Monday, April 26, 2010

रैंप पर उतरे मध्य प्रदेश के सांसद कैलाश जोशी!



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कभी 2006 में राजस्थान की भाजपा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रैंप पर उतरी थीं, अब मध्यप्रदेश के भाजपा सांसद कैलाश जोशी तथा मंत्री बाबूलाल गौर ने रैंप पर उतर कर तहलका मचा दिया है। इसी तरह भाजपा की सांसद रहीं हेमा मालिनी जब हाल ही में दिल्ली में अपनी अभिनेत्री बेटी के साथ रैंप पर उतरीं तो देश भर की सुर्खियां बन गई थीं।
भोपाल में बीजेपी के सांसद कैलाश वाजपेयी ने कैटवॉक किया। बुजुर्गों के लिए आयोजित कार्यक्रम में सांसद जी धोती कुर्ता पहनकर उतर पड़े। एक नहीं, कई नेताओं ने रैंप पर कैटवॉक का मजा लूटा। सामाजिक संस्था अंजलि ने अलजाइमर दिवस पर ये शो आयोजित किया। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर और सांसद कैलाश जोशी ने अपनी तंदुरूस्ती के राज बताने के साथ-साथ रैंप पर कैटवॉक भी किया। भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित इस समारोह में बुजुर्ग भी रैंप पर कैटवाक करने में पीछे नहीं रहे। इन बुजुर्गों ने कैटवाक करके यह बताने की कोशिश की कि वे अब भी जवान हैं। इस मौके पर सांसद जोशी ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगता कि वह बुजुर्ग हो गए हैं। दिन में कभी सोते नहीं हैं, जरूरत पड़ने पर कार से 400 किलोमीटर तक की यात्रा कर लेते हैं। यह सब वह योग की बदौलत कर पाते हैं। इसी तरह सन 2006 में जयपुर में रैंप और राजनीति का फ़ासला उस समय ख़त्म हो गया था, जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया खादी को बढ़ावा देने के लिए रैंप पर मॉडलों के साथ क़दमताल करती नज़र आईं थीं। हालाँकि गाँधीवादी संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस क़दम की तीखी आलोचना की थी। उनका कहना था कि खादी एक विचार है, व्यापार नहीं। शाही शानो-शौकत के गवाह रहे जयपुर के पाँच सितारा रामबाग होटल में जब अंतरराष्ट्रीय डिजाइनर बीबी रसेल ने खादी वस्त्रों की नुमाइश लगाई तो वहाँ मॉडल थे, मदमस्त संगीत था और माहौल को मादकता देते खूबतूरता चेहरे भी थे। इनमें ऋतिक रोशन, जूही चावला, आशुतोष गोवारीकर और शोभा डे भी शामिल थे। इन विशिष्ट लोगों के बीच आम आदमी का लिबास खादी पहनकर 19 मॉडलों ने जलवे बिखेरे थे, लेकिन इस फैशन शो में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ख़ुद रैंप पर उतरकर समाँ बाँध दिया। रैंप पर कैट वॉक के दौरान मॉडल और अभिनेता राहुल देव ने उनका साथ दिया। खादी की लाल साड़ी में कैट वॉक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि ग़रीब बुनकरों के उत्थान और खादी को बढ़ावा देने के लिए उन्हें कैट वॉक करने से कोई गुरेज नहीं। इससे पहले उन्होंने बंगलौर में भी ऐसे ही एक फ़ैशन शो में कैट वॉक किया था। उस समय गाँधीवादी संगठनों को मुख्यमंत्री का यह क़दम नागवार गुजरा था। समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा था कि यह गाँधी के सपनों की क्रूर हत्या है। गाँधी ने खादी को विचार से जोड़ा और आम आदमी तक पहुँचाया लेकिन ऐसे आयोजनों से यह लिबास गाँव और ग़रीबों से दूर हो जाएगा। उस समय प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रघु शर्मा ने कहा था कि अगर ग़रीबों और बुनकरों का भला करना है तो मुख्यमंत्री को रैंप पर नहीं मजलूम और निर्धनों की बस्तियों में उतरना चाहिए था। दरअसल यह एक मौज-मस्ती का आयोजन था। अभी हाल ही में दिल्ली में पूर्व भाजपा सांसद एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री (ड्रीम गर्ल) हेमामालिनी ने रैंप पर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी थी। उनकी पुत्री एवं बालीवुड अभिनेत्री ईशा देओल ने विल्स फैशनवीक में पारंपरिक ‘लहंगा’ पहनकर वधू के परिधान केसाथ प्रवेश किया, लेकिन हेमा मालिनी ने बी श्रेणी के शहरों में लोकप्रिय डिजाइनर राकी एस के लिए मां और बेटी दोनों शो स्टापर थीं। 28 वर्षीय अभिनेत्री ईशा कुछ समय के लिए फिल्मों से दूर चल रही हैं। ईशा ने मैरून और हरे रंग का लहंगा चुन्नी पहन रखा था। हेमा मालिनी नारंगी रंगका साड़ी ब्लाउज पहने हुए थीं। ‘ड्रीमगर्ल’ नाम से विख्यात रही वरिष्ठ अभिनेत्री के रैंप पर उतरते ही पहली पंक्ति में बैठे दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाई थीं। एक और वाकया 28 अक्टूबर 2009 का। यह भी भाजपा घराने से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश में आगरा की भाजपाई महापौर को नई दिल्ली में आयोजित एक फैशन शो में कैटवाक करने पर तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गई थीं। पिछले साल महापौर अंजुला माहौर के 25 अक्टूबर को नई दिल्ली में ‘विल्स लाइफस्टाइल फैशन वीक’ में फैशन डिजाइनर संजना जॉन के डिजाइन किए गए परिधानों में रैम्प पर उरतने को लेकर आम जनता, राजनेता और समाजसेवी अपनी-अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहे। उनका कहना था कि जगह-जगह एकत्रित कूड़े के ढेर से गंदी हो रही ताजनगरी की अनदेखी कर महापौर का अपना सौंदर्य रैम्प पर प्रदर्शित करना बिल्कुल अनुचित था। लेकिन भाजपा का कहना था कि महापौर अगर भ्रूण हत्या जैसे अच्छे उद्देश्य को लेकर अपनी बेटियों के साथ मर्यादित कपड़े पहनकर रैम्प पर उतरीं तो उसमें बुराई क्या थी। भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया ने माहौर के रैम्प पर जलवे बिखरने पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि शहर की गंदगी की अनदेखी कर अपने सौंदर्य की ओर ध्यान देना गलत है।

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