Friday, April 30, 2010

राष्ट्रीय 'हरित अधिकरण विधेयक' लोकसभा में मंजूर


sansadji.com
पर्यावरण संबंधी मुद्दों के जल्द समाधान के प्रावधान वाले ‘राष्ट्रीय हरित अधिकरण विधेयक' को लोकसभा ने आज अपनी मंजूरी दे दी। विधेयक में अधिकरण के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की व्यवस्था की गयी है और यह अधिकरण भोपाल में स्थित होगा। पर्यावरण और वन मंत्री जयराम रमेश ने विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन करते हुए आज कुछ संशोधन भी पेश किए जिन्हें सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी। रमेश ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस महत्वपूर्ण मसले पर पूरे खुले दिमाग के साथ काम कर रही है और इसके कानून बनने के बाद रास्ते में आने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए जरूरत हुई तो वह साल भर के भीतर पुन: नए संशोधनों के साथ सदन में आने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जहां पर्यावरण अदालतों की स्थापना की गयी है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में इसकी चार पीठें होंगी लेकिन मामलों की संख्या के आधार पर पीठों की संख्या बढ़ाने के लिए विधि मंत्रालय से अपील की जाएगी। रमेश ने बताया कि भोपाल गैस त्रासदी के मद्देनजर इस दिशा में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए केन्द्र सरकार ने अधिकरण को भोपाल में स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि लोगों को अधिकरण के पास आने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि अधिकरण उनके दरवाजे तक जाएगा। उधर, दैनिक जागरण ग्रुप के चेयरमैन एवं सपा सांसद महेंद्र मोहन के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि, उपभोक्ता मामले और खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री प्रो के वी थॉमस ने आज राज्यसभा में जानकारी दी कि सरकार ने शुल्क मुक्त पर दालों के आयात की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि दलहन के उत्पादन और मांग के अंतर को खत्म करने के लिए देशी उत्पादन में वृद्धि के साथ साथ दलहन का आयात करने का निर्णय किया गया। थॉमस के अनुसार, पिछले तीन साल में दालों का सालाना घरेलू उत्पादन करीब एक करोड़ 40 लाख टन से एक करोड़ 48 लाख टन के बीच रहा जबकि इस अवधि में दालों की अनुमानित मांग एक करोड़ 70 लाख टन से एक करोड़ 80 लाख टन रही। मांग और आपूर्ति के इस अंतर को दूर करने के लिए ही दालों का आयात किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा की माया सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में दालों का उत्पादन वर्ष 2008. 09 के दौरान एक करोड़ 45 लाख टन से बढ़ कर 2009. 10 के दौरान एक करोड़ 47 लाख टन हो गया।

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