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(sansadji.com)
आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सांसद एवं सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने मीडिया को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यातना रोकने के लिए एक कानून लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। क्रूरता और मानव जीवन की गरिमा को गिराने से रोकने के लिए यह एक सकारात्मक कार्य है। इस मामले के समवर्ती सूची का होने के कारण राज्य सरकारों के रुख की जानकारी मांगी गई है। 'यातना निवारक विधेयक, 2०1०' यातना के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की वर्ष 1975 की संधि को मंजूरी की दिशा में उठाया गया एक कदम होगा। यातना, अन्य क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार या दंड के खिलाफ इस संधि पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं। संधि को स्वीकार करने के लिए भारत को संधि के प्रावधानों के अनुरूप एक घरेलू कानून लागू करने की आवश्यकता है। संधि के अनुच्छेद चार के तहत अब तक भारतीय दंड संहिता में यातना को न तो परिभाषित किया गया है और न ही इसे एक आपराधिक कृत्य बनाया गया है।
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