Friday, July 25, 2008

लौट के आए चिरकुट ji



दिल्ली से जब दूध-बताशा खाकर आए चिरकुट जी।
कूद-कूद कर लोकतंत्र का गाना गाए चिरकुट जी।

ढोल बजाते संग-संघाती, अमरीका के कूकर-नाती,
टॉप दलालों की टोली की कथा सुनाएं चिरकुट जी।

मनमोहन की नाव खेंचकर, नोट-कमाऊ वोट बेचकर,
जो भी दे दे टिकट, उसी की टहल बजाएं चिरकुट जी।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुलायम सिंह, अमर
की गद्दारी के सुर-में-सुर खूब मिलाएं चिरकुट जी।

गाली गाएं कैसी-कैसी, जनता की ऐसी-की-तैसी,
फिर गठबंधन की गठरी में गांठ लगाएं चिरकुट जी।

डील हुई तो डील-डौल में, हुए चौगुना नाप-तौल मे,
गुंडों की चौपाल लगाकर फिर भरमाएं चिरकुट जी।

सांपनाथ से नागनाथ तक, सोमनाथ से डोमनाथ तक
मिले-जुले औ जमे-जमाए, लौट के आए चिरकुट जी।

बोले- खोद दिया है खंदक, देश रख दिया है बंधक,
वोटर तो गुलाम के वंशज, फिर क्यों भाए चिरकुट जी।

आने दो चुनाव की बेला, फिर देखो चौगानी खेला,
इरपट-तिरपट, छक्का-पंजा पर इतराएं चिरकुट जी।

Thursday, July 24, 2008

लीलाधर ललाम को लाल सलाम

भांग छान के वाजपेयी सुट्ट।
टांग तान के दलबदलू फुट्ट।
हे राम!
...मंदिर कैसे बनेगा?

लोकसभाध्यक्ष लीलाधर ललाम।
कुर्सी का मालमत्ता चापैं सुबह-शाम।
छोड़ गरीब-सरीब की बात,
और फालतू का लाल सलाम।

यूपी में इंका के साथ मुलायम गुल्ल।
माया के साथ अजित का हाउस फुल्ल।
अगले चुनाव में किसकी बनेगी गत्त।
खामख्वाह होनी है भाजपा की
राम-नाम सत्त!







Sunday, July 20, 2008

पटो-पटाओ, लूटो-खाओ मौज करो

लोकतंत्र है, लोकतंत्र है
ताताथैया थूः
संसदीय चोट्टा स्वतंत्र है
ताताथैया थूः

इसकी टोपी उसके सिर
उसकी टोपी इसके सिर
पटो-पटाओ, लूटो-खाओ मौज करो,
इसकी कुर्सी उसके घर
उसकी कुर्सी इसके घर
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया
जेब भरो भइ जेब भरो,
पंचतंत्र है, पंचतंत्र है
ताताथैया थूः संसदीय चोट्टा स्वतंत्र है ...ताताथैया थूः

अमरीका की गोटी चन्न
वाह-वाह जी मनमोहन्न
डील-डौल पर डोला मन्न
राजनीति के भड़वे टन्न
देख दलाली दुनिया सन्न
जाल चुनावी
चाल चुनावी
हर उल्लू की
डाल चुनावी
दिल्ली का हर
ताल चुनावी
होकर मालामाल चुनावी
तीयापांचा महामंत्र है...
लोकतंत्र है, लोकतंत्र है...ताताथैया थूः
संसदीय चोट्टा स्वतंत्र है....ताताथैया थूः