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(sansadji.com)
बिहार में इन दिनों राजद सुप्रीमो एवं सारन (बिहार) के पार्टी सांसद लालू प्रसाद और लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान कुछ इस कदर व्यस्त हो चले हैं, दिल्ली उनके एजेंडे से कहीं भटक-सी गई है। निगाहें आगामी विधानसभा चुनावों पर हैं और प्रदेश के मुसलिम-पिछड़े वोट बैंक पर। पटना के गांधी मैदान में जमीयत उलेमा के सम्मेलन में दोनों नेताओं ने मुस्लिम समुदाय की गुहार लगाई।
लालू ने कहा कि एक कतरा खून रहने तक मुसलमानों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। जब तक पिछड़े मुसलमानों और दलितों को महिला आरक्षण बिल में स्थान नहीं मिलेगा, तब तक इस बिल को लोकसभा से पारित नहीं होने दिया जायेगा। महिला आरक्षण की जरुरत इस देश को नहीं है। साजिश के तहत इस बिल को लाया गया है। अभी थोड़ा बहुत विरोध हो रहा है। लोकसभा में बिल पेश किया गया तो लोकसभा से लेकर सड़क तक आंदोलन छेड़ दिया जायेगा। केन्द्र सरकार को महंगाई की चिंता नही है और महिला आरक्षण बिल ले आयी। मुसलमान महिला आरक्षण बिल का विरोध करें। रामविलास ने कहा कि हिन्दू दलितों की तरह पिछड़े मुसलमानों को भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। सच्चर कमेटी ने भी दस प्रतिशत अलग से पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने की सिफारिश की है। महिला आरक्षण बिल में दलितों के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए। बंलादेशी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विरोध पर राजनीति बंद होनी चाहिए। जमीयत ए हिन्द के नेता व राज्यसभा सदस्य सैयद महमूद असद मदनी ने कहा कि इस्लाम धर्म में जातिवाद नही है, लेकिन मुसलमान भी जातिवाद कर रहे हैं। ऐसी प्रवृति पर रोक लगनी चाहिए।
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