Saturday, April 17, 2010

आडवाणी ने कहाः पीएम थरूर को हटाएं


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विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का भविष्य अधर में है। विपक्ष दबाव बनाए हुए है। भाजपा संसदीय दल अध्यक्ष एल.के. आडवाणी ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह से थरूर को बर्खास्त करने की मांग की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि मीडिया से प्राप्त जानकारियों नहीं, तथ्यों के हिसाब कदम उठाएंगे। सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आईपीएल मामले में कुछ तो गड़बड़ है।

आडवाणी ने कहा है कि थरूर ने पद का दुरुपयोग किया है। जांच होनी चाहिए कि क्या उन्होंने ऐसा आर्थिक फायदे के उद्देश्य किया है। सरकार को घटनाक्रम के सभी पक्षों की गहराई से जांच करानी चाहिए। इस बात की भी जांच हो कि आईपीएल में क्या विदेशी धन लगा है। निविदाकर्ताओं और आईपीएल के अन्य संबंधित लोगों के विदेशी खातों की जांच भी होनी चाहिए। प्रधानमंत्री को उन देशों के साथ उनकी सरकार की हुई बातचीत से देशवासियों को अवगत कराना चाहिए, जहां के बैंकों में भारतीय धन छिपे होने की बात सामने आ रही है। हमारी मौजूदा आर्थिक प्रणाली में ऐसी कई कमियां हैं, जिसका फायदा उठाते हुए बेईमान और अनैतिक लोग अथाह संपत्ति जुटा ले रहे हैं। वे लोग क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल का उपयोग अवैध रूप से धन अर्जित करने के लिए कर रहे हैं। आईपीएल के बारे में हाल की रिपोर्टें यह संदेह पैदा करती है कि कई निविदाकर्ताओं के विदेशों के बैंकों में खाते हैं। यही वे गोपनीय और बेनामी खाते हैं जहां लाखों करोड़ रूपया काले धन के रूप में हैं। उधर, शशि थरूर की किस्मत अब भी अधर में लटक रही है। इस बात का संकेत है कि सरकार में उनकी किस्मत पर अंतिम फैसला कल कांग्रेस आला कमान करेगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक हफ्ते की विदेश यात्रा से आज लौटने के बाद मंच उनके लिए तैयार है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कोर समूह के अन्य सदस्यों को सरकार में थरूर के बने रहने को लेकर फैसला करना है। विदेश राज्य मंत्री थरूर आईपीएल की कोच्चि फ्रेंचाइजी द्वारा अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को 70 करोड़ रुपये मूल्य के मुफ्त में मिले शेयर को लेकर विवाद में घिरे हैं। हालंकि, उन्होंने अपने उपर लगे आरोपों का खंडन किया है कि उनकी अपने लिए या अपनी मित्र के लिए कोई वित्तीय लाभ लेने की कोई मंशा थी। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुछ भी फैसला नहीं किया गया है। सारे विकल्प खुले हुए हैं। पार्टी ने पहले ही आईपीएल मुद्दे पर थरूर से अपनी दूरी बना ली है। उसने कहा कि है कि इस मुद्दे पर थरूर को स्पष्टीकरण देना है। मंत्री द्वारा कल लोकसभा में बयान दिए जाने से पार्टी की स्थिति नहीं बदली है। गुना (म.प्र.) के कांग्रेस सांसद एवं केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि आईपीएल विवादों के लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है और उसकी जांच निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। आईपीएल में त्रुटियां हुई हो सकती है और उसके लिये छानबीन समिति का गठन हो गया है। आईपीएल से जुड़े किसी भी व्यक्ति के खातों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी टीम लाभ में चल रही है। गलतियों के अलावा आईपीएल का दूसरा पक्ष भी देखा जाना चाहिये क्योंकि इसके कारण सौरभ तिवारी और प्रज्ञान ओझा सहित अन्य प्रतिभायें भी सामने आयीं हैं। समिति की जांच के बाद पूरा सच सामने आ जायेगा। आज खेल को ऐसे लोगों की जरूरत है जो पर्याप्त समय देकर दिल से काम करें, साथ ही वे खेल को कुछ देने के लिये आगे आएं, लेने के लिये नहीं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली पहुंचकर कहा कि राजनीति में ये सब तो होता रहता है। डॉ. सिंह विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का नाम आईपीएल विवाद में आने पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया की रिपोर्ट पर नहीं जाऊंगा और इस मामले में पूरा विवरण जानने के बाद ही कोई फैसला करूगां। वह चाहते हैं कि सत्ताधारी दल की अध्यक्ष सोनियां गांधी से विचार-विमर्श, साथ अन्य समर्थक दलों के प्रमुखों से मंत्रणा के बाद ही वह कुछ कहने या कर पाने की स्थिति में होंगे। विदेश राज्य मंत्री ने भी पीएम के सामने अपनी बात रखने के लिए दस्तक दे रखी है। प्रधानमंत्री ने फिलहाल इस मामले में नरमी के संकेत दिए हैं। थरूर से मुलाकात से पहले पीएम ने आज एयर इंडिया के विशेष विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान साफ किया कि मीडिया रिपोर्टो के आधार पर वो थरूर पर कोई फैसला नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि थरूर मसले पर कोई भी फैसला करने से वो इस संदर्भ में पूरा ब्यौरा जुटाएंगे और सभी से विचार विमर्श के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। उल्लेखनीय है कि विदेश दौरे पर गए मनमोहन सिंह आज भारत लौटे। अब प्रधानमंत्री को यह तय करना है कि इस विवाद के बाद थरूर केबिनेट में बने रहेंगे या फिर उनसे इस्तीफा लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि थरूर से मुलाकात के पहले मनमोहन सिंह इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श भी करेंगे। स्वदेश लौटने के बाद पीएम को कोच्चि टीम से संबंधित दस्तावेज भी सौंप दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कोच्चि टीम में अप्रत्यक्ष रूप से शशि थरूर की संलिप्तता के बाद केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। थरूर-सुनंदा मसले पर सरकार की खासी बदनामी हो रही है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा थरूर पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग क र रही है। हालांकि, थरूर इस मसले पर संसद में अपनी सफाई दे चुके हैं। थरूर का कहना है कि केरल से सांसद होने के नाते उन्होंने कोच्चि टीम बनाने में दिलचस्पी ली थी और उन्होंने कोच्चि फ्रैंचाइची को सिर्फ अपनी सलाह दी थी, जिस पर उन्हें गर्व है। थरूर ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कांग्रेस थरूर के बयान से मुतमईन नहीं। विदेश राज्य मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को आईपीएल कोच्चि में 70 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी दिलवाई है, जो आने वाले समय में 500 करोड़ हो जाएगी। पिछले दिनों थरूर जब लोकसभा में सफाई देने पहुंचे थे तो विपक्ष ने भारी हंगामा किया था। उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

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