Saturday, April 24, 2010

पापा कहते थे, बड़ा नाम करेंगी!


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बेटियां अलग-अलग मोरचों पर। चाहे वह पूर्णा पटेल हो या पंजाब की हरप्रीत सिंह, जिसके नाम कल एक करोड़ की लाटरी निकल गई। कहते हैं, संसद देश होता है। देश में जो होता है, जो नहीं होना चाहिए, संसद उसकी गवाह होती है। बाबू जगजीवन राम की पुत्री हैं मीरा कुमार। और अपने-अपने पापा की पुत्रियां हैं जया बच्चन, सुषमा स्वराज, नजमा हेप्तुल्ला आदि। जैसी करनी, वैसी भरनी।
बात जरा घुमावदार है लेकिन है बड़े काम की। ऐसे में कल की लुधियाना (पंजाब) सरकार की बैसाखी बंपर लॉटरी की एक बात बड़ी मजेदार लगती है कि एक किस्मत वाली बेटी के नाम एक करोड़ की लाटरी निकल गई। वह खुशनसीब लड़की है बचितर सिंह नगर की हरप्रीत। परिवार वाले कह रहे हैं कि इस लाटरी के पैसे से वे अपनी बेटी की धूमधाम से शादी करेंगे।
संसद की ओर नजर डालें तो एक लंबी फेहरिस्त उभरती चली जाती है अतीत के सन 47 तक। और आज भी हैं....लोकसभा में पंजाब की सांसद परनीत, परमजीत कौर, महाराष्‍ट्र की भावना पुंडलिकराव, प्रियादत्त, आंवला की मेनका गांधी, अमेठी की सोनिया गांधी, रामपुर की जयाप्रदा, हरदोई की उषा वर्मा, उत्तर-पश्‍चिम दिल्‍ली की कृष्‍णा तीरथ, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की डी. पुरन्देश्‍वरी, बापतला पानाबा की लक्ष्मी, विजियानगरम की झांसी लक्ष्मी, पश्‍चिम बंगाल की ममता बैनर्जी, सुस्मिता बाउरी बोचा, छत्तीसगढ़ की इन्‍ग्रिड मैक्लोड, इन्दौर की सुमित्रा महाजन, तुरा (मेघालय) की कुमारी अगाथा संगमा, अम्बाला की कुमारी शैलजा, ग्वालियर की यशोधरा राजे सिंधिया, आरा (बिहार) की मीना सिंह। और राज्य सभा में श्रीमती बिमला, अनुसुइया उइके, प्रो. अलका क्षत्रिय, कानीमोझी, वृंदा कारत, मोहसिना किदवई, डा. प्रभा ठाकुर, विप्लव ठाकुर, सुशीला तिरिया, झारना दास, जयन्ती नटराजन, रेणुबाला प्रधान, नाज़नीन फ़ारूक, जयाश्री बी, शोभना भरतिया, टी.रत्नाबाई, कुसुम राय, मैबल रिबैलो, डा. कपिला वात्स्यायन, वसन्ती स्टान्ली, माया सिंह, डा. टी. एन. सीमा, अम्बिका सोनी आदि। निगाहें और आसापास जाती हैं तो वसुंधरा राजे सिंधिया, मायावती आदि की राजनीतिक हैसियत से भी इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन यहां बात हो रही है, उन आधुनिक हस्तियों की, जो इन दिनों सुर्खियों में हैं और जिनमें से कुछ एक कारण उनके पापा परेशान हैं। उनके भी पापा कभी कहते रहे होंगे कि बेटी बड़ा नाम करेगी, नाम तो सचमुच कर रही है लेकिन जरा लीक से हटकर।
इन दिनो ऐसा ही एक नाम है सुर्खियों में पूर्णा पटेल। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल की बेटी। आईपीएल की हॉस्पिटैलिटी मैनेजर। अपने पिता के रसूख का इस्तेमाल करते हुए एयर इंडिया की दो फ्लाइट को डाइवर्ट करवा दिया। अब उनके नाम कल की भी संसद बुक हो चुकी है। जैसा कि इन दिनों संसद में बाकी सब काम छोड़कर आईपीएल-आईपीएल चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि पापा प्रफुल्ल पटेल की बेटी पूर्णा के कहने पर एयर इंडिया की एक शिडयूल्ड पैसेंजर फ्लाइट को चार्टर्ड विमान बना दिया गया। पूर्णा 20 अप्रेल को सुबह पांच बजकर 20 मिनट पर दिल्ली से उड़ान भरने वाली एयरइंडिया की फ्लाइट आईसी 7603 को रद्द कराकर चंडीगढ़ से चेन्नई ले गई थी। इस यात्री विमान को दिल्ली से कोयंबटूर जाना था। विमानन कंपनी ने यात्रियों से झूठ बोल कर उन्हें विमान से उतारा। एयर इंडिया की तरफ से विमान में तकनीकी खराबी की बात बताकर यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया था। काफी लंबे इंतजार के बाद फिर इन यात्रियों को दूसरे प्लेन से कोयंबटूर भेजा गया था। पूर्णा पर शिडयूल्ड फ्लाइट को चार्टर्ड विमान में बदलकर नियमों का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप सुर्खियों में है। देश की सियासत में भूचाल आया हुआ है। पूर्णा सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर आईपीएल खिलाडियों को चेन्नई ले गईं। आईपीएल खिलाडियों को चंडीगढ़ से चेन्नई जाना था पर 19 अप्रेल की रात तक किसी चार्टर्ड विमान का इंतजाम नहीं हो पाया। खिलाडियों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े , इसलिए एयर इंडिया की पैसेंजर फ्लाइट को ही चार्टर्ड प्लेन बना दिया गया और खिलाडियों को चेन्नई ले जाया गया। पूर्णा पटेल के निर्देश पर आईपीएल के खिलाडियों को जयपुर लाने के लिए एयर इंडिया की एक और फ्लाइट को डाइवर्ट किया गया था। दिल्ली-मुंबई पैसेंजर फ्लाइट आईसी 887 नम्बर की फ्लाइट को 13 अप्रेल को डाइवर्ट किया गया। इस फ्लाइट में 35 पैसेंजर सवार थे जिनकों फ्लाइट के डाइवर्जन के बारे में सूचित किया गया था। आईपीएल के खिलाडियों को सवार करने के लिए फ्लाइट की रवानगी में एक घंटे की देरी हुई थी। अल सेल्स एंड मार्केटिंग टीम का इसमें हाथ बताया जा रहा है। अल सेल्स एंड मार्केटिंग की टीम ने पूर्णा पटेल के निर्देश पर फ्लाइट को डाइवर्ट करवाया था। हालांकि इसके पीछे तकनीकी कारणों का हवाला दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक फ्लाइट के डाइवर्जन में डीजीसीए के नियमों का खुला उल्लंघन किया गया। अभी तक एयर इंडिया के अधिकारियों इस बारे में कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।

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