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(sansadji.com)
कांग्रेस पार्टी की 125 वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस सांसद एवं पार्टी महासचिव राहुल गांधी तथा बसपा की 14 अप्रैल को होने वाली आमने-सामने की रैलियों को लेकर यूपी के जिला अंबेडकर नगर का ही नहीं, पूरे प्रदेश का सियासी तापमान खौलने लगा है। दोनों तरफ से माहौल कुछ इस तरह तप्त हो रहा है कि रैली के दिन पूरे मीडिया की निगाहें इसी जिले पर होंगी।
अंबेडकरनगर में पिछले दिनों राहुल की रैली के शहर में चस्पा पोस्टरों में डा.भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर न होने को लेकर बसपा ने तीखे प्रहार किए तो गांधी, नेहरू, पटेल, शास्त्री, कलाम के साथ डा. अम्बेडकर व जगजीवनराम के चित्रों वाले नए पोस्टर लगा दिए गए। नए पोस्टर में सबसे ऊपर महात्मा गांधी, फिर डा. भीमराव अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, सुभाषचन्द्र बोस, लालबहादुर शास्त्री, इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, सरोजनी नायडू व पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवनराम के चित्र हैं। इसमें सबसे बड़ा चित्र राहुल गांधी का है। पोस्टर के मध्य में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दिख रहे है, साथ में दिग्विजय सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, परवेज हाशिमी व प्रमोद तिवारी के चेहरे भी हैं। रैली के संयोजक हैं फैजाबाद के सांसद निर्मल खत्री। रैली का जोरदार प्रचार जारी है। कांग्रेस नेता प्रो. नन्दलाल चौधरी ने पोस्टर पर उठे बवंडर को बचकानी सियासत करार दिया है। सांसद खत्री कहते हैं कि रैली को लेकर हर वर्ग में उत्साह है। खत्री ने अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र की तैयारी बैठक में अपनी पार्टी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने प्रमुख पदाधिकारियों को रैली व रथयात्रा की जिम्मेदारियां सौंपीं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामकुमार पाल कहते हैं कि पोस्टर बैनर की राजनीति खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे जैसी है।
उधर, सूबे में सत्तासीन बसपा रैली को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुकी है। पोस्टर मुद्दा उसकी रणनीति का पहला तीर रहा। अब आगे की तैयारियां जोरदारी से चल रही हैं। रैली की दोतरफा तैयारियों से यहां दलित प्रेम खूब उफान मार रहा है। बसपा गांव-गांव भ्रमण कर भारी भीड़ जुटाने में व्यस्त है।बसपाई अपने को इक्कीस साबित करने का लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं। बसपा के लोकसभा अध्यक्ष जगदीश राजभर के नेतृत्व में कार्यकर्ता गांव-गांव दौरा कर रहे हैं। गांव कटुई की सभा में प्रदेश के परिवहन मंत्री राजअचल राजभर कहते हैं कि कांग्रेस सिर्फ दलित शोषित एवं मजलूमों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। डा. अम्बेडकर के मिशन को बसपा पूरा कर रही है। पार्टी के जोनल कोआर्डिनेटर व विधान परिषद सदस्य जुगुल किशोर कहते हैं कि डा. अम्बेडकर की जयंती 14 अप्रैल को बसपा का जन्म हुआ था, तब से बहुजन समाज पार्टी बाबा साहब की जयंती मनाती आयी है। बसपा ने दलितों, पिछड़ों व गरीबों को जागरूक किया और लोकतंत्र में बड़ी ताकत बनकर उभरा है। कांग्रेस के अम्बेडकर प्रेम के पीछे सिर्फ संगठित दलित वोट है। संसद में डा. भीमराव अम्बेडकर महिला आरक्षण को हिन्दू कोड बिल के माध्यम से लाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस पर बहस ही नहीं होने दिया। यहां तक कि उनकी जयंती पर छुट्टी तक घोषित नहीं किया।
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