Thursday, April 1, 2010
मैंने जया का जवाब उन्हीं के शब्दों में दिया थाः अमर सिंह
(sansadji.com)
सांसद अमर सिंह ने इस बार सोनिया गांधी से राहुल गांधी तक, नरेंद्र मोदी से अमिताभ बच्चन तक, जया बच्चन से जनार्दन द्विवेदी तक, शहारुख खान-सलमान खान से सांसद अन्नू टंडन तक पर कलम चलाई है।
'' मै पुणे में था। सिमबायोसिस अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक पूर्वनियोजित कार्यक्रम के अनुसार श्री अमिताभ बच्चन जी एवं मेरा संयुक्त संबोधन होना था। ठीक इस कार्यक्रम के पूर्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सार्वजनिक निर्माण मंत्री के निमंत्रण पर कुछ कांग्रेसी साथियों की श्री अमिताभ बच्चन पर टिपण्णी आई जोकि कालांतर में बड़ी मुखर होती गई. व्यक्तिगत कारणों से किये जा रहे इस विरोध को भी तार्किकता का जामा पहनना जरूरी है. गुजरात के पर्यटन और मोदी जी की साम्प्रदायिक राजनीति में जमीन असमान का अंतर है. श्री यश चोपड़ा एवं शाहरुख खान ने भी भाजपाई प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी पर फिल्म बनायीं है लेकिन वह भाजपा विरोधी दलों के भी वह उतने ही नजदीक है. श्री सलमान खान उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कांग्रेसी अनु टंडन, मुंबई में कृपाशंकर तो पंजाब में भाजपाई विनोद खन्ना का प्रचार करते नज़र आते है. जबकि उनके विरुद्ध अपराधिक मामले विचाराधीन है. स्वयं देश का सर्वोच्च नेतृत्व विवादित मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलाता है और सबसे मिलता है. समाजवादी दल में निष्ठां व्यक्त करते हुए हर हाल में वहां रहकर मेरी कमी महसूस करने वाले राजनैतिक बयान का उत्तर मैने आदरणीया जया बच्चन जी को उन्ही के शब्दों से देते हुए मात्र इतना ही तो कहा था कि अपने संघर्ष में मै भी उनकी कमी महसूस कर रहा हूँ. उनकी ठोस पहल का मैने ठोस शालीन उत्तर दिया. ठीक उसी प्रकार उग्रवाद के विरुद्ध मोदी जी का गृहमंत्री की प्रशस्ति का बयान भी मैने तन्मयता से पढ़ा. श्री अमिताभ बच्चन की रुग्णता के दौरान प्रधानमंत्री की संवेदना के पत्र का भी अवलोकन किया. और तो और मुख्य न्यायधीश श्री के.जी. बालाकृष्णन और मोदी जी की संयुक्त तस्वीर भी अखबारों में देखी. राष्ट्रीय एकता परिषद् का सदस्य मै भी हूँ और मोदी जी भी, मुझे भय है कि अगली बैठक में कहीं मोदी जी मेरी बगल में बैठे दिखाई दिए तो मेरा क्या होगा?
कुछ साथियों का मानना है कि एक ख़ास आदमी द्वारा चलाया गया यह अनावश्यक प्रचार है ताकि उसमे उलझ कर बच्चन प्रेम में मै कांग्रेस विरोधी बयान दे डालूं. व्यक्तिगत तौर पर श्रीमती सोनिया गाँधी और श्री राहुल गाँधी में मेरी पूरी आस्था है कि यह सम्पूर्ण कृत्य उनके स्तर पर हो ही नहीं सकता. जिस परिवार की बेटी अपने पिता के हत्यारे के प्रति संवेदनशील हो, जो परिवार इस जघन्य कृत्य को करने वालों के प्रति भी दयावान हो, उसका दिल इतना निष्ठुर , अमिताभ जी की जाने दे, डॉ हरिवंश राय बच्चन और श्रीमती तेजी बच्चन के परिवार के लिए नहीं हो सकता. इसका ज्वलंत प्रमाण है कि यूपीए सरकार के दौर में ही श्रीमती ऐश्वर्या राय बच्चन को पद्मश्री मिला एवं श्री अमिताभ बच्चन को राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल द्वारा देश के सर्वश्रेष्ट कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
भाजपा का अकस्मात् जागृत अमिताभ प्रेम मुझे उन दिनों कि याद दिला रहा है जब पुणे में “मै आज़ाद हूँ” की शूटिंग के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, भारतीय जनता युवा मोर्चा एवं संघ के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए श्री बच्चन पर हल्ला बोला और आरोप लगाया कि वह तत्कालीन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी के अनन्य मित्र है. बंगलूरू में अमित जी द्वारा आयोजित “विश्व सुंदरी प्रतियोगिता” में भाजपा की तत्कालीन नेत्री उमा भारती जी के आक्रमण को रोकने के अमित जी के प्रस्ताव को आदरणीय अडवाणी जी ने और मेरे दिवंगत मित्र प्रमोद महाजन जी ने तत्काल नकार दिया था. आज भाजपा को अमिताभ जी के अन्दर के कलाकार की पहचान एकाएक हो गयी है. किसी कलाकार का सम्मान या अपमान स्थाई हो परिस्थितिजन्य राजनीति से उत्प्रेरित राजनैतिक स्वार्थ से नहीं, चाहे यह दल हो या वह दल हो.
मेरी स्वयं कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कई बार राजनैतिक कारणों से वार्ता हुई, उनके जीवन में एवं प्राथमिकता और प्रासंगिगता में एक व्यक्ति के पीछे पड़ने की मानसिकता एवं प्रवत्ति दूर-दूर तक कहीं नहीं दिखी और आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री जनार्दन द्विवेदी की कांग्रेस प्रवक्ताओं की ली गई बैठक के बाद का बयान मेरे इस आंकलन की तसदीक है. आइये हम सब भूख से मर रहे किसान, राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, गाँव और शहरों के युवाओं में शिक्षा और रोजगार की असमानताओं, महिला आरक्षण बिल, विकास के लिए छोटे राज्यों के गठन की मांग ऐसे कई ज्वलंत मुद्दों पर अपना ध्यान केन्द्रित करे. मोदी जी को सुप्रीम कोर्ट के हवाले और बच्चन परिवार को उनकी कला और संस्कृति के हवाले छोड़ दे. वरना मुख्य न्यायधीश, गृह मंत्री और प्रधान मंत्री समेत मुझे भी चुने हुए विवादित ही सही राजनैतिक व्यक्तित्व की बाबत सोचना होगा, अल्लाह हम इनका क्या करे? मै तो यही कहूँगा कि,
दबदबा उसका, कलम उसका, हुकूमत उसकी I
जिसकी किस्मत में लिखा है तेरा दरबाँ होना II ......''
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment