
(sansadji.com)
उत्तर प्रदेश के आला पुलिस अफसर सपा के पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रशीद मसूद की गिरफ्तारी के लिए छापे मारने का चाहे जितना ढोंग बयान करें, पूर्व सांसद का माया सरकार विरोधी अभियान थमा नहीं है। एक ओर पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए छापे की बात करती है, दूसरी तरफ पूर्व सांसद का सरेआम सभाओं में माया सरकार पर प्रहार जारी है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सहारनपुर में सैनी समाज की रैली में मुलायम सिंह के मंच से रशीद मसूद ने जो माया सरकार पर प्रहार किए थे, उसकी सीडी देखने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए दबिश डालने की बात कही थी।
कल भी मुरादाबाद में कोठी नंबर चार स्थित सपा कार्यालय पर रशीद मसूद ने बसपा सरकार पर जमकर प्रहार किए। सहारनपुर में अपने और बेटे के खिलाफ मुकदमे से बेफिक्र पूर्व सांसद ने कहा कि सरकारी जुल्म को उजागर करने वालों पर सरकारी लाठियां बरसती हैं। झूठे मुकदमों में जेल भेजा जाता है। आजकल सूबे के हालात बिल्कुल आपातकाल जैसे हैं। विकास के नाम पर सिर्फ मूर्तियों का कारोबार चल रहा है और डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को भी जमीन कब्जाने का जरिया बना लिया गया है। उनके परिवार के खिलाफ 37 मुकदमे लिखे जा चुके हैं। अभी तक वह खुद ही बचे थे तो उनके खिलाफ हाल ही में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इस सरकार में शिक्षक, सरकारी कर्मचारी, वकील, सभी राजनैतिक और सामाजिक संगठनों को लोकतांत्रिक आवाज उठाने की कीमत पुलिस की लाठी खाकर चुकानी पड़ रही है। प्रदेश में आपातकाल जैसे हालात हैं। सपा सरकारी लाठियों से डरने वाली नहीं। न्यायपालिका पर सपा को पूरा भरोसा है। उन्होंने विकास के नाम पर प्रदेश में मूर्तियां लगाए जाने को जमीनों पर कब्जे की साजिश बताते हुए कहा कि डा.भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं का इस्तेमाल आजकल इसी काम के लिए किया जा रहा है। मुसलमानों के ठेकेदार बनने वाले नेता कल्याण के साथ सरकार में शामिल रहे, लेकिन अब मुखालफत करने लगे। बेईमानी मुसलमानों के अलम्बरदार बनने वालों ने की और आरोप मुलायम पर मढ़ते रहे।
No comments:
Post a Comment