Sunday, March 28, 2010
दिल्ली की सांसद ने उछाल दिया मुद्दा
(sansadji.com)
कांग्रेस अध्यक्ष एवं रायबरेली (उ.प्र.) से पार्टी की सांसद सोनिया गांधी चाहती हैं कि आम आदमी को त्वरित न्याय मिले और दिल्ली की सांसद एवं केंद्रीय मंत्री कृष्णा तीरथ चाहती हैं कि महिलाओं को समय से न्याय दिलाने के लिए अलग से अदालत स्थापित की जाए।
उन्होंने कांग्रेस के कानूनी एवं मानवाधिकार विभाग द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में उच्चतम न्यायालय में किसी महिला न्यायाधीश के नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय में एक भी महिला न्यायाधीश नहीं है। हम इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते, ऐसे में महिलाओं को न्याय कैसे मिलेगा। महिलाओं के लिए पृथक अदालत होनी चाहिए ताकि उन्हें समय से न्याय मिल सके। स्वयंसेवी समूह और महिला एवं आंगनवाडी़ कार्यकर्ताओं को अहिंसा का प्रसारक बनाया जा सकता है ताकि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर जागरूकता फैलायी जा सके। राजस्थान में ऐसा किया गया है। अहिंसा प्रसारकों का देश के कोने कोने में होना जरूरी है। अदालतों में लंबित पड़े मामलों पर चिंता जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आम आदमी को त्वरित न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। देश की विभिन्न अदालतों में करीब 2.5 करोड़ मामले लंबित हैं। ग्राम न्यायालय कानून का उपयुक्त क्रियान्वयन करके मामलों को जल्दी निपटाया जाना सुनिश्चित होना चाहिए। हमेशा से माना जाता रहा है कि न्याय तेज, प्रभावी और कम खर्चीला होना चाहिए। इसके लिए ग्राम न्यायालय कानून मील का पत्थर है। इस कानून के तहत 5,००० से अधिक ग्राम न्यायालय बनाए जाएंगे, जिसके लिए केंद्र सरकार 1,4०० करोड़ रुपये देगी। ये ग्रामीण न्यायालय देश की न्याय व्यवस्था में क्रांति लाएंगे और लंबित मामलों को निपटाने में मदद करेंगे। केंद्रीय कानून मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
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