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भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी फूट-फूटकर देर तक रोते रहे। इस दौरान उन्होंने रुमाल से अपना चेहरा ढंक लिया। यह दृश्य देख उनके आसपास खड़े नेताओं और अन्य़ लोगों की भी आंखें भर आईं। इससे कुछ देर के लिए वहां का माहौल बेहद गमगीन सा हो चला। जब आडवाणी फफक-फफक कर रो रहे थे, उनके आसपास भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गाजियाबाद से सांसद राजनाथ सिंह, संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख मदनदास देवी, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी, सुरेश सोनी, मध्य प्रदेश सरकार के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्त, संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम, सांसद राकेश सिंह (जबलपुर), गणेश सिंह (सतना), राज्यसभा सदस्य प्रभात झा, उप्र सरकार के पूर्व मंत्री हरीकिशन श्रीवास्तव आदि भी खड़े थे।
(सविस्तार खबर sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम पर)
1 comment:
क्यों न रोयें फूट-फूट कर!?
इसीलिए ताउम्र राजनीति की कि पी एम् इन वेटिंग ही बने रह जाएँ!?
बेचारा बुढऊ. अब रोने के सिवा कर ही क्या सकता है.
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