Wednesday, April 21, 2010

मोदी मिसरी में कइयों की मिठास


sansadji.com


आईपीएल के खैरख्वाहों की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ललित मोदी की टेर में कभी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सुर घुल जा रहे हैं, कभी केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के तो कभी फिल्म सुंदरी शिल्पा शेट्ठी और फारुख अब्दुल्ला के।
यद्यपि केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला इस बात से इनकार करते हैं कि वे वित्तीय अनियमितताओं के आरोप झेल रहे आइपीएल कमिश्नर ललित मोदी का बचाव कर रहे हैं। वे केवल यह चाहते हैं कि इस विवाद का सच सामने आए। आप कैसे कह सकते हैं कि फारूक अब्दुल्ला मोदी का समर्थन कर रहे हैं। सभी कह रहे हैं कि फारूक अब्दुल्ला मोदी का बचाव कर रहे हैं और शरद पवार इस मसले पर इधर-उधर हो रहे हैं। तथ्य सामने आने दीजिए। सरकार ने कार्रवाई की है और हम सच क्या है पता लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फारूक अब्दुल्ला आइपीएल की गवर्निग काउंसिल के सदस्य हैं तथा जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि जांच में पता चलेगा कि आइपीएल में कथित भ्रष्टाचार में कौन-कौन लिप्त हैं। शशि थरूर ने भी इस मामले में अपना नाम घसीटे जाने पर जांच की मांग की है। एक बार जब सच सामने आ जाएगा तब हमें पता चलेगा कि क्या कार्रवाई करनी है। वित्तीय अनियमितताओं के कारण आयकर विभाग की जांच से गुजर रहे ललित मोदी को आइपीएल की टीमों के मालिकों का लगातार समर्थन मिल रहा है। राजस्थान रॉयल्स की सह मालिक शिल्पा शेट्टी मोदी के समर्थन में सामने आ गई हैं। इससे पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के मालिक विजय माल्या मोदी का समर्थन कर चुके हैं। शिल्पा कहती हैं कि आईपीएल ललित मोदी के दिमाग की उपज है। ललित के कारण ही आइपीएल अस्तित्व में आया। मैं ललित का सम्मान आइपीएल के हिस्से के तौर पर करती हूं। मैं नहीं जानती कि पर्दे के पीछे कुछ गलत हो रहा है। अगर ऎसा कुछ हो रहा है तो कानून को अपना काम करने दीजिए। हालांकि लोगों को पहले ही निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। जब तक दोषी नहीं पाए जाते तब तक आप दोषी नहीं हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ललित ने ही विदेशी बाजार में आइपीएल को सफल बनाया। हमें ललित को यह श्रेय तो देना ही पडेगा। ललित के प्रयास के कारण ही विश्वभर में आइपीएल सफल हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मोदी संकट की इस घडी में उनका समर्थन करने के लिए माल्या को धन्यवाद भी दे चुके हैं। मोदी ने टि्वटर पर लिखा, आपके सहयोग के लिए शुक्रिया। आपका यह कदम काबिले तारीफ है। सूत्रों के अनुसार मोदी के गॉड फादर केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने भी उनके सिर से अपना हाथ हटा लिया है। उन्होंने मोदी से दो टूक कह दिया है कि इस्तीफा देने के अलावा उनके सामने कोई विकल्प नहीं है। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने मौजूदा अध्यक्ष शशांक मनोहर से हुई मुलाकात के बाद कहा थ कि बीसीसीआई या फिर आईपीएल द्वारा मोदी के संबंध में कोई भी फैसला सम्मिलित रूप से और सर्वसम्मति से लिया जाएगा। आईपीएल गवर्निग काउंसिल की मीटिंग 26 अप्रैल को होगी, जिसमे मोदी के भविष्य के बारे में फैसला लिया जाएगा। मोदी को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा, लेकिन अगर वह कार्यकारिणी को संतुष्ट नहीं कर सके तो निश्चित तौर पर उनकी विदाई हो जाएगी। हमारा मुख्य लक्ष्य भारतीय क्रिकेट, इसके प्रशंसकों और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना होगा। मोदी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष भी हैं और वे कार्यकारिणी द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को स्वीकार करेंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले शरद पवार के बोल में मोदी मिसरी घुली हुई थी, जो कांग्रेस के आंख तरेरे जाने के बाद से पिघलने लगी है।

1 comment:

Shiv said...

०१. ललित मोदी के खिलाफ सरकार क्या इसलिए खड़ी हो गई है कि उसे अपने एक मंत्री कि बलि देनी पड़ी? देखने से ऐसा ही लगता है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह तो ईगो की बात हो गई कि चूंकि मेरा मंत्री गया इसलिए अब तुमको भी नहीं छोड़ेंगे.

०२. छोटे-छोटे आयकर दाताओं के हर तथ्य की खबर रखने वाली सरकार और उसके विभाग पिछले तीन साल से क्या सो रहे थे जो उन्होंने पहले कोई कार्यवाई नहीं की? विदेशी पैसा, स्लीज का पैसा, हथियारों की खरीद-फरोख्त का पैसा, अपने लोगों को कान्ट्रेक्ट देना, कानून की ऐसी-तैसी करना, इन सब बातों के पीछे सरकार पहले क्यों नहीं पड़ी? पचास हज़ार रुपया कैश अपने ही अकाउंट से निकालने जाते हैं तो सौ प्रश्नों के जवाब देने पड़ते हैं और आई पी एल के मामले में सरकार जी अभी तक सो रहे थे. शशि थरूर की बात न होती तो क्या सरकार इस तरह की जांच-पड़ताल करती?

०३. कौन सी सच्चाई की खोज-बीन का दावा कर रही है सरकार? सच्चाई सामने आएगी? मंत्रियों और नेताओं की आई पी एल में हिस्सेदारी की एक फाइल बनाकर रख दी जायेगी जो राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के हाथ मरोड़ने के काम आएगी.

०४. सभी एक ही बात की रत लगाए जा रहे हैं कि मोदी ने आई पी एल खड़ा करके बहुत बड़ा तीर मार लिया है. माफ़ कीजियेगा, भारत में क्रिकेट टूर्नामेंट हमारे रतीराम चौरसिया भी खड़ा कर लेंगे. जहाँ गली में रबड़ की गेंद से खेले जाने वाले मैच में भी सौ लोग जमा हो जाते हैं वहां आई पी एल खड़ा करके ललित मोदी ने कोई तीर नहीं मार लिया. इससे पहले आई सी एल भी था और वह भी इतना ही सफल था.

०५. तथाकथित जान-पड़ताल से सरकार की नीयति ठीक नहीं लगती. अगर सरकार मुझे झुठला दे तो मुझे बड़ी खुशी होगी.