Friday, April 2, 2010

नीतीश सरकार को लगातार ललकार रहे सांसद ललन सिंह


(sansadji.com)

बिहार के जदयू सांसद एवं पूर्व प्रदेश राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह लगातार राज्य में घूम-घूम कर जनता के बीच ललकार रहे हैं। निशाने पर हैं बिहार सरकार की नीतियां। इससे जदयू की अंदरूनी हलचल बढ़ती जा रही है। इसे पार्टी अध्यक्ष एवं मधेपुरा (बिहार) सांसद शरद यादव तथा सीए नीतीश कुमार की अंदरूनी रिक्तता से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। अब ताजा सूचना ये है कि 6 अप्रैल को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सांसद ललन और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को भी बुलावा भेजा है। ललन सिंह व प्रभुनाथ सिंह राज्य कार्यकारिणी के सदस्य हैं। उन्हें इसलिए आमंत्रित किया गया है, वे मंचों से बात करने की बजाय बैठक में अपनी बातें रखें। पार्टी का मानना है कि बटाईदारी के मसले पर निर्दल सांसद (बांका) दिग्विजय सिंह के साथ ललन भी भ्रम फैला रहे हैं, जबकि विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि इस संबंध में कोई कच्चा प्रस्ताव भी सरकार के पास नहीं है। सांसद लालू प्रसाद आदि भी ऐसी बेतुकी बात कहकर जनता को बेवकूफ बनाना चाहते हैं। उधर, अपने निर्वाचन क्षेत्र मुंगेर में सांसद ललन सिंह ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को एक बार फिर अपनी मंशा से आगाह कराते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में अफसरशाही हावी है एवं भ्रष्टाचार चरम पर है। घर की सफाई जरूरी होती है नहीं तो मकान कमजोर हो जाता है। वे घर बनाने वालो में से हैं। घर का मालिक कोई अतिथि नहीं हो सकता वे पार्टी कभी नहीं छोंड़ेंगे। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मतभेद होते ही हैं जिसका निराकरण बैठ कर जब तक नहीं होगा तब तक वे यह लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद जनता व कार्यकर्ता के दिलो दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि पार्टी का सच्चा सिपाही तथा पिछले पंद्रह वर्षो से पार्टी को जिसने सींचने का प्रयास किया वह आखिर प्रदेश अध्यक्ष पद क्यों छोड़ा? जदयू में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की संस्कृति जब हावी होने लगी तो हमने कार्यकर्ताओं के हक और सम्मान के लिए पार्टी से बगावत की। अगर सच बोलना गुनाह है तो समझो हमने गुनाह किया। हमने पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ता मो. सलाम को मुंगेर विधानसभा का प्रत्याशी बना कर सिद्ध कर दिया कि अगर टिकट मिले तो कार्यकर्ताओं को मिले न कि नेताओं के पीए व दलालों को मिले। जब तक जनप्रतिनिधि सजग नहीं रहेंगे तब तक उस क्षेत्र का समुचित विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने पार्टी में तीन मुद्दों को उठाया है। पहला पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कायम करना, दूसरा कार्यकर्ता को मान सम्मान दिलाना तथा तीसरा अफसरशाही पर लगाम लगाना। इस मौके पर राष्ट्रीय राजमार्ग 80, बाहाचौकी, सुंदरपुर, शिवकुंड सहित अन्य जगहों पर कार्यकर्ताओं ने सांसद का जोरदार स्वागत किया। सांसद ललन सिंह ने लखीसराय में कहा कि बंदोपाध्याय कमेटी की रिपोर्ट को रद नहीं किया गया तो वह बिहार के लिये नासूर बन जायेगा तथा यहां गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। बंध्योपाध्याय कमेटी की अनुशंसा रद नहीं की गई तो भूमिहीन किसानों के समक्ष जीवन मरन की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी और लोगों का इस राज्य से पलायन होगा या फिर आपराधिक गतिविधियों की ओर मुखातिब होंगे जिससे गांव का विकास अवरुद्ध होगा। उन्होंने आगामी 02 मई को पटना में आयोजित बंदोपाध्याय कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ किसान रैली में अधिक से अधिक किसानों को जुट कर आने की आह्वान किया। सांसद ने एनएच 80 को फोर लेन में परिवर्तित करने में वैकल्पिक व्यवस्था तलाशने की बात कही। लखीसराय में बाइपास निर्माण के लिए रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिल जाने की जानकारी देते हुए सांसद ने कहा कि रेलमंत्री ने दोनों रेलवे लाइनों पर पुल निर्माण की स्वीकृति दे दी है। इससे पहले विद्यापीठ चौक, सूर्यगढ़ा में सांसद का अभिनंदन पार्टी कार्यकर्ताओं ने किया।

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