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(sansadji.com)
बागपत(उ.प्र.) के राष्ट्रीय लोकदल सांसद एवं पार्टी सुप्रीमो चौ. अजित सिंह ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के खिलाफ लोकसभा में वैकल्पिक विधेयक लाया जायेगा।फिर एक बार दिल्ली पर चढ़ाई करनी होगी। हरित प्रदेश के बिना बने पश्चिमी यूपी का विकास सम्भव नहीं हो सकता। उनकी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा समेत कई नेताओं से बातचीत हो चुकी है। रही बात हरित प्रदेश की तो इसकी लड़ाई भी लड़ी जायेगी। चौ. अजित सिंह ने छपरौली विधानसभा क्षेत्र के लोयन मलकपुर, सिनौली, बदरखा, छपरौली का तूफानी दौरा करने के दौरान जनसभाओं में कहा कि गन्ना किसानों ने जिस तरह मूल्य की लड़ाई लड़कर दिल्ली में बैठे नेताओं को अपनी एकजुटता का एहसास करा दिया था, ठीक उसी तरह भूमि अधिग्रहण अधिनियम के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी जायेगी। इसके बाद ही भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 से छुटकारा मिल सकता है। 1894 के अधिनियम में अनेक संशोधन किये गये हैं, लेकिन मुआवजे का निर्धारण करने के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया और मापदण्ड अभी भी लगभग ज्यों के त्यों हैं। यह कानून वर्तमान के आर्थिक विकास और मानव अधिकारों के बदलते परिदृ़श्य में पूर्णतया अप्रासंगिक हो गया है। हरित प्रदेश भविष्य की लड़ाई है इसे लड़ा जायेगा। बिजली समस्या हो या नहरों में पानी नहीं आना इन तमाम समस्याओं का निस्तारण हरित प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद ही सम्भव है।
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