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14 से उत्तर प्रदेश में फिर दोतरफा दलित-राग, 15 से संसद तक गूंज
देश का सबसे बड़ा सूबा दलित-गैरदलित सियासत का भी सबसे बड़ा अखाड़ा होता जा रहा है। सपा की नजर मुस्लिम-पिछड़ों पर चौकन्नी होती जा रही है तो कांग्रेस-बसपा में दलितों की तरफदारी का होड़ तेज हो चला है। माया की महारैली के जवाब में 14 अप्रैल से अमेठी के सांसद एवं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी रथयात्रा को आधार बनाने जा रहे हैं। भाजपा सांसद कलराज मिश्र, विनय कटियार, लालजी टंडन आदि लालकृष्ण आडवाणी के बाबरी ध्वंस मामले के बाद मंदिर मुद्दे को लेकर सीधे तौर पर चुप जरूर नजर आ रहे हैं, पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पीलीभीत के सांसद फिरोज वरुण गांधी के लिए औरों जगह शायद खाली करा ली है। दो दिन पहले वरुण ने अपनी सहारनपुर (उ.प्र.) रैली में जो कुछ कहा है अथवा पूर्व में जो कुछ कह चुके हैं, उसके बाद उनकी ओहदेदारी में हुए इजाफे ने पार्टी कैडर तक साफ संदेश जारी कर दिया है कि उनके ही स्वर में भविष्य की ललकार भाजपा का वोटबैंक संभाल सकती है। ऐसा भी माना जा रहा है कि इसके पीछे राहुल गांधी के समानांतर वरुण की पहचान उभारने की भी पार्टी की ये ताजा रणनीति है। बहरहाल, फिलहाल तो राहुल गांधी का रथ यूपी भ्रमण पर निलने वाला है। उधर 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर राहुल रथ रवाना करेंगे, इधर 15 अप्रैल से संसद गर्माने जा रही है। सहज ही सोचा जा सकता है कि बसपा अपने पारंपरिक वोट बैंक की खातिर रथी राहुल को लेकर कोई-न-कोई ऐसी रणनीति जरूर बनाने मशगूल होगी, जिसकी आवाज संसद से पूरे देश में गूंजे। फिलहाल ये सवाल तो आज तक दलित चिंतकों की भी समझ में नहीं आया है कि 15 मार्च को कांशीराम की याद में वो महारैली प्राथमिक क्यों हो गई, जबकि एक माह बाद 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती उससे ज्यादा दलित-प्रिय तिथि मानी जाती है! बसपा आगे चाहे जो भी करे, उत्तर प्रदेश में दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए राहुल की जनसभा और रथ यात्रा यूपी के सत्तारूढ़ दल को जरूरत भीतर तक विचलित करने वाली हो सकती है। इतना एजेंडा खुल चुका है कि बसपा की ओर से महिला आरक्षण बिल के खिलाफ 14 अप्रैल से आंदोलन शुरू होने जा रहा है। पहले अड़ंगे का अंदेशा था, लेकिन माया सरकार ने राहुल के 14 के प्रोग्राम को होने देने की छूट दे दी है। आंबेडकरनगर के कांग्रेस अध्यक्ष रामकुमार पाल कहते हैं कि उन्हें राहुल की सभा और रथयात्रा की लिखित मंजूरी मिल गई है। जनसभा के लिए हवाई पट्टी के उत्तर दिशा का मैदान उन्हें आवंटित किया गया है। हालांकि उन्होंने दक्षिण दिशा का मैदान मांगा था। दक्षिण के मैदान पर बसपा भी उसी दिन कार्यक्रम करने जा रही है। हम टकराव नहीं, शांतिपूर्ण तरीके से राहुल की जनसभा करना चाहते हैं। इस मामले पर केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने उम्मीद जताई है कि बसपा सरकार राहुल के कार्यक्रमों में रोड़ा नही अटकाएगी। कांग्रेस ने 14 अप्रैल को डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती पर प्रदेश में रथयात्राएं निकालने की तैयारी की है। आंबेडकरनगर से निकलने वाली यात्रा को राहुल हरी झंडी दिखाएंगे। इससे पहले वे यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। मायावती ने महिला आरक्षण मुद्दे पर उसी दिन हर जिले में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। बसपा के खिलाफ राहुल की ललकार तो पिछले दिनों उनकी अमेठी से ही शुरू हो चुकी है। वह कह चुके हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है, इसे बाद भी केंद्र सरकार ने विकास के लिए जितना पैसा दिया है उतना दूसरे राज्यों को नहीं दिया गया है। विकास के पैसा का फायदा प्रदेश को नहीं मिल रहा है, क्योंकि यह पैसा बीच से गायब हो जाता है। हमारे कार्यकर्ता नरेगा योजना को ढंग से लागू करने और इसका लाभ सभी को मिले यह सुनिश्चित करने के लिए गांव-गांव जाकर रोजगार कार्ड बनवाए तथा लोगों को काम दिलाकर योजना का पूरा लाभ पहुंचाने में सहयोग करें। उल्लेखनीय है कि बसपा यूपी में नरेगा बंद करने की केंद्र से सिफारिश कर चुकी है। राहुल कहते हैं कि प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं में जो धनराशि दी गई है। इसके अलावा बुंदेलखंड के लिए भी प्रधानमंत्री ने हजारों करोड़ रुपये का पैकेज दिया है। जिलों के विकास के साथ-साथ गरीबों और पिछड़ों के लिए भी केंद्र की संप्रग सरकार हजारों करोड़ दे रही है, लेकिन यह पैसा गरीबों और पिछड़ों तक नही पहुंच पा रहा है। अभी तक तो कांग्रेस ही नरेगा योजना में गड़बड़ियों की शिकायत करती रही है, लेकिन कल हुई बैठक में तो सभी दलों के लोगों ने भी यह माना कि नरेगा योजना अच्छी है मगर अमल में खामियां है।
1 comment:
सभी पार्टियाँ दलित वोट बैंक पर नज़र गडाए बैठी है!दलितों से दो मिनट हंसी मजाक करने वाले राहुल गाँधी पहले ये बताये की आज़ादी के इतने सालों बाद भी आज दलित उपेक्षित क्यूँ है?आज भी उन्हें आरक्षण से बाहर निकाल कर मुख्यधारा में क्यूँ नहीं लाया जा सका!बाकि बी एस पी और समाजवादियों को तो सब बखूबी जानते है...
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