Thursday, April 1, 2010

सुप्रीम कोर्ट से लालू प्रसाद को राहत


(sansadji.com)

आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार सरकार को झटकाः राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख एवं सारन से सांसद लालू प्रसाद को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि उनके तथा उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार सरकार को पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का अधिकार नहीं है जिसमें सीबीआई द्वारा अभियोग चलाया गया था। प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन और न्यायमूर्ति आरएम लोढा तथा न्यायमूर्ति बीएस चौहान की पीठ ने कहा कि मामले में अपील दायर करने के लिए बिहार सरकार सक्षम अभिकरण नहीं है। यह फैसला लालू प्रसाद और उनकी पत्नी तथा सीबीआई द्वारा भी दायर की गई अपील को स्वीकार कर पारित किया गया। अपील में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने के निर्णय के खिलाफ बिहार सरकार की अपील स्वीकार करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई थी। फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति लोढा ने कहा कि मामले में सिर्फ केंद्र और सीबीआई ही सक्षम अभिकरण हैं जो अपील दायर कर सकते हैं तथा कानून के तहत राज्य सरकार निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के अधिकार से बाहर है। फैसले का स्वागत करते हुए लालू प्रसाद ने पटना में कहा कि उनका न्यापालिका में भरोसा है। बरी किए जाने के निर्णय को सीबीआई द्वारा चुनौती न दिए जाने पर राज्य सरकार ने अपनी ओर से अपील दायर की थी। पटना में श्रीकृष्ण स्मारक भवन में अति पिछड़ा सेना के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राजद सुप्रीमो ने अति पिछड़ों से एक होने की अपील की और कोई ऐसा काम न करने की हिदायत दी, जिससे दूसरों का दिल दुखे। रहे थे। उन्होंने एक बार फिर प्रस्तावित महिला आरक्षण विधेयक में दलित, अति पिछड़ा व मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान को शामिल करने की मांग की। वहीं राज्य सरकार की योजनाओं की खिल्ली उड़ाते हुए उसे जमकर कोसा। कार्यक्रम में लालू अपनी पूरी रौ में थे। उन्होंने कहा कि कमरतोड़ महंगाई से ध्यान बंटाने के लिए महिला आरक्षण का मामला उठाया गया। जब गरीबों के हित की बात की तो विरोधियों ने साजिश के तहत उन्हें बदनाम कर दिया। उनका मानना है कि मानसिक आजादी आर्थिक आजादी से अधिक महत्वपूर्ण है और उन्होंने गरीबों को मानसिक आजादी दिलाई। सम्मान के साथ जीना सिखाया। आज फिर सामंती व्यवस्था के पोषक गरीबों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। कहा कि गरीब केवल पिछड़े, अति पिछड़े व दलित ही नहीं हैं। गांव में ऐसे सवर्ण भी हैं, जिनके पास जमीन नहीं है। उन्होंने योगगुरु बाबा रामदेव की द्वारा राजनीति रुचि पर भी चुटकी ली। यह बताया कि उन्होंने 27 में से अति पिछड़ों को 18 फीसदी आरक्षण दिलाया था। आरोप लगाया कि लाल कार्ड, पीला कार्ड का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है। मानदेय पर बहाल शिक्षकों, आशा कार्यकर्ताओं की चर्चा करते हुए कहा कि जिन्होंने पटना में आकर प्रदर्शन किया, बिना पुलिस की लाठी खाये नहीं लौटे। सम्मेलन में पूर्व सांसद प्रो.रामदेव भंडारी सहित राजद के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।

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