Thursday, April 1, 2010

आज से 55 पूर्व सांसदों की सुरक्षा गई


(sansadji.com)

मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा सलाहकार समिति ने 55 पूर्व सांसदों, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह आदि की वीआईपी रखवाली में कटौती कर दी है। समिति की हाल ही में इस संबंध में एक बैठक हुई थी, जिसमें प्रदेश के सभी वीआईपी को दी गई सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा की गई। सरकार ने सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर जिन पूर्व जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में लगे गन मैन को वापस लेने के आदेश जारी किए हैं उनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी, पूर्व मंत्री रमाकांत तिवारी, अलका जैन, ढाल सिंह बिसेन व रुस्तम सिंह, पूर्व विधायक लाल सिंह आर्य, डा. आईएमपी वर्मा, राजेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व सांसद चन्द्रमणि त्रिपाठी, मानिक सिंह चन्द्रप्रताप सिंह, दलपत सिंह परस्ते, डा.सत्यनारायण जटिया, पूर्व विधायक, ध्यानेन्द्र सिंह, पंचूलाल प्रजापति, नरेन्द्र सिंह कुशवाहा आदि शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की सुरक्षा से छह और दिग्विजय सिंह की सुरक्षा के चार जवान कम किए गए हैं। अब तक सरकार की ओर से मुफ्त मिली सुरक्षा के तहत अपने चारों ओर संगीनधारी को देखने के आदी हो चुके अनेक पूर्व सांसद और मंत्री तथा विधायक जल्द ही इस रुतबेदार मुफ्त की सेवा से वंचित हो जाएंगे। राज्य सुरक्षा सलाहकार समिति की सिफारिशों के अनुरूप सरकार ने आज एक अप्रैल से ऐसे पचपन पूर्व जनप्रतिनिधियों के गन मैन वापस बुलाने के आदेश जारी कर दिए है, जिन्हें समिति ने इस सुविधा के अयोग्य पाया है। गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग पन्द्रह सौ गनमैन वीआईपी सुरक्षा में लगे हैं। समिति की बैठक में यह बात सामने आई थी कि पुलिस बल की कमी के चलते प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने में मुश्किलें आ रहीं हैं, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की सुरक्षा में पुलिस के जवान लगे हुए हैं, जिन्हें वास्तव में इस सुविधा का लाभ देने का कोई उचित कारण नहीं हैं। समिति ने ऐसे पचपन पूर्व जनप्रतिनिधियों के नाम सुझाये थे जिनकी सुरक्षा व्यवस्था जारी रखना औचित्य हीन था। समिति ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने में राजस्व पर काफी बोझ पड़ता है इसलिए ऐसे लोग चाहें तो स्वयं के खर्चे पर सरकार की इस व्यवस्था का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आरक्षक स्तर की सुरक्षा लेने के लिए प्रति वर्ष साढे तीन लाख और प्रधान आरक्षक स्तर की सुरक्षा लेने के लिए चार लाख रुपया शुल्क देना पड़ेगा।

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