Friday, April 30, 2010

सांसदों का कोटा खत्म करने पर सदन में फिर हंगामा


sansadji.com

संसद में एक बार फिर केन्द्रीय विद्यालयों में सांसदों का कोटा खत्म किए जाने का सत्तारूढ़ कांग्रेस, सपा और भाजपा के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। संसद में शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने प्रश्नकाल के दौरान सपा के रामनारायण साहू और शादीलाल बत्रा के पूरक सवालों के जवाब में कहा कि सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के बाद केन्द्रीय विद्यालयों में दाखिले का सांसदों का कोटा खत्म कर दिया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत केन्द्रीय विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटें स्कूल से तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गई हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक दाखिले के लिए कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी और केन्द्रीय विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया नए नियमों के हिसाब से ढाली जा रही है। वर्ष 2008-09 के दौरान केंद्रीय विद्यालयों के लिए केंद्र ने प्रति विद्यार्थी 13242 रुपए और जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए 41763 रुपए प्रति व्यक्ति राशि खर्च की थी। केंद्रीय विद्यालय के प्रखंड (सैक्शन) और छात्रों की संख्या जरूरत के आधार पर बढ़ाई जाती है और अतिरिक्त अवसंरचना का प्रावधान भी किया जाता है। वर्ष 2010-11 के सत्र के लिए 720 नए प्रखंड खोले गए हैं। वर्ष 2010-11 के दौरान केंद्रीय विद्यालयों के लिए ‘योजनागत’ के तहत 350 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। केंद्रीय विद्यालयों में अपेक्षित अवसंरचना विकसित करने के लिए बजट प्रावधान के कुछ हिस्से का उपयोग किया जाएगा।

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