Thursday, April 1, 2010

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू


(sansadji.com)

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बिना किसी लैंगिक और सामाजिक भेदभाव के सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो। शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लागू कराने में धन को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा। शिक्षा के अधिकार कानून के आज से लागू होने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बिना किसी लैंगिक और सामाजिक भेद के सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो। हमारी सरकार, राज्य सरकारों की भागीदारी के साथ यह सुनिश्चित करेगी कि शिक्षा के अधिकार कानून को लागू करने में धन की कमी आड़े न आए। शिक्षा के महत्व के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री ने अपने बचपन के दिनों को याद किया कि कैसे वह एक साधारण साधनों वाले परिवार में पैदा हुए थे और लंबी दूरी तय करके उन्हें स्कूल जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि मैं किरोसीन के लैम्प की मद्धिम रोशनी में पढ़ता था। मैं आज जो कुछ हूं, वह शिक्षा की वजह से हूं। मैं चाहता हूं कि हर भारतीय बच्चा, लड़की और लड़का, शिक्षा की रोशनी से रोशन हो। मैं चाहता हूं कि हर भारतीय एक बेहतर भविष्य का सपना देखे और उस सपने को पूरा करने के लिए काम करे।
शिक्षा का अधिकार कानून देश में लागू होने से पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में ‘नियति के साथ मिलन’ है। एक ऐतिहासिक अवसर है, जब शिक्षा का अधिकार कानून प्रभाव में आ रहा है। शिक्षा एक संवैधानिक अधिकार बन गया है। यह शिक्षा के क्षेत्र में नियति के साथ मिलन है। ‘नियति के साथ मिलन’ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ जुड़ा एक प्रसिद्ध जुमला है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने 14 अगस्त 1947 की अर्धरात्रि को दिये गये ऐतिहासिक भाषण में किया था, जब भारत को आजादी मिली थी। सिब्बल ने कहा कि गुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करना कांग्रेस नेतृत्व, इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सपना है। अब कोई भी बच्चा शिक्षा के लिए अपने अधिकार को मांग सकता है। उसे इस अधिकार से इनकार नहीं किया जाएगा।


1 comment:

Ajay Tripathi said...

देश की अध्सख्या युवा आबादी को देश के लिए उपयोगी बनाने के लिए इसका कडाई से पालन करवाना जरुरी है युवा को चरित्र निर्माण के लिए भी उपयोगी कदम उठाने होंगे अजय त्रिपाठी