Saturday, April 3, 2010
अपने क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं बिहार के सांसद
(sansadji.com)
संसद से अवकाश पर होने के दौरान सबसे ज्यादा बिहार के लोकसभा सदस्य अपनी जनता के बीच सक्रिय होते हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी के सांसदों की सक्रियता दूसरे नंबर पर होती है। सबसे ज्यादा निष्क्रियता हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ के संसद सदस्यों की पाई गई है। सक्रिय सांसदों की जनसमस्याओं को मीडिया भी प्रमुखता से उठा रहा है।
बिहार के जद यू सांसद राजवी रंजन उर्फ ललन सिंह दो मई को होने वाली किसान पंचायत में जुटे हैं। उन्होंने सांसद शिवानंद तिवारी के लिए कहा है कि वे उनका लिहाज करते हैं, इसलिए कुछ नहीं कहना चाहते। जदयू सांसद सुशील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश के प्रयासों को सराहा है। पटना में जदयू सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने 2 मई को होने वाली किसान पंचायत के आयोजकों को दिलजलों की जमात कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कम से कम 24 सालों में मुझे इसका तो अहसास नहीं हुआ क्योंकि हमने कभी कोई चाहत ही नहीं रखा। जहां तक शिवानंद तिवारी का सवाल है तो वे उम्र में बड़े हैं और हम उनका लिहाज करते हैं। इसलिये उनकी बात पर प्रतिक्रया देना नहीं चाहते लेकिन दिलजला होने का अनुभव उनसे ज्यादा किसको है। जहां तक बतासा के लिये मंदिर नहीं तोड़ने की बात है तो एक बात स्पष्ट कर दूं कि बतासा की कभी मेरी चाहत भी नहीं रही है। सन 2000 तक कुछ नहीं मिला तब भी पार्टी के साथ रहे। बतासा के लिये इधर से उधर और उधर से इधर करने वाले दूसरे लोग है। सांसद शिवानंद तिवारी सचमुच मंदिर को बचाना चाहते हैं तो पुजारी को सलाह दें, प्रसाद वितरण में भेदभाव न हो। औरंगाबाद में एक स्कूल के उदघाटन समारोह में सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा के महत्व को समझा और बदहाल शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाया। शिक्षा के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। भवन विहीन विद्यालयों में कमरों का निर्माण किया जा रहा है। शिक्षकों की नियुक्ति की गई और बहाली की प्रक्रिया जारी है। शिक्षा से ही समाज में फैला निरक्षरता मिटेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य से निरक्षरता मिटाने का संकल्प लिया है और इसी संकल्प को ले मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना चलाई गई है। संसद में औरंगाबाद में केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने की मांग उठाई गई जिस पर केन्द्र सरकार ने यहां केन्द्रीय विद्यालय खोलने की स्वीकृति दी है। शीघ्र ही विद्यालय खुलेगा। पुरस्कार से छात्र और छात्राओं के साथ साथ उनके अभिभावकों का मनोबल बढ़ता है। सफल कार्यक्रम व वार्षिक परीक्षा का परिणाम शीघ्र घोषित किए जाने के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की सराहना की।
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