फ 7 सीटों पर आगे चल रही है। गौरतलब है कि अभी इन दोनों जगहों पर लेफ्ट का कब्जा है। कांग्रेस ने कातवा (बर्दवान) नगरपालिका सीट पर कब्जा बरकरार रखा है जबकि तृणमूल ने पुरुलिया सीट पर कब्जा जमा लिया है। पश्चिम बंगाल में पिछले रविवार को हुए निकाय चुनावों में तकरीबन 70 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी। इस चुनाव को अगले साल होनेवाले विधान सभा चुनावों के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।

Tuesday, June 1, 2010

मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त


संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की 55 सीटों के लिए विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने कैंडिडेटों की घोषणा कर चुके हैं। जिन मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त हो गया है उनमें वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी शामिल हैं। इसके अलावा आर. के. धवन, बी. के. हरिप्रसाद, मोहसिना किदवई, वेंकैया नायडू, मुख्तार अब्बास नकवी और राजीव प्रताप रूडी भी हैं। चुनाव आगामी 17 जून को होना है और नामांकन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है। राज्यों की विधानसभाओं के सदस्यों की संख्या के मुताबिक ही राज्य के राज्यसभा सदस्यों की संख्या तय होती है। यानी बड़े राज्यों से ज्यादा सदस्य आते हैं और छोटों से कम। मिसाल के तौर पर उत्तर प्रदेश से 31 सदस्य चुने जाते हैं, तो अरुणाचल प्रदेश, गोवा और इसी तरह के 9 छोटे राज्यों से सिर्फ एक-एक सदस्य चुनकर आता है। 13 राज्यों में होने हैं चुनाव आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड और उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव होने हैं। राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है। एक तिहाई सदस्य हर दो साल बाद रिटायर हो जाते हैं। द्विवार्षिक चुनाव के जरिए नए सदस्य चुने जाते हैं। विधायक ही हैं वोटर विधानसभा के चुने हुए विधायक राज्यसभा सदस्यों के लिए वोट देते हैं। मतदान की प्रक्रिया आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर होती है। राज्यसभा के नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा के सदस्य हैं तो विपक्ष के नेता अरुण जेटली गुजरात से। मगर ऐसी तस्वीर हमेशा से नहीं थी। 8 साल पहले तक राज्यसभा सदस्य बनने के लिए उस राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य था, पर संसद ने कानून बदल दिया। अब यह राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। बावजूद इसके यह अभी भी काउंसिल ऑफ स्टेट कहलाती है। कुछ सदस्य होते हैं मनोनीत ऐसा नहीं है कि राज्यसभा के सभी सदस्य निर्वाचन के जरिए ही आते हैं। 12 सदस्यों को राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों से मनोनीत करती हैं। मसलन, साहित्य, साइंस और समाज सेवा में उल्लेखनीय काम करने वालों को भी मनोनीत किया जाता है।

Monday, May 31, 2010

राज्य सभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू


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तमिलनाडु में छह राज्य सभा सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया आज शुरू हो गयी। इनके लिए 17 जून को चुनाव होने हैं।विधानसभा के सचिव एम. सेल्वाराज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘नामांकन पत्र पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच दाखिल किये जा सकते हैं और नामांकन की अंतिम तारीख दो जून होगी।’’ उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र की जांच का काम आठ जून को किया जाएगा और नाम वापसी की अंतिम तारीख 10 जून है।सेल्वाराज ने कहा कि दो निर्दलीय विधायकों ने आज अपने नामांकन पत्र दाखिल किये।

उत्तर प्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राज्यसभा की दस सीटों के लिए 17 जून को दो साल के लिए हो रहे चुनाव और एक सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए शुरू हुए नामांकन के पहले दिन यानी सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की जिन दस सीटों के लिए आम चुनाव हो रहे हैं, उनका कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है और उनमें से सात पर सपा, दो पर बीएसपी और एक पर बीजेपी का कब्जा है। नकवी ने आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनय कटियार, प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही, लखनऊ के सांसद लालजी टंडन, पार्टी विधानदल के नेता ओमप्रकाश और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी की उपस्थिति में इन चुनावों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे के समक्ष अपना पर्चा दाखिल किया। जिस एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है, वह पिछले दिनों एसपी के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र के निधन से खाली पड़ी है। चार जुलाई को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के जिन दस सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें एसपी की जया बच्चन और भगवती सिंह, बीजेपी के अरुण शौरी तथा बसपा के सतीश चन्द मिश्र प्रमुख हैं। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में 226 सदस्यों वाली सत्तारुढ़ बीएसपी ने दस सामान्य सीटों पर सात और एक उम्मीदवार उपचुनाव की सीट पर उतारने का फैसला किया है जबकि 87 सदस्यों वाली एसपी ने दो उम्मीदवार और 48 सदस्यों वाली बीजेपी ने एक उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की है। बीएसपी ने इन चुनावों में पार्टी के प्रमुख नेता सतीश चन्द्र मिश्र को फिर से उम्मीदवार बनाने के साथ अंबेद राजन, जुगुल किशोर, सलीम अंसारी, एसपी सिंह बघेल, नरेन्द्र कुमार कश्यप और राजपाल सिंह सैनी को मैदान में उतारने का फैसला किया है, जबकि एसपी की तरफ से मोहन सिंह और रशीद मसूद की उम्मीदवारी घोषित की गयी है।

Sunday, May 30, 2010

बसपा राज में पैसा बना राजनीति का लक्ष्य : अखिलेश यादव


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समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारुढ बहुजन समाज पार्टी पर लोकतंत्र की परिभाषा ही बदल डालने का आरोप लगाते हुए आज यहां कहा कि बसपा राज में राजनीति की परिभाषा हो गयी है पैसे के लिए सरकार पैसे से चलने वाली सरकार पैसे के माध्यम से सरकार है। मायावती सरकार में हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा, मुख्यमंत्री सचिवालय पंचमतल पर भ्रष्टाचार की नीति बनती है और वह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। उन्होने मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगो की मूर्तियां उनके मरने के बाद लगायी जाती है मगर मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जीवनकाल में ही अपनी सात-सात मूर्तियां लगवाई हैं।बसपा सरकार पर दो हजार एकड़ भूमि पर पार्को एवं स्मारको के निर्माण पर 20 हजार करोड रूपये खर्च कर डालने का आरोप लगाते हुए यादव ने कहा कि यदि यही पैसा गरीबो की दशा सुधारने के लिए खर्च होता तो प्रदेश की तस्वीर बदल सकती थी।अखिलेश ने देश एवं प्रदेश की तमाम समस्याओ के लिए मुख्यत: कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के मिशन 2012 की चुटकी ली और कहा कि देश में महंगाई और भ्रष्टाचार रोक पाने में विफल कांग्रेस और इसके महासचिव राहुल मिशन 2012 का ख्वाब देख रहे है।उन्होने महंगाई के साथ ही बढती बेरोजगारी के लिए भी कांग्रेस एवं केन्द्र सरकार की नीतियो को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जनता को संप्रग सरकार से उसके काम काज का हिसाब मांगना चाहिए।