Tuesday, April 27, 2010

लोकसभा में भाजपा-लेफ्ट का कटौती प्रस्ताव फेल


sansadji.com

लोकसभा में आज शाम छह बजे के बाद भाजपा और लेफ्ट का कटौती प्रस्ताव 100 से ज्यादा वोटों से गिर गया। राजदल और सपा के बहिष्कार के कारण कटौती प्रस्ताव गिरा। बसपा पहले से संप्रग के साथ हो ली थी। पहले वित्त विधेयक के विरोध में भाजपा का कटौती प्रस्ताव गिरा। फिर महंगाई पर लेफ्ट का। प्रस्ताव के पक्ष में 162 और विरोध 246 में पड़े।
इससे पहले कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद दौरान कहा कि वह कटौती प्रस्ताव पर भाजपा के साथ वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। लालू के इतना कहते ही भाजपा के सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इससे पहले वामपंथी दलों और भाजपा की ओर से लाए गए कटौती प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मंजूरी दे दी।
मंगलवार को लोकसभा में कटौती प्रस्ताव पेश होने से पहले सपा, राजद के सांसद सदन से वॉक आउट कर गए। बसपा पहले ही सरकार का समर्थन करने की घोषणा कर चुकी थी। ताजा घटनाक्रम के बाद लोकसभा में संभावित शक्ति परीक्षण में संप्रग सरकार को कोई खतरा नहीं।
लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए सपा नेता मुलायम सिंह यादव और राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की कांग्रेस सरकार की तीखी आलोचना की और महंगाई के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार बताया, लेकिन बाद में भारी शोर-शराबे के बीच दोनों ही नेता लोकसभा से वॉक आउट कर गए। लालू -मुलायम द्वारा कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग से ठीक पहले वॉक आउट किया जाना केंद्र सरकार के लिए नंबर गेम में राहत की रही।इससे पहले सुबह 11 बजे नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने आईपीएल मुद्दे पर प्रधानमंत्री के कल दिए बयान पर तीखा विरोध करते हुए कहा कि हमने संसद में पीएम से जवाब मांगा था लेकिन पीएम ने सदन के बाहर अपने दिए गए बयान में हमारी मांग को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि पीएम का यह बयान सदन की अवमानना है। गौरतलब है कि विपक्ष ने आईपीएल विवाद पर जेपीसी गठन की मांग की थी लेकिन कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जेपीसी गठन गिए जाने की मांग को खारिज कर दिया था। सपा और राजद की सरकार को अस्थिर नहीं करने के संकेत देने के बाद अब 21 सदस्यीय बसपा ने भी सरकार के साथ खड़ा होने का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में कहा कि कटौती प्रस्ताव के मुद्दे पर हम केन्द्र सरकार को समर्थन देंगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया, जब सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे चार सदस्यीय राजद तथा 21 सदस्यीय सपा पहले ही कह चुकी थी कि वे सरकार को अस्थिर करने के खिलाफ हैं। मायावती का यह बयान अनुदान मांगों पर कटौती प्रस्तावों से पूर्व संप्रग सरकार के लिए अच्छी खबर लेकर आया। मायावती ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई चिंता का सबब हैं और इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेवार हैं। चीनी के दामों में बढ़ोतरी के पीछे मुनाफाखोरों का हाथ है, लेकिन साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं चाहती कि सरकार अस्थिर हो और सांप्रदायिक ताकतें सत्ता पर काबिज हों। लोकसभा में मंगलवार शाम छह बजे अनुदान मांगों पर गिलोटीन यानी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की अनुदानों मांगों को एक साथ बिना बहस के पारित कराने की प्रक्रिया को पूरा किया गया। जहां तक विपक्षी एकता का सवाल रहा, मंगलवार को संसद के बाहर महंगाई के विरोध में लेफ्ट और लालू अलग-अलग दिखे। आरजेडी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरने पर बैठी तो लेफ्ट के लोग संसद की सीढ़ी के पास।

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