Wednesday, March 31, 2010

राहुल की चेतावनी पर माया का डंडा चला



(sansadji.com)

उत्तर प्रदेश में मनरेगा की गड़बड़ियों पर माया सरकार को चेतावनी देना असर कर गया है। अमेठी में सांसद एवं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने पिछले दिनो मीटिंग में चेतावनी दी थी कि अगर प्रदेश सरकार ने नरेगा की गड़बड़ियों पर लगाम लगाते हुए भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ेगा। राहुल की चेतावनी के बाद केन्द्र सरकार द्वारा प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्रीकृष्ण को इस संबंध में एक कड़ा पत्र भी लिखा गया था। 88 लाख रुपये का भुगतान एक फर्जी एनजीओ को करने के लिए प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाये जाने पर सुल्तानपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आरके सिंह, मुख्य विकास अधिकारी बी.राम तथा एक अन्य घोटाले के लिए जिम्मेदार चित्रकूट के तत्कालीन जिलाधिकारी हृदयेश कुमार के खिलाफ मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्रवाई शुरू करा दी है। आरोपपत्र देकर इनके विरुद्ध जांच करने का निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने महोबा एवं चित्रकूट के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारियों को निलम्बित करने का निर्देश दिये हैं। गोण्डा, बलरामपुर, महोबा, सुल्तानपुर, चित्रकूट के अन्य कई अधिकारियों को भी निलम्बित कर दिया गया है। मनरेगा की जांच के बाद गोण्डा के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी राजबहादुर निलम्बित कर दिये गए हैं। वहां के परियोजना निदेशक जीपी गौतम, सहायक लेखाकार सुधीर कुमार सिंह, लेखाकार अवधेश कुमार सिंह, संख्या सहायक दुर्गेश मिश्र भी निलम्बित हो गये हैं। बलरामपुर के परियोजना निदेशक अमरेशनन्द राय, तत्कालीन परियोजना निदेशक भगवती प्रसाद वर्मा तत्कालीन प्रभारी लेखाधिकारी बृजकिशोर लाल श्रीवास्तव को निलम्बित कर दिये गये हैं। महोबा के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी जयरामलाल वर्मा परियोजना निदेशक हरिनारायण तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी लालसिंह, आदित्य कुमार तथा राजेश कुरील भी निलम्बित किये गये हैं। सुल्तानपुर के परियोजना निदेशक छोटेलाल कुरील, वरिष्ठ लिपिक मनोज कुमार, सहायक लेखाकार देवकी नन्दन यादव लेखाकार विजय शंकर दुबे को निलम्बित कर दिया गया है। चित्रकूट के तत्कालीन जिला विकास अधिकारी गया प्रसाद सिंह को आरोप पत्र देकर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। वहां तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी प्रमोद चन्द्र श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक राम किशुन, सहायक लेखाकार मुन्नू लाल और कनिष्ठ लिपिक अतुल कान्त खरे को निलम्बित किया गया है। भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार अबतक 69 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त जिन कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच पूरी हो गयी है उसमें से 51 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी 4 की वेतनवृद्धि रोक दी गयी है। 29 जिलों में 40 मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है, जिसके अन्तर्गत 38 प्रधानों, 30 ग्राम विकास व ग्राम पंचायतराज अधिकारियों तथा 48 अन्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई जा चुकी है।

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