
बुधवार की सुबह मायावती के गले में 18 लाख की माला
(sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम)
महारैली माला प्रकरण पर लखनऊ में आज सुबह बुलाई गई बसपा सांसदों-मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री की मीटिंग में ऐलान किया गया कि बहनजी अब सिर्फ नोटो की ही माला पहनेंगी। यह घटनाक्रम आज अप्रत्याशित रूप से हुआ। आज सुबह पार्टी के सांसदों व विधायकों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मायावती को फिर नोटो माला पहनाई गई, जो 18 लाख रुपये की बताई जाती है। भाजपा का पूछना है कि कांग्रेस मायावती के खिलाफ कार्रवाई से क्यों बच निकलना चाहती है। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव का कहना है कि मायावती को कांग्रेस का समर्थन है। बैठक के बाद अचानक बहनजी को फिर नोटों की माला पहनाने का ऎलान कर दिया गया। इससे लगता है कि मीडिया के कान खड़े करने के लिए ही पार्टी ने गोपनीय मीटिंग में ये रणनीति अख्तियार करने का निर्णय लिया। यह एक तरह से बैठक के निष्कर्षों का खुलासा भी रहा कि विपक्ष चीखे या संसद, ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाता रहेगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी ये मानकर चल रही है कि मीडिया और समूचे विपक्ष के चिल्लाने का बसपा के मतदाताओं पर ठीक उल्टी प्रतिक्रिया हो रही है। मुख्यमंत्री को जितना कुछ कहा जाएगा, उससे दलित मतदाता और पार्टी के पक्ष में और मजबूती से लामबंद होंगे। बसपा सांसदों-मंत्रियों की सुबह की मीटिंग माला प्रकरण पर ही बुलाई गई थी। बैठक के दौरान सार्वजनिक निर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दकी ने कहा कि यह 18 लाख रूपए की राशि प्रदेश में पार्टी के 18 मंडलों ने चंदा कर एकत्रित की है। इतना ही नहीं पार्टी की ओर से ऎलान किया गया कि भविष्य में भी पार्टी सुप्रीमो मायावती को फूलों की माला की जगह पर नोटों की माला ही पहनाई जाएगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहती हैं कि मायावती के नोटों की माला पहनने के मामले में पीआईएल दायर की जा सकती है।
1 comment:
क्या अब इस राज के पराभव का शकुन हो गया ?
Post a Comment