Wednesday, March 24, 2010

Big News:व्यापक चुनाव सुधार विधेयक


(खबर sansadji.com सांसदजी डॉट काम से )

बेंगलूर में आज केन्द्रीय विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि केन्द्र सरकार अगस्त-सितंबर तक व्यापक चुनाव सुधार विधेयक लाने वाली है, जो राजनीति के अपराधीकरण जैसे गंभीर मुद्दों का समाधान पेश करेगा। उन्होंने ये भी बताया कि प्रस्तावित उपायों पर विचार-विमर्श के लिए जून में चुनाव सुधार पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मैंने स्वयं अपने स्तर पर इस संबंध में काफी तैयारियां पहले से कर रखी हैं। हम सभी राजनीतिक दलों, शिक्षाविदों तथा हर किसी की कार्यशाला में शिरकत चाहेंगे । चुनाव सुधार पर इंद्रजीत गुप्ता, दिनेश गोस्वामी समितियों सहित अन्य कमेटियों की रिपोर्ट की पड़ताल की जाएगी। हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि विभिन्न संसदीय लोकतंत्रों से मिले सबक को हमारी सुधार प्रक्रिया में जगह दी जाएगी। कानून की शिक्षा में दूसरी पीढ़ी के सुधारों पर विचार-विमर्श करने के लिए मई की शुरूआत में एक बैठक बुलाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा था कि चुनाव सुधार पर सभी राजनीतिक पार्टियों के व्यापक विचार-विमर्श के लिए जल्द ही वह प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मुलाकात करेंगे। सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक इस मुद्दे पर बुलानी चाहिए ताकि सभी पार्टियाँ अपना पक्ष रख सकें इससे जनता का प्रतिनिधित्व करने वालों का विचार भी जानने के लिए मिलेगा। साथ ही जनप्रतिनिधि को वापस बुलाने के अधिकार और नकारात्मक मत तथा आवश्यक मतदान एवं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर भी चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब है कि गुजरात में भाजपा के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव सुधार पर कदम उठाने पर राजनीतिक हलकों में परस्पर विरोधी प्रतिक्रियाएं सुर्खियां बनी थीं। मोदी सरकार ने मतदान करना आवश्यक बना दिया था। लालकृष्ण आडवाणी ने उस समय उसे एक स्वागत योग्य कदम करार दिया था और अपने ब्लॉग पर लिखा था कि पूरे देश को गुजरात के इस उदाहरण को अपनाने की जरूरत है। गडकरी ने कहा था कि इस मामले का राजनीतिकरण न हो क्योंकि यह मामला किसी एक पार्टी का नहीं है, बल्कि देश हित का है। इसलिए इसमें सभी पार्टियों को शामिल किया जाना चाहिए। यह राष्ट्रीय मुद्दा है और इसमें सभी पार्टियों को राजनीतिक हित से ऊपर उठकर चर्चा करनी चाहिए। इसलिए मैं डॉ. सिंह, सोनिया गाँधी और मीरा कुमार से मिलना चाहूंगा। चुनाव सुधार के तहत यह ध्यान देने की आवश्यकता है कि चुनावी प्रक्रिया, धन, जाति और अपराधियों के प्रभाव से बाहर रहे। इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए भाजपा शीघ्र ही एक दल का गठन करेगी।

1 comment:

कृष्ण मुरारी प्रसाद said...

नेताओं की बातें जब तक लागू न हो जाए तब तक पहेली है........
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विलुप्त होती... .....नानी-दादी की पहेलियाँ.........परिणाम..... ( लड्डू बोलता है....इंजीनियर के दिल से....)
http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_24.html