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राज्यसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान आज उस समय विचित्र स्थिति पैदा हो गई जब माकपा नेता वृंदा करात और रेल मंत्री ममता बनर्जी आपस में उलझ गईं। वृंदा करात ने आरोप लगाया कि अशक्त लोगों के लिए कोलकाता से दिल्ली तक चलायी गयी विशेष ट्रेन पर लाखों रूपये खर्च किये जाने के बावजूद उसमें पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। एक ओर महादुरंतो ट्रेन की बात की जा रही है, वही अशक्त लोगों के लिए विशेष ट्रेन में पानी जैसी जरूरत का भी अभाव रहता है। इसके अलावा ट्रेन 12 घंटे देर से पहुंची। सुविधाओं की बहाली के लिए प्रयास किया गया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। रेल मंत्री ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आप भ्रम की स्थिति की पैदा कर रही हैं। इस पर दोनों नेता आमने-सामने हो गए। पीठासीन अधिकारी पी.जे. कुरियन के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। बाद में रेल राज्य मंत्री ई. अहमद ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विशेष ट्रेन में पानी के अभाव संबंधी आरोप पूरी तरह गलत हैं। हावड़ा से ट्रेन विलंब से रवाना हुई थी। मुगल सराय स्टेशन पर जब ट्रेन रूकी तो उसमें पानी भरा गया, लेकिन वहां यात्रियों ने उस पानी से स्नान कर लिया और पानी खत्म हो गया। यहां भी ट्रेन लेट हुई। इसके बाद सुल्तानपुर स्टेशन में पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। ट्रेन को पानी लखनऊ पहुंचने पर मिला। उधर, सांसद मीना सिंह और सांसद राधा मोहन सिंह के सवालों के लिखित जवाब में आज सूचना प्रसारण राज्य मंत्री सी एम जातुया ने लोकसभा को बताया कि सउदी टेलीविजन, इस्लामिक टेलीविजन और अन्य विदेशी चैनलों सहित कई टेलीविजन चैनलों के देश में डाउनलिंकिंग एवं अपलिंकिंग प्रसारण सेवा की अनुमति के बिना चलाये जाने की खबरें हैं। सरकार को देश के कुछ भागों में केबल आपरेटरों द्वारा अपने नेटवर्क में अपंजीकृत उपग्रह टीवी चैनलों को डाउनलिंक करने और पुन: प्रसारित करने के संबंध में जानकारी मिली है। डाउनलिंकिंग दिशानिर्देशों के तहत पंजीकरण के लिए किसी विदेशी चैनल को पांच वर्ष की अवधि का पांच लाख रूपये पंजीकरण शुल्क देना होता है। इसके अलावा एक लाख रूपये वाषिर्क शुल्क भी देना पडता है। जातुया ने कहा कि केबल आपरेटरों द्वारा गैर कानूनी तरीके से डाउनलिंक किये जा रहे चैनलों की संख्या का पता नहीं है, इसलिए कुल राजस्व हानि के संबंध में कोई आंकड़ा नहीं दिया जा सकता।
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